व्यापार

आयकर विभाग का बड़ा एक्शन : बैंक ऑफ इंडिया पर लगाया 564 करोड़ का जुर्माना, जानें क्या है मामला
Posted Date : 30-Mar-2024 3:16:02 am

आयकर विभाग का बड़ा एक्शन : बैंक ऑफ इंडिया पर लगाया 564 करोड़ का जुर्माना, जानें क्या है मामला

नई दिल्ली  । टैक्स की चोरी करने पर आयकर विभाग किसी को नहीं बख्शता है, चाहे आम करदाता हो या व्यापारी। हालांकि, इससे जुड़ी ज्यादातर कार्रवाई व्यापारी, कंपनी और आम टैक्सपेयर्स के खिलाफ सुनने को मिलती है। लेकिन अब सरकारी संस्थाओं के खिलाफ भी आईटी डिपार्टमेंट एक्शन लेने से नहीं चूकता है। आयकर विभाग ने एक सरकारी बैंक के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बैंक ऑफ इंडिया पर 564.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। पब्लिक सेक्टर बैंक ने गुरुवार को कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ आयकर आयुक्त, राष्ट्रीय फेसलेस अपील केंद्र  के समक्ष अपील दायर करने की प्रक्रिया में है। इसमें कहा गया कि बैंक का मानना है कि उसके पास इस
मामले में अपनी स्थिति को उचित रूप से साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्यात्मक और कानूनी आधार हैं। बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, उसे आयकर विभाग, आकलन इकाई से एसेसमेंट ईयर 2018-19 से संबंधित आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 270्र के तहत आदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें विभिन्न नियमों के उल्लंघनों पर 564.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने कहा, इसलिए उम्मीद है कि पूरी जुर्माना मांग कम हो जाएगी। ऐसे में बैंक की वित्तीय, संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

 

वित्त वर्ष के आखिरी दिन शेयर बाजार ने लगाई बड़ी छलांग, निवेशकों ने कमाए 4.78 लाख करोड़ रुपए
Posted Date : 30-Mar-2024 3:15:45 am

वित्त वर्ष के आखिरी दिन शेयर बाजार ने लगाई बड़ी छलांग, निवेशकों ने कमाए 4.78 लाख करोड़ रुपए

मुंबई  । दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में कटौती करने की उम्मीद में विश्व बाजार के सकारात्मक रुझान के बीच स्थानीय स्तर पर देश का आर्थिक विकास अनुमान बढऩे और आरबीआई के वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) में ऋणदाताओं के निवेश नियमों में ढील दिए जाने के बाद वित्तीय स्थिति में तेजी आने की बदौलत हुई चौतरफा लिवाली से आज चालू वित्त वर्ष के अंतिम कारोबारी दिवस को शेयर बाजार गुलजार हो गया। इस तेजी के बीच बीएसई पर सभी सूचीबद्ध शेयरों का बाजार पूंजीकरण यानी मार्केट कैप 4.78 लाख करोड़ रुपये बढक़र 388.4 लाख करोड़ रुपये हो गया। बता दें कि अब शेयर बाजार में नए फाइनेंशियल ईयर के पहले दिन यानी एक अप्रैल को ट्रेडिंग होगी। 29 मार्च को गुड फ्राइडे, 30 और 31 मार्च को साप्ताहिक अवकाश की वजह से बाजार बंद रहेंगे।
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 655.04 अंक की छलांग लगाकर दो सप्ताह के उच्चतम स्तर 73,651.35 अंक पर बंद हुआ। इससे पूर्व यह 12 मार्च को 73667.96 अंक पर रहा था। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 203.25 अंक उछलकर 22,326.90 अंक हो गया। इसी तरह बीएसई का मिडकैप 0.62 प्रतिशत चढक़र 39,322.12 अंक और स्मॉलकैप 0.33 प्रतिशत मजबूत होकर 43,166.34 अंक पर रहा।
इस दौरान बीएसई में कुल 3938 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 1802 में लिवाली जबकि 2024 में बिकवाली हुई वहीं 112 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह निफ्टी की 45 कंपनियां हरे जबकि शेष पांच लाल निशान पर बंद हुई।
विश्लेषकों के अनुसार, रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दिसंबर में लाए गए मानदंडों में ढील दी, जिसके तहत अनिवार्य ऋणदाता यदि वैकल्पिक निवेश फंडों में खरीददारी करते हैं तो उन्हें उच्च प्रावधानों को अलग रखना होगा। नियमों में ढील दिये जाने से वित्तीय स्थिति में तेजी आई और बाजार ने ऊंची छलांग लगाई। साथ ही वित्तीय सलाह देने वाली एसएंडपी ग्लोबल के बाद अब मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया, जिससे बाजार में निवेशकों का निवेश प्रवाह बढ़ा।
इससे बीएसई के सभी 20 समूहों में जमकर लिवाली हुई। इस दौरान कमोडिटीज 0.95, सीडी 0.94, ऊर्जा 0.57, एफएमसीजी 0.64, वित्तीय सेवाएं 0.95, हेल्थकेयर 1.18, इंडस्ट्रियल्स 1.12, आईटी 0.55, दूरसंचार 0.64, यूटिलिटीज 1.29, ऑटो 1.19, बैंकिंग 0.82, कैपिटल गुड्स 1.54, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 1.00, धातु 1.11, तेल एवं गैस 0.85, पावर 1.69, रियल्टी 0.52, टेक 0.63 और सर्विसेज समूह के शेयर 0.53 प्रतिशत मजबूत रहे।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेजी का रुख रहा। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 0.34, जर्मनी का डैक्स 0.13, हांगकांग का हैंगसेंग 0.91 और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.59 प्रतिशत उछल गया। हालांकि जापान के निक्केई में 1.46 प्रतिशत की गिरावट रही। शुरूआती कारोबार में सेंसेक्स 153 अंक की तेजी के साथ 73,149.34 अंक पर खुला लेकिन बिकवाली होने से थोड़ी देर बाद 73,120.33 अंक के निचले स्तर पर आ गया। वहीं, लिवाली के बल पर दोपहर बाद यह 74,190.31 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा। अंत में पिछले दिवस के 72,996.31 अंक के मुकाबले 0.90 प्रतिशत की छलांग लगाकर 73,651.35 अंक हो गया।
इसी तरह निफ्टी 40 अंक बढक़र 22,163.60 अंक पर खुला और सत्र के दौरान यहीं इसका निचला स्तर भी रहा। वहीं लिवाली होने से यह 22,516.00 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अंत में पिछले सत्र के 22,123.65 अंक की तुलना में 0.92 प्रतिशत उछलकर 22,326.90 अंक पर बंद हुआ।
इस दौरान बीएसई की जिन कंपनियों के शेयर लाभ में रहे उनमें बजाज फिनसर्व 3.91, बजाज फाइनेंस 3.09, एसबीआई 2.53, महिंद्रा एंड महिंद्रा 2.26, पावरग्रिड 2.21, नेस्ले इंडिया 2.18, टाटा स्टील 2.00, एलटी 1.83, जेएसडब्ल्यू स्टील 1.79, विप्रो 1.66, एनटीपीसी 1.60, टाटा मोटर्स 1.45, हिंदुस्तान यूनिलीवर 1.26, टीसीएस 1.20, अल्ट्रासिमको 1.19, आईसीआईसीआई बैंक 1.08, इंडसइंड बैंक 1.04, इंफोसिस 0.99, भारती एयरटेल 0.94, टाइटन 0.88, सन फार्मा 0.77, मारुति 0.74, कोटक बैंक 0.57, एशियन पेंट 0.56, एचडीएफसी बैंक 0.52 और आईटीसी 0.13 प्रतिशत शामिल रहे। वहीं, एक्सिस बैंक 0.50, रिलायंस 0.37, एचसीएल टेक 0.26 और टेक महिंद्रा के शेयरों ने 0.26 प्रतिशत का नुकसान उठाया।

 

सरकार 2024-25 की पहली छमाही में बाजार से उधार लेगी 7.5 लाख करोड़ रुपए
Posted Date : 29-Mar-2024 4:50:46 am

सरकार 2024-25 की पहली छमाही में बाजार से उधार लेगी 7.5 लाख करोड़ रुपए

नई दिल्ली  ।  वित्तवर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट में अनुमानित 14.13 लाख करोड़ रुपये के सकल बाजार उधार में से सरकार ने दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिए पहली छमाही (एच1) अप्रैल-सितंबर में 7.50 लाख करोड़ रुपये (53.08 प्रतिशत) उधार लेने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी बुधवार दी।
इस राशि में से 12,000 करोड़ रुपये सॉवरेन ग्रीन बांड (एसजीआरबी) जारी करके जुटाए जाने का प्रस्ताव है। बाजार की प्रतिक्रिया के आधार पर और वैश्विक बाजार प्रथाओं के अनुरूप 15-वर्षीय अवधि की एक नई दिनांकित सुरक्षा शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से उधार कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है।
7.50 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी 26 साप्ताहिक नीलामियों के जरिए पूरी की जाएगी। बाजार उधार 3, 5, 7, 10, 15, 30, 40 और 50 साल की प्रतिभूतियों के रूप में होगा। विभिन्न परिपक्वताओं के तहत उधार का हिस्सा (एसजीआरबी सहित) होगा : 3-वर्ष (4.80 प्रतिशत), 5 वर्ष (9.60 प्रतिशत), 7 वर्ष (8.80 प्रतिशत), 10 वर्ष (25.60 प्रतिशत), 15 वर्ष (13.87 प्रतिशत), 30 वर्ष (8.93 प्रतिशत), 40 वर्ष (19.47 प्रतिशत) और 50 वर्ष (8.93 प्रतिशत)। सरकार रेडेम्प्शन प्रोफाइल को सुचारु बनाने के लिए प्रतिभूतियों में बदलाव करना जारी रखेगी।
सरकार नीलामी अधिसूचनाओं में दर्शाई गई प्रत्येक प्रतिभूतियों के विरुद्ध 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का उपयोग करने का अधिकार सुरक्षित रखेगी। वित्तवर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में ट्रेजरी बिल जारी करने के जरिए से साप्ताहिक उधारी पहली सात नीलामियों के लिए 27,000 करोड़ रुपये और बाद की छह नीलामियों के लिए 22,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसमें शुद्ध उधारी (-) 3,000 करोड़ रुपये है।
पहले सात नीलामियों में 91 डीटीबी के तहत 12,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत 7,000 करोड़ रुपये और 364 डीटीबी के तहत 8,000 करोड़ रुपये का साप्ताहिक निर्गम होगा और 91 डीटीबी के तहत 10,000 करोड़ रुपये का साप्ताहिक निर्गम, 182 डीटीबी के तहत 5,000 करोड़ रुपये और तिमाही के दौरान आयोजित होने वाली छह नीलामियों में 364 डीटीबी के तहत 7,000 करोड़ रुपये होंगे।
सरकारी खातों में अस्थायी विसंगतियों का ध्यान रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तवर्ष 2024-25 की पहली छमाही के लिए वेज एंड मीन एडवांस (डब्ल्यूएमए) की सीमा 1.50 लाख करोड़ रुपये तय की है।

 

मुंद्रा में अदाणी समूह की तांबा इकाई शुरू, सात हजार लोगों को मिलेगा रोजागार
Posted Date : 29-Mar-2024 4:50:25 am

मुंद्रा में अदाणी समूह की तांबा इकाई शुरू, सात हजार लोगों को मिलेगा रोजागार

अहमदाबाद  । धातु उद्योग में अदाणी पोर्टफोलियो की शुरुआत करते हुए, अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की सहायक कंपनी कच्छ कॉपर ने गुरुवार को गुजरात के मुंद्रा में ग्राहकों को कैथोड का पहला बैच भेजनेे के सााथ ही अपनी ग्रीनफील्ड कॉपर रिफाइनरी परियोजना की पहली इकाई शुरू की। इसके शुरू होने से दो हजार प्रत्यक्ष और पांच हजार अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
अदाणी एंटरप्राइजेज परियोजना के पहले चरण में 0.5 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) क्षमता वाला तांबा स्मेल्टर स्थापित करने के लिए लगभग 1.2 बिलियन डॉलर का निवेश कर रही है। अदाणी समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, इस परियोजना के शुरू होने के साथ, अदाणी समूह न केवल धातु क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है, बल्कि भारत भी एक स्थायी और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर छलांग लगा रहा है।
गौतम अदाणी ने कहा, यह परियोजना भारत को वैश्विक तांबा क्षेत्र में सबसे आगे ले जाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कंपनी ने एक बयान में कहा, परियोजना के दूसरे चरण के पूरा होने पर कच्छ कॉपर – 1 एमटीपीए के साथ दुनिया का सबसे बड़ा एकल-स्थान कस्टम स्मेल्टर होगा।
गौतम अदाणी ने कहा, हमारा मानना है कि घरेलू तांबा उद्योग पर्यावरण संरक्षण के साथ 2070 तक देश के कार्बन मुक्त होने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, हमारा आधुनिक स्मेल्टर नवोन्वेषी हरित प्रौद्योगिकी पर अधिक जोर के साथ तांबे के उत्पादन में नए मानक स्थापित करेगा।
नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों, चार्जिंग बुनियादी ढांचे और बिजली पारेषण और वितरण नेटवर्क के विकास के साथ तांबे की मांग बढ़ेगी। कच्छ कॉपर द्वारा इस्तेमाल की जाने रही तकनीक को न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
संयंत्र के एक-तिहाई हिस्सेे में ग्रीन बेल्ट होगा। यहां पेड़-पौधे रोपे जाएंगे। संयंत्र में सादे पानी का उपयोग किया जा रहा है। कंपनी की ओर से कहा गया कि वह उपचारित अपशिष्ट जल को फिर से साफ कर उसका इस्तेमाल करती है।
 

मुंबई एशिया की नई अरबपति राजधानी बनने के मामले में बीजिंग से आगे
Posted Date : 28-Mar-2024 4:16:55 am

मुंबई एशिया की नई अरबपति राजधानी बनने के मामले में बीजिंग से आगे

नई दिल्ली  । मुंबई एशिया की नई अरबपतियों की राजधानी के रूप में उभरा है और इस मामले में यह बीजिंग को पीछे छोड़ चुका है, जबकि भारत 271 अरबपतियों के साथ वैश्विक स्तर पर जर्मनी को पीछे छोडक़र तीसरे स्थान पर है। यह बात हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट की ताजा रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है, मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई। भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोडक़र किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्वास का प्रमाण है।
2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि युवा, तकनीक-प्रेमी आबादी और नवाचार पर बढ़ते फोकस के साथ भारत इस एआई क्रांति को भुनाने के लिए अच्छी स्थिति में है, जिससे आने वाले वर्षों में और भी अधिक अरबपतियों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय अरबपतियों की सूची में सबसे आगे रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी हैं, जिनकी कुल संपत्ति 115 अरब डॉलर है। अदाणी ऊर्जा समूह के संस्थापक गौतम अदाणी उनके सबसे करीब हैं। उनकी संपत्ति का मूल्य 86 अरब डॉलर है, उनकी कंपनियों के शेयरों में तेजी के कारण संपत्ति में 33 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।
एक तरफ भारत में अरबपतियों की संख्या बढ़ गई, तो दूसरी ओर इस मामले में चीन में गिरावट देखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है, चीन के लिए यह साल खराब रहा। हांगकांग 20 फीसदी नीचे, शेनझेन 19 फीसदी नीचे और शंघाई 7 फीसदी नीचे रहा। इस मंदी को देश के रियल एस्टेट संकट और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में अस्थिर शेयर बाजार की समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

 

गौतम अडानी ने की एक और बिग डील : 3,080 करोड़ रुपए में गोपालपुर पोर्ट का किया अधिग्रहण
Posted Date : 28-Mar-2024 4:16:39 am

गौतम अडानी ने की एक और बिग डील : 3,080 करोड़ रुपए में गोपालपुर पोर्ट का किया अधिग्रहण

अहमदाबाद  । अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एजीएसईजेड) ने  कहा कि उसने ओडिशा स्थित गोपालपुर पोर्ट का 3,080 करोड़ रुपये में अधिग्रहण कर लिया है। कंपनी के इस समझौते में गोपालपुर पोर्ट लिमिटेड (जीपीएल) में एसपी ग्रुप की 56 प्रतिशत और उड़ीसा स्टीवडोर्स लिमिटेड (ओएसएल) की 39 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर करार हुआ है।
गोपालपुर पोर्ट देश के पूर्वी तट पर स्थित है और इसकी क्षमता 20 एमएमटीपीए (प्रति वर्ष मिलियन मीट्रिक टन) संभालने की है। ओडिशा सरकार ने साल 2006 में गोपालपुर पोर्ट लिमिटेड को 30 साल के लिए छूट दी थी, समझौते के मुताबिक इस छूट को 10-10 साल के लिए दो बार बढ़ाया जा सकता है।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अदाणी ने कहा, गोपालपुर पोर्ट के अधिग्रहण से हम अपने ग्राहकों को ज्यादा इंटीग्रेटेड और बेहतर सुविधाएं दे पाएंगे। इससे हमें ओडिशा और पड़ोसी राज्यों के खनन क्षेत्रों तक अभूतपूर्व पहुंच मिल पाएगी। साथ ही हमें दूरदराज के हिस्सों में लॉजिस्टिक्स फुटप्रिंट बढ़ाने में मदद मिलेगी।
करण अदाणी ने कहा, जीपीएल अदानी समूह के पैन इंडिया पोर्ट नेटवर्क को जोड़ेगा, जिससे समग्र कार्गो वॉल्यूम में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और एपीएसईज़ेड के एकीकृत लॉजिस्टिक्स दृष्टिकोण को मजबूत करेगा। कंपनी के अनुसार, जीपीएल को विकास के लिए पट्टे पर 500 एकड़ से अधिक भूमि प्राप्त हुई है, जिसमें भविष्य की क्षमता विस्तार को पूरा करने के लिए पट्टे पर अतिरिक्त भूमि प्राप्त करने का विकल्प भी शामिल है।
पोर्ट राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच16 के माध्यम से अपने भीतरी इलाकों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और रेलवे लाइन बंदरगाह को चेन्नई-हावड़ा मुख्य लाइन से जोड़ती है। अदाणी पोर्ट्स ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 11.3 एमएमटी कार्गो संभालने का अनुमान है और इससे 520 करोड़ की आमदनी होने की उम्मीद है।