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विस्तारा की 100 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल, केंद्र सरकार ने मांगा जवाब
Posted Date : 03-Apr-2024 4:25:57 am

विस्तारा की 100 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल, केंद्र सरकार ने मांगा जवाब

नई दिल्ली । टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस की एयरलाइन कंपनी विस्तारा की बीते कुछ दिनों में फ्लाइट्स कैंसिल होने के मामले सामने आ रहे हैं। बीते कुछ दिनों में विस्तारा की 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं। वहीं, आज भी इस एयरलाइन कंपनी की लगभग 60 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। इससे पहले सोमवार को एयरलाइंस ने लगभग 50 उड़ानें रद्द की थी। अब इस मामले में रूशष्ट्र ने एयरलाइन कंपनी से रिपोर्ट मांगी है।
विस्तारा एयरलाइंस पायलट्स की कमी और संचालन संबंधी परेशानी से जूझ रही है, एयरलाइन कंपनी के कारण पैसेंजर्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को और उड़ानें रद्द होने की आशंका है और यह संख्या 70 तक जा सकती है। कंपनी ने भी इसे स्वीकार किया है। सोमवार को विस्तारा ने इसकी जानकारी दी और बताया कि वो इसे सुधारने की कोशिश कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरलाइंस के प्रवक्ता का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में अलग अलग ऑपरेशनल कारणों के चलते विस्तारा एयरलाइंस को फ्लाइट्स के रद्द होने से लेकर उड़ानों में देरी देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि एयरलाइंस हालात को सामान्य करने की लगातार कोशिशों में जुटी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विस्तारा ने उड़ानों में लगातार देरी और रद्द होने के लिए ‘क्रू की कमी’ का हवाला दिया। विस्तारा के प्रवक्ता ने जारी बयान में कहा, पिछले कुछ दिनों में क्रू के ना होने के चलते बड़ी संख्या में फ्लाइट के रद्द होने और देरी का सामना करना पड़ा है। हम इसे स्वीकार करते हैं और कस्टमर्स की हुई इस असुविधा के लिए हमें खेद है। कंपनी ने कहा कि वे पर्याप्त कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी रूप से उड़ानों की संख्या सीमित करने जा रहे हैं। मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन ने 2 अप्रैल को विस्तारा से उड़ान रद्द होने और बड़ी देरी के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एयरलाइन ने पिछले सप्ताह में 100 से अधिक उड़ानें रद्द या देरी की एमओसीए अधिकारी ने मीडिया को बताया है।

 

वित्त वर्ष 24 में स्मॉल कैप शेयरों में 63 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी
Posted Date : 02-Apr-2024 3:20:05 am

वित्त वर्ष 24 में स्मॉल कैप शेयरों में 63 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2024 भारतीय शेयर बाजार के लिए फायदेमंद साबित हुआ। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि लार्ज कैप ने 33 प्रतिशत का रिटर्न दिया, मिडकैप में 56 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और स्मॉल कैप ने प्रभावशाली 63 प्रतिशत के साथ शानदार प्रदर्शन किया।
वित्त वर्ष 2024 में अर्थव्यवस्था में विकास से बाजार को बल मिला। वर्ष के दौरान तिमाही दर तिमाही आधार पर जीडीपी का पूर्वानुमान 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया गया। उन्होंने कहा कि निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए सालाना 23-24 फीसदी ईपीएस पूर्वानुमान के साथ कॉर्पोरेट आय वृद्धि में तेजी आई।
प्रत्यक्ष निवेश के साथ-साथ म्यूच्यूअल फंड के माध्यम से निवेश द्वारा समर्थित खुदरा प्रवाह मजबूत बना रहा। घरेलू निवेशकों के ट्रेडिंग खातों की संख्या 16.7 करोड़ तक पहुंच गई, जो बाजार में बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करती है। उन्होंने कहा कि इसके आलावा, मंदी का सामना कर रहे अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत के बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित एफआईआई ने शुद्ध खरीदारी गतिविधि में सुधार दिखाया।
हालांकि, 20 मार्च तक भारी बिकवाली दबाव के साथ, साल का अंत मंदी से हुआ। फिर भी, हाल के कारोबारी सत्रों में बाजार में कुछ राहत मिली है। लीवरेज्ड बिकवाली का दबाव कम हो गया है और खरीद गतिविधि में सुधार हुआ है, भले ही कम मात्रा में हो।
उन्होंने कहा, अप्रैल के आने वाले पहले सप्ताह में, अमेरिका और भारत में पीएमआई, फैक्ट्री ऑर्डर और अमेरिका में बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण डेटा जारी होने की उम्मीद है। इसके आलावा, नीतिगत दरों में विशेष रूप से आरबीआई से संकेतों पर निवेशकों की नजऱ रहेगी।
उन्होंने कहा, हम एक नए वित्तीय वर्ष में जा रहे हैं, हमें फार्मा, कैपिटल गुड्स और इंफ्रा जैसे सेक्टर से काफी उम्मीदें हैं।
उन्होंने कहा, हालांकि वर्तमान में एफएमसीजी और आईटी जैसे कुछ सेक्टर को कम मांग के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, हम सामान्य मानसून और फेड की दर में कटौती के बाद अमेरिकी मांग में वृद्धि के कारण बदलाव की उम्मीद करते हैं। हालांकि, फोकस लार्ज कैप पर है, मिड-कैप के प्रीमियम वैल्यूएशन में छोटी से मध्यम अवधि में दिक्कत आ सकती है।

 

देश में महंगी होंगी 800 से ज्यादा दवाएं, बुखार जैसी समस्याओं में इस्तेमाल होने वाली दवा भी है शामिल
Posted Date : 02-Apr-2024 3:19:47 am

देश में महंगी होंगी 800 से ज्यादा दवाएं, बुखार जैसी समस्याओं में इस्तेमाल होने वाली दवा भी है शामिल

नई दिल्ली । 1 अप्रैल से भारत में 800 से ज्यादा दवाएं महंगी होने जा रही हैं। दरअसल, सरकार ने होलसेल प्राइस इंडेक्स में कई बदलाव किए हैं जिसके तहत कई दवाओं की कीमतें अब बढ़ जाएंगी। इन दवाओं की कीमतों में करीब 12प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके तहक राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची में 0.0055 प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है।
जानकारी के मुताबिक पेरासिटामोल की कीमतों 130प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। दरअसल, ये एक ऐसी दवा है जो कि बुखार समेत कई बीमारियों में होने वाले इस लक्षण को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल होती है। इसकी कीमतों में बढ़ोतरी आम आदमी के लिए थोड़ी ज्यादा हो सकती है। पेनकिलर, एंटीबायोटिक और एंटी-इंफेक्शन की दवाएं भी महंगी हो गई हैं। पेनिसिलिन जी 175त्न महंगा हो गया है तो, एजि़थ्रोमाइसिन और कुछ अन्य दवाएं भी महंगी हो गई हैं। इसके अलावा भी इस लिस्ट में कई स्टेरॉयड भी शामिल हैं।
इन दवाओं के अलावा एक्सीसिएंट्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। ये 18-262त्न बढ़ी है और इनमें शामिल है ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल, सिरप, सहित सॉल्वैंट्स। ये 263प्रतिशत से 83प्रतिशत महंगे हुए हैं। इसके अलावा कुछ इंटरमीडिएट्स दवाओं की कीमतें भी 11प्रतिशत से 175प्रतिशत के बीच बढ़ी हैं।

 

24 प्रतिशत वृद्धि के साथ अदाणी पोर्ट्स ने रिकॉर्ड 420 एमएमटी माल का किया प्रबंधन
Posted Date : 02-Apr-2024 3:19:26 am

24 प्रतिशत वृद्धि के साथ अदाणी पोर्ट्स ने रिकॉर्ड 420 एमएमटी माल का किया प्रबंधन

अहमदाबाद । अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने 24 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्तीय वर्ष 2024 में (अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों सहित) रिकॉर्ड 420 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) माल का प्रबंधन किया। कंपनी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी ने मार्च में एक माह में अब तक का सबसे अधिक 38 एमएमटी से अधिक माल हैंडल किया।
एपीएसईज़ेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने कहा, कंपनी को पहले 100 एमएमटी वार्षिक कार्गो थ्रूपुट हासिल करने में 14 साल लग गए, जबकि दूसरे और तीसरे 100 एमएमटी थ्रूपुट को क्रमश: पांच और तीन साल में हासिल किया गया। वित्त वर्ष 2024 के दौरान, भारत के एक-चौथाई से अधिक कार्गो वॉल्यूम को एपीएसईजेड बंदरगाहों के माध्यम से भेजा गया।
करण अदाणी ने कहा, नवीनतम 100 एमएमटी का आंकड़ा दो साल से भी कम समय में हासिल किया गया है। यह परिचालन क्षमता बढ़ाने और उद्योग में शीर्ष बंदरगाह ऑपरेटर के रूप में हमारी स्थिति बनाए रखने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता और प्रयासों का प्रमाण है। कंपनी के आठ बंदरगाहों ने दोहरे अंक में वृद्धि की है।
प्रमुख बंदरगाह मुंद्रा एक महीने (अक्टूबर 2023) में 16 एमएमटी कार्गो को हैंडल करने वाला भारत का पहला बंदरगाह बन गया। ये उपलब्धियां लाल सागर संकट के कारण वैश्विक व्यापार में व्यवधान, रूस-यूक्रेन संघर्ष और पनामा नहर के मुद्दे और चक्रवात बिपरजॉय व मिचौंग की चुनौतियों से निपटते हुए हासिल की गईं।
कंटेनर सेगमेंट में, मुंद्रा, हजीरा, कट्टुपल्ली और एन्नोर के बंदरगाहों ने रिकॉर्ड मात्रा में कारोबार किया। कंपनी ने कहा कि भारत में कंटेनरीकृत समुद्री माल का लगभग 44 प्रतिशत एपीएसईजेड बंदरगाहों के माध्यम से चलता है।
पिछले पांच वर्षों में कंपनी का कंटेनर वॉल्यूम भारत की कंटेनर वृद्धि से दोगुना हो गया है। कंपनी ने बताया कि ड्राई कार्गो सेगमेंट में ट्यूना, मोर्मुगाओ, कराईकल, कृष्णापट्टनम, गंगावरम और धामरा जैसे बंदरगाहों ने इस वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड मात्रा में कारोबार किया।

 

बैंक ऑफ इंडिया की मुश्किलें बढ़ी, आयकर विभाग ने भेजा 1127 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस
Posted Date : 02-Apr-2024 3:18:44 am

बैंक ऑफ इंडिया की मुश्किलें बढ़ी, आयकर विभाग ने भेजा 1127 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस

नई दिल्ली । बैंक ऑफ इंडिया को आयकर विभाग की आकलन इकाई से निर्धारण वर्ष 2016-17 से संबंधित 1,127.72 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस मिला है। बैंक को वर्ष 2016-17 से संबंधित आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 156 के तहत एक डिमांड नोटिस मिला है, जिसमें कुछ अस्वीकृतियां की गई हैं।
बैंक ऑफ इंडिया ने कहा, बैंक निर्धारित समय-सीमा के भीतर उक्त आदेश के खिलाफ आयकर आयुक्त (अपील), नेशनल फेसलेस अपील सेंटर (एनएफएसी) के समक्ष अपील दायर करने की प्रक्रिया में है। अपीलीय प्राधिकारियों की प्राथमिकता/आदेशों को देखते हुए बैंक का मानना है कि उसके पास मामले में अपनी स्थिति को उचित रूप से साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्यात्मक और कानूनी आधार हैं। बैंक को उम्मीद है कि मांग कम हो जाएगी। इस प्रकार, बैंक की वित्तीय, संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि वह आदेश में उठाई गई 1,127.72 करोड़ रुपये की मांग के खिलाफ आयकर कानून में दी गई रियायत का फायदा उठाएगा।

 

विश्व इडली दिवस : स्विगी यूजर ने एक साल में इडली पर खर्च किए 7.3 लाख रुपये
Posted Date : 01-Apr-2024 4:19:40 am

विश्व इडली दिवस : स्विगी यूजर ने एक साल में इडली पर खर्च किए 7.3 लाख रुपये

नई दिल्ली  । ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने ‘विश्व इडली दिवस’ के अवसर पर बताया कि उसके एक हैदराबाद यूजर ने पिछले 12 महीनों में 7.3 लाख रुपये के इडली का ऑर्डर दिया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इडली ऑर्डर करने का सबसे व्यस्त समय सुबह 8 बजे से 10 बजे के बीच है।
बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोयंबटूर और मुंबई सहित कई शहरों के उपभोक्ता भी रात के खाने के दौरान इडली का आनंद लेते हैं। बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई टॉप-3 शहरों के रूप में उभरे, जहां इडली का सबसे ज्यादा ऑर्डर किया जाता है। इसके बाद मुंबई, पुणे, कोयंबटूर, दिल्ली, विजाग, कोलकाता और विजयवाड़ा हैं।
सभी शहरों में प्लेन इडली को ज्यादा पसंद किया गया। स्विगी ने कहा, बेंगलुरु में रवा इडली खास तौर से लोकप्रिय है, जबकि घी/नेयी करम पोडी इडली तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पसंद की जाती है। थट्टे इडली और मिनी इडली को भी शहरों में इडली के ऑर्डर के बीच रेगुलर स्पॉट्स मिले है।
मसाला डोसा के बाद इडली दूसरा सबसे ज्यादा ऑर्डर किए जाने वाला ब्रेकफास्ट आइटम है। ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म के अनुसार, इडली के लिए प्रसिद्ध टॉप-5 रेस्तरां बेंगलुरु में आशा टिफिन्स, बेंगलुरु और चेन्नई में ए2बी- अडयार आनंद भवन, हैदराबाद में वरलक्ष्मी टिफिन्स, चेन्नई में श्री अक्षयम और बेंगलुरु में वीणा स्टोर्स हैं।