नई दिल्ली । सरकार ने बताया है कि भारतीय मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने वाली अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित प्रणाली ने ऐसी कॉलों को प्रतिदिन लगभग 4 लाख तक कम कर दिया है। इसके अलावा, सरकार ने भारतीय दूरसंचार कंपनियों से उन विदेशी वाहकों या एग्रीगेटरों के खिलाफ अभियान शुरू करने को कहा, जो फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सौंप रहे हैं, और उन्होंने अब तक 20 से अधिक ऐसे वाहकों को ब्लॉक कर दिया है।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने हाल ही में सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के साथ मिलकर स्वदेशी रूप से विकसित अंतरराष्ट्रीय इनकमिंग स्पूफ्ड कॉल रोकथाम प्रणाली शुरू की है। यह उपकरण एक मजबूत अवरोधक साबित हुआ, जिसने आने वाली सभी अंतर्राष्ट्रीय कॉलों में से 90 प्रतिशत को ब्लॉक कर दिया, जिन्हें स्पूफ कॉल के रूप में पहचाना गया था। भारतीय नागरिकों को धोखा देने और साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए धोखेबाज भारतीय मोबाइल नंबर (+91-&&&&&) प्रदर्शित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय स्पूफ कॉल का उपयोग कर रहे थे।
हालांकि ये कॉल भारत के भीतर से उत्पन्न होती हैं, लेकिन वे कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) के हेरफेर के माध्यम से विदेश से की जाती हैं, जिसे आमतौर पर फ़ोन नंबर के रूप में जाना जाता है। सिस्टम के सफल कार्यान्वयन के साथ, विदेश में रहने वाले धोखेबाजों ने अपने काम करने के तरीके को बदल दिया और अब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय नंबरों का उपयोग करके स्पूफिंग शुरू कर दी है।
इसका मुकाबला करने के लिए, दूरसंचार मंत्रालय ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से भारत के बाहर से आने वाली सभी कॉलों पर अंतर्राष्ट्रीय कॉल प्रदर्शित करने के लिए कहा है। इससे नागरिकों को यह समझने में मदद मिलती है कि चूंकि आने वाली कॉल एक अंतरराष्ट्रीय कॉल है, इसलिए यह दूरसंचार मंत्रालय, ट्राई, पुलिस, आरबीआई, सीमा शुल्क आदि जैसे संगठनों से नहीं हो सकती है। संचार मंत्रालय के अनुसार, प्रमुख सेवा प्रदाताओं में से एक ने अपने नेटवर्क में इसे पहले ही लागू कर दिया है और अन्य ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं।
भारतीय नागरिकों तक पहुंचने वाली अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल के खतरे से निपटने के लिए, दूरसंचार मंत्रालय ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) से ऐसे अंतरराष्ट्रीय वाहकों से ट्रैफिक़ को ब्लॉक करने के लिए कहा है, जो बार-बार भारत में स्पूफ किए गए सीएलआई कॉल ट्रैफिक़ भेज रहे हैं। एयरटेल और बीएसएनएल जैसे प्रदाताओं ने 20 से अधिक ऐसे वाहक/एग्रीगेटर्स को ब्लॉक किया है, जो स्पूफ किए गए अंतरराष्ट्रीय कॉल सौंप रहे थे।
दूरसंचार मंत्रालय ने कहा, हाल ही में लॉन्च किए गए संचार साथी ऐप ने नागरिकों को धोखाधड़ी वाली कॉल की रिपोर्ट करने की सुविधा प्रदान की है। यह नागरिकों को अपने मोबाइल फोन कॉल लॉग से सीधे ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने की अनुमति देकर किसी भी संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करने की आसानी को बढ़ाता है।
नई दिल्ली । कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के शुक्रवार को जारी पेरोल आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में 16.07 लाख नए कर्मचारी जुड़े हैं, जिनमें से 47 प्रतिशत से अधिक 25 वर्ष की आयु तक के युवा कर्मचारी हैं, जो दिखाता है कि देश में नौकरियां तेजी से बढ़ रही हैं और आर्थिक विकास हो रहा है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि नवंबर 2024 के महीने में 20,212 नई संस्थाओं को ईएसआई योजना के दायरे में लाया गया है। इससे अधिक वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
सालाना आधार पर विश्लेषण से पता चलता है कि शुद्ध पंजीकरण में नवंबर 2023 के मुकाबले 0.97 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
बयान में आगे कहा गया कि नवंबर के दौरान जोड़े गए कुल 16.07 लाख कर्मचारियों में से 7.57 लाख कर्मचारी, जो कुल पंजीकरण का लगभग 47.11 प्रतिशत है, 25 वर्ष तक की आयु वर्ग के हैं।
पेरोल डेटा के लिंग आधारित विश्लेषण से पता चलता है कि नवंबर में ईएसआईसी में महिलाओं का शुद्ध पंजीकरण 3.28 लाख था। इस दौरान 44 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों का भी पंजीकरण हुआ है।
ईएसआईसी के आंकड़े इस सप्ताह जारी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों से मेल खाते हैं, जिसमें नवंबर 2024 में 14.63 लाख सदस्यों की शुद्ध वृद्धि देखी गई है, जो अक्टूबर के इसी आंकड़े की तुलना में 9.07 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
ईपीएफओ के पेरोल डेटा से पता चलता है कि नवंबर में 18-25 आयु वर्ग के लोगों की संख्या में 5.86 लाख की वृद्धि हुई है, जो पिछले महीने अक्टूबर की तुलना में 7.96 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, सालाना आधार पर नवंबर 2023 की तुलना में शुद्ध सदस्य वृद्धि में 4.88 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो रोजगार के अवसरों में वृद्धि और कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
मुंबई । इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए। कंपनी ने बताया कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 18.6 प्रतिशत गिरकर 2,448.8 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 2,998.1 करोड़ रुपये था।
कंपनी का मुनाफा गिरने की वजह खर्च का बढऩा है। वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कंपनी का खर्च 20,466 करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले साल की समान तिमाही में 17,064 करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कंपनी का मार्जिन 430 आधार अंक गिरकर 11.1 प्रतिशत रह गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 15.4 प्रतिशत कम था।
कंपनी की ऑपरेशनंस से आय 13.7 प्रतिशत बढक़र 22,110.7 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में 19,452.1 करोड़ रुपये थी।
कंपनी की आय तिमाही आधार पर 30 प्रतिशत बढ़ी है। वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 16,970 करोड़ रुपये थी।
वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 986 करोड़ रुपये का भारी शुद्ध घाटा दर्ज किया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि (वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही) में 188 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
इंडिगो का ईबीआईटीडीएआर 10.7 प्रतिशत बढक़र तीसरी तिमाही में 6,059 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 5,475 करोड़ रुपये था।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के मुताबिक, दिसंबर में इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी 64.4 प्रतिशत थी। वहीं, एयर इंडिया की हिस्सेदारी 26.4 प्रतिशत थी।
भारत की कमर्शियल एयरलाइंस में दिसंबर 2024 में 1.49 करोड़ से अधिक यात्रियों ने उड़ान भरी थी। यह पिछले साल के दिसंबर 2023 के आंकड़े 1.38 करोड़ से 8.19 प्रतिशत अधिक है।
भारत के घरेलू मार्गों पर एयर पैसेंजर ट्रैफिक 2024 में 6.12 प्रतिशत बढक़र 16.13 करोड़ हो गया है, जो कि पिछले साल 15.2 करोड़ था।
नई दिल्ली । मोदी सरकार के बजट 2025 में लेबर कोड नियमों को लागू करने का ऐलान हो सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में लेबर कोड को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना का ऐलान कर सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक इन नए लेबर कोड को तीन चरणों में लागू किया जाएगा. कर्मचारियों के काम के घंटे बढ़ेंगे. साथ ही हफ्ते में 4 दिन काम करने का विकल्प मिलेगा. अगर पीएफ में कटने वाला पैसा बढ़ता है तो हर महीने मिलने वाली सैलरी कम हो सकती है.
लेबर कोड से सभी छोटे-बड़े कारोबारियों और कारोबारियों को नई नीतियों को लागू करने का समय मिलेगा. अगर सरकार बजट 2025 में इन कोड की घोषणा करती है तो इसे आने वाले वित्त वर्ष में लागू कर दिया जाएगा. इन कोड से कारोबारियों और कंपनियों को न सिर्फ आसानी होगी बल्कि कर्मचारियों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा भी मिलेगी.
लेबर कोड के नए नियमों और योजना के तहत छोटे कारोबारियों को इन नियमों को लागू करने में करीब दो साल का समय लगेगा. आपको बता दें कि भारत के कारोबारी ढांचे में एमएसएमई यानी छोटे उद्योगों की हिस्सेदारी 85 फीसदी से ज्यादा है.
भारत सरकार ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को चार लेबर कोड में समाहित कर दिया है. इनका मुख्य उद्देश्य व्यापारियों को मजबूत बनाना और कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है.
नई दिल्ली । केंद्र सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनका लाभ गरीब तबके को मिलता है. इन्हीं योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0. इस योजना में शहरी गरीबों के अलावा मध्यम वर्गीय परिवारों को भी लाभ मिलता है. योजना के तहत सरकार घर बनाने के सपने को पूरा करती है. आज हम आपको बताएंगे कि योजना के लिए आवेदन करने से पहले किन दस्तावेजों की जरूरत होगी. इसके अलावा योजना के लिए पात्रता की जांच कैसे की जा सकती है.
यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी)/मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) परिवारों के लिए है. आपको बता दें कि 3 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों को ईडब्ल्यूएस कहा जाता है. वहीं, 3 लाख से 6 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों को एलआईजी और 6 लाख से 9 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों को एमआईजी के रूप में परिभाषित किया गया है. इस योजना के कई वर्टिकल हैं. इनमें से एक है वर्टिकल इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम.
अगर आप इस स्कीम को चुनते हैं, तो आपको होम लोन पर सब्सिडी मिलेगी. 35 लाख रुपये तक के घर के लिए 25 लाख रुपये तक का होम लोन लेने वाले लाभार्थी 12 साल की अवधि के लिए 8 लाख रुपये के पहले लोन पर 4 फीसदी ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे. पात्र लाभार्थियों को 5 साल की किस्तों में पुश बटन के माध्यम से 1.80 लाख रुपये की सब्सिडी जारी की जाएगी.
नई दिल्ली । शनिवार को सोने की कीमत अपने रिकॉर्ड ऊंचाई से कुछ नीचे आ गई. सोने के भाव में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. आज शनिवार को सोने के भाव में बढ़ोतरी हुई. 24 कैरेट सोने का भाव 350.0 बढक़र 82600 प्रति 10 ग्राम है. 22 कैरेट सोने का भाव 320.0 बढक़र 75730 प्रति 10 ग्राम है.
24 कैरेट सोने की कीमत में पिछले एक हफ्ते में -1.2 फीसदी का बदलाव आया है, जबकि पिछले महीने इसमें -5.3 फीसदी का बदलाव हुआ था. चांदी की कीमत 1200.0 बढक़र 100700.0 प्रति किलोग्राम है.
सोने और चांदी की कीमतें कई कारणों से प्रभावित होती हैं, जिनमें प्रमुख ज्वैलर्स से इनपुट भी शामिल है. सोने की वैश्विक मांग, मुद्रा में उतार-चढ़ाव, ब्याज दरें और सरकारी नीतियां जैसे प्रमुख कीमत बदलाव में योगदान करते हैं. इसके अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति और अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती सहित अंतर्राष्ट्रीय कारक भी भारतीय बाजार में सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं.