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एटीएम से कैश निकालना हो सकता है महंगा, फीस बढ़ाने की तैयारी में आरबीआई
Posted Date : 05-Feb-2025 5:27:23 pm

एटीएम से कैश निकालना हो सकता है महंगा, फीस बढ़ाने की तैयारी में आरबीआई

नई दिल्ली । अगर आप भी हर महीने एटीएम से कैश निकालते हैं या डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल न करके कैश पेमेंट करते हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। रिजर्व बैंक एटीएम से कैश निकालने पर फीस बढ़ाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में, रिजर्व बैंक महीने में 5 मुफ्त कैश विथड्रावल प्रदान करता है। हालांकि, अब आरबीआई  इन 5 लेनदेन की सीमा से अधिक पर लगने वाले चार्ज और एटीएम इंटरचेंज फीस को बढ़ाने की योजना बना रहा है। हिंदू बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, आपको ्रञ्जरू से कैश निकालने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।
कितना बढ़ेगा चार्ज?
रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने पांच बार मुफ्त सीमा पूरी होने के बाद कैश निकालने के चार्ज को मौजूदा 21 रुपये से बढ़ाकर 22 रुपये करने की सिफारिश की है। इसके अलावा, आरबीआई ने कैश लेनदेन के लिए एटीएम इंटरचेंज फीस को 17 रुपये से बढ़ाकर 19 रुपये करने की भी सिफारिश की है। इंटरचेंज फी दूसरे बैंक के एटीएम से एक सीमा के बाद पैसे निकालने पर लगाई जाती है। यानी कि यह एटीएम सर्विस इस्तेमाल करने के बदले एक बैंक की तरफ से दूसरे बैंक को दी जाने वाली फीस है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक और व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में फीस बढ़ाने की आरबीआई की सिफारिश से सहमत हैं। हालांकि, अभी इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक और आरबीआई ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती महंगाई और पिछले दो सालों में 1.5-2 प्रतिशत की दर से बढ़ते उधार लागत, ट्रांसपोर्टेशन पर ज्यादा खर्च, कैश रीप्लेनिशमेंट और लागत के कारण नॉन-मेट्रो शहरों में एटीएम चलाने का खर्चा तेजी से बढ़ रहा है।

 

ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की आय 2024 में 18 प्रतिशत बढ़ी : रिपोर्ट
Posted Date : 04-Feb-2025 6:05:15 pm

ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की आय 2024 में 18 प्रतिशत बढ़ी : रिपोर्ट

नई दिल्ली । ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में 2024 में मजबूती देखी गई है और इसकी आय सालाना आधार पर 18.1 प्रतिशत बढक़र 626 अरब डॉलर हो गई है, यह जानकारी सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई।  
गार्टनर की रिपोर्ट के अनुसार, यह सकारात्मक गति जारी रहने की उम्मीद है और अनुमान है कि 2025 में सेमीकंडक्टर कंपनियों की कुला आय 705 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी।
पिछले साल कुल इंडस्ट्री की आय में मेमोरी सेमीकंडक्टर की हिस्सेदारी 74.8 प्रतिशत थी। इसके अलावा गैर-मेमोरी सेमीकंडक्टर सेगमेंट की आय में 6.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया कि शीर्ष 25 सेमीकंडक्टर कंपनियों में 11 ने दोहरे अंक में आय वृद्धि दर्ज की है, जबकि आठ कंपनियों की आय में गिरावट दर्ज की गई है।
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने इंटेल को पछाडक़र दुनिया के शीर्ष सेमीकंडक्टर विक्रेता के रूप में अपना स्थान पुन: प्राप्त किया।
दक्षिण कोरियाई तकनीकी दिग्गज को मेमोरी की कीमतों में तेज सुधार का लाभ मिला, जिससे 2024 में इसकी आय 66.5 अरब डॉलर हो गई है।
इस बीच इंटेल दूसरे स्थान पर खिसक गई क्योंकि कंपनी के एआई पीसी और कोर अल्ट्रा चिपसेट कोई खास प्रभाव डालने में विफल रहे हैं।
2024 में इंटेल की सेमीकंडक्टर से आय 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग स्थिर रही है।
एनवीडिया के कारोबार में तेजी देखी गई। कंपनी की सेमीकंडक्टर से आय 84 प्रतिशत बढक़र 46 अरब डॉलर हो गई है और आय के मामले में एनवीडिया इस क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है।
सेमीकंडक्टर उद्योग के विस्तार में मेमोरी सेगमेंट ने अहम भूमिका निभाई है। 2024 में आय में 71.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। डीआरएएम आय में 75.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एनएएनडी राजस्व में भी सालाना आधार पर 75.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इस वृद्धि के पीछे एक प्रमुख कारक हाई-बैंडविड्थ मेमोरी (एचबीएम) की बढ़ती मांग थी, जिसने डीआरएएम की बिक्री में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
2024 में कुल डीआरएएम में एचबीएम का हिस्सा 13.6 प्रतिशत था, और 2025 में इसकी हिस्सेदारी बढक़र 19.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

 

करोड़ों निवेशकों पर मंडरा रहा साइबर फ्राड का खतरा, देश के सबसे बड़े बैंक ने जारी की चेतावनी
Posted Date : 04-Feb-2025 6:04:54 pm

करोड़ों निवेशकों पर मंडरा रहा साइबर फ्राड का खतरा, देश के सबसे बड़े बैंक ने जारी की चेतावनी

नई दिल्ली । देश में बढ़ते साइबर अपराध ने आम लोगों के साथ-साथ सरकारों की भी नींद उड़ा दी है। इसी बीच सबसे बड़े सरकारी बैंक- SBI ने भी अपने ग्राहकों के लिए एक चेतावनी जारी की है। SBI ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से चेतावनी जारी की है। एसबीआई ने लिखा है, “भारतीय स्टेट बैंक अपने सभी ग्राहकों और आम जनता को सावधान करता है कि उसके टॉप मैनेजमेंट के डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किए जा रहे हैं, जो कुछ निवेश योजनाओं को शुरू करने या उनका समर्थन करने का दावा करते हैं।
ये वीडियो लोगों को तकनीकी उपकरणों के माध्यम से ऐसी योजनाओं में अपना पैसा निवेश करने की सलाह देने का प्रयास करते हैं। हम स्पष्ट करते हैं कि एसबीआई या उसके कोई भी अधिकारी ऐसी किसी भी निवेश योजना की पेशकश या समर्थन नहीं करते हैं जो अवास्तविक या असामान्य रूप से ज्यादा रिटर्न का वादा करती हो। इसलिए, जनता को सोशल मीडिया पर प्रसारित ऐसे डीपफेक वीडियो से जुडऩे और उनका शिकार होने से सावधान किया जाता है।
बताते चलें कि देश-दुनिया में धीरे-धीरे ही सही, लेकिन ्रढ्ढ का इस्तेमाल बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर, साइबर अपराधी भी साइबर फ्रॉड को अंजाम देने में जमकर ्रढ्ढ का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड को रोका जाए और इसके लिए तमाम कोशिशें भी की जा रही हैं। हालांकि, लोगों को अपनी तरफ से भी सतर्क रहने की जरूरत है। भारी-भरकम रिटर्न के लालच में फंसकर आप अपनी खून-पसीने की कमाई को गंवा भी सकते हैं।

 

अमेरिका के कनाडा, मैक्सिको पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले को टालने के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट थमी
Posted Date : 04-Feb-2025 6:04:26 pm

अमेरिका के कनाडा, मैक्सिको पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले को टालने के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट थमी

मुंबई । अमेरिका के कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ बढ़ोतरी को एक महीने के लिए टालने के बाद मंगलवार को एनएसई निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स में दो दिन की गिरावट थम गई। सुबह 9.32 बजे, सेंसेक्स 443 अंक या 0.58 प्रतिशत बढक़र 77,630.71 पर और निफ्टी 130.25 अंक या 0.56 प्रतिशत बढक़र 23,491.30 पर पहुंच गया।
एनएसई पर 12 में से 11 सेक्टरों में तेजी और एक में गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी एफएमसीजी खुलने के दौरान सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सेक्टर रहा, जबकि एनएसई निफ्टी मेटल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सेक्टर रहा।
निफ्टी 50 इंडेक्स पर पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एशियन पेंट्स का दबाव देखा गया। इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एलएंडटी ने निफ्टी 50 इंडेक्स में इजाफा किया।
मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार, कल वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजारों में हुई बिकवाली के बाद सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मैक्सिको और कनाडा पर टैरिफ को अस्थायी रूप से स्थिर करने और बातचीत शुरू करने का फैसला ट्रंप की रणनीति का स्पष्ट संकेत है।
पीएल कैपिटल-प्रभुदास लीलाधर के सलाहकार प्रमुख विक्रम कासट ने कहा कि सप्ताह के अंत में ट्रंप ने अपनी पिछली धमकियों को जारी रखते हुए कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत शुल्क और चीन पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया। उन्होंने इन उपायों को अमेरिका में प्रवासन और फेंटेनाइल प्रवाह को रोकने के लिए आवश्यक बताया। मैक्सिको और कनाडा से आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क मंगलवार से लागू होना था, क्योंकि उनकी सीमाओं के माध्यम से अमेरिका में अवैध प्रवासियों और ड्रग्स का प्रवाह होता है। ऐसे ही चीन के लिए यह 10 प्रतिशत था।
वहीं, सोमवार को पहली बार भारतीय रुपया 87 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर से कमजोर होकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।
3 फरवरी को, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 23वें सत्र में लगातार शेयर बेचे, जिसकी कुल कीमत 3,958 करोड़ रुपये थी। इसी दिन, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,708 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इंडियाविक्स कल 1.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 14.3525 पर कारोबार कर रहा था।

 

मकान, ऑफिस और दुकानों को किराये पर देकर करते हैं कमाई तो अब आपको होगा फायदा
Posted Date : 03-Feb-2025 8:12:05 am

मकान, ऑफिस और दुकानों को किराये पर देकर करते हैं कमाई तो अब आपको होगा फायदा

नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किराए पर सोर्स पर टैक्स कटौती (टीडीएस) की वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे टीडीएस के दायरे में आने वाले लेन-देन की संख्या कम हो जाएगी, जिससे छोटे करदाताओं को लाभ होगा. लेकिन असल में ये छोटे करदाता कौन हैं जिन्हें लाभ मिलेगा?
ये उन सभी लोगों को प्रभावित करता है जो किराया देते हैं और टीडीएस के अधीन हैं. चाहे वह घर का किराया हो या ऑफिस, दुकानों या अन्य संपत्तियों का किराया. किराए पर सलाना टीडीएस सीमा को 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने से कम मूल्य के किराये के लेन-देन में टीडीएस कटौती की आवश्यकता कम होगी. यह मुख्य रूप से उन मकान मालिकों (विशेष रूप से छोटे मकान मालिकों) को लाभान्वित करता है, जिन्हें प्रति वर्ष 6 लाख रुपये से कम किराया मिलता है, क्योंकि किरायेदार अब उस किराए पर टीडीएस नहीं काटेंगे. यह कम किराया देने वाले किरायेदारों को भी लाभान्वित करेगा क्योंकि उन्हें टीडीएस काटने और जमा करने से जुड़े अतिरिक्त कागजी कार्रवाई या अनुपालन कामों को नहीं संभालना पड़ेगा. अगर वार्षिक किराया 6 लाख रुपये से कम है, तो किराए पर टीडीएस अब लागू नहीं होगा.
इसका मतलब यह है कि जहां किराएदारों को दिए जाने वाले किराए पर 20,000 रुपये प्रति माह की दर से टीडीएस काटा जाना था, वहीं अब यह सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है.

 

नए टैक्स रिजीम पर सीबीडीटी चीफ का बड़ा बयान- 90 फीसदी टैक्सपेयर अपनाएं नई व्यवस्था
Posted Date : 03-Feb-2025 8:11:41 am

नए टैक्स रिजीम पर सीबीडीटी चीफ का बड़ा बयान- 90 फीसदी टैक्सपेयर अपनाएं नई व्यवस्था

नई दिल्ली । सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा कि 90 फीसदी से अधिक व्यक्तिगत करदाताओं को नई कर व्यवस्था को अपनाने के लिए प्रेरित होना चाहिए. बजट में 12 लाख रुपये तक की आय पर कर नहीं लगाने और सभी कर स्लैब में बदलाव की घोषणा से इनको प्रेरित होना चाहिए. जबकि अभी तक यह आंकड़ा 75 फीसदी है.
बजट के बाद अग्रवाल ने कहा कि सरकार और आयकर विभाग का दृष्टिकोण नियमित मानव खुफिया जानकारी जुटाने के सिस्टम के अलावा एआई के बेहतर उपयोग के माध्यम से देश में गैर-हस्तक्षेप कर प्रशासन सुनिश्चित करना है.
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि एक आम करदाता के लिए अपनी आय की रिपोर्ट करने के लिए उपलब्ध कर प्रक्रियाएं बहुत जटिल नहीं हैं. उन्होंने आसान आईटीआर-1, पहले से भरे आयकर रिटर्न, स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की स्वचालित गणना आदि का उदाहरण दिया. उन्होंने नई कर व्यवस्था (एनटीआर) का भी हवाला दिया, जिसमें पुरानी व्यवस्था की तरह कोई कटौती या छूट की अनुमति नहीं है, जिसमें करदाता के लिए सरल” गणनाएं हैं. जिससे वे किसी पेशेवर की मदद के बिना अपना आईटीआर दाखिल कर सकते हैं.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन आयकर विभाग के लिए प्रशासनिक निकाय है.