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कौन थे ये ‘अनजान’ शख्स, जिसके लिए 500 करोड़ छोड़ गए रतन टाटा? वसीयत ने सबको चौंकाया
Posted Date : 07-Feb-2025 6:34:54 pm

कौन थे ये ‘अनजान’ शख्स, जिसके लिए 500 करोड़ छोड़ गए रतन टाटा? वसीयत ने सबको चौंकाया

नई दिल्ली । उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत में एक नाम ने सबको चौंका दिया है। इस वसीयत में जमशेदपुर के मोहिनी मोहन दत्ता को 500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मिलने का उल्लेख है। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह राशि रतन टाटा की कुल संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा है।
मोहिनी मोहन दत्ता, जो टाटा परिवार का हिस्सा नहीं हैं, एक अज्ञात व्यक्ति हैं, जिससे वसीयत में उनके नाम का उल्लेख आश्चर्यजनक है। बताया जाता है कि दत्ता और रतन टाटा की पहली मुलाकात 1960 के दशक की शुरुआत में जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई थी, जिसने दत्ता के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाया। उस समय रतन टाटा 24 वर्ष के थे, जबकि दत्ता अब 80 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।
दत्ता ने अपने करियर की शुरुआत ताज ग्रुप के साथ की थी और बाद में स्टैलियन ट्रेवल एजेंसी नामक अपना उद्यम शुरू किया। 2013 में स्टैलियन ट्रेवल एजेंसी का ताज ग्रुप ऑफ होटल्स की इकाई ताज सर्विसेज में विलय हो गया।
वसीयत में दत्ता के नाम के खुलासे से कई लोगों को आश्चर्य हुआ है क्योंकि वह टाटा परिवार से संबंधित नहीं हैं। फिलहाल, मोहिनी दत्ता या टाटा परिवार की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। वसीयत के अनुसार संपत्ति का वितरण उच्च न्यायालय के प्रमाणीकरण के बाद ही किया जा सकेगा, जिसमें लगभग छह महीने लगने का अनुमान है।

 

गुड न्यूज : लोन सस्ता होगा, ईएमआई भी घटेगी; आरबीआई ने 5 साल बाद घटाई ब्याज दर
Posted Date : 07-Feb-2025 6:34:39 pm

गुड न्यूज : लोन सस्ता होगा, ईएमआई भी घटेगी; आरबीआई ने 5 साल बाद घटाई ब्याज दर

नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को रेपो रेट में 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की कमी करने का ऐलान किया। रेपो रेट में कमी आ सीधा असर लोन की ब्याज दरों पर होता है और होम लोन से लेकर कार लोन तक सस्ते होते हैं।
आरबीआई द्वारा बीते पांच वर्षों में पहली बार रेपो रेट को घटाया गया है। इससे पहले मई 2020 में रेपो रेट को घटाकर 4 प्रतिशत किया गया है। रेपो रेट की समीक्षा के लिए 5 फरवरी से लेकर 7 फरवरी तक आरबीआई एमपीसी की बैठक हुई थी, जिसके निर्णय का ऐलान आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा किया गया।
मल्होत्रा ने कहा कि एमपीसी के फैसलों का देश के सभी नागरिकों पर असर होगा। यह बिजनेस, अर्थशास्त्री और सभी पार्टी के लिए जरूरी है। साथ ही बताया कि महंगाई लक्ष्य के अनुरूप बनी हुई है और इसमें कमी आ सकती है। रेपो रेपो में 0.25 प्रतिशत की कमी के बाद यह 6.25 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि पहले 6.50 प्रतिशत थी।
आरबीआई की ओर से बताया गया कि वित्त वर्ष 25 में खुदरा महंगाई दर 4.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है, जो कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रह सकती है। सामान्य मानसून के कारण खुदरा महंगाई वित्त वर्ष 26 में 4.2 प्रतिशत पर रह सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रह सकती है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि वित्त वर्ष 25 में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत पर रह सकती है। वहीं, वित्त वर्ष 26 में जीडीपी विकास दर 6.7 प्रतिशत रह सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 6.7 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.5 प्रतिशत रह सकती है।

 

भारत में तेजी से बढ़ रहा कारोबार, वित्त वर्ष 24 में बड़े पोर्ट्स ने संभाला 819 मिलियन टन कार्गो
Posted Date : 06-Feb-2025 8:29:54 pm

भारत में तेजी से बढ़ रहा कारोबार, वित्त वर्ष 24 में बड़े पोर्ट्स ने संभाला 819 मिलियन टन कार्गो

नई दिल्ली । भारत में कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। देश के बड़े पोर्ट्स ने वित्त वर्ष 2023-24 में 819.23 मिलियन टन कार्गो संभाला है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 581.34 मिलियन टन था। यह 3.5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाता है। यह जानकारी सरकार ने बुधवार को संसद में दी।
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि 2023-24 के दौरान संभाले गए कार्गो में 33.80 प्रतिशत लिक्विड बल्क, 44.04 प्रतिशत ड्राई बल्क और 22.16 प्रतिशत कंटेनर कार्गो शामिल था।
उन्होंने आगे कहा कि प्रमुख पोर्ट्स का इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और क्षमता वृद्धि एक सतत प्रक्रिया है जिसमें नए बर्थ और टर्मिनलों का निर्माण, मौजूदा बर्थ और टर्मिनलों का मशीनीकरण, बड़े जहाजों को आकर्षित करने के लिए ड्राफ्ट को गहरा करने के लिए कैपिटल ड्रेजिंग के साथ-साथ सडक़ और रेल संपर्क का विकास शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया, महाराष्ट्र में वधावन पोर्ट को देश में मेगा कंटेनर पोर्ट के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी गई है, जिससे नई पीढ़ी के बड़े आकार के कंटेनर जहाजों की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।
सरकार ने पिछले चार वर्षों में केंद्र द्वारा संचालित प्रमुख पोर्ट्स और निजी कंपनियों एवं राज्य सरकारों द्वारा प्रबंधित गैर-प्रमुख पोर्ट्स पर संभाले गए कुल कार्गो के आंकड़े पेश किए। देश के सभी पोर्ट्स पर संभाला गया कुल कार्गो 2020-21 में 1247.72 मिलियन टन से बढक़र 2023-24 में 1540.23 मिलियन टन हो गया है। इस कार्गो का 819.23 मिलियन टन प्रमुख पोर्ट्स द्वारा और 721 मिलियन टन अन्य पोर्ट्स के माध्यम से संभाला गया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने निर्यात से जुड़े उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें नए बर्थ, टर्मिनल और पार्किंग प्लाजा का निर्माण, मौजूदा बर्थ और टर्मिनलों का मशीनीकरण और आधुनिकीकरण, रेल और सडक़ के माध्यम से अंतर्देशीय संपर्क का विस्तार करना शामिल है।

 

टोल देने वालों को मिलेगी जल्द राहत, 3000 में सालाना और इतने रुपए में बन सकेगा ‘लाइफटाइम पास
Posted Date : 06-Feb-2025 8:29:35 pm

टोल देने वालों को मिलेगी जल्द राहत, 3000 में सालाना और इतने रुपए में बन सकेगा ‘लाइफटाइम पास

नई दिल्ली । हाइवे पर टोल चुकाने वालों के लिए राहत भरी खबर है। सरकार जल्द ही आम लोगों के लिए स्कीम लेकर आ रही है। जिससे आपको हाईवे-एक्सप्रेसवे पर बने टोल प्लाजा पर बार-बार टोल टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी। एक बार पेमेंट कर आप सालभर तक टोल प्लाजा से गुजर सकते हैं।
जल्द ही आपको मंथली के अलावा सालाना टोल पास बनवाने की सुविधा मिल सकती है। आप चाहे तो लाइफटाइम के लिए टोल पास बनवा सकेंगे। इस पास की मदद से आप पूरे साल भर बिना किसी रुकावट के नेशनल हाइवेज पर सफर कर सकेंगे। वहीं लाइफटाइम टोल पास के जरिए आप 15 साल तक बिना टोल दिए हाईवे पर गाडिय़ां दौड़ा सकेंगे। केंद्र सरकार जल्द ही एनुअल और लाइफटाइम टोल पास की सुविधा लाने जा रहा है। वर्तमान में सिर्फ मंथली टोल पास है। जल्द ही सालाना और लाइफटाइम टोल पास की सुविधा शुरू होने जा रही है। इस पास के चार्जेज क्या होंगे इसके बारे में फाइनल रेट्स सामने नहीं आए हैं, लेकिन पर्स्ताव के मुताबिक एनुअल पास के लिए आपक 3000 रुपये तो वहीं लाइफटाइम टोल पास के लिए आपको 30,000 रुपये चुकाना पड़ सकता है। इस अनुअल या लाइफटाइम टोल पास के लिए आपको कोई नया कार्ड खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। फास्टैग के जरिए ही पास को एक्टिवेट कर दिया जाएगा। बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडक़री ने एक इंटरव्यू में टोल देने वाले लोगों को राहत देने की तरफ इशारा किया था।

 

भारत एक अहम एआई बाजार, इस क्षेत्र में बन सकता है लीडर : सैम ऑल्टमैन
Posted Date : 06-Feb-2025 8:29:20 pm

भारत एक अहम एआई बाजार, इस क्षेत्र में बन सकता है लीडर : सैम ऑल्टमैन

नई दिल्ली । ओपनएआई के सह-संस्थापक और सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बुधवार को कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का एक अहम मार्केट है और कंपनी के लिए वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा बाजार है।
चैटजीपीटी एआई मॉडल के चलाने वाली कंपनी ओपनएआई के सीईओ ने यह बात केंद्रीय रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में कही।
इसके अलावा, ऑल्टमैन ने कहा कि भारत एआई मॉडल की रेस में लीडर होना चाहिए।
ऑल्टमैन के मुताबिक, भारत एआई के लिए काफी अहम बाजार है और हमारा दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। मॉडल अभी भी सस्ते नहीं हैं। भारत को इस क्षेत्र में लीडर होना चाहिए।
ऑल्टमैन ने हाल ही में अमेरिका में एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए 500 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट ‘स्टारगेट’ का ऐलान किया है। ओपनएआई यह प्रोजेक्ट अगले चार वर्षों में सॉफ्टबैंक, ओरेकल और एमजीएक्स के साथ मिलकर पूरा करेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, देश में युवा उद्यमी वास्तव में इनोवेशन को अगले स्तर पर पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं,जो लागत को कम करेगा। जब हम चंद्रयान मिशन में लागत कम कर सकते हैं, तो हम एलएलएम क्षेत्र में भी ऐसा क्यों नहीं कर सकते?
मंत्री ने पिछले महीने घोषणा की थी कि देश छह महीने के भीतर किफायती कीमत पर अपना सुरक्षित स्वदेशी एआई मॉडल लॉन्च कर सकता है।
भारतीय एआई मॉडल आने वाले दिनों में देश को एआई समाधानों के अधिक विश्वसनीय तकनीकी पावरहाउस के रूप में उभरने में मदद करेगा। उच्च-स्तरीय सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा द्वारा समर्थित, इंडियाएआई मिशन अब भारतीय भाषाओं का उपयोग करके घरेलू संदर्भ के लिए स्वदेशी एआई समाधानों को अनुकूलित करने के करीब है।
वैज्ञानिक, शोधकर्ता, डेवलपर्स और कोडर्स इस संबंध में कई मॉडल पर काम कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारतीय एआई मॉडल छह महीने के भीतर तैयार होने की संभावना है।

 

शार्प बिजऩेस सिस्टम्स ने किया एनईसी इंडिया के डिस्प्ले बिजनेस का अधिग्रहण
Posted Date : 05-Feb-2025 5:27:50 pm

शार्प बिजऩेस सिस्टम्स ने किया एनईसी इंडिया के डिस्प्ले बिजनेस का अधिग्रहण

नई दिल्ली । भारत के डिस्प्ले टेक्नोलॉजी क्षेत्र को नई दिशा देने की अपनी योजना के तहत, शार्प बिजनेस सिस्टम्स (इंडिया) ने एनईसी इंडिया के डिस्प्ले बिजनेस का अधिग्रहण किया है। इस कदम से शार्प के विज़ुअल सॉल्यूशंस पोर्टफोलियो में काफी विस्तार होगा, जो भारत के तेजी से बढ़ते डिस्प्ले बाजार के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को और भी मजबूत करेगा। यह अधिग्रहण रिटेल, शिक्षा, एविएशन, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर और स्मार्ट सिटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों को सशक्त बनाने में मदद करेगा। 
यह साझेदारी दर्शाती है कि शार्प नवाचार के मामले में अग्रणी स्थान पर है, और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन को गति देने और बेमिसाल मूल्य प्रदान करने के लिए तैयार है। एनईसी डिस्प्ले बिजनेस के साथ मिलकर, शार्प अब बी2बी और विशेष बाजारों में प्रभावी तरीके से सेवाएँ देने में सक्षम है, जिससे भारतीय ग्राहकों को कस्टमाइज्ड समाधान, बेहतरीन कस्टमर सपोर्ट और डिस्प्ले टेक्नोलॉजीस की पूरी रेंज मिल सकेगी। शार्प उन इंडस्ट्रीज़ को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, जहाँ 24/7 संचालन जरूरी हैं, जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग, कंट्रोल सेंटर्स और एयरपोर्ट्स। यह मर्जर शार्प को अपने साझेदार क्षेत्र का और विस्तारित करने का अवसर देता है, जिससे नए क्षेत्रों में विकास के अवसर खुलते हैं और भारत में डिजिटल विकास में कंपनी की नेतृत्व की स्थिति और मजबूत होती है। 
वर्तमान में शार्प बिजनेस सिस्टम्स (इंडिया) ‘स्मार्ट बिजनेस सॉल्यूशंस’ वर्टिकल के तहत डिजिटल मल्टीफंक्शनल प्रिंटर्स, इंटरएक्टिव व्हाइट बोर्ड्स और डायनाबुक लैपटॉप्स जैसे प्रोडक्ट्स की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करता है; लेकिन एनईसी डिस्प्ले बिजनेस के साथ मर्जर के बाद, यह अपनी मौजूदा पेशकशों को और भी बेहतर बना रहा है, और इसमें बड़े आकार के डिस्प्ले, वीडियो वॉल्स, प्रोजेक्टर्स, डायरेक्ट-व्यू एलईडी और सिनेमा प्रोजेक्टर्स को शामिल कर रहा है। 
यह विस्तार न सिर्फ शार्प की इंटरएक्टिव डिस्प्ले में प्रसिद्ध विशेषज्ञता को बढ़ाता है, बल्कि ग्राहकों को हाई-परफॉर्मेंस सॉल्यूशंस की एक पूरी श्रृंखला प्रदान करता है, जो विभिन्न इंडस्ट्रीज़ की जरूरतों से बेहतरी से मेल खाती है। इसके अलावा, यह अधिग्रहण शार्प और एनईसी के मौजूदा भागीदारों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इससे प्रोडक्ट पोर्टफोलियो और भी समृद्ध हो रहा है। 
ओसामु नारिता, मैनेजिंग डायरेक्टर, शार्प बिजनेस सिस्टम्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, ने कहा, “भारत में एनईसी डिस्प्ले बिजनेस के अधिग्रहण से हमें भारत के विज़ुअल सॉल्यूशंस बाजार में नवाचार की शुरुआत करने में मदद मिलेगी। एनईसी की विश्व स्तर की टेक्नोलॉजीस को शार्प के इनोवेटिव डिस्प्ले के साथ मिलाकर, हम कस्टमाइज्ड, हाई-परफॉर्मेंस डिस्प्ले सॉल्यूशंस की बढ़ती माँग की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं। 
यह मर्जर हमारे प्रोडक्ट्स की पेशकश में इजाफा करने के साथ ही, हमारे ग्राहकों को बेहतरीन सेवा और सहायता प्रदान करने की हमारी क्षमता को मजबूत करता है। हम विभिन्न इंडस्ट्रीज़ की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार कस्टमाइज्ड सॉल्यूशंस विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हमारे ग्राहक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और विश्वसनीयता का पूरा लाभ उठा सकें।” 
पुनीत मल्हान, जनरल मैनेजर, डिस्प्ले बिजनेस, शार्प बिजनेस सिस्टम्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, ने कहा, “हम भारत के बाजार में शार्प और एनईसी की दोगुनी शक्ति को पेश करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। यह अधिग्रहण हमें एक अधिक गतिशील और विविध प्रोडक्ट पोर्टफोलियो पेश करने में सक्षम बनाता है, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिलता है और हमारे ग्राहकों का हम पर भरोसा और भी मजबूत होता है। हमें शहरी और उभरते क्षेत्रों में विकास की जबरदस्त संभावना दिखाई देती है, जो भारत के डिजिटल परिवर्तन और वर्ष 2047 के विजऩ के साथ पूरी तरह मेल खाती है।” 
शार्प का उद्देश्य भारत के लिए ऐसे किफायती और ऊर्जा कुशल प्रोडक्ट्स को लॉन्च करना है, जो देश के पर्यावरणीय लक्ष्यों के अनुरूप हों। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और ई-कॉमर्स तथा हेल्थकेयर जैसे बढ़ते हुए क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए, शार्प टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपने अत्याधुनिक समाधानों का विस्तार करने की योजना बना रहा है। निकट भविष्य में, शार्प का लक्ष्य है कि वह अपने चैनल नेटवर्क को मजबूत करके और भागीदारों को उचित प्रशिक्षण प्रदान करके भारत के डिस्प्ले मार्केट की शीर्ष पाँच कंपनियों में शामिल हो। 
यह अधिग्रहण भारत में शार्प की स्थिति को मजबूत करता है और देश के 2047 के विजऩ के साथ बखूबी मेल खाता है, जिससे डिजिटल परिवर्तन और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस एकीकरण के साथ, शार्प भारत की विज़ुअल सॉल्यूशंस इंडस्ट्री का नेतृत्व करेगा और एक ऐसा भविष्य बनाएगा, जो नवाचार और स्थिरता से भरपूर हो।