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चिप निर्माण के लिए अरबों डॉलर की सब्सिडी देना सही नहीं, पूर्व आरबीआई गवर्नर ने की आलोचना
Posted Date : 18-Apr-2024 3:51:39 am

चिप निर्माण के लिए अरबों डॉलर की सब्सिडी देना सही नहीं, पूर्व आरबीआई गवर्नर ने की आलोचना

नई दिल्ली  ।  भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने  चिप निर्माण पर भारत की ओर से अरबों डॉलर खर्च करने की आलोचना की है। राजन ने कहा है कि इन चिप विनिर्माण कारखानों को सब्सिडी देने के लिए कई अरब खर्च किए जाने हैं जबकि दूसरी ओर कई रोजगार देने वाले क्षेत्र अच्छा नहीं कर रहे हैं और उन पर किसी का ध्यान नहीं है। 
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि भारत लोकतंत्र से मिलने वाले लाभ नहीं उठा पा रहा है। जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन भारत को 2047 तक उन्नत अर्थव्यवस्था बनाना: इसके लिए क्या चाहिए में राजन ने कहा, मुझे लगता है कि यह लोकतंत्र से लाभ उठाने का समय है, लेकिन समस्या यह है कि हम लाभ नहीं उठा रहे हैं। 
राजन बोले- हम जनसंख्या से लाभ के मामले में चीन और कोरिया से काफी पीछे
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा, इसलिए मैंने छह प्रतिशत वृद्धि की बात कही थी। अगर आपको पता करना है कि हम अभी क्या हैं, तो जीडीपी के आंकड़ों में उछाल को दूर करें। हम 6 प्रतिशत जनसांख्यिकीय लाभांश के बीच में है। यह चीन और कोरिया के जनसंख्या के लाभ से काफी कम है। जब हम कहते हैं कि यह बहुत अच्छा है तो हम अत्यधिक उलझ रहे हैं। ऐसा इसलिए नहीं है कि हम जनसांख्यिकीय लाभांश खो रहे हैं बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हम लोगों को नौकरी नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, और यह हमें इस सवाल की ओर ले जाता है कि हम उन नौकरियों का निर्माण कैसे करते हैं? राजन ने कहा कि हमें आंशिक रूप से हमारे पास मौजूद लोगों की क्षमताओं बढ़ाने की जरूरत है, आंशिक रूप से उपलब्ध नौकरियों की प्रकृति को बदलना जरूरी है। हमें दोनों मोर्चों पर काम करने की आवश्यकता है।  
उन्होंने कहा, कांग्रेस के घोषणापत्र में अप्रेंटिसशिप का का विचार काम के लायक है। मुझे लगता है कि इसे प्रभावी बनाने के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है, लेकिन हमें कई और ऐसे छात्रों की जरूरत है ताकि वे कम से कम अच्छा काम करने में सक्षम हों।
राजन ने चिप निर्माण पर भारत की ओर से अरबों डॉलर खर्च करने की आलोचना की। राजन ने कहा, इन चिप कारखानों के बारे में सोचो। चिप विनिर्माण को सब्सिडी देने के लिए कई अरब जा रहे हैं। राजन ने कहा कि दूसरी ओर चमड़ा जैसे कई रोजगार देने वाले गहन क्षेत्र अच्छा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम कई क्षेत्रों में नीचे जा रहे हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि हमारे पास नौकरी की समस्या अधिक है। ऐसा नहीं है कि पिछले 10 वर्षों में नौकरी की समस्या पैदा हुई। यह पिछले कुछ दशकों से बढ़ रहा है। 
रोजगार देने वाले गहन क्षेत्रों की उपेक्षा करना सही नहीं: राजन
राजन ने कहा कि लेकिन अगर आप उन क्षेत्रों की उपेक्षा करते हैं जो अधिक गहन हैं, तो यह सही नहीं है। उन्होंने कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें अब चमड़ा उद्योग के लिए सब्सिडी की पेशकश करने की आवश्यकता है, लेकिन हमें यह पता लगाना चाहिए कि वहां क्या गलत हो रहा है और हमें कोशिश करनी चाहिए कि इसमें सुधार हो। 
एक सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय अब सिंगापुर या सिलिकॉन वैली जा रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां से बाजारों तक पहुंच बनाना आसान लगता है। उन्होंने कहा, हमें यह पूछने की जरूरत है कि ऐसा क्या है जो उन्हें भारत के अंदर रहने के बजाय भारत से बाहर जाने के लिए मजबूर करता है?
विराट कोहली वाली मानसिकता पर क्या बोले राजन
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने विराट कोहली वाली मानिसकता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि भारत के युवाओं की मानसिकता विरोट कोहली जैसी है, मतलब वे किसी से कम नहीं हैं। वे लोग दुनिया को बदलना चाहते हैं। वे वैश्विक स्तर पर अपना विस्तार करना चाहते हैं। राजन ने कहा कि वास्तव में दिल को छू लेने वाली बात यह है कि कुछ उद्यमियों से बात करने पर पता चलता है कि वे दुनिया को बदलने की उनकी इच्छा रखते हैं पर उनमें से कई देश में रहकर खुश नहीं हैं। वे वास्तव में विश्व स्तर पर अधिक विस्तार करना चाहते हैं पर उन्हें मौके नहीं मिल रहे।
पीएचडी रेलवे में चपरासी के पद के लिए कर रहे आवेदन, राजन ने कसा तंज
राजन ने कहा कि क्षेत्र चाहे कोई भी हो चाहे वह सेवा, विनिर्माण या कृषि निर्माण हो भारत में समस्या है। इस बारे में सबाके पता है और मुझे विस्तार से बताने की आवश्यकता नहीं है। बेरोजगारी की संख्या अधिक है। श्रम शक्ति की भागीदारी कम है, महिला श्रम शक्ति की भागीदारी वास्तव में खतरनाक रूप से कम है। उन्होंने कहा कि हालांकि हाल के दिनों में कृषि और नौकरियों की हिस्सेदारी बढ़ रही है। बेरोजगारी का असर उच्च शिक्षित लोगों के सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने की संख्या देखने से पता पता है। पीएचडी रेलवे में चपरासी के पद पर नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं।

 

देश का वस्तु व्यापार घाटा मार्च में 11 महीने के निचले स्तर 15.6 अरब डॉलर पर
Posted Date : 17-Apr-2024 4:50:06 am

देश का वस्तु व्यापार घाटा मार्च में 11 महीने के निचले स्तर 15.6 अरब डॉलर पर

नई दिल्ली  । आयात में उल्लेखनीय गिरावट के कारण देश का वस्तु व्यापार घाटा फरवरी में 18.71 अरब डॉलर की तुलना में मार्च में 11 महीने के निचले स्तर 15.6 अरब डॉलर पर आ गया।
वस्तु व्यापार घाटा किसी देश की वस्तुओं के निर्यात से होने वाली कमाई और आयातित वस्तुओं के लिए किये गये भुगतान का अंतर है। पिछले साल मार्च में यह 18.96 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक मंदी और लाल सागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव के कारण शिपिंग में व्यवधान के बीच मार्च में निर्यात में 0.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई और यह 41.68 अरब डॉलर हो गया।
इलेक्ट्रॉनिक आइटम, फार्मास्यूटिकल्स और इंजीनियरिंग सामान जैसे 30 प्रमुख क्षेत्रों में से 17 ने पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में मार्च में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की।
माह के दौरान आयात 5.98 प्रतिशत घटकर 57.28 अरब डॉलर रह गया जिससे व्यापार घाटा कम करने में मदद मिली। जिन प्रमुख वस्तुओं के आयात में गिरावट दर्ज की गई उनमें सोना, उर्वरक, चमड़ा उत्पाद, लोहा और इस्पात और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं।
देश का वस्तु व्यापार घाटा 31 मार्च को समाप्त पूरे वित्तीय वर्ष के लिए 9.33 प्रतिशत घटकर 240.17 अरब डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान निर्यात 3.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 437.06 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 5.41 प्रतिशत गिरकर 677.24 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, वित्त वर्ष 2023-24 व्यापार के दृष्टिकोण से कठिन था क्योंकि न केवल यूक्रेन-रूस संघर्ष जारी रहा, बल्कि अन्य संघर्ष भी सामने आए। विश्व स्तर पर लाल सागर और मंदी के साथ-साथ दूसरे बड़े मुद्दे थे। लेकिन भारत ने सभी बाधाओं को हरा दिया है।

 

बैंकिंग के तकनीकी शब्दों के जाल से बचाने के लिए आरबीआई की पहल, अब ग्राहकों को सरल शब्दों में ‘मुख्य तथ्यों का विवरण’ देंगे बैंक
Posted Date : 17-Apr-2024 4:49:38 am

बैंकिंग के तकनीकी शब्दों के जाल से बचाने के लिए आरबीआई की पहल, अब ग्राहकों को सरल शब्दों में ‘मुख्य तथ्यों का विवरण’ देंगे बैंक

मुंबई  । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को निर्देश दिया कि वे लोन लेने वाले संभावित ग्राहकों को उन ऋणों और ब्याज के बारे में सरल शब्दों में ‘मुख्य तथ्यों का विवरण’ (केएफएस) प्रदान करें, जिनका भुगतान करने की उनसे अपेक्षा की जाती है ताकि उन्हें सूचित निर्णय लेने में मदद मिल सके। ग्राहकों को बैंकिंग के तकनीकी शब्दों के जाल से बचाने के लिए केंद्रीय बैंक ने यह पहल की है।
निर्देश में कहा गया है कि बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों जैसी सभी विनियमित संस्थाओं को आरबीआई द्वारा दिए गए मानकीकृत प्रारूप के अनुसार, ऋण अनुबंध निष्पादित करने से पहले सभी संभावित उधारकर्ताओं को केएफएस प्रदान करना होगा। आरबीआई ने कहा, केएफएस ऐसे ग्राहकों द्वारा समझी जाने वाली भाषा में लिखा जाएगा। इसके कंटेंट को उधारकर्ता को समझाया जाएगा और एक पावती प्राप्त की जाएगी कि उसने इसे समझ लिया है।
आरबीआई के निर्देश में कहा गया है कि केएफएस को एक यूनीक प्रोपोजल नंबर प्रदान किया जाएगा और सात दिन या उससे अधिक की अवधि वाले ऋणों के लिए कम से कम तीन कार्य दिवसों की वैधता अवधि होगी। सात दिन से कम अवधि वाले ऋणों के लिए एक कार्य दिवस की वैधता अवधि होगी। आरबीआई ने केएफएस पर सभी निर्देशों और वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) के प्रकटीकरण में सामंजस्य स्थापित करने का निर्णय लिया है।
यह पारदर्शिता बढ़ाने और विभिन्न विनियमित संस्थाओं द्वारा पेश किए जा रहे वित्तीय उत्पादों पर सूचना विषमता को कम करने के लिए किया जा रहा है, जिससे उधारकर्ताओं को सूचित वित्तीय निर्णय लेने में सशक्त बनाया जा सके। सामंजस्यपूर्ण निर्देश सभी विनियमित संस्थाओं, जैसे बैंकों और आवास वित्त कंपनियों द्वारा विस्तारित सभी खुदरा और एमएसएमई सावधि ऋण उत्पादों पर लागू होंगे।

 

टीसीएस ने ब्राज़ील में नए डिलीवरी सेंटर की घोषणा की
Posted Date : 17-Apr-2024 4:49:19 am

टीसीएस ने ब्राज़ील में नए डिलीवरी सेंटर की घोषणा की

नई दिल्ली  । टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने ब्राजील में एक नए डिलीवरी सेंटर की घोषणा की, जो अगले पांच साल में 1,600 से अधिक रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
यह केंद्र पराना प्रांत के लोन्ड्रिना में होगा। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देगा और क्षेत्र में टीसीएस की उपस्थिति को मजबूत करेगा।
टीसीएस ब्राज़ील के प्रमुख ब्रूनो रोचा ने कहा, हम साइबर-सुरक्षा, क्लाउड, कॉग्निटिव बिजनेस ऑपरेशंस (सीबीओ), आईटीआईएस, एआई और ऑटोमेशन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोगियों की संख्या दोगुनी करना चाहते हैं, जो प्रौद्योगिकी सेवाओं में नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है।
कंपनी 2018 से लोन्ड्रिना में मौजूद है और शहर में लगभग 1,700 लोगों को रोजगार देती है।
नया डिलीवरी सेंटर व्यवसाय परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सीबीओ जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विशेषज्ञता लाएगा, जो ब्राजील और दुनिया भर में ग्राहकों को आईटी सेवाओं का एक व्यापक सूट पेश करेगा।
पराना प्रांत के गवर्नर कार्लोस मस्सा रतिन्हो जूनियर ने कहा, मैं उन क्षमताओं के बारे में अधिक जानने के लिए भारत आया हूं जो देश ने कई क्षेत्रों में बनाई हैं, खासकर डिजिटल प्रौद्योगिकियों में, जहां भारत एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता है। यहां से अनुभवों का लाभ उठाते हुए हम ब्राजील की अर्थव्यवस्था में विभिन्न सेवाओं और उत्पादों के डिजिटलीकरण को बढ़ा सकते हैं।
टीसीएस ने कहा कि वह दो दशकों से अधिक समय से ब्राजील में लोन्ड्रिना, साओ पाउलो और रियो डी जेनेरियो में परिचालन कर रही है।

 

सरकार ने कच्चे तेल पर बढ़ाया अप्रत्याशित कर
Posted Date : 17-Apr-2024 4:49:00 am

सरकार ने कच्चे तेल पर बढ़ाया अप्रत्याशित कर

नई दिल्ली । सरकार ने मंगलवार से कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर 6,800 रुपये से बढ़ाकर 9,600 रुपये प्रति मीट्रिक टन कर दिया।
इससे तेल अन्वेषण और उत्पादन कंपनियों ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को घाटा हो सकता है। लेकिन सरकार को गरीबों के लिए अपनी सामाजिक कल्याण योजनाओं को संचालित करने व अपने राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने के लिए अधिक संसाधन मिलेगा।
सरकार ने पिछले साल जुलाई में कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर लगाया था और गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात पर लेवी बढ़ा दी थी, क्योंकि निजी रिफाइनरों ने घरेलू बाजार में बिक्री के बजाय विदेशी बाजारों में रिफाइनिंग मार्जिन से लाभ कमाना शुरू कर दिया था।

 

हेल्थ ड्रिंक्स के नाम पर बेचे जा रहे उत्पादों को लेकर सरकार सख्त, जारी की एडवाइजरी
Posted Date : 15-Apr-2024 4:46:51 pm

हेल्थ ड्रिंक्स के नाम पर बेचे जा रहे उत्पादों को लेकर सरकार सख्त, जारी की एडवाइजरी

नई दिल्ली ।  बच्चों की ग्रोथ बढ़ाने का दावा करने वाले बॉर्नविटा जैसे तमाम हेल्थ ड्रिंक्स बाजार और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर उपलब्ध हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ऐसे हेल्थ ड्रिंक्स वाकई में आपके बच्चों के लिए सेहतमंद हैं या नहीं? अब, भारत सरकार ने हेल्थ ड्रिंक्स के नाम पर बेवरेज बेचने को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है।
दरअसल, बाजार में अब बॉर्नविटा जैसे तमाम ड्रिंक्स ई-कॉमर्स साइट पर हेल्थ ड्रिंक्स के नाम से नहीं बेचे जा सकेंगे। हेल्थ ड्रिंक्स पर उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि बॉर्नविटा और दूसरे बेवरेज को हेल्थ ड्रिंक्स कैटेगरी में नहीं रखा जाए।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को वेबसाइट से बॉर्नविटा सहित सभी बेवरेज को ‘हेल्थ ड्रिंक्स कैटेगरी’ से हटाने को कहा है। एडवाइजरी में बताया गया है कि विभाग के संज्ञान में आया है कि बॉर्नविटा सहित कुछ पेय पदार्थों को ई-कॉमर्स साइटों और प्लेटफार्म्स पर ‘हेल्थ ड्रिंक’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अपनी जांच के बाद पाया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स कानून के तहत ‘हेल्थ ड्रिंक्स’ की कोई परिभाषा नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों और वेबसाइट्स को सलाह दी जाती है कि वे अपने प्लेटफॉर्म्स से बॉर्नविटा सहित बेवरेज को ‘हेल्थ ड्रिंक्स’ की कैटेगरी से हटा दें।
मालूम हो कि एनसीपीसीआर ने चि_ी लिखकर बॉर्नविटा जैसे तमाम हेल्थ ड्रिंक्स और बेवरेज को बच्चों की हेल्थ के लिए नुकसानदेह बताया था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की जांच रिपोर्ट आने के बाद डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने चि_ी लिखकर एडवाइजरी जारी की है।