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अब आपके खातों में सेंध नहीं लगा सकेंगे जालसाज! आरबीआई ने डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए उठाया बड़ा कदम
Posted Date : 08-Feb-2025 10:34:35 pm

अब आपके खातों में सेंध नहीं लगा सकेंगे जालसाज! आरबीआई ने डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए उठाया बड़ा कदम

मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को ऐलान किया कि डिजिटल पेमेंट्स फ्रॉड को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक ‘बैंकडॉटइन’ और ‘फिनडॉटइन’ डोमेन शुरू करेगा। इसमें से ‘बैंकडॉटइन’ भारतीय बैंकों के लिए एक एक्सक्लूसिव इंटरनेट डोमेन होगा, जबकि ‘फिनडॉटइन’ वित्तीय क्षेत्र की गैर-बैंकिंग कंपनियों के लिए होगा।
इस पहल का उद्देश्य साइबर सुरक्षा खतरों और फिशिंग जैसी गतिविधियों को कम करना है और सुरक्षित वित्तीय सेवाओं के लिए माहौल तैयार करना है, जिससे डिजिटल बैंकिंग और भुगतान सेवाओं में लोगों का विश्वास बढ़े और बिना किसी चिंता के आसानी से डिजिटल लेनदेन कर सकें।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इसके लिए इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (आईडीआरबीटी) विशेष रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेगा। वास्तविक पंजीकरण अप्रैल 2025 में शुरू होगा। बैंकों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त वित्तीय क्षेत्र में अन्य गैर-बैंकिंग कंपनियों के लिए एक विशेष डोमेन ‘फिनडॉटइन’ रखने की योजना बनाई गई है।
आरबीआई ने सुरक्षा की एक और परत सुनिश्चित करने के लिए क्रॉस बॉर्डर कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेन में एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन को भी अनिवार्य किया है जैसा कि घरेलू डिजिटल भुगतान करते समय होता है।
डिजिटल भुगतान के लिए एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन (एएफए) की शुरुआत ने लेनदेन की सुरक्षा को बढ़ाया है, जिससे ग्राहकों को डिजिटल भुगतान में विश्वास हुआ है। हालांकि, यह आवश्यकता केवल घरेलू लेनदेन के लिए अनिवार्य है। आरबीआई के अल्टरनेटिव ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म (एएफए) दिशानिर्देशों के अनुसार अधिकांश डिजिटल भुगतानों के लिए ऑथेंटिकेशन की एक अतिरिक्त परत की आवश्यकता होती है। दिशानिर्देशों का उद्देश्य डिजिटल भुगतान की सुरक्षा बढ़ाना है।
लेन-देन के लिए उचित एएफए निर्धारित करने के लिए जारीकर्ता जोखिम-आधारित दृष्टिकोण का उपयोग कर सकते हैं। इस दृष्टिकोण में लेनदेन के मूल्य, उत्पत्ति चैनल और ग्राहक और लाभार्थी के जोखिम प्रोफाइल आदि शामिल हैं।

 

भारत का निर्यात चालू वित्त वर्ष में छू सकता है 800 अरब डॉलर का आंकड़ा
Posted Date : 08-Feb-2025 10:34:14 pm

भारत का निर्यात चालू वित्त वर्ष में छू सकता है 800 अरब डॉलर का आंकड़ा

नई दिल्ली । भारत का निर्यात चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) में 800 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। इसकी वजह देश के सभी सेक्टरों में मजबूत आर्थिक गतिविधि होना है। यह जानकारी सरकार द्वारा दी गई। यूनियन कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर, पीयूष गोयल ने कहा कि निर्यात तेजी से बढ़ रहा है और पिछले चार सालों में इसमें काफी वृद्धि हुई है।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा,हम पहली बार 800 अरब डॉलर से अधिक निर्यात के साथ वित्तीय वर्ष समाप्त करेंगे।
हालांकि, घरेलू स्तर पर उपलब्धता की कमी और उच्च मांग के कारण पेट्रोलियम उत्पाद, कोकिंग कोयला, दालें और खाद्य तेल जैसे कुछ उत्पादों का आयात करना जरूरी हैं। घरेलू खपत बढऩे के साथ आयात में वृद्धि अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।
मंत्री के मुताबिक, उन क्षेत्रों में उत्पादन इकाइयां स्थापित करने और स्थापित करने में कुछ वर्ष लगेंगे।
वैश्विक बाजार में विभिन्न श्रेणियों में भारतीय उत्पादों की मांग बढऩे के कारण, देश का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 778 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह 466 बिलियन डॉलर था, जो कि 67 प्रतिशत की भारी वृद्धि है।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, विश्व व्यापारिक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी भी 1.66 प्रतिशत से बढक़र 1.81 प्रतिशत हो गई, जिससे देश रैंकिंग में 20वें से 17वें स्थान पर पहुंच गया। यह उपलब्धि तब हासिल हुई जब सरकार ने निर्यात वृद्धि को बनाए रखने और तेज करने के लिए कई पहल लागू की हैं।
देश ने शीर्ष 10 वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं में अपनी रैंक बनाए रखने या सुधारने के साथ कई प्रमुख उत्पाद श्रेणियों के निर्यात में तेज वृद्धि दर्ज की है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पर देश के रणनीतिक फोकस के प्रभावशाली परिणाम मिले हैं।

 

फोनपे ग्रुप ने अकाउंट एग्रीगेटर बिजनेस से बाहर निकलने का किया ऐलान
Posted Date : 08-Feb-2025 10:33:37 pm

फोनपे ग्रुप ने अकाउंट एग्रीगेटर बिजनेस से बाहर निकलने का किया ऐलान

नई दिल्ली । फिनटेक क्षेत्र के अग्रणी फोनपे ग्रुप ने शुक्रवार को अकाउंट एग्रीगेटर (एए) बिजनेस से बाहर निकलने का ऐलान किया। इसकी बजाय, वह बाजार में दूसरी एए कंपनियों के साथ साझेदारी करेगा।
फोनपे ग्रुप ने कहा है कि उसने हमेशा सभी भारतीयों के लिए वित्तीय समावेशन पर ध्यान केंद्रित करके उत्पाद तैयार करने की कोशिश की है, जो 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के देश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, हमें विश्वास है कि अकाउंट एग्रीगेटर (एए) इकोसिस्टम को बढ़ावा देना वित्तीय समावेशन को ठीक से आगे बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। साल 2022 तक एए इकोसिस्टम शैशवावस्था में था और शुरुआती चरण में इन्हें अपनाने वालों की संख्या भी कम थी।
जून 2023 में, फोनपे ग्रुप को ‘अपना खुद का अकाउंट एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म बनाने और एए इकोसिस्टम के विकास में तेजी लाने में मदद करने’ के लिए अपना खुद का एए लाइसेंस मिला था।
कंपनी ने बताया, यह केवल अंतिम उपभोक्ता (बी2सी) उत्पादों के निर्माण की हमारी सामान्य रणनीति से अलग था। हमें गर्व है कि हम दो साल से भी कम समय में अपने एए प्लेटफॉर्म पर लगभग पांच करोड़ भारतीयों को पंजीकृत करने में सफल रहे हैं।
हालांकि, प्रतिस्पर्धी प्राथमिकताओं के कारण, हम अपने प्लेटफॉर्म पर जितने वित्तीय सूचना प्रदाताओं (एफआईपी) को जोडऩा चाहते थे, उतना नहीं कर पाए।
कंपनी ने बताया, अच्छी खबर यह है कि आज एए इकोसिस्टम खुद ही फल-फूल रहा है और कई अन्य कंपनियां भी बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। इसलिए, फोनपे ग्रुप ने अकाउंट एग्रीगेटर बिजनेस से बाहर निकलने का फैसला किया है, और इसकी बजाय हम बाजार में अन्य एए के साथ साझेदारी करेंगे।
तदनुसार, कंपनी ने अपना एनबीएफसी-एए लाइसेंस भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सरेंडर करने का फैसला किया है और अपने एए परिचालन को बंद करने की पहल की है।
फोनपे ग्रुप ने कहा, हम अपने एए यूजर बेस तक जल्द ही पहुंचेंगे और उन्हें अपने निर्णय से अवगत कराएंगे तथा नियामक दिशानिर्देशों के अनुसार उनकी मदद करेंगे।

 

स्वास्थ्य बीमाकर्ता वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रीमियम में 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी न करें : आईआरडीएआई
Posted Date : 07-Feb-2025 6:35:14 pm

स्वास्थ्य बीमाकर्ता वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रीमियम में 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी न करें : आईआरडीएआई

नई दिल्ली । भारत में स्वास्थ्य बीमा कंपनियों ने विभिन्न आयु वर्गों के लिए प्रीमियम दरों में भारी बढ़ोतरी की है। कुछ कंपनियों ने तो स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को 200 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इसे देखते हुए, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक उम्र) के लिए बीमा प्रीमियम दरों को हर साल 10 प्रतिशत से अधिक न बढ़ाएं।
बीमा नियामक संस्था ने इस बात पर ध्यान दिया कि कुछ बीमा उत्पादों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रीमियम दरें बहुत अधिक बढ़ाई जा रही हैं। चूंकि वरिष्ठ नागरिकों की आय सीमित होती है और वे बढ़े हुए प्रीमियम से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, इसलिए आईआरडीएआई ने यह निर्देश जारी किया है।
आईआरडीएआई ने निर्देश दिया है कि अगर किसी बीमा कंपनी को 10 प्रतिशत से अधिक प्रीमियम बढ़ाना हो, तो उन्हें पहले आईआरडीएआई से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा, कोई भी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा योजना वापस लेने से पहले भी बीमा कंपनियों को आईआरडीएआई से सलाह-मशविरा करना अनिवार्य होगा।
नए निर्देशों में बीमा कंपनियों को यह भी कहा गया है कि वे अधिक से अधिक अस्पतालों को अपने नेटवर्क में शामिल करें और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की तर्ज पर अस्पतालों के साथ पैकेज दरों को तय करें। इस योजना के तहत, अस्पतालों में इलाज के शुल्क को पहले से तय किया जाता है ताकि सभी को एक समान दर पर इलाज मिले।
आईआरडीएआई का यह कदम बीमा कंपनियों और पॉलिसीधारकों, दोनों के हितों को संतुलित करने के लिए उठाया गया है।
इसके अलावा, जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी घटाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। माना जाता है कि अगर बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कम किया जाता है, तो इससे बीमा कंपनियों और पॉलिसीधारकों, दोनों का कर भार कम होगा।
बीमा से जुड़े विभिन्न मामलों पर जीएसटी दरों को लेकर मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस विषय पर चर्चा होगी और बीमा प्रीमियम पर मिलने वाली छूट की समीक्षा की जाएगी।

 

कौन थे ये ‘अनजान’ शख्स, जिसके लिए 500 करोड़ छोड़ गए रतन टाटा? वसीयत ने सबको चौंकाया
Posted Date : 07-Feb-2025 6:34:54 pm

कौन थे ये ‘अनजान’ शख्स, जिसके लिए 500 करोड़ छोड़ गए रतन टाटा? वसीयत ने सबको चौंकाया

नई दिल्ली । उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत में एक नाम ने सबको चौंका दिया है। इस वसीयत में जमशेदपुर के मोहिनी मोहन दत्ता को 500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मिलने का उल्लेख है। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह राशि रतन टाटा की कुल संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा है।
मोहिनी मोहन दत्ता, जो टाटा परिवार का हिस्सा नहीं हैं, एक अज्ञात व्यक्ति हैं, जिससे वसीयत में उनके नाम का उल्लेख आश्चर्यजनक है। बताया जाता है कि दत्ता और रतन टाटा की पहली मुलाकात 1960 के दशक की शुरुआत में जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई थी, जिसने दत्ता के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाया। उस समय रतन टाटा 24 वर्ष के थे, जबकि दत्ता अब 80 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।
दत्ता ने अपने करियर की शुरुआत ताज ग्रुप के साथ की थी और बाद में स्टैलियन ट्रेवल एजेंसी नामक अपना उद्यम शुरू किया। 2013 में स्टैलियन ट्रेवल एजेंसी का ताज ग्रुप ऑफ होटल्स की इकाई ताज सर्विसेज में विलय हो गया।
वसीयत में दत्ता के नाम के खुलासे से कई लोगों को आश्चर्य हुआ है क्योंकि वह टाटा परिवार से संबंधित नहीं हैं। फिलहाल, मोहिनी दत्ता या टाटा परिवार की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। वसीयत के अनुसार संपत्ति का वितरण उच्च न्यायालय के प्रमाणीकरण के बाद ही किया जा सकेगा, जिसमें लगभग छह महीने लगने का अनुमान है।

 

गुड न्यूज : लोन सस्ता होगा, ईएमआई भी घटेगी; आरबीआई ने 5 साल बाद घटाई ब्याज दर
Posted Date : 07-Feb-2025 6:34:39 pm

गुड न्यूज : लोन सस्ता होगा, ईएमआई भी घटेगी; आरबीआई ने 5 साल बाद घटाई ब्याज दर

नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को रेपो रेट में 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की कमी करने का ऐलान किया। रेपो रेट में कमी आ सीधा असर लोन की ब्याज दरों पर होता है और होम लोन से लेकर कार लोन तक सस्ते होते हैं।
आरबीआई द्वारा बीते पांच वर्षों में पहली बार रेपो रेट को घटाया गया है। इससे पहले मई 2020 में रेपो रेट को घटाकर 4 प्रतिशत किया गया है। रेपो रेट की समीक्षा के लिए 5 फरवरी से लेकर 7 फरवरी तक आरबीआई एमपीसी की बैठक हुई थी, जिसके निर्णय का ऐलान आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा किया गया।
मल्होत्रा ने कहा कि एमपीसी के फैसलों का देश के सभी नागरिकों पर असर होगा। यह बिजनेस, अर्थशास्त्री और सभी पार्टी के लिए जरूरी है। साथ ही बताया कि महंगाई लक्ष्य के अनुरूप बनी हुई है और इसमें कमी आ सकती है। रेपो रेपो में 0.25 प्रतिशत की कमी के बाद यह 6.25 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि पहले 6.50 प्रतिशत थी।
आरबीआई की ओर से बताया गया कि वित्त वर्ष 25 में खुदरा महंगाई दर 4.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है, जो कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रह सकती है। सामान्य मानसून के कारण खुदरा महंगाई वित्त वर्ष 26 में 4.2 प्रतिशत पर रह सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रह सकती है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि वित्त वर्ष 25 में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत पर रह सकती है। वहीं, वित्त वर्ष 26 में जीडीपी विकास दर 6.7 प्रतिशत रह सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 6.7 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.5 प्रतिशत रह सकती है।