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जोमैटो ने अनिवार्य प्लेटफॉर्म शुल्क बढ़ाकर पांच रुपये किया
Posted Date : 22-Apr-2024 1:21:12 pm

जोमैटो ने अनिवार्य प्लेटफॉर्म शुल्क बढ़ाकर पांच रुपये किया

नई दिल्ली  । ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने अपना प्लेटफॉर्म शुल्क 25 फीसदी बढ़ाकर पांच रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया है।
ज़ोमैटो ने पिछले साल अगस्त में दो रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क शुरू किया था और बाद में इसे बढ़ाकर तीन रुपये कर दिया था।
नए साल की पूर्व संध्या पर रिकॉर्ड खाद्य ऑर्डरों से उत्साहित होकर उसने जनवरी में प्रमुख बाजारों में अपने अनिवार्य प्लेटफ़ॉर्म शुल्क को तीन रुपये प्रति ऑर्डर से बढ़ाकर चार रुपये कर दिया।
नया प्लेटफ़ॉर्म शुल्क ज़ोमैटो गोल्ड सहित सभी ग्राहकों पर लगाया गया है।
इस बीच, कंपनी ने अपनी इंटर-सिटी फूड डिलीवरी सेवा इंटरसिटी लीजेंड्स को निलंबित कर दिया है।
ज़ोमैटो ऐप पर लीजेंड्स टैब पर संदेश लिखा आ रहा है, सुधार चल रहा है। कृपया बने रहें क्योंकि हम जल्द ही आपकी सेवा में वापस आएंगे।
पिछले हफ्ते, ज़ोमैटो को 11.81 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मांग और जुर्माने का आदेश मिला। इसमें जुलाई 2017-मार्च 2021 की अवधि के लिए 5.9 करोड़ रुपये की जीएसटी मांग और 5.9 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है।

 

रुपया ही नहीं अन्य करेंसी भी... वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया रुपये की कमजोरी का कारण
Posted Date : 21-Apr-2024 9:15:42 pm

रुपया ही नहीं अन्य करेंसी भी... वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया रुपये की कमजोरी का कारण

नई दिल्ली । डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। गुजरात के अहमदाबाद में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था और डॉलर की स्थिति मजबूत होती है, तो उसके मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव आता है। वित्त मंत्री ने कहा, इसके विपरीत, येन और यूरो के मुकाबले रुपया; हमारी आर्थिक स्थिति, विदेशी मुद्रा भंडार, मुद्रास्फीति, और आर्थिक मजबूती को देखते हुए स्थिर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले, न सिर्फ रुपया बल्कि अन्य मुद्राओं में उतार-चढ़ाव और अधिक है। वैश्विक परिवेश में अनिश्चितता बढ़ रही है। ईरान और इस्राइल के बीच तनाव बढऩे से पश्चिम एशिया में चुनौतीपूर्ण हालात बने हैं। यही वह क्षेत्र है जहां से सिर्फ हमारी ही नहीं पूरी दुनिया का क्रूड ऑयल निकलता है, इससे ग्लोबल इकोनॉमी में उतार-चढ़ाव बढ़ा है। भारत को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने की हो रही कोशिश
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की ओर से अपनी भारत यात्रा स्थगित करने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र ने भारत को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए नीतियां तैयार की हैं और इसका मकसद न केवल घरेलू बाजार बल्कि निर्यात के लिए भी उत्पादन करना है।
उन्होंने कहा, निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियां बनाई गई हैं। हम चाहते हैं कि विनिर्माता और निवेशक यहां आएं और न केवल भारत के लिए नहीं बल्कि निर्यात के लिए भी उत्पादन करें। हम नीतियों के जरिये विनिर्माणकर्ताओं और निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे। टेस्ला के सीईओ मस्क ने शनिवार को कहा कि कंपनी की भारी जिम्मेदारियों के कारण उनकी भारत यात्रा में देरी हो रही है।
वित्त मंत्री ने कहा, जब बड़ी कंपनियां भारत आने में दिलचस्पी दिखाएंगी तो हम उनके लिए यहां आकर निवेश करना आकर्षक बनाने की हर संभव कोशिश करेंगे। उस प्रक्रिया में, यदि चर्चा करने के लिए कुछ है, तो हम निश्चित रूप से चर्चा करेंगे। लेकिन हमने जो कुछ किया है, उसे नीतियों के तहत से किया है। 
उन्होंने कहा कि जब चीन प्लस वन कई उद्योग विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बना तो केंद्र सरकार के दृष्टिकोण से मदद मिली। उन्होंने कहा कि नीतियों को इस तरह से तैयार किया गया जिससे भारत को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के लिए एक आकर्षक स्थान बनाया जा सके। 
मोदी सरकार के दौरान एक महीने को छोडक़र कभी महंगाई ने टॉलरेंस बैंड के पार नहीं गई
महंगाई पर वित्त मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान एक महीने को छोडक़र कभी भी महंगाई ने टॉलरेंस की बैंड की ऊपरी सीमा को पार नहीं किया जबकि उससे पहले (2014 से पहले) अर्थव्यवस्था बुरी हालत में थी और महंगाई दहाई अंक में थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, उस समय (2014 से पहले) किसी को देश से कोई उम्मीद नहीं थी। बहुत कठिन परिश्रम के बाद, हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरे हैं और विश्वास के साथ कह रहे हैं कि हम अगले दो से ढाई साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। 
देश में रोजगार के मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने कही यह बात
रोजगार के मुद्दे पर सीतारमण ने कहा कि औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों से सटीक आंकड़ों का अभाव है लेकिन केंद्र की पहल से लाखों नौकरियां सुनिश्चित हुई हैं। उन्होंने कहा, डेटा अपर्याप्त है। मैं इस पर गर्व नहीं कह रही हूं बल्कि इसकी कमजोरी को स्वीकार करते हुए यह कह रही हूं। रोजगार के बारे में मैं इतना ही कह सकती हूं कि लोगों और स्टार्टअप्स को अलग-अलग योजनाओं के जरिए जो पैसा (करोड़ों में ) दिया गया है... लोगों को उससे मदद मिली है। अक्टूबर 2022 से नवंबर 2023 के बीच रोजगार मेलों के जरिए मोदी सरकार ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी है।
बड़ी कंपनियों को माल या सेवाएं प्राप्त करने के 45 दिनों के भीतर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को भुगतान करने के नियम के बारे में पूछे जाने पर, सीतारमण ने कहा कि यह कानून 2007-08 से अस्तित्व में है और नया नहीं है।
इससे पहले उन्होंने विकसित भारत-2047 विषय पर गुजरात के उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) के तहत कुल पूंजी का 28 प्रतिशत इस राज्य में आया है, राज्य ने पिछले 10-12 वर्षों में उल्लेखनीय सतर्कता दिखाई है। 
भारत के लिए सेमीकंडक्टर विनिर्माण गुजरात में पहले स्थान पर आता है, जिसके पास विकसित भारत 2047 के लिए विनिर्माण की सरकारी नीति और पारिस्थितिकी तंत्र तैयार है। गांधीनगर के गिफ्ट सिटी स्थित आईएफएससी गुजरात में सेवाओं के विकास के लिए एक बड़ा प्रवेश द्वार है। उन्होंने यह भी कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई आकर्षित करने में भी गुजरात तीसरे स्थान पर है।

 

हांगकांग, सिंगापुर ने दी चेतावनी, एमडीएच और एवरेस्ट मसालों में कैंसर पैदा करने वाले तत्व
Posted Date : 21-Apr-2024 9:15:23 pm

हांगकांग, सिंगापुर ने दी चेतावनी, एमडीएच और एवरेस्ट मसालों में कैंसर पैदा करने वाले तत्व

नई दिल्ली । हांगकांग और सिंगापुर में खाद्य नियामकों ने लोगों को दो बड़े मसाला ब्रांडों के चार प्रोडक्ट - एमडीएच के तीन और एवरेस्ट के एक - का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी है। इसमें इथिलीन ऑक्साइड की मात्रा काफी अधिक है, जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है।
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने एथिलीन ऑक्साइड को समूह 1 कार्सिनोजेन के रूप में क्लासीफाई किया है।
5 अप्रैल को अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में हांगकांग के खाद्य नियामक प्राधिकरण सेंटर फॉर फूड सेफ्टी (सीएफएस) ने कहा कि एमडीएच के तीन मसाला प्रोडक्ट - मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला और करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर के अलावा एवरेस्ट के फिश करी मसाला में कीटनाशक, एथिलीन ऑक्साइड है।
एमडीएच और एवरेस्ट फूड्स दोनों ने अभी तक खाद्य नियामकों के दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
अपने नियमित जांच के तहत, सीएफएस ने हांगकांग में तीन खुदरा दुकानों से उत्पाद लिए। सीएफएस प्रवक्ता ने कहा, परीक्षण के नतीजों से पता चला कि नमूनों में कीटनाशक, एथिलीन ऑक्साइड था।
नियामक ने विक्रेताओं को बिक्री रोकने और उत्पादों को हटाने का निर्देश दिया। इसमें कहा गया है कि उत्पादों को वापस मंगाना शुरू कर दिया गया है।
सीएफएस प्रवक्ता ने कहा, मानव उपभोग के लिए कीटनाशक युक्त भोजन केवल तभी बेचा जा सकता है जब भोजन की खपत स्वास्थ्य के लिए खतरनाक या प्रतिकूल न हो। इसके लिए अधिकतम 50,000 डॉलर का जुर्माना और दोषी पाए जाने पर छह महीने की कैद हो सकती है।
सीएफएस ने कहा कि जांच जारी है और उचित कार्रवाई की जा सकती है।
उधर सिंगापुर खाद्य एजेंसी (एसएफए) ने भी एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक होने के कारण एवरेस्ट फिश करी मसाला को वापस लेने का आदेश दिया।
एसएफए ने कहा, हालांकि एथिलीन ऑक्साइड के निम्न स्तर वाले खाद्य पदार्थ खाने से तत्काल कोई खतरा नहीं है, लंबे समय तक संपर्क में रहने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जितना संभव हो उतना कम उपयोग किया जाना चाहिए।
इसने उत्पादों को खरीदने वाले लोगों को इसका सेवन न करने की भी सलाह दी, और जिन लोगों को उपभोग के बाद अपने स्वास्थ्य के बारे में चिंता है, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, एथिलीन ऑक्साइड मनुष्यों में कैंसर का कारण बनता है।

 

रत्न और आभूषणों का निर्यात पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 12.17 प्रतिशत घटा
Posted Date : 21-Apr-2024 9:15:03 pm

रत्न और आभूषणों का निर्यात पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 12.17 प्रतिशत घटा

नई दिल्ली । रत्न और आभूषण निर्यात पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2023-24 के दौरान 12.17 प्रतिशत घटकर 2,65,187.95 करोड़ रुपये (32,022.08 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रह गया। रत्न व आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के आंकड़ों से पता चला है कि इसका अमेरिका में उच्च ब्याज दर और चीन की इकोनॉमी में धीमी रिकवरी है। जीजेईपीसी के अध्यक्ष विपुल शाह ने पीटीआई से कहा, स्नङ्घ23 में रत्न और आभूषण निर्यात 3,01,925.97 करोड़ रुपये (स्ष्ठ 37,646.17 मिलियन) था। उन्होंने कहा, पिछला वित्त वर्ष सभी उत्पाद श्रेणियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा। यह स्थिति मुख्य रूप से उच्च ब्याज दरों के कारण अमेरिका में मंदी के कारण बनी, जो इस सेगमेंट में निर्यात के लिहाज से भारत के लिए सबसे बड़ा बाजार है। कोविड-19 के बाद चीन के बाजार में सुधार की गति धीमी है।
आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष के 1,76,716.06 करोड़ रुपये (22,046.9 मिलियन अमरीकी डालर) की तुलना में वित्त वर्ष 24 के दौरान कट और पॉलिश किए गए हीरे का कुल निर्यात 25.23 प्रतिशत घटकर 1,32,128.29 करोड़ रुपये (15,966.47 मिलियन अमरीकी डालर) हो गया।

 

अदाणी पोर्ट्स ने अधिग्रहण के बाद कैसे देश के बंदरगाहों की विकास क्षमता का किया इस्तेमाल
Posted Date : 20-Apr-2024 12:32:06 pm

अदाणी पोर्ट्स ने अधिग्रहण के बाद कैसे देश के बंदरगाहों की विकास क्षमता का किया इस्तेमाल

नई दिल्ली  । देश के सबसे बड़े निजी पोर्ट ऑपरेटर अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि उसने (अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाहों सहित) वित्त वर्ष 2023-24 में 42 करोड़ टन कार्गो हैंडल किया जो कंपनी की यात्रा में एक नया मील का पत्थर है।
वर्ष दर वर्ष आधार पर यह 24 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि है, जिसमें घरेलू बंदरगाहों ने 40.8 करोड़ टन से ज्यादा का योगदान दिया।
कंपनी को पहली बार 10 करोड़ टन वार्षिक कार्गो थ्रूपुट हासिल करने में 14 साल लगे। वहीं, 20 करोड़ टन का आंकड़ा हासिल करने में अगले पांच साल तथा 30 करोड़ टन तक पहुंचने में तीन साल और लगे।
विशेष रूप से, नवीनतम 10 करोड़ टन का आंकड़ा दो साल से भी कम समय में हासिल किया गया है।
यह प्रभावशाली उपलब्धि कैसे हासिल हुई?
एपीएसईजेड पिछले कुछ वर्षों में एकीकृत बंदरगाह इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाओं के प्रदाता के रूप में उभरा है, जिसमें से गुजरात का मुंद्रा एसईजेड एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
आठ हजार हेक्टेयर से अधिक में फैला मुंद्रा इकोनॉमिक हब सबसे बड़े बहु-उत्पाद एसईजेड, मुक्त व्यापार एवं वेयरहाउसिंग क्षेत्र (एफटीडब्ल्यूजेड) और घरेलू औद्योगिक क्षेत्र के रूप में निवेश के विकल्प प्रदान करता है।
एपीएसईजेड के पहले बंदरगाह मुंद्रा पर 1998 में पहला जहाज आया था। तब से, कंपनी ने देश के पूर्वी और पश्चिमी तटों पर 15 बंदरगाहों और टर्मिनलों का एक नेटवर्क बनाया है।
एपीएसईजेड वर्तमान में देश में सबसे बड़ा वाणिज्यिक पोर्ट ऑपरेटर है, जो देश की कार्गो आवाजाही में लगभग एक-चौथाई की हिस्सेदारी रखता है। देश के भीतरी हिस्सों में व्यापक कनेक्टिविटी के साथ गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा के सात समुद्र तटीय राज्यों में घरेलू बंदरगाहों पर इसकी उपस्थिति काफी विस्तृत है।
बंदरगाहों पर सुविधाएं नवीनतम कार्गो-हैंडलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस हैं जो न केवल श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ है बल्कि भारतीय तटों पर आने वाले सबसे बड़े जहाजों को हैंडल करने में भी सक्षम है।
कंपनी के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, पूरे भारत के एक-चौथाई से अधिक कार्गो वॉल्यूम को एपीएसईजेड बंदरगाहों के माध्यम से भेजा गया था।
एपीएसईजेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी के अनुसार, नवीनतम 10 करोड़ टन का आंकड़ा दो साल से भी कम समय में हासिल किया गया है। यह परिचालन दक्षता बढ़ाने और उद्योग में शीर्ष बंदरगाह ऑपरेटर के रूप में हमारी स्थिति बनाए रखने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता और जारी प्रयासों का एक प्रमाण है।
ओडिशा के भद्रक जिले में धामरा बंदरगाह इस क्षेत्र में ड्राई कार्गो शिपमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। दस साल पहले यह केवल 1.4 करोड़ टन कार्गो हैंडल करता था लेकिन आज इसकी क्षमता 4.2 करोड़ टन से अधिक हो गई है।
इस बंदरगाह पर केपसाइज जहाज (सबसे बड़े ड्राई कार्गो शिप) भी लंगर डाल सकते हैं, और ओडिशा, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल के उद्योगों को आपूर्ति प्रदान कर सकता है।
धामरा में 50 लाख टन क्षमता का तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल भी है जो असम, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है।
कृष्णापट्टनम बंदरगाह अंतर्राष्ट्रीय मानकों का एक हर मौसम में ऑपरेट करने वाला, विश्व स्तरीय गहरे पानी का बंदरगाह है। यह पूरे वर्ष चौबीसों घंटे केपसाइज जहाजों को हैंडल करने में सक्षम है। इसमें अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, मशीनीकृत हैंडलिंग सिस्टम और समर्पित भंडारण यार्ड हैं जो थोक और ब्रेक बल्क कार्गो के लिए स्वच्छ और संदूषण मुक्त हैंडलिंग सुविधाएं प्रदान करते हैं।
इसकी वर्तमान क्षमता 7.5 करोड़ टन है, जो चार साल पहले 6.4 करोड़ टन के मुकाबले उल्लेखनीय वृद्धि है।
पुडुचेरी में कराईकल बंदरगाह बिजली संयंत्रों और सीमेंट कारखानों के पास है। वित्त वर्ष 2022-23 में इसने लगभग एक करोड़ टन कार्गो हैंडल किया और 2023-24 में यह आंकड़ा 1.3 करोड़ टन तक पहुंच गया। आठ बंदरगाहों - मात्रा के हिसाब से पोर्टफोलियो का 84 प्रतिशत - ने वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी के लिए दोहरे अंक की वृद्धि प्रदान की।
दहेज बंदरगाह खंभात की खाड़ी में स्थित एक गहरे पानी वाला, मल्टी-कार्गो बंदरगाह है। यह रणनीतिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्गों पर स्थित है और गुजरात, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश के घने औद्योगिक केंद्रों तक आसान पहुंच प्रदान करता है।
यह इसे भारत के उत्तरी और पश्चिमी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में काम करने वाले कार्गो हब के लिए पसंदीदा बंदरगाह बनाता है।
प्रमुख बंदरगाह मुंद्रा एक ही महीने (अक्टूबर 2023) में 1.6 करोड़ टन कार्गो को हैंडल वाला देश का पहला बंदरगाह बन गया। वास्तव में, मुंद्रा बंदरगाह से मिली सीख को कंपनी के स्वामित्व वाले अन्य सभी बंदरगाहों पर दोहराया गया है।

 

जनवरी-मार्च तिमाही में विप्रो का मुनाफा आठ फीसदी घटकर 2,835 करोड़ रुपये रहा
Posted Date : 20-Apr-2024 12:31:34 pm

जनवरी-मार्च तिमाही में विप्रो का मुनाफा आठ फीसदी घटकर 2,835 करोड़ रुपये रहा

बेंगलुरु  । वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में आईटी सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो का शुद्ध मुनाफा 7.80 प्रतिशत घटकर 2,834.6 करोड़ रुपये रह गया। इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में कंपनी को 3,074.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि गत 31 मार्च को समाप्त तिमाही में कंपनी का राजस्व 4.18 प्रतिशत गिरकर 22,208.3 करोड़ रुपये हो गया। बेंगलुरु स्थित कंपनी ने एक साल पहले इसी तिमाही में 23,190.3 करोड़ रुपये का समेकित राजस्व दर्ज किया था।
कंपनी का आईटी सेवा क्षेत्र का राजस्व 265.74 करोड़ डॉलर रहा, जो क्रमिक रूप से 0.1 प्रतिशत की वृद्धि और एक साल पहले की तुलना में 6.4 प्रतिशत की कमी है।
शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि स्वैच्छिक नौकरी छोडऩे की दर 14.2 प्रतिशत थी। चौथी तिमाही में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 6,180 और पूरे साल के दौरान 24,516 की कमी आई।
कंपनी ने अनुमान लगाया है कि 30 जून को समाप्त होने वाली तिमाही में स्थिर मुद्रा के संदर्भ में 1.5 प्रतिशत की से 0.5 प्रतिशत की बढ़त तक हो सकती है।
विप्रो के सीईओ श्रीनि पल्लिया ने कहा कि 2023-24 आईटी उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष साबित हुआ और व्यापक आर्थिक माहौल अनिश्चित बना हुआ है, हालांकि, मैं आगे आने वाले अवसरों को लेकर आशावादी हूं।
पल्लिया ने कहा कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ अपने ग्राहकों की जरूरतों को बदलने के साथ एक प्रमुख तकनीकी बदलाव की राह पर है क्योंकि वे प्रतिस्पर्धी लाभ और उन्नत व्यावसायिक मूल्य के लिए इसकी शक्ति का उपयोग करना चाहते हैं।
पल्लिया ने कहा, हमारे पास हमारे लक्ष्यों को साकार करने में मदद करने के लिए दुनिया भर में 2,30,000 से अधिक विप्रोइट्स की क्षमताएं, नेतृत्व और ताकत है। हालांकि हमें काफी काम करना है, मुझे विश्वास है कि अपने सामूहिक प्रयास के साथ मिलकर हम विकास के अगले अध्याय का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
पल्लिया ने इसी महीने कंपनी की बागडोर संभाली है। उनके पूर्ववर्ती थिएरी डेलापोर्टे ने अचानक सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसी खबरें आ रही थीं कि विप्रो के प्रवर्तक उनके प्रदर्शन से खुश नहीं थे।