बरेली । एनएएसी द्वारा मान्यता प्राप्त इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी ने छात्रों के करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक पहल की शुरुआत की है। विश्वविद्यालय ने माइक्रोसॉफ्ट और एडोब सर्टिफिक़ेशन परीक्षा अपने कैंपस पर ही आयोजित करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि छात्र अब अपनी सर्टिफिक़ेशन परीक्षा पास करने के लिए दूर-दराज के केंद्रों पर जाने की बजाय अपने ही कैंपस में ही यह सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। ये सर्टिफिक़ेशन न केवल छात्रों को ग्लोबली मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र देंगे, बल्कि उनके करियर को भी नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। इसके साथ ही, इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी ने डिजिटल शिक्षा में और अधिक सुधार के लिए साझेदारी की है। इसके तहत, छात्रों को 16,000 से ज्यादा कोर्सेज़ का मुफ्त एक्सेस मिलेगा। ये कोर्सेज़ उन्हें महत्वपूर्ण और आधुनिक स्किल्स सिखाने में मदद करेंगे, जिनकी मांग आज के करियर बाजार में है। वहीं छात्रों को पर्सनलाइज्ड कोर्स रिकमेंडेशन भी मिलेगी, जिससे वे अपने करियर के लिए सबसे उपयुक्त स्किल्स हासिल कर सकेंगे। और सबसे खास बात यह है कि, छात्र अपने नए कौशल को प्रदर्शित कर सकते हैं, जिससे नौकरी पाने के उनके चांसेस और बढ़ेंगे। इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी के साथ अब तक 6,000 से ज्यादा छात्रों की प्लेसमेंट्स हो चुकी हैं। इसके अलावा, छात्र दुबई, मॉरीशस, फ्रांस, स्वीडन जैसे देशों में पेड इंटर्नशिप के अवसरों का लाभ भी उठा सकते हैं।
इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में छात्रों का समग्र विकास किया जाता है, जहां शिक्षा, उद्योग से जुड़े अनुभव, वैश्विक संपर्क और कौशल विकास को मिलाकर एक उत्कृष्ट शैक्षिक वातावरण प्रदान किया जाता है। यदि आप भी इस अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं और अपने करियर को नई दिशा देना चाहते हैं, तो 2025 सत्र के लिए प्रवेश खुले हैं। अब देर किस बात की? इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी से जुड़ें और अपने उज्जवल भविष्य की शुरुआत आज ही करें!
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे परीक्षा पे चर्चा में देशभर के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद किया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ कुछ अन्य विशेषज्ञ और कई मशहूर हस्तियां भी शामिल रही। इस दौरान एक छात्रा ने पीएम से पूछा कि परीक्षा में अच्छे अंक नहीं आए तो हमारा फ्यूचर अच्छा नहीं होगा। इसपर एक पीएम ने कहा कि जिंदगी में मार्क्स मायने नहीं रखते। पीएम ने कहा कि यह हमारे समाज में घुस गया है कि अगर स्कूल में इतने नंबर नहीं आए तो जिन्दगी तबाह हो जाएगी। इस समय माता-पिता को तो समझा नहीं सकते। इसके लिए अब आपको खुदको तैयार करना है।
पीएम मोदी ने छात्रों को सेहत पर टिप्स देते हुए किसानों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि खाना किसानों की तरह खाना चाहिए। इसे समझाते हुए उन्होंने कहा कि किसान सुबह के वक्त पेटभर के खाना खाते हैं। उन्होंने सेहत पर टिप्स देते हुए किसानों का जिक्र किया। फिर खेत में चले जाते हैं, वहां कुछ हल्का-फुल्का खा लेते हैं फिर सूर्यास्त से पहले घर आकर खाना खाते हैं।
पीएम ने कहा कि सामने वाले को गलती ठीक करने से पहले उसकी अच्छाई के बारे में बताइए। अगर आप डायरेक्ट बोलोंगे तो उसे लगेगा कि सिर्फ मुझे ही क्यों कहा। पीएम ने कहा कि कोई भी उम्र क्यों ना हो, हमेशा लिखने की आदत होनी चाहिए। दैसे कविताएं लिखने वाली अपने विचारों को बांधते हैं। जैसे टीचर्स एग्जाम से पहले प्रश्न और उत्तर लिखवाते हैं। इसी तरह टीचर का काम है बच्चे की ताकत को पहचानना।
पीएम ने आगे कहा कि हर छात्र के पास 24 घंटे हैं। कुछ लोग इतने में बहुच अच्छा काम कर रहे हैं। कुछ लोगों को लगता है कि कुछ हुआ ही नहीं। इसका कारण है मेनेजमेंट ना होना। उनको नहीं पता कि समय का उपयोग कैसे करना है। सबसे पहले समय पर सोचना है कि मैं अपने समय का अच्छा उपयोग कैसे करूं। कागज पर अपना टाइमटेबल लिख लीजिए कि कल ये काम करने हैं और अगले दिन फिर मार्क कीजिए कि काम हुआ या नहीं। एग्जाम में मन को कैसे शांत रखें इसपर पीएम ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि आप खुदको नहीं जानते हैं। सब बच्चे ऐस ही बात करते हैं कि यार कल पढ़ा नहीं पाया। कल मूड ठीक नहीं था। अगर ऐसा बोलेंगे बार-बार तो मन स्थित कैसे रहेगा। जो कर रहे हैं उसी पर ध्यान दें।
नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले हफ्ते में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा, जो जांच के लिए संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति के पास जाएगा।
आम आदमी के हाथ में अधिक पैसा छोडऩे और नियमों के सरलीकरण के लिए लाया जा रहे नए इनकम टैक्स बिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई है।
बजट के बाद की बैठक में रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जब सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और संसद इसे पारित कर देगी, तब सरकार तय करेगी कि नया कानून कब लागू किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इसे आने वाले हफ्ते में लोकसभा में पेश किया जाएगा। प्रक्रिया यह है कि समिति अपनी सिफारिश देती है, वह वापस आती है और फिर सरकार कैबिनेट के माध्यम से निर्णय लेती है कि क्या ये संशोधन किए जाने हैं।
उन्होंने आगे कहा, इसके बाद ही यह फिर से संसद में जाता है। एक बार जब संसद पारित हो जाता है, तब वे निर्णय लेते हैं कि इसे कब लागू करना सबसे अच्छा रहेगा।
कैबिनेट द्वारा नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दिए जाने से पहले इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा था कि केंद्रीय बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा 12 लाख रुपये तक बढ़ाए जाने के बाद कर आधार में कमी को देखते हुए, नया कानून संभवत: कर दायरे को बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।
सूत्रों का कहना है कि मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 में लागू हुआ था। नया इनकम टैक्स बिल 21वीं सदी के मुताबिक होगा और मौजूदा कानून को रिप्लेस करेगा।
सूत्रों की मानें तो नए इनकम टैक्स बिल में सरकार ने भाषा को सरल बनाने पर काम किया है। दरअसल अभी जो इनकम टैक्स एक्ट है उसमें एक कोट में किसी चीज की व्याख्या अलग होती है, दूसरे में अलग। यानी यह कानून पूरी तरह से खिचड़ी की तरह बन गया है।
इस बिल के सरलीकरण को ऐसे समझा जा सकता है कि पुराने आयकर कानून में लगभग 6 लाख के करीब शब्द हैं जो इस नए बिल में 3 लाख के करीब रह जाएंगे और यह करदाताओं को समझने के लिए भी आसान होगा।
गुवाहाटी । टाटा मोटर्स ने पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएफएफ) को लॉन्च किया। इसकी वार्षिक क्षमता समाप्त हो चुके 15,000 वाहनों को सुरक्षित रूप से नष्ट करने की है। इसमें कार को नष्ट करने के लिए टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति जागरूक प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाएगा।
इस सुविधा को टाटा मोटर्स के साझेदार एक्सोम प्लैटिनम स्क्रैपर्स द्वारा संचालित किया जाएगा है और यह सभी ब्रांडों के यात्री और वाणिज्यिक वाहनों को स्क्रैप करने के लिए सक्षम है।
गुवाहाटी में शुरू हुई टाटा मोटर्स की यह सातवीं स्क्रैप सुविधा है। इससे पहले कंपनी जयपुर, भुवनेश्वर, सूरत, चंडीगढ़, दिल्ली-एनसीआर और पुणे में भी कंपनी स्क्रैप सुविधा को शुरू कर चुकी है।
राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने कहा, इस उन्नत वाहन रीसाइक्लिंग सुविधा के शुभारंभ से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही हमारे राज्य और समुदायों की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा नई स्क्रैपिंग सुविधा से समाप्त हो चुके वाहनों का सुरक्षित निपटान भी सुनिश्चित होगा। कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और स्वच्छ पर्यावरण में योगदान मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा, असम में इस स्मार्ट सुविधा को खोलने के लिए मैं टाटा मोटर्स को धन्यवाद देता हूं।
टाटा मोटर्स ने क्षेत्र में जिम्मेदार वाहन स्क्रैपिंग को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने बताया, हम सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और ऐसी प्रैक्टिस को आगे बढ़ा रहे हैं जो स्थिरता का समर्थन करती हैं। सात राज्यों में हमारे आरवीएसएफ के नेटवर्क के साथ, हम अब सालाना 100,000 से ज्यादा समाप्त हो चुके वाहनों को नष्ट कर सकते हैं।
प्रत्येक सुविधा पूर्णत: डिजिटल है तथा इसका संचालन निर्बाध एवं कागज रहित है।
टाटा मोटर्स एक ग्लोबल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर है। कंपनी के पोर्टफोलियो में टाटा के अलावा जेगुआर और लैंड रोवर जैसे ब्रांड शामिल है। कंपनी कारों के अलावा यूटिलिटी वाहन, पिक-अप ट्रक, बस, स्मार्ट और ई-मोबिलिटी सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है।
नई दिल्ली । भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के नतीजे पेश किए। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 11,008 करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले साल की समान तिमाही में 9,468.99 करोड़ रुपये था।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में कंपनी का कर के बाद मुनाफा 29,138 करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 26,913 करोड़ रुपये पर था। यह सालाना आधार पर 8.27 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में कंपनी ने 3,40,563 करोड़ रुपये का कुल प्रीमियम एकत्रित किया है। इसमें सालाना आधार पर 5.51 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कंपनी का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) सालाना आधार पर 10.29 प्रतिशत बढक़र 54,77,651 करोड़ रुपये हो गया है।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में एलआईसी की नए बिजनेस प्रीमियम आय (व्यक्तिगत) सालाना आधार पर 9.73 प्रतिशत बढक़र 42,441 करोड़ रुपये हो गई है।
एलआईसी के सीईओ और एमडी सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, हमारा ध्यान और रणनीति एक गतिशील वातावरण में अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने उत्पाद और चैनल मिश्रण को बदलने की दिशा में लगातार बना हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में वैल्यू ऑफ न्यू बिजनेस (वीएनबी) मार्जिन सुधरकर 17.1 प्रतिशत हो गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 16.6 प्रतिशत था। इस दौरान वैल्यू ऑफ न्यू बिजनेस 6,477 करोड़ रुपये रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 5,938 करोड़ रुपये थी।
मोहंती ने आगे कहा कि अब तक 1.25 लाख से अधिक महिलाओं को बीमा सखी योजना में पंजीकृत किया गया है और 70,000 से अधिक को बीमा सखी के रूप में नियुक्त किया गया है।
मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को ऐलान किया कि डिजिटल पेमेंट्स फ्रॉड को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक ‘बैंकडॉटइन’ और ‘फिनडॉटइन’ डोमेन शुरू करेगा। इसमें से ‘बैंकडॉटइन’ भारतीय बैंकों के लिए एक एक्सक्लूसिव इंटरनेट डोमेन होगा, जबकि ‘फिनडॉटइन’ वित्तीय क्षेत्र की गैर-बैंकिंग कंपनियों के लिए होगा।
इस पहल का उद्देश्य साइबर सुरक्षा खतरों और फिशिंग जैसी गतिविधियों को कम करना है और सुरक्षित वित्तीय सेवाओं के लिए माहौल तैयार करना है, जिससे डिजिटल बैंकिंग और भुगतान सेवाओं में लोगों का विश्वास बढ़े और बिना किसी चिंता के आसानी से डिजिटल लेनदेन कर सकें।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इसके लिए इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (आईडीआरबीटी) विशेष रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेगा। वास्तविक पंजीकरण अप्रैल 2025 में शुरू होगा। बैंकों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त वित्तीय क्षेत्र में अन्य गैर-बैंकिंग कंपनियों के लिए एक विशेष डोमेन ‘फिनडॉटइन’ रखने की योजना बनाई गई है।
आरबीआई ने सुरक्षा की एक और परत सुनिश्चित करने के लिए क्रॉस बॉर्डर कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेन में एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन को भी अनिवार्य किया है जैसा कि घरेलू डिजिटल भुगतान करते समय होता है।
डिजिटल भुगतान के लिए एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन (एएफए) की शुरुआत ने लेनदेन की सुरक्षा को बढ़ाया है, जिससे ग्राहकों को डिजिटल भुगतान में विश्वास हुआ है। हालांकि, यह आवश्यकता केवल घरेलू लेनदेन के लिए अनिवार्य है। आरबीआई के अल्टरनेटिव ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म (एएफए) दिशानिर्देशों के अनुसार अधिकांश डिजिटल भुगतानों के लिए ऑथेंटिकेशन की एक अतिरिक्त परत की आवश्यकता होती है। दिशानिर्देशों का उद्देश्य डिजिटल भुगतान की सुरक्षा बढ़ाना है।
लेन-देन के लिए उचित एएफए निर्धारित करने के लिए जारीकर्ता जोखिम-आधारित दृष्टिकोण का उपयोग कर सकते हैं। इस दृष्टिकोण में लेनदेन के मूल्य, उत्पत्ति चैनल और ग्राहक और लाभार्थी के जोखिम प्रोफाइल आदि शामिल हैं।