व्यापार

मोबाइल पर अब दिखेगा कॉल करने वाले का नाम, ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए ये निर्देश
Posted Date : 03-May-2024 11:26:18 am

मोबाइल पर अब दिखेगा कॉल करने वाले का नाम, ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए ये निर्देश

नई दिल्ली  । भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने देशभर में टेलीकॉम कंपनियों को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन लागू करने का आदेश दिया है, जिसके बाद अगर आपके फोन पर कोई अनजान व्यक्ति कॉल करेगा तो उसका नाम आपको अपने फोन की स्क्रीन पर दिखाई देगा।
स्मार्टफोन यूजर्स अपने फोन में अनजान कॉल के बारे में जानकारी लेने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें बहुत सारे यूजर्स ट्रू कॉलर का इस्तेमाल करते हैं। थर्ड पार्टी ऐप्स अपनी सुविधाएं देने के लिए इस्टॉल होने के टाइम पर बहुत सारी परमिशन मांगते हैं, जिसमें कॉन्टैक्ट डिटेल, फोन गैलरी, स्पीकर, कैमरा और कॉल हिस्ट्री की जानकारी शामिल होती है। अगर आप इन सभी की परमिशन नहीं देते हैं तो ये थर्ड पार्टी ऐप काम नहीं करते और अगर आप परमिशन दे देते हैं तो आपकी पर्सनल डिटेल लीक होने का डर बना रहता है।
ट्रायल हुआ शुरू
ट्राई ने देशभर में मौजूद सभी दूरसंचार कंपनियों को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर रोलआउट करने का निर्देश दिया है। जिसके बाद देश में मौजूद मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने इसका ट्रायल शुरू कर दिया है। ट्राई के अनुसार, अगर ये ट्रायल सफल होता है तो कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर देशभर में लागू किया जाएगा। जिसके बाद आपको अननॉन नंबर के बारे में जानकारी करने के लिए किसी भी थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत नहीं होगी।

 

अदाणी ग्रुप की अंबुजा सीमेंट्स का वित्त वर्ष 24 में 4,738 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक शुद्ध मुनाफा
Posted Date : 03-May-2024 11:26:00 am

अदाणी ग्रुप की अंबुजा सीमेंट्स का वित्त वर्ष 24 में 4,738 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक शुद्ध मुनाफा

अहमदाबाद  । अंबुजा सीमेंट्स ने वित्त वर्ष 2024 के लिए शुद्ध लाभ (पीएटी) 4,738 करोड़ रुपये बताया है जो कि साल-दर-साल 119 प्रतिशत और कुल कमाई में 6,400 करोड़ रुपये पर 73 प्रतिशत की वृद्धि है।
वित्त वर्ष 24 में चौथी तिमाही के लिए अंबुजा सीमेंट्स ने 1,699 करोड़ रुपये की कुल कमाई दर्ज की जो कि 37 प्रतिशत (साल-दर-साल) अधिक है।
अंबुजा सीमेंट्स के निदेशक और सीईओ अजय कपूर ने कहा, वर्ष के दौरान हमारा प्रभावशाली वित्तीय प्रदर्शन हमारे बिजनेस मॉडल की मजबूती का प्रमाण है। यह बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच भी चमक रही है।
अदाणी परिवार ने पिछले महीने अंबुजा सीमेंट्स में 8,339 करोड़ रुपये का निवेश कर 70.3 प्रतिशत तक हिस्सेदारी ले ली थी। यह कंपनी के प्रमोटर द्वारा 18 अक्टूबर, 2022 को 5,000 करोड़ रुपये और इस साल 28 मार्च को 6,661 करोड़ रुपये के निवेश के बाद आया, जिससे अधिग्रहण के बाद अंबुजा सीमेंट्स में कुल 20,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
कपूर ने कहा, हम दीर्घकालिक मूल्य और सतत विकास के लिए दृढ़ हैं। हम क्षमता को दोगुना करने, दक्षता में सुधार के लिए निवेश, हरित ऊर्जा, कच्चे माल और ईंधन की सुनिश्चित आपूर्ति की ओर बढ़ रहे हैं।
बोर्ड ने इक्विटी शेयरों पर 2 रुपये प्रति शेयर लाभांश की सिफारिश की है, जो वार्षिक आधार पर पिछले वर्ष की तरह है।
अंबुजा सीमेंट्स के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में वॉल्यूम, दक्षता लागत और कैपेक्स जैसे सभी प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) में स्वस्थ सुधार देखा गया।
वित्त वर्ष 24 में, कंपनी ने सफलतापूर्वक तीन अधिग्रहण (सांघी, एशियन सीमेंट्स और तूतीकोरिन में जीयू) पूरे किए। सीमेंट क्षमता 11.4 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमपीटीए) बढ़ गई, जिससे कुल क्षमता 78.9 एमपीटीए हो गई।

 

रूसी तेल खरीदने पर सरकार के सख्त रुख से भारत के आयात बिल में 8 अरब डॉलर की बचत हुई
Posted Date : 02-May-2024 10:02:17 pm

रूसी तेल खरीदने पर सरकार के सख्त रुख से भारत के आयात बिल में 8 अरब डॉलर की बचत हुई

नई दिल्ली  । पश्चिमी दबाव के बावजूद रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखने की भारत की रणनीति के परिणामस्वरूप वित्तवर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों के दौरान देश के तेल आयात बिल में लगभग 7.9 अरब डॉलर की बचत हुई है। इससे देश को चालू खाता घाटा कम करने में भी मदद मिली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार मॉस्को के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखने के लिए दृढ़ है।
व्यापार ट्रैकिंग एजेंसियों केप्लर और एलएसईजी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल के दौरान भारत ने एक महीने पहले की तुलना में अधिक रूसी तेल का आयात किया, लेकिन इराक और सऊदी अरब से कम आयात किया।
आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल के दौरान आयात 13-17 प्रतिशत बढ़ गया।अप्रैल में रूस भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता रहा, उसके बाद इराक और सऊदी अरब रहे।
आंकड़ों से पता चलता है कि इराक से इसके तेल आयात में 20-23 प्रतिशत की गिरावट आई है।
चूंकि भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है, रूसी तेल की इन बड़ी खरीद ने विश्व बाजार में कीमतों को अधिक उचित स्तर पर रखने में मदद की है, जिससे अन्य देशों को भी लाभ हुआ है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि मात्रा के संदर्भ में वित्तवर्ष 2024 के 11 महीनों में रूस से आयातित कच्चे पेट्रोलियम की हिस्सेदारी वित्तवर्ष 2022 में 2 प्रतिशत से बढक़र 36 प्रतिशत हो गई, जबकि पश्चिम एशियाई देशों (सऊदी अरब) से संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत) 34 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत पर आ गया।
रूसी तेल पर छूट से तेल आयात बिल में भारी बचत हुई। आईसीआरए की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस से आयात का अनुमानित इकाई मूल्य वित्तवर्ष 2023 और वित्तवर्ष 2024 के 11 महीनों में पश्चिम एशिया से संबंधित स्तरों की तुलना में क्रमश: 16.4 प्रतिशत और 15.6 प्रतिशत कम था।
आईसीआरए का अनुमान है कि इससे वित्तवर्ष 2023 में भारत के तेल आयात बिल में 5.1 अरब डॉलर और वित्तवर्ष 2024 के 11 महीनों में 7.9 अरब डॉलर की बचत हुई, जिससे वित्तवर्ष 2023-24 में भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी)/जीडीपी अनुपात 15-22 बीपीएस तक कम हो गया।
आईसीआरए की गणना के अनुसार, वित्तवर्ष के लिए कच्चे तेल की औसत कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से वर्ष के दौरान शुद्ध तेल आयात लगभग 12-13 अरब डॉलर बढ़ जाता है, जिससे सीएडी सकल घरेलू उत्पाद का 0.3 प्रतिशत बढ़ जाता है।
अगर वित्तवर्ष 2025 में कच्चे तेल की औसत कीमत बढक़र 95 डॉलर प्रति बैरल हो जाती है, तो सीएडी वित्तवर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी के हमारे मौजूदा अनुमान 1.2 प्रतिशत से बढक़र जीडीपी के 1.5 प्रतिशत तक बढऩे की संभावना है।

 

भारत के मसालों से डरा दुनिया का बाजार, दांव पर लगा 45 हजार करोड़ का कारोबार
Posted Date : 02-May-2024 10:01:58 pm

भारत के मसालों से डरा दुनिया का बाजार, दांव पर लगा 45 हजार करोड़ का कारोबार

नई दिल्ली  । भारत के मसाले दुनियाभर में खाए और बेचे जाते हैं, लेकिन जिस तरह के क्वालिटी से संबंधित मामले कई देशों से निकलकर सामने आए हैं, उससे देश के मसाला कारोबार को बड़े संकट में डाल दिया है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव की रिपोर्ट के अनुसार विदेशों में भारत का मसाला कारोबार काफी बड़ा है। अगर ये जांच की आंच चीन से लेकर यूरोप तक फैलती है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। इन तमाम बाजारों में करीब 45 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा दांव पर लगे हैं। विदेशी सरकारों की ओर से कार्रवाई की गई तो भारत के मसाला एक्सपोर्ट को 50 फीसदी से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दरअसल, भारत को अपने मसाला एक्सपोर्ट के संबंध में क्वालिटी संबंधी मामले आने के बाद देश की काफी किरकिरी हुई है। सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी मसालों की जांच शुरू कर दी है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानी जीटीआरआई ने कहा कि हर दिन नए देश भारतीय मसालों की क्वालिटी को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। जीटीआरआई ने कहा कि इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और भारत के प्रसिद्ध मसाला उद्योग की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए कार्रवाई की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया के जिन 4 देशों में इस तरह के मामले निकलकर सामने आए हैं, उन महत्वपूर्ण बाजारों में 70 करोड़ डॉलर यानी 5800 करोड़ का निर्यात दांव पर लगा है। कई देशों में रेगुलेटरी कार्रवाई से संभावित रूप से मसाला निर्यात में आधे का नुकसान हो सकता है।

 

अब टंकी फुल नहीं करा सकेंगे लोग, एक दिन में 500 रुपए का ही मिलेगा पेट्रोल-डीजल; सरकार ने निर्धारित की सीमा
Posted Date : 02-May-2024 10:01:24 pm

अब टंकी फुल नहीं करा सकेंगे लोग, एक दिन में 500 रुपए का ही मिलेगा पेट्रोल-डीजल; सरकार ने निर्धारित की सीमा

अगरतला  । त्रिपुरा सरकार ने राज्य में मालगाडिय़ों का आवागमन बाधित होने की वजह से ईंधन के भंडार में आई कमी के मद्देनजर बुधवार को पेट्रोल और डीजल बेचने-खरीदने की सीमा निर्धारित की है। दो पहिया वाहन प्रतिदिन 200 रुपये और चार पहिया वाहन 500 रुपये तक का पेट्रोल ही खरीद सकेंगे। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी आदेश में पेट्रोल पंपों से कहा गया है कि वे एक दिन में एक बस को केवल 60 लीटर डीजल ही बेचें जबकि मिनी बस और आटो रिक्शा-तिपहिया वाहनों के लिए यह सीमा क्रमश : 40 और 15 लीटर होगी।
बता दें कि असम के जतिंगा में बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन के कारण त्रिपुरा आने वाली मालगाडिय़ां बाधित हो गई हैं। मरम्मत कार्य के बाद 26 अप्रैल को यात्री ट्रेन सेवा तो बहाल कर दी गई थी लेकिन जतिंगा के रास्ते ट्रेन सेवा रात को अब भी स्थगित है।
आवाजाही बाधित होने की वजह से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति में कमी
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त सचिव निर्मल अधिकारी ने कहा कि राज्य में आने वाली मालगाडिय़ों की आवाजाही बाधित होने के कारण पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति में कमी हुई है और इसलिए ईंधन – पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर एक मई से अगले आदेश तक कुछ पांबदी लगाने का फैसला किया गया है।

 

जानिए 1 मई से होने जा रहे ये बड़े बदलाव, आपकी जेब पर होगा सीधा असर
Posted Date : 01-May-2024 10:47:38 pm

जानिए 1 मई से होने जा रहे ये बड़े बदलाव, आपकी जेब पर होगा सीधा असर

नई दिल्ली । एक मई के साथ वित्तीय जगत से जुड़े कई बदलाव होने वाले है। ये परिवर्तन सीधे आम आदमी की जेब पर असर डालेंगे। मई महीने में सिलेंडर की कीमतों में बदलाव हो सकता है। म्युचुअल फंड निवेशकों और बैंक ग्राहकों से जुड़े कई नियम भी बदलने वाले हैं। इसके अलावा क्या बदलाव होने जा रहे है आईए आपको इसके बारे में बताते है।
पेट्रोल-डीजल और एलपीजी कीमतों में बदलाव
पेट्रोलियम कंपनियां हर महीने पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के कमर्शियल व घरेलू सिलेंडरों की कीमतों की समीक्षा करती है। ऐसे में संभव है एक मई से इनकी कीमतों में परिवर्तन देखने को मिले। हालांकि इसका एलान 30 अप्रैल की मध्यरात्रि के बाद ही होने की संभावना है। देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में होने वाले किसी भी बदलाव पर आम आदमी की नजर बनी रहेगी।
म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए जरूरी बदलाव
अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो एक मई 2024 से एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 30 अप्रैल 2024 के बाद अगर आपके म्युचुअल आवेदन पर लिखा नाम आपके पैन कार्ड पर लिखे नाम के सामान नहीं हुआ तो आपका आवेदन रद्द हो जाएगा।
आधिकारिक रिकॉर्ड में आपका नाम एक जैसा दिखे यह सुनिश्चित करने के लिए केवाईसी नियमों में बदलाव किया गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अनिवार्य केवाईसी नियम कहते हैं कि आपका नाम एक समान होना चाहिए। इसे अनुसार आप पहली बार म्यूचुअल फंड फोलियो में निवेश कर रहे हैं, तो आपका नाम और आपकी जन्मतिथि आपके क्क्रहृ पर लिखे नाम और जन्मतिथि के साथ-साथ आपके इनकम टैक्स रिकॉर्ड के समान होना चाहिए। राहत की बात यह है कि नया नियम नए निवेशकों को प्रभावित करेगा, न कि मौजूदा निवेशकों को।
आईसीआईसीआई बैंक में होंगे ये बदलाव
1 मई से आईसीआईसीआई बैंक बचत खाता सेवाओं पर लगने वाले शुल्क में परिवर्तन करेगा। इसमें डेबिट कार्ड पर लगने वाले 200 रुपये तक की सालाना फीस शामिल है। ग्रामीण इलाकों के लिए यह शुल्क 99 रुपये प्रति वर्ष है। चेक बुक की बात करें तो एक वर्ष में 25 चेक तक को शुल्क देय नहीं होगा पर इससे अधिक के लिए बैंक 4 रुपये प्रति चेक का शुल्क वसूल करेगा।
बैंक आउटवर्ड इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) लेनदेन के लिए 2.5 रुपये से 15 रुपये प्रति लेनदेन के हिसाब से शुल्क लेगा। डिमांड ड्राफ्ट या पे ऑर्डर को रद्द करने, डुप्लिकेट या रिवैलिडेशन के लिए बैंक 100 रुपये का शुल्क लेगा। बैंक हस्ताक्षर सत्यापन के लिए प्रति आवेदन के लिए 100 रुपये और बैंक शाखा के जरिए किसी विशेष चेक के भुगतान को रोकने के लिए 100 रुपये चार्ज करेगा हालांकि कस्टमर केयर आईवीआर और नेट बैंकिंग के माध्यम से यह सुविधा मुफ्त में मिलेगी। वित्तीय कारणों से ईसीएस/एनएसीएच डेबिट रिटर्न पर 500 रुपये जुर्माना लगेगा।
यस बैंक के बचत खातों से जुड़े शुल्क बदलेंगे
यस बैंक ने 1 मई बचत खाता सेवाओं पर लगने वाले शुल्क में बदलाव की घोषणा की है। बैंक ने बचत खातों में अनिवार्य औसत मासिक शेष (एएमबी) से कम होने की स्थिति में अधिकतम शुल्क बढ़ा दिया है। अब बैंक ऐसी स्थिति में 250 रुपये से 1,000 रुपये के बीच चार्ज करेगा। इससे पहले यह शुल्क 250 रुपये से 750 रुपये के बीच था। बचत खाते के प्रकार, बैंक शाखा के स्थान और खाते में कमी की राशि के आधार पर यह शुल्क अलग-अलग होते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों की एफडी से जुड़ा बदलाव
एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ नागरिकों के सावधि जमा खातों में निवेश की आखिरी तारीख 02 मई 2024 है। इन खातों में सामान्य एफडी खातों की तुलना में 0.75त्न अधिक ब्याज दिया जाता है। यह ऑफर 60 वर्ष या उससे से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। संभव है कि बैंक की ओर इन खातों में जमा की आखिरी तारीख में बदलाव किया जाए और इसे आगे बढ़ा दिया जाए।
क्रेडिट कार्ड से यूटीलिटी पेंमेंट पर लगेगा चार्ज
यस बैंक और आईडीएफसी बैंक ने एक मई से क्रेडिट कार्ड के जरिए यूटिलिटी भुगतान पर सरचार्ज लगाने का एलान किया है। टेलीफोन बिल, इलेक्ट्रिक बिल, गैस, पानी, इंटरनेट सेवाएं और केबल सर्विसेज से जुड़े पेमेंट यूटिलिटी भुगतान के अंतर्गत आते है। अगर यूटिलिटी सेवाओं का भुगतान 15000 रुपये से अधिक है तो यस बैंक उस पर 1 प्रतिशत के सरचार्ज के अलावे जीएसटी भी वसूलेगा। आईडीएफसी बैंक ने 20,000 रुपये से अधिक के यूटिलिटी भुगतान पर 1 रुपये सरचार्ज के साथ जीएसटी चार्ज करने की बात कही है।