व्यापार

केंद्र ने प्याज के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाया
Posted Date : 05-May-2024 10:56:02 pm

केंद्र ने प्याज के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाया

नई दिल्ली  । केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया, हालांकि न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 550 डॉलर प्रति टन की शर्त रखी गई है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की एक अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज निर्यात नीति में बदलाव कर इसे प्रतिबंधित से मुक्त किया गया है। हालांकि अगले आदेश तक न्यूनतम निर्यात मूल्य 550 डॉलर प्रति टन की शर्त होगी।
इस कदम से प्याज किसानों को ऊंची कीमत मिलेगी और मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी।
सरकार ने 27 अप्रैल को छह देशों बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को कुल 99,150 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी।
सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को इस साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था क्योंकि 2023-24 में खरीफ और रबी दोनों फसलों का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम होने का अनुमान है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग बढ़ गई है।

 

एफआईआई की बिकवाली का असर लार्ज कैप शेयरों पर
Posted Date : 05-May-2024 10:55:46 pm

एफआईआई की बिकवाली का असर लार्ज कैप शेयरों पर

नई दिल्ली  । शेयर बाजार में लार्ज कैप शेयरों का परफॉर्मेंस एफआईआई की बिकवाली से प्रभावित हो रहे है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अभी चौथी तिमाही के नतीजे का मौसम चल रहा है, इसमें निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो इसी आधार पर बनाना चाहिए। बाजार बैंक ऑफ़ इंग्लैंड की नीति और यूरोजोन के जीडीपी आंकड़ों को लेकर भी सतर्क रहेगा।
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि हाई वैल्यूएशन और चुनाव संबंधी किसी झटके के कारण बाजार में कुछ हद तक करेक्शन हो सकता है।
उन्होंने कहा कि एफआईआई बाजार में बिकवाली करते रहे, जिससे लार्ज कैप शेयरों के प्रदर्शन पर असर पड़ा।
उम्मीद से थोड़ी बेहतर चौथी तिमाही की आय और तेल की कीमतों में सुधार के कारण सप्ताह के दौरान घरेलू बाजार की सकारात्मक शुरुआत हुई। उन्होंने कहा, हालांकि हाई इन्फ्लेशन की स्थिति जारी रहने की फेड की चेतावनी के चलते घरेलू बाजार में करेक्शन होने लगा।
ऑटो कंपनियों की अच्छी कमाई के कारण सेक्टर का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा। उन्होंने कहा, इसके अलावा, चौथी तिमाही के सकारात्मक नतीजों और बिजली की मांग में बढ़ोतरी के कारण बैंकों और पावर सेक्टर में हलचल दिखाई दे रही है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा: हमें उम्मीद है कि बाजार व्यापक दायरे में मजबूत होगा।

 

जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने जारी की ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों पर हैंडबुक
Posted Date : 04-May-2024 10:29:23 pm

जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने जारी की ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों पर हैंडबुक

नई दिल्ली/  भारत में ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों पर हैंडबुक का अनावरण सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी ने ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार और ट्रांस जस्टिस आंदोलन के हितधारकों व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में किया।
यह हैंडबुक जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में लॉ एंड मार्जिनलाइजेशन क्लिनिक, सेंटर फॉर जस्टिस, लॉ एंड सोसाइटी (सीजेएलएस) द्वारा प्रोफेसर दीपिका जैन और नताशा अग्रवाल की देखरेख में ट्रांस जस्टिस एंड द लॉ क्लिनिक नामक क्लिनिकल कोर्स के हिस्से के रूप में ट्रांसमेन कलेक्टिव, ईगल और फेमिनिस्ट फ्य़ूचर के सहयोग से तैयार की गई है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा की पहल, हैंडबुक ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 को उजागर करती है और ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों को उनके संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों का दावा करने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करती है।
न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी (पूर्व न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट) ने विशेष संबोधन में हैंडबुक के महत्व पर जोर दिया और 2014 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लिखने और सुनाने के अपने अनुभवों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा : हम फैसले से लेकर अधिनियम और अब इस हैंडबुक जैसे संसाधनों तक एक लंबा सफर तय कर चुके हैं जो समुदाय को उनके अधिकारों का एहसास करने और भारत के संविधान के वादों को पूरा करने में मदद करेगा।
न्यायमूर्ति सीकरी ने न केवल न्यायशास्त्रीय दृष्टिकोण से, बल्कि समाज के भीतर सम्मान और प्रतिष्ठा सुनिश्चित करने के लिए भी पहचान का महत्व समझाया।
प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार (संस्थापक कुलपति, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी) ने स्वागत भाषण में नैदानिककानूनी शिक्षा के लिए जेजीयू की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और टिप्पणी की कि : कानून स्कूलों के लिए सामाजिक न्याय आंदोलन के साथ जुड़ाव सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने एक ऐसी हैंडबुक विकसित करने के लिए आवश्यक बौद्धिक कठोरता और सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर भी जोर दिया जो व्यापक, सुलभ हो और जिसका उपयोग कार्यकर्ताओं व समुदाय के सदस्यों द्वारा जमीन पर किया जा सके।
हैंडबुक का परिचय देते हुए दीपिका जैन, लॉ की प्रोफेसर, वाइस डीन, निदेशक, लॉ एंड मार्जिनलाइजेशन क्लिनिक, सेंटर फॉर जस्टिस, लॉ एंड सोसाइटी, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल और नताशा अग्रवाल, क्लिनिकल असिस्टेंट प्रोफेसर ऑफ लॉ, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने बताया कि लॉ एंड मार्जिनलाइज़ेशन क्लिनिक का काम अंतर्संबंध और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित है।
प्रत्येक नैदानिक परियोजना का उद्देश्य और परिणाम ट्रांस मूवमेंट के साथियों द्वारा तैयार किया जाता है।
हैंडबुक कोई अपवाद नहीं है, क्योंकि ट्रांस आंदोलन के दोस्तों ने एक ऐसे संसाधन की जरूरत पर जोर दिया है, जो ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम को व्यापक रूप से विखंडित करता है।
उन्होंने ट्रांस, विविध लिंग और इंटरसेक्स समुदायों के सदस्यों के प्रति भी आभार जताया, जिन्होंने परामर्शात्मक प्रक्रियाओं और समीक्षाओं के माध्यम से अपनी विशेषज्ञता और प्रतिक्रिया की पेशकश की।
हैंडबुक ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम, ट्रांसजेंडर व्यक्ति नियम, सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के प्रासंगिक निर्णयों के साथ-साथ राज्य-विशिष्ट कल्याण योजनाओं के प्रावधानों को उजागर करती है।
ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के लिए :
विशेष रूप से, हैंडबुक किसी व्यक्ति की लिंग पहचान को दर्शाने वाले पहचान दस्तावेजों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाती है और शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों की व्याख्या करती है।
हैंडबुक यह प्रदर्शित करने के लिए काल्पनिक परिदृश्यों का उपयोग करती है कि कैसे एक ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्ति कानून के तहत अपने अधिकारों का दावा कर सकता है।
इसके अलावा, ये काल्पनिक बातें दलित, बहुजन, आदिवासी और मुस्लिम व्यक्तियों व विकलांग व्यक्तियों सहित सामाजिक-राजनीतिक और भौगोलिक संदर्भों में व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली अद्वितीय बाधाओं का वर्णन करती हैं।
यह हैंडबुक भारत भर में जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और संगठनों के साथ-साथ ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के कानूनी सशक्तीरण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण होगी।
लॉन्च इवेंट में माधवी गोराडिया दीवान (वरिष्ठ वकील, सुप्रीम कोर्ट), अक्कई पद्मशाली (सामाजिक कार्यकर्ता और ओन्डेडे के संस्थापक), नू मिश्रा (संस्थापक, रिवाइवल डिसेबिलिटी इंडिया) और ऋत्विक दत्ता (पत्रकार, बीबीसी) के साथ एक पैनल चर्चा भी हुई।
पैनल का संचालन डॉ. अक्सा शेख (सामुदायिक चिकित्सा के प्रोफेसर, ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन के संस्थापक) ने किया।
अधिवक्ता माधवी दीवान ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर चर्चा की और सकारात्मक कार्रवाई व प्रक्रियात्मक की कमी को ध्यान में रखते हुए कानून की कुछ सीमाओं पर चर्चा की।
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पहचान पत्र प्राप्त करने में जटिलताएं :
ऋत्विक दत्ता ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम के तहत कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर भी बात की, विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में स्माइल योजना के कार्यान्वयन की कमी को ध्यान में रखते हुए।
इसी तरह, अक्कई पद्मशाली ने जारी किए गए पहचान पत्रों की सीमित संख्या की ओर इशारा किया, जिसके परिणामस्वरूप मतदान के लिए पंजीकरण कराने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की संख्या पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
डॉ. अक्सा शेख और नू मिश्रा ने हैंडबुक के मूल्य और महत्व पर जोर दिया।
विशेष रूप से नू मिश्रा ने दृश्य तत्वों और कलाकृति के समावेश की सराहना की, यह देखते हुए कि कला अक्सर कार्यकर्ताओं के बीच वकालत का एक उपकरण है।
डॉ. अक्सा ने उन तरीकों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें हैंडबुक जीवित अनुभवों से ली गई है और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कानून कैसे बनता है।विशेष रूप से, नू मिश्रा ने दृश्य तत्वों और कलाकृति के समावेश की सराहना की, यह देखते हुए कि कला अक्सर कार्यकर्ताओं के बीच वकालत का एक उपकरण है।
डॉ. अक्सा ने उन तरीकों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें हैंडबुक जीवित अनुभवों से ली गई है और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इनमें से प्रत्येक स्थिति में कानून का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

 

2024 में टेक कंपनियों के कर्मचारियों पर गिर रही गाज, 80,000 से ज्यादा को नौकरी से निकाला
Posted Date : 04-May-2024 10:28:49 pm

2024 में टेक कंपनियों के कर्मचारियों पर गिर रही गाज, 80,000 से ज्यादा को नौकरी से निकाला

नई दिल्ली   ।  टेक सेक्टर में इस साल के पहले चार महीनों में 80,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया। वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप इकोसिस्टम में छंटनी जारी है। टेक सेक्टर में नौकरियों में कटौती पर नजर रखने वाला पोर्टल, लेऑफ डॉट एफवाई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 279 टेक कंपनियों ने 3 मई तक 80,230 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। 2022 और 2023 में, दुनिया भर की टेक कंपनियों ने 425,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की थी। वैश्विक मंदी ने आईटी/टेक और स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रभावित किया।
हाल ही में, यूएस कस्टमर एक्सपीरियंस मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म स्प्रिंकलर ने लगभग 116 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। एक्सरसाइज इक्विपमेंट और फिटनेस कंपनी पेलोटन ने इस हफ्ते अपने 15 प्रतिशत कार्यबल यानी लगभग 400 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की। रिपोर्ट्स के अनुसार, गूगल ने पुनर्गठन के चलते लगभग 200 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया।
एलन मस्क द्वारा संचालित टेस्ला ने अपने वैश्विक कार्यबल से 10 प्रतिशत यानी 14,000 कर्मचारियों की कटौती करने के कुछ हफ्ते बाद सैकड़ों कर्मचारियों को भी नौकरी से निकाल दिया। टेक अरबपति ने छंटनी के नए राउंड में पूरी टेस्ला चार्जिंग टीम को हटा दिया। भारत में, राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म ओला कैब्स ने एक पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की है, जिसका कम से कम 10 प्रतिशत कार्यबल पर प्रभाव पड़ेगा।

 

वॉट्सऐप यूजर्स को मिलेगा चेट फिलटरिंग फीचर्स , कर पाएंगे अपने हिसाब से चैट लोकेट
Posted Date : 04-May-2024 10:28:08 pm

वॉट्सऐप यूजर्स को मिलेगा चेट फिलटरिंग फीचर्स , कर पाएंगे अपने हिसाब से चैट लोकेट

नई दिल्ली । वॉट्सऐप अपने यूजर्स के लिए एक ओर खास फीचर लेकर आया है, जिससे यूजर्स की स्टोरेज की प्रॉब्लम काफी हद तक दूर हो जाएगी। जिस फीचर पर इन दिनों काम किया जा रहा है, उसको ्रठ्ठस्रह्म्शद्बस्र 2.24.6.16 वर्जन के साथ बीटा टेस्टर्स के लिए उपलब्ध करवा दिया गया है। उसका नाम है। इस फीचर के आने के बाद यूजर्स को अपनी चैट लोकेट करने में आसानी होगी। इसमें वह चैट फिल्टर लगाकर चैट्स को खोज पाएंगे और स्टोरेज को मैनेज कर पाएंगे।
इस फीचर में तीन चैट फिल्टर मिलेंगे, जो कि ्रद्यद्य, ठ्ठह्म्द्गड्डस्र और त्रह्म्शह्वश्चह्य होंगे। इनके जरिये चैट्स को शॉर्ट कर पाएंगे। इसके अलावा वॉट्सऐप के भीतर यह फीचर यूजर्स के इंटरैक्शन को बढ़ाने के और तरीके तलाश रहा है। यह फीचर एंड्रॉइड 2.24.10.8 अपडेट के साथ उपलब्ध है। वेबबीटा के अनुसार, वॉट्सऐप स्टोरेज को प्रबंधित करने के लिए एक चैट फिल्टरिंग सुविधा शुरू कर रहा है।
स्टेबल यूजर्स को कब मिलेगा
स्टोरेज मैनेज करने के लिए चैट फिल्टरिंग फीचर बीटा टेस्टर्स के लिए उपलब्ध करवा दिया गया है। इसे गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल कर सकते हैं। हालांकि आने वाले कुछ दिनों में ये फीचर सभी यूजर्स के लिए रोलआउट हो सकता है।

 

जोमेटो को झटका, 2 करोड़ का जीएसटी ब्याज और जुर्माना भरने का नया आदेश जारी
Posted Date : 03-May-2024 11:26:34 am

जोमेटो को झटका, 2 करोड़ का जीएसटी ब्याज और जुर्माना भरने का नया आदेश जारी

नई दिल्ली  ।  ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो को दिल्ली के बिक्री कर अधिकारी ने दो करोड़ रुपये से ज्यादा का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), दो करोड़ से ज्यादा का ब्याज और जुर्माना भरने का नया आदेश दिया है। आदेश में 2,22,91,376 रुपये के जीएसटी; 2,08,98,164 रुपये के ब्याज और 22,29,136 रुपये के जुर्माने की मांग की गई है। यह वित्त वर्ष 2018-19 की अवधि के लिए है।
जोमैटो ने शेयर बाजार को बताया, जोमैटो को अप्रैल 2018 से मार्च 2019 की अवधि के लिए दिल्ली के वार्ड 300 के बिक्री कर अधिकारी से 2,08,98,164 रुपये के ब्याज और 22,29,136 रुपये के जुर्माने के साथ 2,22,91,376 रुपये के जीएसटी की मांग प्राप्त हुई है।
कंपनी ने बताया कि वह सक्षम अधिकारी के समक्ष इसके खिलाफ अपील करेगी। उसने कहा, हमें लगता है कि तथ्यों के आधार पर हमारे पास मजबूत मामला है और हम सक्षम अधिकारी के समक्ष इस आदेश के खिलाफ अपील दायर करेंगे। पिछले महीने भी जोमैटो को 11.81 करोड़ रुपये के जीएसटी और जुर्माने का आदेश प्राप्त हुआ था। इसमें 5.9 करोड़ रुपये का जीएसटी और करीब इतना ही जुर्माना शामिल है। यह जुलाई 2017 से मार्च 2021 की अवधि के लिए था।