मुंबई । हर रोज नए रिकॉर्ड के झंडे गाडऩे वाला सोना अपने ऑल टाइम हाई कीमत 88,500 से नीचे उतर आई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत सात दिनों से चली आ रही तेजी पर विराम लगाते हुए 200 रुपये की गिरावट के साथ 88,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। पीटीआई की खबर के मुताबिक, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 200 रुपये की गिरावट के साथ 87,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में इसकी कीमत 88,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
चांदी की कीमत
चांदी की कीमत भी 900 रुपये की गिरावट के साथ 96,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में इसकी कीमत 97,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। सोने के साथ-साथ चांदी भी लगातार महंगी होती चली गई है। व्यापारियों ने कहा कि फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की कांग्रेस के समक्ष गवाही से पहले सोने की कीमतों में गिरावट आई है, जिस पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के भविष्य के ब्याज दर-कटौती मार्ग के बारे में जानकारी के लिए बारीकी से नजर रखी जाएगी।
10 फरवरी को ऑल टाइम हाई पर था सोना
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, 99.9 प्रतिशत शुद्धता सोना बीते 10 फरवरी को 2,430 रुपये बढक़र 88,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। पिछले सात सत्रों में सोना 5,660 रुपये या 6.8 प्रतिशत चढ़ा था। इस साल पीली धातु 8,910 रुपये या 11.22 प्रतिशत बढ़ी है। एमसीएक्स पर अप्रैल डिलीवरी के लिए सोना वायदा 333 रुपये घटकर 85,483 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। दिन के दौरान पीली धातु वायदा 86,360 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट - कमोडिटी एंड करेंसी, जतीन त्रिवेदी कहते हैं कि शुरुआती कारोबार में एमसीएक्स में सोने में उछाल आया, क्योंकि टैरिफ संबंधी चिंताओं ने घबराहट में खरीदारी को बढ़ावा दिया। केंद्रीय बैंकों ने सोना जमा करना जारी रखा। हालांकि, मजबूत रुपये ने एमसीएक्स में बढ़त को सीमित कर दिया, जिससे शाम के सत्र से पहले यह 85,450 रुपये पर पहुंच गया, जो लगातार अस्थिरता को दर्शाता है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा कि कुछ मुनाफावसूली के बावजूद, वैश्विक व्यापार युद्ध और आर्थिक अनिश्चितता की चिंताओं से उत्साहित सोने की कीमतें अभी भी 2,900 डॉलर के स्तर से ऊपर बनी हुई हैं।
चांदी का वायदा भाव आज
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मार्च डिलीवरी के लिए चांदी वायदा 1,030 रुपये या 1.08 प्रतिशत गिरकर 94,265 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया। वैश्विक स्तर पर, अप्रैल डिलीवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा 2,933 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। इंट्राडे सत्र में, यह 34 डॉलर प्रति औंस या 1. 16 प्रतिशत बढक़र 2,968 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया।
नई दिल्ली । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उद्योगों और ग्लोबल टेक्नोलॉजी लैंडस्केप को फिर से परिभाषित कर रहा है। साथ ही भारत इस क्रांति में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। यह बयान पेरिस में चल रही एआई एक्शन समिट में ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर्स द्वारा दिए गए।
एआई एक्शन समिट का तीसरा संस्करण एआई गवर्नेंस के लेकर वैश्विक संवादों की सीरीज में लेटेस्ट है और इसकी सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है।
दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों के शीर्ष अधिकारी एआई क्षेत्र में भारत की बढ़ती हुई क्षमता से अवगत हैं।
ओपनएआई के सीईओ, सैम ऑल्टमैन ने कहा, भारत एआई का एक बड़ा बाजार है। साथ ही हमारी कंपनी के लिए दूसरी सबसे बड़ी मार्केट है। बीते एक वर्ष में यहां हमारे यूजर्स की संख्या तीन गुना बढ़ी है।
उन्होंने आगे कहा, भारत के लोग स्टैक, चिप, मॉडल और कई असाधारण एप्लीकेशन बना रहे हैं। एआई क्रांति में भारत को एक लीडर के रूप में उभरना चाहिए।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि एआई के क्षेत्र में भारत में फ्रंट से नेतृत्व करने की क्षमता है।
ग्लोबल टेक लीडर्स ने बताया कि अच्छा टैलेंट पूल और एआई टेक्नोलॉजी को तेजी से अपनाने के कारण भारत एआई इनोवेशन, विकास और उसे लागू करने में तेजी से आगे बढऩे को तैयार है।
माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला ने कहा, भारत इंडिक भाषाओं के क्षेत्र में और एआई का उपयोग करके अपने उद्योगों में बदलाव ला सकता है।
साथ ही कहा, देश में एआई के क्षेत्र में बड़ा काम करने के लिए गणित प्रतिभा, शैक्षणिक संस्थान और अनुसंधान संस्थान हैं।
एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने भारत से अपनी खुद की एआई का निर्माण करने का आग्रह किया। हुआंग ने कहा कि देश में अगली पीढ़ी एआई डिलीवरी के लिए बैक-ऑफिस होगी।
आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा के अनुसार, भारत में विशाल जनसंख्या और डेटा वेल्थ एआई परिदृश्य में एक अद्वितीय लाभ बनाने में मदद करेगी।
बॉश टेक कंपास सर्वे 2025 के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक भारतीयों ने एआई-संबंधित स्किल में सक्रिय रूप से स्व-शिक्षा प्राप्त की है।
एमेरिटस ग्लोबल वर्कप्लेस स्किल्स स्टडी 2025 के मुताबिक, भारत की एआई अपनाने की दर विश्व स्तर पर सबसे अधिक है, पेशेवर करियर की सफलता के लिए एआई स्किल को प्राथमिकता दे रहे हैं।
लगभग 94 प्रतिशत भारतीय पेशेवरों का मानना है कि एआई स्किल में महारत हासिल करने से उनके करियर के विकास में तेजी आएगी।
एएमडी की सीईओ लिसा सु ने कहा कि एएमडी के लिए भारत बहुत महत्वपूर्ण है और हमारी उत्पाद लाइन का हर पहलू यहां भारत में हमारे डिजाइन सेंटर से होकर गुजरता है।
सु ने आगे कहा कि भारत को एक आवश्यक विकास केंद्र माना जाता है। अमेरिका के बाद एएमडी की सबसे बड़ी अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) सुविधा बेंगलुरु में है।
नई दिल्ली । एस्सार समूह की टेक्नोलॉजी कंपनी ब्लैक बॉक्स ने मंगलवार को तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की। कंपनी का शुद्ध मुनाफा साल-दर-साल आधार पर 37 प्रतिशत बढक़र 56 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीने में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 49 प्रतिशत बढक़र 144 करोड़ रुपये हो गया। शुद्ध मुनाफे के मार्जिन में 1.20 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह तीसरी तिमाही में 3.7 प्रतिशत रहा, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीने के लिए शुद्ध मुनाफे का मार्जिन 1.3 प्रतिशत बढक़र 3.3 प्रतिशत हो गया।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया है कि बेहतर परिचालन प्रदर्शन के परिणामस्वरूप, विशेष मदों में खर्च बढऩे के बावजूद मुनाफा बढ़ा है। तीसरी तिमाही के लिए राजस्व 1,502 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही) में यह 1,655 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीने के लिए राजस्व पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 4,801 करोड़ रुपये की तुलना में 4,422 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी के कुछ बड़े ग्राहकों के साथ निर्णय लेने में देरी के परिणामस्वरूप ऑर्डर बुक में कमी के कारण राजस्व मुख्य रूप से प्रभावित हुआ। साथ ही, कंपनी की टेल कस्टमर्स (छोटे ग्राहकों) के साथ कारोबार बंद करने की रणनीति का असर भी देखा गया। हालांकि, हाइपरस्केलर्स (बड़े डाटा सेंटर) सहित उद्योग के सभी क्षेत्रों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कंपनी की पाइपलाइन लगातार बढ़ रही है, जिससे ब्लैक बॉक्स निरंतर विकास और बाजार नेतृत्व के लिए तैयार है।
कंपनी ने कहा कि दिसंबर 2024 तक ऑर्डर बुक 46.5 करोड़ डॉलर (लगभग 3,900 करोड़ रुपये) थी। अग्रणी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर समाधान प्रदाता का तीसरी तिमाही में ईबीआईटीडीए 15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 134 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले तीन महीने की अवधि के लिए ईबीआईटीडीए में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 384 करोड़ रुपये रहा। तीसरी तिमाही में ईबीआईटीडीए मार्जिन में 1.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 8.9 प्रतिशत रहा, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीने की अवधि के लिए यह 2.30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 8.7 प्रतिशत रहा।
नई दिल्ली । अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने सोमवार को बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया 2025 में अपनी क्षमता दिखाई और कई आधुनिक हथियार प्रदर्शित किए।
अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के लैंड सिस्टम के प्रमुख, अशोक वधावन ने कहा कि हम अपनी क्षमताएं विकसित कर रहे हैं। हम किसी भी खतरे को पता लगाने वाले डिफेंस प्रोडक्ट्स पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस क्षेत्र में हमारे पास छोटे ड्रोन से लेकर बड़े ड्रोन हैं, जिसके जरिए हम कमरे से लेकर हवा में टारगेट कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम अनमैन्ड अंडरवाटर व्हीकल (यूयूवी) भी बना रहे हैं, जो कि 15 दिनों तक पानी में रहकर खतरे का पता लगा सकता है। इसके अलावा हम काउंटर ड्रोन भी बना रहे हैं।
एयरो इंडिया 2025 में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने व्हीकल माउंटेड काउंटर ड्रोन सिस्टम प्रदर्शित किया है। यह डिफेंस उपकरण 15 किलोमीटर तक डिटेक्ट कर सकता है, जबकि 10 किलोमीटर तक न्यूट्रलाइज कर सकता है।
इसके अलावा अदाणी ग्रुप की डिफेंस कंपनी ने कामिकेज ड्रोन भी प्रदर्शित किया है। यह काफी घातक ड्रोन माना जाता है। इसकी रेंज 200 किलोमीटर है और यह 16 किलो तक का वारहेड ले जा सकता है और 8 घंटे हवा में रह सकता है।
अदाणी डिफेंस और एयरोस्पेस पैवेलियन एयरो इंडिया 2025 में कई रक्षा हथियारों, मानव रहित वाहन, उपकरण और कई अन्य चीजों को प्रदर्शित करने वाले सबसे आकर्षक पैवेलियन में से एक है।
अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस भारत के रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी खिलाडिय़ों में से एक है। अदाणी डिफेंस और एयरोस्पेस ने लगातार तीसरी बार एयरो इंडिया में भाग लिया है।
एशिया के सबसे बड़े एयर शो एयरो इंडिया का 15वां संस्करण 10-14 फरवरी तक बेंगलुरु के येलहंका स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित किया जा रहा है।
नई दिल्ली । भारत में कोयले की मांग 2030 तक 1,462 मिलियन टन (एमटी) और 2047 तक 1,755 एमटी तक पहुंचने का अनुमान है। यह जानकारी सोमवार को सरकार द्वारा दी गई।
वैश्विक स्तर पर पांचवें सबसे बड़े भूगर्भीय कोयला भंडार और दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता के रूप में, कोयला एक मुख्य ऊर्जा स्रोत बना हुआ है, जो राष्ट्रीय ऊर्जा मिश्रण में 55 प्रतिशत का योगदान देता है।
पिछले दशक में मुख्य रूप से कोयले से चलने वाली ताप विद्युत संयंत्रों ने कुल बिजली उत्पादन में 74 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया है।
कोयला मंत्रालय के कहा, रिन्यूएबल स्रोतों में मजबूत प्रगति के बावजूद बिजली की मांग में तीव्र वृद्धि के कारण ताप विद्युत पर निर्भरता जारी रखना आवश्यक हो गया है। अनुमान है कि 2030 तक इसकी हिस्सेदारी 55 प्रतिशत और 2047 तक 27 प्रतिशत हो जाएगी।
आठ कोर उद्योगों के सूचकांक (आईसीआई) के अनुसार, कोयला क्षेत्र ने दिसंबर 2024 में 5.3 प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि दर्ज की, जो दिसंबर 2023 में 204.3 अंकों की तुलना में 215.1 अंक पर पहुंच गया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान, कोयला उद्योग सूचकांक पिछले वर्ष के 167.2 अंकों से बढक़र 177.6 अंक हो गया, जो 6.2 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो सभी कोर उद्योगों में सबसे अधिक है।
आठ मुख्य उद्योगों के संयुक्त सूचकांक ने पिछले वर्ष की तुलना में दिसंबर 2024 में 4 प्रतिशत की समग्र वृद्धि दिखाई है।
इसके अतिरिक्त कोयला क्षेत्र भारतीय रेलवे के माल ढुलाई आय का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है और लगभग 4.78 लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का कोयला उत्पादन 997.82 मिलियन टन (एमटी) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2014-15 में 609.18 एमटी से मजबूत वृद्धि दर्शाता है।
अकेले वित्त वर्ष 2023-24 में पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन में 11.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
2020 में वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी की शुरुआत के साथ एक ऐतिहासिक नीतिगत सुधार आया, जिसने निजी क्षेत्र की भागीदारी और आधुनिक तकनीकी अपनाने को प्रोत्साहित किया।
अहमदाबाद । अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अमेरिका स्थित मेयो क्लिनिक के साथ साझेदारी में अदाणी हेल्थ सिटी (एएचसी) शुरू करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य विश्वस्तरीय चिकित्सा अनुसंधान, किफायती स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में अग्रणी बनना है।
अदाणी परिवार अहमदाबाद और मुंबई में पहले दो एकीकृत स्वास्थ्य परिसरों के निर्माण के लिए 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का दान देगा। इसमें मुंबई और अहमदाबाद में दो 1,000 बिस्तरों वाले मल्टी-सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बनेंगे।
6,000 करोड़ रुपये का यह दान अरबपति उद्योगपति द्वारा अपने बेटे जीत अदाणी की शादी में की गई 10,000 करोड़ रुपये की सामाजिक दान की हाल की घोषणा का हिस्सा है, जिसे विभिन्न सामाजिक कार्यों में लगाया जाएगा।
कंपनी ने बताया कि गौतम अदाणी ने देश भर के शहरों और कस्बों में ऐसी और अधिक एकीकृत अदाणी हेल्थ सिटीज बनाने की योजना बनाई है।
अदाणी समूह के चेयरपर्सन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, मेयो क्लिनिक के साथ साझेदारी में अदाणी हेल्थ सिटी को लॉन्च करने पर गर्व है, जो विश्व स्तरीय चिकित्सा अनुसंधान, सस्ती स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में अग्रणी बनेगा।
उन्होंने आगे कहा, अहमदाबाद और मुंबई में 1,000 बिस्तरों वाले दो अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों से शुरुआत करते हुए, हम पूरे भारत में अत्याधुनिक चिकित्सा इनोवेशन लाने के मिशन पर हैं। यह एक स्वस्थ, मजबूत भारत के लिए बस शुरुआत है।
मेयो क्लिनिक, दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत गैर-लाभकारी चिकित्सा समूह है और यह एएचसी में तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा।
इन एकीकृत एएचसी परिसरों में से प्रत्येक में अस्पताल, 150 स्नातक, 80 से अधिक निवासी और 40 से अधिक फेलो के वार्षिक प्रवेश के साथ मेडिकल कॉलेज, स्टेप-डाउन और संक्रमणकालीन देखभाल सुविधाएं और अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाएं शामिल होंगी।
एएचसी चिकित्सा इकोसिस्टम का उद्देश्य सभी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लोगों की सेवा करना, अगली पीढ़ी के डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना है।