व्यापार

फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के शेयर में बड़ी गिरावट, ईएसओपी के ऐलान ने निवेशकों को किया निराश
Posted Date : 16-May-2024 12:06:57 am

फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के शेयर में बड़ी गिरावट, ईएसओपी के ऐलान ने निवेशकों को किया निराश

मुंबई  । फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के शेयर में कारोबारी सत्र में बड़ी उथल-पुथल देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में शेयर 6 प्रतिशत तक गिर गया और दोपहर एक बजे तक करीब 2.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। शेयर में गिरावट की वजह चालू वित्त वर्ष में कंपनी की लागत में बढ़ोतरी होना है।
जोमैटो की ओर से सोमवार को वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया गया। नतीजों के बाद कमेंट्री में प्रबंधन ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में ब्लिंकिट का नेतृत्व कर रही टीम और उसके वरिष्ठ कर्मचारियों को कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना (ईएसओपी) दिए जाने के कारण लागत में इजाफा हो सकता है।
बीते सोमवार, जोमैटो की ओर से वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए गए थे। कंपनी ने 175 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है। पिछले साल समान अवधि में कंपनी को 188 करोड़ का नुकसान हुआ था।
फूड डिलीवरी कंपनी की ओर से बताया गया कि उसने कर्मचारियों को 18.2 करोड़ शेयर ईएसओपी के रूप में जारी करने को लेकर शेयरधारकों से अनुमति मांगी है। मौजूदा मार्केट वैल्यू के मुताबिक, इनकी कीमत करीब 3,500 करोड़ रुपये होती है।

 

भारतीय इकाई में 1,660 करोड़ रुपये निवेश करेगा अमेजन
Posted Date : 16-May-2024 12:06:39 am

भारतीय इकाई में 1,660 करोड़ रुपये निवेश करेगा अमेजन

नई दिल्ली  । वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन अपनी भारतीय इकाई में 1,660 करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है। कंपनी की ओर से शेयर बाजार को दी गई सूचना में यह जानकारी सामने आई है।
अमेजन द्वारा भारतीय इकाई में निवेश ऐसे समय पर किया जा रहा है, जब बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में बाजार हिस्सेदारी को लेकर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। यह पांच महीनों में दूसरी बार है, जब अमेजन की ओर से अपनी भारतीय इकाई में निवेश किया जा रहा है। इससे पहले अमेजन ने 830 करोड़ रुपये भारतीय इकाई में निवेश किए थे। कुछ समय पहले वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 600 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। फ्लिपकार्ट, अमेजन का प्रमुख प्रतिद्वंदी है।
कंपनी ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि 1,660 करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे। इसके बदले में 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 166 करोड़ शेयर मौजूदा शेयरधारकों को जारी किए जाएंगे। ई-कॉमर्स भारत में तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल भारत में 24 करोड़ के करीब लोग ई-कॉमर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं और 2030 तक 21 करोड़ नए यूजर्स जुडऩे की संभावना है।

 

विजय माल्या, नीरव मोदी की तरह अब कोई भी नहीं डकार सकेगा बैंकों का पैसा, आरबीआई लेकर आई ये नया नियम
Posted Date : 14-May-2024 11:17:20 pm

विजय माल्या, नीरव मोदी की तरह अब कोई भी नहीं डकार सकेगा बैंकों का पैसा, आरबीआई लेकर आई ये नया नियम

नई दिल्ली  ।  बैंकों का पैसा लेकर अब कोई विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे लोग नहीं भाग सकेंगे। आरबीआई बैंकों पर लगाम लगाने के लिए लगातार नियमों में बदलाव कर रही है। आरबीआई नहीं चाहता कि बैंक ज्यादा संख्या में कर्ज दें। ताकि बैंकों को भविष्य में लोन वसूलने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। आरबीआई अब नया नियम लेकर आई है। जिस तहत एक सीमित दायरें में भी बैंको को लोन बांटने को कहा गया है।
इस समस्या से लडऩे के लिए केंद्रीय बैंक ने एक उपाय निकाला है। दरअसल बैंकों और एनबीएफसी को प्रोजेक्ट फाइनेंस लोन के लिए अधिक परसेंटेज अलॉट करने की जरूरत हो सकती है। बैंकों को संभावित नुकसान के लिए रिजर्व में पैसा अलग रखना होता है। इससे शेयरधारकों के लिए कम लाभांश और भविष्य के निवेश के लिए कम पूंजी उपलब्ध हो सकती है। बैंक ग्राहको को उनके हिसाब से लोन देता है। छोटे ग्राहकों को रिटेल लोन दिए जाते हैं। घर या अन्य संपत्ति को सिक्योरिटी के तौर पर रखा जाता है। अकाउंट में लोन आने के साथ ही ईएमआई शुरू हो जाती है। वहीं बड़े कर्जों करोड़ रुपये में होते है। बड़े कर्जों में को सडक़, पुल आदि योजनाओं के लिए दिया जा सकता है। वैसे कर्जों को किमत के आधार पर दिया जाता है।
बैंक अपने मुनाफे का सारा हिस्सा एक साथ खर्च नहीं करते हैं। एक हिस्सा भविष्य में जोखिम भरे कर्जों से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए रखते हैं। आरबीआई के नियमों के अनुसार, बड़े कर्जों के लिए बैंक आमतौर पर अपनी ओर से किए गए कर्जों का 0.4 फीसदी प्रोवीजन रखते हैं। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए क्रक्चढ्ढ इसमें कुछ बदलाव करना चाहता है। दरअसल बड़े कर्जों के लिए बैंक आमतौर पर अपनी ओर 0.4 फीसदी प्रोवीजन रखते हैं। क्रक्चढ्ढ चाहती है की उसे बढ़ा कर 5 फीसदी तक कर दिया जाना चाहिए। कई सरकारी और निजी बैंक शेयरों में 9 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। ऐसे में बैंक बढ़े हुए प्रोविजन की भरपाई के लिए अलग तरीकों की भी तलाश कर सकते हैं। इससे बैंकों पर लाभ कमाने या अपने कर्ज को बढ़ाने का दबाव पड़ सकता है। ऐसा न करने पर शेयरहोल्डर नाराज हो सकते हैं।

 

ईपीएफओ यूजर्स के लिए गूड न्यूज : अब जल्द सेटल होंगे घर बनाने, शादी या फिर पढ़ाई के लिए क्लेम
Posted Date : 14-May-2024 11:17:02 pm

ईपीएफओ यूजर्स के लिए गूड न्यूज : अब जल्द सेटल होंगे घर बनाने, शादी या फिर पढ़ाई के लिए क्लेम

नई दिल्ली  । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने यूजर्स को सौगात दिया। ईपीएफओ ने ऑटो क्लेम सेटलमेंट का दायरा बढ़ा दिया। इसका मतलब है कि अब घर बनाने, शादी या फिर पढ़ाई के लिए क्लेम जल्दी सेटल हो जाएगा। ईपीएफओ ने ऑटो क्लेम सेटलमेंट की लिमिट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी है।
ईपीएफओ ने इसके लिए ऑटो क्लेम सॉल्यूशन लॉन्च किया है। इसमें आईटी सिस्टम के जरिये क्लेम सेटल होगा। ईपीएफओ ने बताया पिछले कारोबारी साल में उन्होंने 4.5 करोड़ क्लेम का निपटारा किया है। इसमें से 60 फीसदी से ज्यादा के क्लेम अग्रिम दावे के लिए थे। आपको बता दें कि अप्रैल 2020 से ही बीमारी के इलाज के लिए एडवांस क्लेम सेटलमेंट के लिए ऑटो मोड सुविधा शुरू हो गई थी।

 

जोमेटो का बड़ा फैसला, आरबीआई को सरेंडर किया अपना एग्रीगेटर पेमेंट लाइसेंस
Posted Date : 14-May-2024 11:16:27 pm

जोमेटो का बड़ा फैसला, आरबीआई को सरेंडर किया अपना एग्रीगेटर पेमेंट लाइसेंस

नई दिल्ली  । फूड डिलिवरी ऐप जोमैटो ने मार्च तिमाही के नतीजे जारी किये थे। इस नतीजे में बैंक ने बताया था कि वह एक बार फिर से मुनाफे में वापस आ गई है। बता दें कि दिसंबर तिमाही में जोमैटो घाटे में थी। तिमाही नतीजे के एलान के बाद जोमैटो ने एक बड़ा फैसला लिया। जोमैटो पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड (जेडपीपीएल) ने पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस को सरेंडर कर दिया। इस साल जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक (क्रक्चढ्ढ) ने यह लाइसेंस जोमैटो पेमेंट्स को दिया था। जोमैटो ने बताया कि वह आरबीआई द्वारा मिली गई एक ऑथराइजेशन सर्टिफिकेट को खुद से छोड़ रहा है।
कंपनी को 24 जनवरी, 2024 से ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए केंद्रीय बैंक से लाइसेंस मिला था। जोमैटो ने कहा र्कि ंक्कक्करु के निदेशक मंडल ने प्री-पेड पेमेंट उपकरणों के जारीकर्ता के रूप में काम करने के लिए क्रक्चढ्ढ के पास प्रस्तुत 11 नवंबर, 2021 के आवेदन को वापस लेने का भी निर्णय लिया है।
जोमैटो ने पेमेंट एग्रीगेटर और प्रीपेड पेमेंट उपकरणों के जारीकर्ता के रूप में बिजनेस चलाने के लिए 2021 में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप र्में ंक्कक्करु को शामिल करने की घोषणा की।

 

सरकारी बैंकों को 2023-24 में रिकॉर्ड 1.42 लाख करोड़ मुनाफा, एनपीए 1.70प्रतिशत से नीचे
Posted Date : 13-May-2024 9:21:46 pm

सरकारी बैंकों को 2023-24 में रिकॉर्ड 1.42 लाख करोड़ मुनाफा, एनपीए 1.70प्रतिशत से नीचे

नई दिल्ली 

सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक का रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है। इस अवधि में कुल 12 बैंकों का फायदा बढक़र 1,42,129 करोड़ रुपये पहुंच गया। इन बैंकों ने 2022-23 में रिकॉर्ड 1.05 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। 2021-22 में यह आंकड़ा 66,540 करोड़ रुपये था। इस दौरान सिर्फ तीन बैंकों यूको, इंडियन ओवरसीज और पंजाब एंड सिंध बैंक के मुनाफे में गिरावट रही।
बैंकों का मुनाफा सरकार की चार आर की रणनीति की वजह से बढ़ा है। इसमें एनपीए को पारदर्शी रूप से पहचानना, समाधान व वसूली, पुनर्पूंजीकरण और वित्तीय तंत्र में सुधार करना शामिल है। इस रणनीति के तहत सरकार ने 2016-17 से 2020-21 के बीच कुल 3.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी बैंकों में डाली है। इससे बैंकों को मदद मिली है।
दूसरी वजह है...लगातार वसूली और बुरे फंसे कर्ज यानी एनपीए में कमी करना है। इसका असर यह हुआ कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सभी बैंकों का शुद्ध एनपीए घटकर 1.70 फीसदी के स्तर से नीचे आ गया। बैंक ऑफ महाराष्ट्र का एनपीए सबसे 0.20 फीसदी रहा, जबकि पंजाब एंड सिंध बैंक का एनपीए सर्वाधिक 1.63 फीसदी रहा। 
अकेले एसबीआई की रही आधी हिस्सेदारी
कुल लाभ में करीब आधा हिस्सा एसबीआई का रहा। बैंक ने 2023-24 में 61,077 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है, जो 2022-23 की तुलना में 21 फीसदी अधिक है। 
बैंक ऑफ बड़ौदा 18,676 करोड़ के साथ दूसरे स्थान पर रहा। तीसरे स्थान पर केनरा बैंक का लाभ 37 फीसदी बढक़र 14,554 करोड़ पहुंच गया। 
पंजाब नेशनल बैंक ने 8,245 करोड़ का मुनाफा कमाया, जबकि इंडियन बैंक का लाभ 52 फीसदी बढक़र 8,062 करोड़ पहुंच गया।  
बैंक ऑफ इंडिया को 6,318 रुपये करोड़ का मुनाफा हुआ, बैंक ऑफ महाराष्ट्र का 56 फीसदी बढक़र 4,005 करोड़ रुपये पहुंच गया। 
 सबसे कम लाभ पंजाब एंड सिंध बैंक का रहा। लाभ 55% घटकर 595 करोड़ रुपये रह गया। 
मार्च तिमाही में 43,091 करोड़ रुपये का मुनाफा
मार्च तिमाही में कुल 12 सरकारी बैंकों का मुनाफा 43,091 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। मार्च, 2023 में यह 34,483 करोड़ रुपये रहा था।
सबसे अधिक फायदा एसबीआई का 20,698 करोड़ रहा। इसमें 24 फीसदी की तेजी रही।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र का लाभ 45 फीसदी, सेंट्रल बैंक का 41 फीसदी, इंडियन बैंक का 55 फीसदी और पीएनबी का फायदा तीन गुना बढ़ा। 
बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,132 करोड़ व केनरा बैंक को 3,757 करोड़ लाभ।
तेल कंपनियों का लाभ उच्चतम स्तर पर, कमाए 81,000 करोड़ रुपये 
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (एचपीसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने 2023-24 में 81,000 करोड़ का रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है। यह तेल-संकट के पूर्व के वर्षों की उनकी सालाना कमाई से कहीं अधिक है। अप्रैल, 2023 से मार्च, 2024 के दौरान तीनों कंपनियों का सामूहिक रूप से एकल शुद्ध लाभ तेल संकट से पहले के वर्षों में उनकी 39,356 करोड़ रुपये की वार्षिक कमाई से बेहतर रहा है।  
आईओसी ने 2023-24 में 39,618.84 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध लाभ कमाया है। 2022-23 में यह आंकड़ा 8,241.82 करोड़ रुपये रहा था।
बीपीसीएल का शुद्ध लाभ 1,870.10 करोड़ रुपये से बढक़र 2023-24 में 26,673.50 करोड़ रुपये पहुंच गया।
एचपीसीएल को 14,693.83 करोड़ का मुनाफा।?2022-23 में 8,974.03 करोड़ का घाटा हुआ था।