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यूरोपीय संघ 2035 से गैस और डीजल कारों की बिक्री पर लगाएगा प्रतिबंध
Posted Date : 16-Feb-2023 4:19:51 am

यूरोपीय संघ 2035 से गैस और डीजल कारों की बिक्री पर लगाएगा प्रतिबंध

लंदन । इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीएस) की ओर बढ़ते कदम के तहत यूरोपीय संसद ने 2035 से ईयू में नई गैस और डीजल कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के कानून को मंजूरी दे दी है। नया कानून 2035 में नई कारों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों के लिए शून्य सीओ2 उत्सर्जन का मार्ग निर्धारित करता है।
आयोग 2025 तक यूरोपीय संघ के बाजार में बिकने वाली कारों और वैन के पूरे जीवन चक्र में सीओ2 उत्सर्जन पर डेटा का आकलन और रिपोर्ट करने के लिए एक पद्धति पेश करेगा।
यूरोपीय संसद के सदस्य के अनुसार, यह विनियमन शून्य और कम उत्सर्जन वाले वाहनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा। इसमें 2030 के लिए लक्ष्यों का एक महत्वाकांक्षी संशोधन और 2035 के लिए शून्य-उत्सर्जन लक्ष्य शामिल है, जो 2050 तक जलवायु तटस्थता तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण है।
ह्यूटिमा ने कहा, शून्य-उत्सर्जन कारों को खरीदना और चलाना उपभोक्ताओं के लिए सस्ता हो जाएगा और सेकेंड-हैंड बाजार अधिक तेजी से उभरेगा। यह टिकाऊ ड्राइविंग को सभी के लिए सुलभ बनाएगा।
आयोग ने कहा, एक कैलेंडर वर्ष (1,000 से 10,000 नई कारों या 1,000 से 22 000 नई वैन) में छोटे उत्पादन की मात्रा के लिए जिम्मेदार निर्माताओं को 2035 के अंत तक छूट दी जा सकती है।
हर दो साल में, 2025 के अंत से आयोग शून्य-उत्सर्जन सडक़ गतिशीलता की दिशा में प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए एक रिपोर्ट प्रकाशित करेगा।
कानून को पहली बार यूरोपीय संघ के देशों, यूरोपीय संसद और यूरोपीय आयोग के वार्ताकारों ने पिछले साल अक्टूबर में स्वीकार किया था।
वोक्सवैगन जैसे कई वाहन निर्माता पहले ही 2033 तक यूरोप में केवल ईवी का उत्पादन करने के लिए कह चुके हैं।

 

एयर इंडिया ने एयरबस से 250 विमानों के खरीदने का किया समझौता
Posted Date : 16-Feb-2023 4:19:12 am

एयर इंडिया ने एयरबस से 250 विमानों के खरीदने का किया समझौता

नयी दिल्ली ।  सरकार से टाटा समूह के नियंत्रण में आयी एयर इंडिया ने अपने बेड़े के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए यूरोपीय विमान निर्माता कंपनी एयरबस से 250 विमानों के खरीद समझौते की घोषणा की।
इस समझौते की घोषणा एक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से करते हुए टाटा संस के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन ने कहा,
 हम एयर इंडिया को एक विश्व स्तरीय एयरलाइन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए बदलाव की विशाल प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। 
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और टाटा ट्रस्ट के प्रमुख रतन टाटा भी जुड़े थे। श्री चंद्रशेखरन ने कहा कि एयर इंडिया ने एयरबस से 250 विमानों का सौदा किया है। यह एयरबस के साथ सबसे बड़े सौदों में से एक है।
इस मौके पर श्री मोदी ने टाटा समूह और एयरबस को इस समझौते के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह भारत और फ्रांस के बीच प्रगाढ़ संंबंधों को दर्शाता है और इसमें भारत के उड्डयन क्षेत्र की सफलतायें और आकांक्षायें भी झलकती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का नागर विमानन क्षेत्र भारत के विकास की यात्रा का एक समन्वित अंग है। हमारी राष्ट्रीय अवसरंचना नीति में नागर विमानन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि भारत में पिछले आठ साल में हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढक़र 147 हो गयी है। उड़ान योजना से दूरदराज के क्षेत्रों में भी हवाई सेवा का विस्तार हुआ है और इसे जनता के आर्थिक और सामाजिक विकास को बल मिला है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उड्डयन बाजार होगा और भारत में 15 साल में दो हजार से अधिक और विमानों की जरूरत होगी।
श्री मोदी ने कहा कि भारत के ‘मेक इन इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड’ की सोच से भारत में विमानन विनिर्माण उद्योग में नयी संभावनायें उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने भारत और फ्रांस के संबंधों पर कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति का मामला हो या खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा का मामला हो, दोनों देश मिलकर सार्थक योगदान कर रहे हैं।
श्री मैक्रां ने कहा कि उनका देश भारत को सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध प्रौद्योगिकी मुहैय्या कराने की गहरी प्रतिबद्धता रखता है। उन्होंने कहा कि यह समझौता दर्शाता है कि एयरबस और उसके भागीदार भारत के साथ और अधिक कारोबार करने को उत्सुक हैं जिनमें विमान इंजन बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी सफरान भी शामिल है। उन्होंने इस समझौते को दोनों देशों के संबंधों में मील का एक पत्थर करार दिया।
एयरबस के प्रमुख गुईलाउमे फॉरी ने कहा कि यह भारत एयर इंडिया और एयरइंडिया के लिए ऐतिहासिक क्षण है, यह भारत में नागर विमानन क्षेत्र के विकास को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि टाटा समूह इस समय एयर इंडिया के अलावा विस्तारा और एयर एशिया का परिचालन भी कर रहा है। इसकी योजना अपने पूरे एयरलाइन कारोबार को एक समन्वित रूप देना है।

 

महंगाई का अप्रत्याशित झटका, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में उछलकर 6.52 फीसदी पर पहुंची
Posted Date : 15-Feb-2023 3:47:50 am

महंगाई का अप्रत्याशित झटका, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में उछलकर 6.52 फीसदी पर पहुंची

नयी दिल्ली । खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रा स्फीति जनवरी में उछलकर फिर भारतीय रिजर्व बैंक की लक्षित छह प्रतिशत की सीमा को पार करते हुए 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गयी जबकि दिसंबर में यह 5.72 फीसदी थी।
जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के बाद खुदरा मुद्रा स्फीति का यह सबसे ऊंचा स्तर है और इससे रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी)की अगली समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि का सिलसिला थमने की संभावना क्षीण हो गयी है।
एमपीसी की पिछले सप्ताह हुई बैठक में नीतिगत ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया गया था।
जनवरी में खाद्य मुद्रास्फीति 4.19 प्रतिशत की तुलना में 5.94 प्रतिशत रही जबकि प्रमुख खुदरा मुद्रास्फीति (खाद्य एवं
ईंधन को छोडक़र) 6.09 प्रतिशत पर इससे पिछले माह के स्तर पर बनी रही। दिसंबर में प्रमुख मुद्रास्फीति 6.10 प्रतिशत थी। खुदरा मुद्रास्फीति में खाद्य मुद्रास्फीति का भारांश 40 प्रतिशत है। जनवरी में अनाज और दूध के दामों में इजाफा बना रहा। अनाज की कीमतें जनवरी में एक साल पहले की तुलना में 16 प्रतिशत और दूध और अंडे की कीमतें 8.8 प्रतिशत ऊंची थीं लेकिन सब्जियों का दाम सालाना आधार पर 11.7 प्रतिशत घटा।
रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति की दर दो प्रतिशत घटबढ़ के साथ चार प्रतिशत के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी है और वह कीमतों में वृद्धि की प्रत्याशा पर अंकुश लगाने के लिए लगातार ब्याज दर बढ़ा रहा है।
एमके ग्लोबल फाइनेंसियल सर्विसेज की प्रमुख अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा कि मुद्रास्फीति में यह उछाल अप्रत्याशित है जबकि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति पिछली बैठक में चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2023) के दौरान खुदा मुद्रास्फीति के अनुमान को पिछले अनुमान की तुलना में 0.20 प्रतिशत कम कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि इससे रिजर्व बैंक की इस धारणा की और पुष्टि हुई है कि मुख्य मुद्रास्फीति अब भी दृढ़ बनी हुई है और ढिलाई देने पर कीमत बढऩे की प्रत्याशा पर अंकुश ढीला होगा और इससे मध्य काल में मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा।
मिलवुड केन इंटरनेशनल के सीईओ निखिल गुप्ता ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति में आया यह उछाल चिंता का विषय है। मुद्रास्फीति दो महीने नरम पडऩे के बाद बढ़ी है और यदि आगे दो महीने और ऊंचे स्तर पर रही तो रिजर्व बैंक को अप्रैल में नीतिगत ब्याज दर फिर बढ़ाना पड़ सकता है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के निदेशक अनुसंधान विवेक राठी ने कहा कि मुद्रास्फीति का बढऩा रिजर्व बैंक की चिंता बढ़ा सकता
है। उन्होंने कहा कि चूंकि मुद्रास्फीति का दबाव लगातार बना हुआ है, इसलिए हमारी राय में अभी निकट भविष्य में रिजर्व बैंक ब्याज दर बढ़ाने का सिलसिला कम करने वाला नहीं है लेकिन एपीसी की एक-दो और बैठकों तक वृद्धि कम रखने का रुख बरकरार रह सकता है।

 

रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुआ 17507 करोड़ रुपये का एमओयू
Posted Date : 14-Feb-2023 3:16:51 am

रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुआ 17507 करोड़ रुपये का एमओयू

लखनऊ  ।  ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) के तीसरे और अंतिम दिन रविवार के यूपी में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क विकास को लेकर रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच 17507 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया।
इस दौरान ‘रेल और सडक़ के आधुनिकीकरण में उत्तर प्रदेश’ विषय पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जीआईएस-23 की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी की डबल इंजन की सरकार प्रदेश को बुलेट ट्रेन की गति से आगे बढ़ा रही है। भारत की ग्रोथ में यूपी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। इसी वजह से जी-20 के महत्वपूर्ण कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले जब रेल बजट आता था तो यूपी के हिस्से में 1000-1100 करोड़ रुपए आवंटित होते थे। इस बार के बजट में मोदी सरकार ने यूपी के हिस्से में 16 गुना बढ़ोतरी की गई है। अमृत भारत स्टेशन के तहत उत्तर प्रदेश के 150 स्टेशन को विश्व स्तर का बनाया जा रहा है। आर्ट और क्राफ्ट में कार्य करने वाले लोगों के वन स्टेशन वन उत्पाद की योजना शुरू की गई है। इससे इस सेक्टर से जुड़े लोगों की आमदनी बढ़ी है। साथ ही ये उत्पाद लोकल से ग्लोबल बन गए हैं।
रेल मंत्री ने निवेशकों का आह्वान करते हुए कहा कि रेलवे से जुडक़र बिना किसी संकोच के आप उत्तर प्रदेश में अपना प्रोजेक्ट लगाएं और अपने निवेश को फलदाई बनाएं। रेलवे इसमें आपका पूरा सहयोग करेगा।
विदेश सत्र को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि रेल और रोड के बिना हम जनता की आंक्षाओं की पूर्ति नहीं कर पाएंगे। यूपी में चार लाख किलोमीटर का सडक़ नेटवर्क है। पूरे प्रदेश में एक्सप्रेस-वे और सडक़ों का जाल बिछाया जा रहा है। 560 किलोमीटर के गंगा एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है। प्रदेश में 59 रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) पर काम पूरा हो चुका है। साथ 250 आरओबी को चिन्हित कर लिया गया है, जिन पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक लाख टीयूवी का कार्य रेलवे के सहयोग से पूरा किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर इसका पूरा खर्च रेलवे वहन करेगा। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद निवेशकों से यूपी में निवेश की आह्वान करते हुए कहा कि आने वाले समय में यूपी से सिर्फ भारत की राजनीति का ही नहीं बल्कि देश का औद्यौगिक रास्ता भी उत्तर प्रदेश से जाएगा।
रेलवे बोर्ड (इंफ्रास्ट्रक्चर) के सदस्य रूप नारायण शंकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में रेल नेटवर्क के विकास किया जा रहा है। देश में 1275 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तर का बनाया जा रहा है, इनमें 150 यूपी में हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 8 हजार किमी रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया जा चुका है। फरवरी के अंत तक उत्तर प्रदेश के पूरे रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण हो जाएगा।
रेलवे के मैनेजिंग डायरेक्टर रविंद्र जैन ने कहा कि देश में दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर हम बना रहे हैं। इसमें एक पश्चिम कॉरिडोर है तो दूसरा पूर्वी कॉरिडोर है। इन फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से माल गाडिय़ों का आवागमन सुगम हो जाएगा और समय की बचत होगी। पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एक हजार 58 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है। इसके पूरा होने से उत्तर प्रदेश के रेल के नेटवर्क में आमूलचूल परिवर्तन आ जाएगा। यहां निवेश करने वाले उद्यमियों को अपना माला लाने और ले जाने में कोई समस्या नहीं होगी।
विशेष सत्र में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद, राज्य मंत्री बृजेश सिंह, रेलवे बोर्ड (इंफ्रास्ट्रक्चर) के सदस्य रूप नारायण शंकर और रेलवे के मैनेजिंग डायरेक्टर रविंद्र जैन मौजूद थे।

 

फोरेक्स ट्रेडिंग करने वाले सावधान, आरबीआई  ने दी सजा की चेतावनी
Posted Date : 14-Feb-2023 3:16:23 am

फोरेक्स ट्रेडिंग करने वाले सावधान, आरबीआई ने दी सजा की चेतावनी

नई दिल्ली  । यदि आप फोरेक्स में ट्रेड करते हैं या फिर अन्य किसी प्रकार का लेन-देन करते हैं तो कृपया सावधान हो जाएं। कई फर्जी और अनधिकृत कंपनियां और वेबसाइट इस प्रकार के लेन-देन करवाने में लग गई हैं और आपको किसी दिन अचानक चूना लगाकर चंपत हो जाएंगी। कुछ शिकायतें मिलने के बाद रिजर्व बैंक ने एक सूची जारी की है और लोगों को बताया कि उन्हें ऐसी कुछ वेबसाइटों और उनके क्रियाकलापों से सावधान हो जाना चाहिए। आरबीआई यह भी बता रहा है कि ये लोग अनधिकृत रूप से इस व्यापार में लिप्त हैं और इनसे लोगों को बचने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक पिछले काफी समय से लोगों को ऐसे फर्जी वेबसाइटों, ऐप और लोगों से सावधान करने के प्रयास जारी रखे हुए हैं लेकिन अभी तक इन पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका है। सरकार और आरबीआई इस दिशा में लगातार काम कर रही है।
बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने 03 फरवरी 2022 को भी आम जनता को अप्राधिकृत फोरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के विरुद्ध सतर्क किया था और उन संस्थाओं की एक सचेतक सूची जारी की थी जो न तो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के अंतर्गत फोरेक्स में व्यवहार करने के लिए प्राधिकृत हैं और न ही फोरेक्स लेन-देन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए प्राधिकृत हैं।
अभी फिर आरबीआई ने सचेतक सूची को अपडेट किया है और इसमें उन संस्थाओं/प्लेटफार्मों/वेबसाइटों के नाम शामिल किए हैं जो ऐसी अप्राधिकृत संस्थाओं/ईटीपी को बढ़ावा देती प्रतीत हो रही हैं, जिनमें ऐसी अप्राधिकृत संस्थाओं के विज्ञापनों के माध्यम से या प्रशिक्षण/सलाहकार सेवाएं प्रदान करने का दावा हो रहा है। आरबीआई यह भी कह रहा है कि यह सचेतक सूची अभी भी पूरी नहीं है। इस बात से साफ है कि इस प्रकार की सूची में नई वेबसाइट या कहें नए ऐप शामिल हो सकते हैं जो इस प्रकार के अनधिकृत काम में लिप्त हैं।
सचेतक सूची में शामिल नहीं की गई संस्था को, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा में व्यवहार करने या फोरेक्स लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए प्राधिकृत नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति/ईटीपी की प्राधिकरण स्थिति का पता भारतीय रिज़र्व बैंक के वेबसाइट पर उपलब्ध प्राधिकृत व्यक्तियों और प्राधिकृत ईटीपी की सूची से लगाया जा सकता हैं।
आरबीआई की ओर से निवासी व्यक्तियों को उन संस्थाओं/प्लेटफार्मों/वेबसाइटों के प्रति भी आगाह किया गया है जो ऐसी अप्राधिकृत संस्थाओं/ईटीपी को बढ़ावा देती प्रतीत होती हैं, जिनमें ऐसी अप्राधिकृत संस्थाओं के विज्ञापनों के माध्यम से या ‘सिम्युलेटेड वातावरण’ में ‘डेमो ट्रेडिंग’ प्रदान करके प्रशिक्षण/सलाहकार सेवाएं प्रदान करने का दावा (जैसे वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों सहित सोशल मीडिया पर) तथा अप्राधिकृत संस्थाओं के माध्यम से विदेशी मुद्रा व्यापार को सुविधाजनक बनाने और करने के लिए ऐसे अन्य अप्रत्यक्ष साधन प्रदान करना शामिल है।
आरबीआई ने यह भी दोहराया है कि निवासी व्यक्ति जो फेमा के अंतर्गत अनुमत प्रयोजनों के अलावा अन्य प्रयोजनों हेतु फोरेक्स लेनदेन करने के लिए या भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अप्राधिकृत ईटीपी पर, भारतीय रुपये या अन्य मुद्रा में, प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से, धन विप्रेषित/जमा करने के लिए किसी माध्यम का उपयोग करेंगे, वे फेमा के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई के भागी होंगे। यानि एक कोई भी आदमी फरेब का शिकार भी हो जाएगा और दूसरी ओर आरबीआई या सरकार की ओर से फेमा के उल्लंघन में सजा का हकदार भी हो जाएगा।
आरबीआई ने साफ किया है कि जिनका नाम सूची में नहीं है इसका अर्थ यह नहीं लगाना चाहिए कि उन्हें प्राधृकित किया गया है। कम से कम यहां यह साफ है कि ये साइटों अनधिकृत रूप से इस काम में लगी हैं। इनसे लोगों को सावधान होने की जरूरत हैं।

 

अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों पर एक्शन, एमएससीआई ने फ्री-फ्लोट डेजिग्नेशन में की कटौती
Posted Date : 11-Feb-2023 4:09:01 am

अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों पर एक्शन, एमएससीआई ने फ्री-फ्लोट डेजिग्नेशन में की कटौती

नई दिल्ली  ।  अमेरिका के शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद संकट में घिरे गौतम अडानी समूह को एक और बड़ा झटका लगा है। इंडेक्स ऑपरेटर एमएससीआई ने कहा कि उसने अडानी समूह की 4 सिक्योरिटीज के फ्री-फ्लोट डेजिग्नेशन में कटौती की है। एमएससीआई ने एक बयान में कहा कि उसने अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन और एसीसी के फ्री फ्लोट्स को कम कर दिया है। इंडेक्स ऑपरेटर के मुताबिक, बाकी कंपनियों के फ्री फ्लोट पहले जैसे ही रहेंगे। बता दें कि अडानी ग्रुप की आठ कंपनियां एमएससीआई इंडेक्स में शामिल हैं।
जिन चार कंपनियों के लिए फ्री फ्लोट डेजिग्नेशन कम करने की घोषणा की गई है, उनका एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में 30 जनवरी तक संयुक्त रूप से 0.4प्रतिशत भार है। ये सारे बदलाव 1 मार्च से प्रभावी होंगे।
बता दें कि एमएससीआई की रिव्यू की खबर के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई थी। समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर करीब 15 प्रतिशत नीचे चला गया था। समूह की 10 कंपनियों में 9 के शेयर नुकसान में बंद हुए थे। जबकि बीएसई सेंसेक्स 142 अंक चढ़ा था। आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अरबपति गौतम अडानी की सातों लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 110 बिलियन डॉलर तक गिर गया है।