व्यापार

5वें दौर की नीलामी के तहत 11.88 एलएमटी बिका गेहूं
Posted Date : 13-Mar-2023 3:12:32 am

5वें दौर की नीलामी के तहत 11.88 एलएमटी बिका गेहूं

नई दिल्ली   । गुरुवार को हुई पांचवें दौर की नीलामी में कुल 11.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री हुई है। ई-नीलामी के पांचवें दौर के बाद, खुले बाजार में गेहूं की संचयी बिक्री 45 एलएमटी के कुल आवंटन के मुकाबले 28.86 एलएमटी तक पहुंच गई है।
बिक्री ने पूरे देश में गेहूं और आटे की कीमतों को कम किया है। अगली ई-नीलामी 15 मार्च को होगी और एक अप्रैल से गेहूं खरीद की अवधि शुरू होने को देखते हुए सरकार ने 31 मार्च तक उठाव कार्य पूरा करने की अनुमति दी है।
गेहूं की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार ने कीमतें कम करने के लिए इसे खुले बाजार में बेचने का फैसला किया था

 

सब्सिडी का बोझ कम करने के लिए बांग्लादेश ने बिजली की कीमत बढ़ाई
Posted Date : 13-Mar-2023 3:11:49 am

सब्सिडी का बोझ कम करने के लिए बांग्लादेश ने बिजली की कीमत बढ़ाई

ढाका  । बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय के अनुसार, बांग्लादेश सरकार ने एक बार फिर खुदरा स्तर पर बिजली की कीमत बढ़ा दी है। इस साल जनवरी से तीसरी बार बिजली के खुदरा मूल्य में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी और नई दर बुधवार से लागू हो जाएगी।
बिजली का औसत खुदरा मूल्य 7.82 टका किलो वॉट से बढक़र 8.21 टका प्रति किलोवाट होगा।
पहली बार 12 जनवरी और फिर दूसरी बार 31 जनवरी को कीमत बढ़ाई गई थी।
बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन राज्य मंत्री नसरूल हामिद ने पहले कहा था कि गैस आयात में वित्तीय घाटे के बैकलॉग को दूर किया जा सकता है अगर बिजली का मूल्य मासिक आधार पर बढ़ाया जाता है।

 

आज से महंगा होगा होम लोन, ब्याज दरों में बढ़ोतरी
Posted Date : 13-Mar-2023 3:11:15 am

आज से महंगा होगा होम लोन, ब्याज दरों में बढ़ोतरी

नई दिल्ली  । केनरा बैंक के होम लोन समेत अन्य लोन कल से महंगे होने जा रहे हैं। बैंक ने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट और एमसीएलआर दोनों में संशोधन किया है, जो 13 मार्च यानी सोमवार से प्रभावी हो जाएंगी। इससे बैंक के तमाम तरह के लोन की ईएमआई फिर बढ़ जाएगी और आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के लगातार रेपो दरों में वृद्धि के चलते अधिकतर बैंकों के लोन महंगे हुए हैं। महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई पिछले साल मई से लगातार रेपो दर को बढ़ाता जा रहा है। बैंक लोन की दरों को रेपो दरों में बदलाव के साथ बदलते रहते हैं।
केनरा बैंक ने एमसीएलआर में 0.45 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। इससे बैंक के अलग-अलग अवधि के लोन की ब्याज दरें बदल गई हैं।

 

भारत के मिड-मार्केट में 36 प्रतिशत वरिष्ठ पदों पर महिलाएं : रिपोर्ट
Posted Date : 13-Mar-2023 3:10:48 am

भारत के मिड-मार्केट में 36 प्रतिशत वरिष्ठ पदों पर महिलाएं : रिपोर्ट

नई दिल्ली ।  भारत के मध्य-बाजार व्यवसायों में वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर 36 प्रतिशत महिलाओं का कब्जा है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। नेतृत्व की भूमिका में 36 प्रतिशत महिलाओं के साथ भारत ब्रिक्स (34 प्रतिशत) और जी7 (30 प्रतिशत) के औसत से आगे है। ग्रांट थॉर्नटन की इंटरनेशनल बिजनेस रिपोर्ट के मुताबिक, अफसोस की बात है कि भारत में 5 फीसदी मिड-मार्केट बिजनेस में अभी भी वरिष्ठ नेतृत्व वाली भूमिकाओं में कोई महिला नहीं है। वैश्विक स्तर पर, मध्य-बाजार व्यवसायों में 32 प्रतिशत वरिष्ठ प्रबंधन पद महिलाओं के पास हैं।
ऐसे 9 प्रतिशत व्यवसायों में अभी भी वैश्विक स्तर पर वरिष्ठ नेतृत्व की भूमिकाओं में कोई महिला नहीं है।
ग्रांट थॉर्नटन की भारत की पार्टनर पल्लवी बाखरू ने कहा, बेहतर समानता के लिए जोर देने के लिए, व्यवसायों को एक मिश्रित या लचीला ²ष्टिकोण अपनाना चाहिए, एक सहायक और समझदार संस्कृति का निर्माण करना चाहिए, और कर्मचारियों की भलाई और महिलाओं का समर्थन करने वाले परामर्श कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
विविधता में सुधार की दिशा में काम करना, विशेष रूप से वरिष्ठ स्तर पर, न केवल जिम्मेदार काम है, बल्कि व्यावसायिक रूप से भी सही काम है।
सभी क्षेत्रों (अफ्रीका, एपीएसी, आसियान, लैटिन अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, यूरोपीय संघ) ने पहली बार वरिष्ठ प्रबंधन में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत का आंकड़ा पार किया।
आसियान क्षेत्र में यह आंकड़ा 37 प्रतिशत से बढक़र 40 प्रतिशत तक पहुंच गया।
वैश्विक स्तर पर, 36 प्रतिशत मिड-मार्केट व्यवसाय अब विशुद्ध रूप से कार्यालय-आधारित काम कर रहे हैं, और 53 प्रतिशत का हाइब्रिड दृष्टिकोण है।
भारत में, ऐसे 62 प्रतिशत व्यवसाय हाइब्रिड मॉडल को अपना रहे हैं, 27 प्रतिशत अभी भी मुख्य रूप से कार्यालय आधारित हैं। 5 प्रतिशत कर्मचारी स्थायी रूप से घर-आधारित हैं और 5 प्रतिशत के पास पूरी तरह से लचीला कार्यक्रम है और यह चुनने का विकल्प है कि कहां काम करना है

 

बाजार में भारी उठापटक के बावजूद शेयरों में म्युचुअल फंड निवेश 1.5 लाख करोड़ के पार
Posted Date : 08-Mar-2023 3:57:04 am

बाजार में भारी उठापटक के बावजूद शेयरों में म्युचुअल फंड निवेश 1.5 लाख करोड़ के पार

नईदिल्ली । चालू वित्त वर्ष के दौरान शेयर बाजार में तमाम उठापटक और बाधाओं के बावजूद शेयर बाजार पर देसी म्युचुअल फंडों का भरोसा बना हुआ है। वित्त वर्ष 2023 में म्युचुअल फंडों ने शेयरों में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा शुद्ध निवेश किया है। यह लगातार दूसरा साल है, जब इतना अधिक निवेश हुआ है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में 1 मार्च तक म्युचुअल फंडों ने शेयरों में 1.53 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है, जबकि वित्त वर्ष 2022 में 1.72 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। वित्त वर्ष 2015 से अभी तक केवल वित्त वर्ष 2021 को छोडक़र (2021 में 1.21 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की गई थी) म्युचुअल फंड शेयरों के शुद्ध लिवाल रहे। आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2023 तक पिछले 9 वित्त वर्ष में म्युचुअल फंडों ने देसी शेयर बाजार में 6.90 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के मुख्य कार्याधिकारी और निदेशक स्वरूप मोहंती मानते हैं कि भारत में मजबूत आर्थिक वृद्धि देखकर म्युचुअल फंडों का शेयर बाजार में भरोसा बढ़ा है और उनके निवेश में तेजी आई है। मोहंती ने कहा, ‘मजबूत आर्थिक पैमानों के अलावा शेयरों में लगातार निवेश बढऩे के पीछे खुदरा निवेशकों के व्यवहार में बदलाव भी अहम है, जो पिछले कई वर्षों से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्युचुअल फंडों में लगातार निवेश कर रहे हैं। इसने देसी शेयर बाजार का ढांचा बदल दिया है। इससे हर बार गिरावट के दौरान बाजार को म्युचुअल फंडों के निवेश से थोड़ी राहत मिलती है।’
दूसरी ओर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने चालू वित्त वर्ष में जमकर बिकवाली की है और शेयर बाजार से अभी तक 36,538 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में उन्होंने 1.42 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।
तुलनात्मक आधार पर देखें तो बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद पिछले दो वित्त वर्ष (मार्च 2021 से) में म्युचुअल फंडों ने देसी शेयर बाजार में 3.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जबकि विदेशी निवेशकों ने इस दौरान 1.78 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं। इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में बीएसई सेंसेक्स 2.12 फीसदी बढ़ा है, जबकि बीएसई मिडकैप में 2 फीसदी की तेजी आई है। स्मॉलकैप सूचकांक 2.3 फीसदी गिरा है।
ऐसे में सवाल उठता है कि वित्त वर्ष 2024 में शेयर बाजार का रुख कैसा रहेगा। क्या बाजार में म्युचुअल फंडों का निवेश बरकरार रहेगा? विदेशी निवेश की क्या स्थिति रहेगी?
मोहंती मानते हैं कि वित्त वर्ष 2024 थोड़ा अलग रह सकता है। अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार थोड़ी नरम पड़ सकती है, जिसका असर शेयर बाजार में निवेश पर भी दिख सकता है।
उन्होंने कहा, ‘पिछले दो साल में शेयर बाजार में निवेश शुरू करने वाले निवेशकों को लाभ नहीं हुआ है। आंकड़ों से पता चलता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी ज्यादा मजबूत नहीं है। निवेशक इसे ध्यान में रखते हुए शेयर बाजार में निवेश कम कर सकते हैं।’
बीएनपी पारिबा में भारत में इक्विटी शोध प्रमुख कुणाल वोरा ने कहा, ‘घरेलू बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की हिस्सेदारी दशक में सबसे कम है। चीन के बाजार खुलने और भारत में शेयरों का मूल्यांकन ज्यादा होने से विदेशी निवेशक 2023 में भी बिकवाली जारी रख सकते हैं।’

गोल्डमैन सैक्स ने 6 सालों में पहली बार एप्पल के स्टॉक पर दी पॉजिटिव सलाह
Posted Date : 08-Mar-2023 3:56:38 am

गोल्डमैन सैक्स ने 6 सालों में पहली बार एप्पल के स्टॉक पर दी पॉजिटिव सलाह

नईदिल्ली । ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने छह साल में पहली बार एप्पल के शेयरों को खरीदने की सलाह दी है। कंपनी के शेयर वैल्यू में हुए इजाफे के बाद गोल्डमैन ने एप्पल को लेकर अपना रुख बदला है। एप्पल के शेयरों की वैल्यू चार गुने से अधिक हुई है। एनालिस्ट माइकल एनजी ने इसकी कवरेज शुरू कर दी है। गोल्डमैन के मुताबिक आईफ़ोन बनाने वाली कंपनी का यूजर बेस इतना बड़ा हो चुका है कि इसके सर्विस बिजनेस की ग्रोथ शानदार होगी।
एप्पल के शेयर अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर 6 मार्च को 1.85 फीसदी के उछाल के साथ 153.83 डॉलर (12591.35 रुपये) के भाव (एप्पल शेयर प्राइस) पर बंद हुआ है।
छह साल में माइकल गोल्डमैन के तीसरे एनालिस्ट हैं जो एपल को कवर कर रहे हैं। माइकल के मुताबिक प्रीमियर हार्डवेयर डिजाइन में एप्पल की सफलता ने इसके ब्रांड लॉयल्टी को मजबूत किया है जिस कारण से कंपनी का यूजर बेस बढ़ा है। इसके चलते कंपनी को अपने इकोसिस्टम को छोडक़र जाने वाले यूजर्स की संख्या को घटाने और क्लाइंट जोडऩे में खर्च घटाने में मदद मिली है।
वहीं कस्टमर्स को फिर से खरीदारी के लिए बढ़ावा मिला है। एप्पल में निवेश के लिए 199 डॉलर का टारगेट प्राइस फिक्स किया है। यह इसके मौजूदा भाव 153.83 अमेरिकी डॉलर से करीब 29 फीसदी अपसाइड है। इस साल 2023 में अब तक यह 23 फीसदी मजबूत हुआ है। इस महीने में यह चार फीसदी से अधिक उछला है।
माइकल से पहले गोल्डमैन के एनालिस्ट रॉड हॉल ने पांच साल तक एपल की कवरेज की थी, उन्होंने या तो इसे न्यूट्रल या सेल रेटिंग दी थी। अब माइकल ने इसे खरीदने की रेटिंग दी है। गोल्डमैन ने इससे पहले एपल को खरीदने की रेटिंग वर्ष 2017 में दी थी और तब से अब तक यह 300 फीसदी से अधिक चढ़ चुका है।