नई दिल्ली । सहारा ग्रुप के निवेशक ध्यान दें। अगर उनका पैसा फंसा है तो उन्हें यह पैसा वापस मिल सकता है। यह संभव हो सकता है मोदी सरकार के उस प्रयास से जिसके तहत सरकार ने 5,000 करोड़ रुपये अलॉट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से आवेदन किया है ताकि 1.1 करोड़ निवेशकों के पैसों का भुगतान किया जा सके।
साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट को 25,781 करोड़ रुपये डिपॉजिट करने का ऑर्डर दिया था। इन कंपनियों ने मार्च 2008 और अक्टूबर 2009 में तीन करोड़ निवेशकों से यह राशि जुटाई थी। इन दो कंपनियों ने अब तक 15,569 करोड़ रुपये जमा कराए हैं जिन पर 9,410 करोड़ रुपये ब्याज बना है। इस तरह सहारा-सेबी फंड में कुल 24,979 करोड़ रुपये जमा हैं। रिफंड के बाद इस अकाउंड में अब भी 23,937 करोड़ रुपये जमा हैं।
इन लोगों की जीवनभर की गाढ़ी कमाई का पैसा लंबे समय से सहारा ग्रुप की चार कोऑपरेटिव सोसाइटीज में पड़ा है। अपने पैसों को पाने के लिए उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। सरकार की तरफ से संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक सेबी को 81.70 करोड़ रुपये की कुल मूल राशि के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट/पास बुक से जुड़े 19,644 आवेदन मिले हैं। सेबी ने इनमें से 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि 48,326 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट/पासबुक वाले 17,526 एलिजिबल बॉन्डहोल्डर्स को रिफंड किया है। इसमें 70.09 करोड़ रुपये मूलधन और 67.98 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है।
नयी दिल्ली । सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वित्तपोषण का काम करने वाली कंपनी इंडियन रिन्यूवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लि (इरेडा) में सरकार की आंशिक हिस्सेदारी की सार्वजनिक बिक्री और कंपनी द्वारा नए इच्टिी शेयर जारी कर धन जुटाने के लिए प्राथमिक शेयर निर्गम (आईपीओ) लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने इरेडा को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने के प्रस्ताव को स्वीकार किया। इरेडा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है।
इरेडा लि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) और ऊर्जा दक्षता (ईई) परियोजनाओं का वित्त पोषण का कारोबार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है। इस मिनी रत्न कंपनी के पूरे शेयर इस समय सरकार के पास हैं।
सीसीईएस की बैठक के बाद जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इरेडा को बाजार में सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) आगे बढ़ाएगा।
इस निर्णय के बाद जून, 2017 का सीसीईए का वह निर्णय दब गया है, जिसमें इस कंपनी को आईपीओ के माध्यम से बुक बिल्डिंग आधार पर 10 रुपये के अंकित मूल्य के 13.90 करोड़ नए इच्टिी शेयर जारी करने की अनुमति दी गयी थी।
केंद्र ने इरेडा में अभी पिछले साल मार्च में 1500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी। उसके बाद कंपनी की पूंजीगत संरचना में आए बदलाव को देखते हुए सरकान ने यह नया निर्णय किया है।
सरकार का मानना है कि इरेडा के आईपीओ से जहां सरकार को अपने निवेश को उन्मुक्त करने करने में मदद मिलेगी और वहीं आम लोगों को इस राष्ट्रीय संपत्ति में हिस्सेदार बनने का अवसर भी प्राप्त होगा। इस पहल से इरेडा को अपनी योजनाओं के लिए सरकारी धन पर निर्भरता कम होगी।
सूचीबद्धता के बाद कंपनी को बाजार की शर्तों के अनुसार अपना संचालन करना होगा जिससे इसके संचालन में पादर्शिता बढ़ेगी।
बेंगलुरु ,। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मोदी सरकार ने अगले चार साल में सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में 10 लाख नई नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा है।
श्री चंद्रशेखर यहां यहां युवाओं के साथ एक संवाद के दौरान कहा,हमारे प्रधानमंत्री का सापना है कि देश में बने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों का मूल्य 2025-26 तक 24 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाए। इसका मतलब है कि 2026-27 तक सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे।’’
‘न्यू इंडिया फॉर यंग इंडिया’ की संवाद-शृंखला के तहत यहां ज्ञान ज्योति सभागार में आयोजित इस संवाद में सरकारी श्रीकृष्ण राजेंद्र सिल्वर जुबली टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (एसकेएसजेटीआई), बेंगलुरु के विद्यार्थी शामिल थे। आईटी राज्यमंत्री ने कहा कि यह इतिहास का सबसे रोमांचक दौर है और वर्तमान पीढ़ी के छात्र भारत के इतिहास में सबसे भाग्यशाली हैं। ‘न्यू इंडिया फॉर यंग इंडिया’ के इस सत्र में 1,500 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
दिवंगत लोकप्रिय कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार की जयंती पर आज उनको याद करते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि यह दिन ‘स्पूर्ति दिवस’ रूप में मनाया जाता है और छात्रों के साथ ‘इंडिया टेकेड’ के अवसरों पर चर्चा करने के लिए इससे उपयुक्त और कोई दिन नहीं हो सकता है।
इस मौके पर उन्होंने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए विकास की मिसाल देते हुए 2014 से पहले और 2014 के बाद के भारत के बीच तुलना की।
नई दिल्ली। मुश्किलों में घिरे गौतम अडानी को बीएसई-एनएसई की तरफ से बड़ी राहत मिली है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के एक फैसले से अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी को बड़ी राहत मिली है। एनएसई और बीएसई ने अडानी ग्रुप की तीन कंपनियां- अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पॉवर और अडानी विल्मर के शेयर्स पर से निगरानी (शॉर्ट टर्म सर्विलांस) हटा दी है। सर्कुलर के मुताबिक 17 मार्च से इन स्टॉक्स को शॉर्ट टर्म सर्विलांस से बाहर रखा जाएगा।
एनएसई और बीएसई ने ग्रुप की इन 3 कंपनियों को 8 मार्च से सर्विलांस के दायरे में रखा था। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, इस शॉर्ट टर्म सर्विलांस के हटने से इन कंपनियों के शेयर प्राइस में तेजी देखने को मिल सकती है। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 443 अंक की बढ़त के साथ 58,078.11 अंक पर खुला। जबकि एनएसई निफ्टी में 147.80 अंक की तेजी देखी गई और ये 17,133.40 अंक पर खुला।
सर्विलांस के रहते इन कंपनियों के शेयर्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग के लिए 100 फीसदी अपफ्रंट मार्जिन की आवश्यकता होती है।बाजार में हाई लेवल पर उतार-चढ़ाव के बीच निवेशकों की सुरक्षा के लिए कुछ शेयर्स को शॉर्ट टर्म सर्विलांस फ्रेमवर्क में रखा जाता है।
बता दें कि निगरानी में रखे जाने के बाद 9 मार्च से इन शेयरों में गिरावट देखने मिली है। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 6 प्रतिशत और अडानी विल्मर में 11प्रतिशत की गिरावट आई है, हालांकि अडानी पावर में 1.5प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस के शेयर्स अभी लंबी अवधि तक अतिरिक्त निगरानी के लिए शॉर्ट टर्म सर्विलांस के तहत बने रहेंगे।
जनवरी के अंत में अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद से अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है।
नयी दिल्ली। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक भारत में 5 जी मोबाइल नेटवर्क सेवा का उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या 30 करोड़ तक पहुंच जाएगी लेकिन यह समग्र ग्राहकों की संख्या की एक तिहाई ही होगी। मार्च 2023 के अंत तक दो से ढाई करोड़ के बीच रहने का अनुमान है।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक नवीन वैद्यनाथन का मानना है कि 5जी हैंड सेट की ऊंची कीमतें इसके अपनाए जाने की गति को प्रभावित करेगी। क्रिसल का कहना है कि अभी 5जी सेवाएं कंपनियों के आकर्षक टैरिफ प्लान के कारण है और आम लोग कृषि, शिक्षा और अन्य कामों में इसके लाभ के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के बाद इसकी ओर तेजी से आकर्षित हो सकते हैं।
रेटिंग एजेंसी ने जारी एक रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2025 के अंत तक भारत में डाटा का उपभोग आज की तुलना में 40 बढ़ जाएगा और इससे सेवा प्रदाता कंपनियों की औसत प्रति उपयोगकर्ता आय (एआरपीयू) में बढोतरी होगी।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 29024-25 के अंत तक भारत में शेश दो-तिहाई ग्राहक 4 जी नेटवर्क का उपयोग करना जारी रखेंगे।
क्रिसिल के अनुसार 5जी सेवाओं के ग्राहकों की ओर से डेटा की खपत को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि वे बेहतर गति के लिए उच्च डेटा पैक की ओर बढ़ेंगे। इससे प्रति उपयोगकर्ता कुल औसत राजस्व (एपीआरयू) और दूरसंचार कंपनियों की कमाई बढेगी।
रिपोर्ट के अनुसार देश में अक्टूबर 2022 से 5 जी सेवाओं की शुरूआत हुई है और अब तक 300 से अधिक शहरों में कंपनियां 5जी नेटवर्क सेवाएं शुरू कर चुकी हैं। क्रिसिल का कहना है जब इसके खुदरा-इस्तेमाल का फायदा बढ़ेगा तो आम लोगों द्वरा 5जी को अपनाने की गति बढ़ेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 5त्र के ढेर सारे फायदे बताए जा रहे हैं जिनमें स्मार्ट क्लासरूम, सटीक खेती और बुद्धिमान परिवहन प्रणाली जैसे मामलों में इसका उपयोग शामिल है। पर लोग इसे तब बढ़े पैमाने पर आनाएंगे जबकि 5जी नेटवर्क सेवाओं के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार दिखेगा।
रिपोर्ट के अनुसार अभी बुनियादी ढांचे के सुधार में धीरे-धीरे कुछ वर्ष लग जाएंगे।
क्रिसिल का कहना है कि वर्तमान में 5त्र सेवाओं को अपनाने की गति दूरसंचार कंपनियों द्वारा पेश किए जा रहे प्रौद्योगिकी-तटस्थ टैरिफ प्लान से संचालित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपयोगकर्ताओं के बीच 5 जी उपकरणों की पैठ भी 5 जी सेवाओं को अपनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक नवीन वैद्यनाथन ने कहा, वर्तमान में भारत में हर साल बिकने वाले 15-17 करोड़ स्मार्ट फोन में से लगभग 30-35 प्रतिशत फोन 5जी सक्षम होते हैं। इस तरह 5 जी सेट का आधार अभी कम है क्यों कि ये सेट 4जी की तुलना में महंगे हैं।
उन्होंने कहा कि हैंड सेट की ऊंची लागत 2025 तक उपोगकर्ताओं की संख्या 30 करोड़ तक सीमित रख सकती है। उन्होंने कहा एक तरह से देखें तो वर्ष 2024-25 तक समग्र उपयोगकर्ताओं में केवल एक तिहाई ग्राहक ही 5जी अपना रहे होगे।
नयी दिल्ली 16 मार्च,। दूरसंचार सेवा प्रदाता रिलायंस जियो ने बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने वाले एक कदम के तहत नया फैमिली प्लान जियो प्लस पेश किए हैं, जिसमें में पहले कनेक्शन के लिए ग्राहक को 399 रु चुकाने होंगे, प्लान में तीन अतिरिक्त कनेक्शन जोड़े जा सकेंगे। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इस प्लान में प्रत्येक अतिरिक्त कनेक्शन के लिए 99 रुपए चुकाने होंगे।
यह प्लान एक महीने के फ्री ट्रायल के साथ पेश किया गया है। इसमें चार कनेक्शन के लिए कुल 696 रुपए में 75जीबी डेटा मिलेगा। चार कनेक्शन वाले फैमिली प्लान में एक सिम पर हर महीने औसतन 174 रुपया खर्च आएगा।
जियो ने कहा हे कि अगर एक महीने के फ्री ट्रायल के बाद भी कोई यूजर सर्विस से संतुष्ट नहीं है, तो वह अपना कनेक्शन कैंसिल करा सकता है।
इसी तरह 100 जीबी प्रति की खपत वाले ग्राहकों के लिए पहले कनेक्शन पर 699 रुपए चुकाने और प्रत्येक अतिरिक्त तीन कनेक्शन पर 99 रु प्रति कनेक्शन देना होगा। कंपनी ने कुछ व्यक्तिगत प्लान भी लॉन्च किए गए हैं। इसमें 299 रुपए का 30 जीबी का प्लान है और एक अनलिमिटेड डेटा प्लान भी है जिसके लिए ग्राहक को 599 रु चुकाने होंगे।
जियो फाइबर यूजर्स, कॉर्पोरेट कर्मचारियों, अन्य ऑपरेटरों के मौजूदा पोस्टपेड यूजर्स के साथ एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई के क्रेडिट कार्ड धारकों को कोई सिक्योरिटी डिपॉजिट भी नहीं देना होगा।
जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने कहा, जियो प्लस लॉन्च करने का मकसद, समझदार पोस्टपेड उपयोगकर्ताओं को नए लाभ और अनुभव देना है। कई पोस्टपेड यूजर्स नये सेवा प्रदाता पर स्विच करने के लिए आसान रास्ता अपनाना चाहते हैं, जियो प्लस प्लान के फ्री ट्रायल से उन्हें अपनी समस्य़ा का समाधान मिल जाएगा।