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रियलमी ने अपना नया सेगमेंट सी55 बाजार में उतारा
Posted Date : 01-Apr-2023 4:55:55 am

रियलमी ने अपना नया सेगमेंट सी55 बाजार में उतारा

लखनऊ । देश के जानेमाने मोबाइल फोन ब्रांड रियलीमी ने 64 मेगापिक्सल कैमरा और 33 वॉट चार्जर के साथ अपने नये सेगमेंट रियलमी सी55 का अनावरण किया।
नौ हजार 999 रूपये की शुरूआती कीमत वाले रियलमी सी55 में 16जीबी तक की डाईनैमिक रैम के साथ 8जीबी प्लस 128जीबी तक का स्टोरेज दिया गया है। मीडियाटेक हीलियो जी88 चिपसेट, 33 वॉट की सुपरवूक चार्जिंग, और 90 हर्ट्ज़ के एफएचडी प्लस डिस्प्ले के साथ रियलमी सी55 सेगमेंट का पहला स्मार्टफोन है, जिसमें इस सेगमेंट में सबसे ज्यादा रिज़ॉल्यूशन के साथ 64 मेगापिक्सल का कैमरा है।
रियलमी सी55 रियलमी का पहला फोन है, जिसमें चार्ज नोटिफिकेशन,डेटा यूसेज़ नोटिफिकेशन और स्टेप नोटिफिकेशन का मिनी कैप्सूल है। रियलमी सी55 दो खूबसूरत रंगों सनशॉवर और रेनी नाईट में तीन स्टोरेज वैरिएंट्स, 4जीबी प्लस 64जीबी में 10,999 रूपये में, 6जीबी प्लस 64जीबी में 11,999 रूपये में और 8जीबी प्लस 128जीबी में 13,999 रूपये में मिलेगा। रियलमी.कॉम और फ्लिपकार्ट पर प्रिऑर्डर 21 मार्च से 27 मार्च, 2023 तक चलेंगे और फ्लिपकार्ट पर 1000 रूपये का एक्सचेंज ऑफ मिलेगा जबकि रियलमी.कॉम पर एक हजार रूपये तक के बैंक ऑफर मिलेंगे।

 

एक अप्रैल से यूपीआई से लेन-देन महंगा, 2000 रुपये से ज्यादा के पेमेंट पर देने होंगे एक्स्ट्रा चार्ज!
Posted Date : 30-Mar-2023 4:56:43 am

एक अप्रैल से यूपीआई से लेन-देन महंगा, 2000 रुपये से ज्यादा के पेमेंट पर देने होंगे एक्स्ट्रा चार्ज!

नई दिल्ली । यूपीआई से लेन देन करने वालों के लिए बड़ी खबर है। 1 अप्रैल 2023 से नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है। इसकी शुरुआत के साथ ही यूपीआई से लेन-देन भी महंगा होने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस पेमेंट को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें अप्रैल की पहली तारीख से यूपीआई से होने वाले मर्चेंट पेमेंट पर यूपीआई चार्ज लगाने की सिफारिश की गई है।
मीडिया की खबर के मुताबिक, मंगलवार को जारी किए गए इस सर्कुलर के मुताबिक यूपीआई ने इंटरचेंज लगाया जा सकता है। ये चार्ज 0.5-1.1 फीसदी लगाए जाने की सिफारिश की गई है। सर्कुलर में यूपीआई के जरिए 2,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर 1.1 फीसदी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि यूपीआई लगाने का सुझाव दिया गया है। यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को देना पड़ेगा।
यूपीआई के सर्कुलर से संकेत मिल रहे हैं कि 1 अप्रैल से पेमेंट यानी गूगल पे , फोन पे और पेटीएम जैसे डिजिटल माध्यम से अगर आप 2,000 रुपये से ज्यादा का पेमेंट करेंगे, तो फिर आपको इसके लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 70 फीसदी लेन-देन 2,000 रुपये से अधिक के मूल्य होते हैं, ऐसे में इन पर 0।5 से लगभग 1।1 फीसदी का इंटरचेंज लगाया जा सकता है।
बता दें, में वॉलेट या कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन आता है। आम तौर पर इंटरचेंज फीस कार्ड भुगतान से जुड़ी हुई होती है और इसे लेन-देन को स्वीकार करने और लागत को कवर करने के लिए लागू किया जाता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद इसका समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले करेगा।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस निर्धारित की है। फार्मिंग और टेलीकॉम सेक्टर में सबसे कम इंटरचेंज फीस वसूली जाएगा। दरअसल, इंटरजेंज फीस मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना पड़ेगा। इस सर्कुलर के मुताबिक बैंक अकाउंट और वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट में किसी तरह के ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।

 

 

1 अप्रैल से पैरासिटामोल समेत 900 दवाओं के 12प्रतिशत तक बढ़ेंगे दाम
Posted Date : 30-Mar-2023 4:56:02 am

1 अप्रैल से पैरासिटामोल समेत 900 दवाओं के 12प्रतिशत तक बढ़ेंगे दाम

नई दिल्ली । महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों को 1 अप्रैल के एक और झटका लगने वाला है और अब जरूरी दवाओं के लिए लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। एक अप्रैल से पेनकिलर्स से लेकर एंटीबायोटिक समेत कई जरूरी दवाओं के दाम बढऩे वाले हैं। बता दें कि जरूरी दवाओं की कीमतों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी तय की गई है।
पेन किलर, एंटी इंफेक्शन और दिल की बीमारियों की दवाइयों से लेकर एंटीबायोटिक्स दवाओं की कीमतें उनमें शामिल हैं जिनकी कीमतें 1 अप्रैल से बढऩे जा रही है। सरकार ने दवा कंपनियों को एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स में बदलाव के अनुरूप दवा की कीमतें बढ़ाने की अनुमति दे दी है। जिन दवाइयों की कीमतें बढ़ेंगी, उनमें पैरासिटामोल भी शामिल है, जिसका सामान्य बुखार और दर्द में इस्तेमाल होता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पेनकिलर्स, एंटी-इन्फेक्टिव्स, एंटीबायोटिक्स और दिल की दवाओं सहित लगभग 900 दवाओं की कीमत 12 प्रतिशत से ज्यादा तक बढ़ सकती है। मालूम हो कि यह लगातार दूसरा साल है जब अनुसूचित दवाओं की कीमतों में वृद्धि गैर-अनुसूचित  दवाओं की तुलना में अधिक होगी। अनुसूचित दवाएं आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची का हिस्सा हैं।
गौरतलब है कि दवा मूल्य नियामक नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी को हर साल 1 अप्रैल या उससे पहले पिछले कैलेंडर वर्ष के एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स के मुताबिक अनुसूचित दवाओं की कीमत को संशोधित या बढ़ाने की अनुमति है। कीमत को संशोधित करने और बढ़ाने को लेकर अनुसूचित ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 2013 के क्लॉज 16 में नियम बना हुआ है। 

 

नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों के लिए 38 हजार करोड़ रुपये आवंटित
Posted Date : 30-Mar-2023 4:55:18 am

नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों के लिए 38 हजार करोड़ रुपये आवंटित

नई दिल्ली । जहां मौजूदा हवाईअड्डों के विकास के लिए लगभग 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, वहीं अगले पांच वर्षो में नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों की स्थापना के लिए लगभग 38,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हवाईअड्डों का उन्नयन और आधुनिकीकरण एक सतत प्रक्रिया है, जो भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और अन्य हवाईअड्डा विकासकर्ताओं द्वारा समय-समय पर भूमि की उपलब्धता, वाणिज्यिक व्यवहार्यता, सामाजिक-आर्थिक विचार, यातायात की मांग और सरकार की इच्छा के आधार पर किया जाता है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने राज्यसभा को बताया कि एएआई और अन्य हवाईअड्डा डेवलपर्स ने मौजूदा टर्मिनलों के विस्तार और आधुनिकीकरण, नए टर्मिनलों और रनवे के सुदृढ़ीकरण सहित अन्य गतिविधियों के लिए अगले पांच वर्षो में हवाईअड्डा क्षेत्र में लगभग 98,000 करोड़ रुपये के पूंजी परिव्यय का लक्ष्य रखा है।
भारत सरकार ने 45,000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल अनुमानित परियोजना लागत पर 21 नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
इनमें से दुर्गापुर, शिर्डी, कन्नूर, पकयोंग, कालाबुरगी, ओरवाकल (कुरनूल), सिंधुदुर्ग, कुशीनगर, ईटानगर, मोपा और शिवमोग्गा सहित 11 ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे चालू हो गए हैं।
हवाईअड्डों के निर्माण या उन्नयन संबंधित हवाईअड्डा डेवलपर्स द्वारा किया जाता है। इसकी समय-सीमा विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि भूमि अधिग्रहण, अनिवार्य मंजूरी, बाधाओं को दूर करना, वित्तीय समापन आदि।
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी के अन्य प्रभाव जैसे जनशक्ति का वियोजन, आपूर्ति श्रृंखला का बंद होना आदि और अभूतपूर्व प्रतिकूल मौसम की स्थिति एएआई द्वारा शुरू की गई उन्नयन परियोजनाओं में देरी के लिए मुख्य जिम्मेदार कारक रहे हैं।
प्रश्न के जवाब में कहा गया कि परियोजनाओं के वित्तपोषण सहित हवाईअड्डा परियोजनाओं के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों सहित संबंधित हवाईअड्डा विकासकर्ताओं की है।

 

पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए स्मार्ट शहर,गांव का विकास महत्वपूर्ण: गडकरी
Posted Date : 29-Mar-2023 3:37:13 am

पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए स्मार्ट शहर,गांव का विकास महत्वपूर्ण: गडकरी

नई दिल्ली। सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ज़रूरी है कि स्मार्ट शहरों और गांवों का विकास किया जाए और इस काम में सार्वजनिक-निजी भागीदारी हो।
गडकरी ने कहा, स्मार्ट सिटीज़ भारत की सफलता की कहानी हैं। इस क्षेत्र में हमारे पास अपार संभावनाएं हैं और मैं व्यक्तिगत रूप से इन पर काम कर रहा हूं। वह सोमवार को यहां प्रगति मैदान में तीन दिवसीय 30वें कॉन्वर्जेन्स इंडिया एवं 8वें स्मार्ट सिटीज़ इंडिया एक्सपो का उद्घाटन कर रहे थे। इसका आयोजन स्मार्ट सिटीज़ मिशन, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, इंडिया ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गेनाइज़ेशन (आईटीपीओ) एवं एक्ज़ीबिशन इंडिया ग्रुप (ईआईजी) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। 
एक विज्ञप्ति के अनुसार तीन दिवसीय आयोजन देशी-विदेशी इकाइयों, नवप्रवर्तकों, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों एवं स्टार्ट-अप्स को नेटवर्किंग की क्षमता का लाभ उठाकर कारोबार के अवसर बढ़ाने एवं नयी साझेदारियां करने का मौका देगा। उद्घाटन समारोह में स्लोवाक गणराज्य के आर्थिक विभाग के मंत्री मरेल हिरमन भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा,  जैसा कि श्री गडकरी ने कहा है, विकास महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें अपनी प्रकृति और पर्यावरण एवं लोगों को भी सुरक्षित रखना है। हमारा मानना है कि शहरी विकास का भविष्य आधुनिक तकनीक में निहित है। आने वाले समय में हमें शहर नियोजन एवं प्रबन्धन में आधुनिक तकनीकों एवं डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करना होगा। 
हिरमन ने कहा कि उनके देश स्लोवाकिया में शहरों में सार्वजनिक परिवहन, ऊर्जा, व्यर्थजल प्रबन्धन एवं सार्वजनिक सुरक्षा के लिए पहले से स्मार्ट समाधानों को अपनाया जा रहा है।
एक्ज़हीबिशन्स इंडिया ग्रुप की प्रबंध निदेशक चन्द्रिका बहल ने कहा,  तीस सालों से हम कॉन्वर्जेन्स इंडिया सीरीज़ एक्स्पो के माध्यम से भारत के तेज़ी से विकसित होते डिजिजटल तकनीक उद्योग के लिए अवसरों का निर्माण कर रहे हैं। इस बीच स्मार्ट सिटीज़ इंडिया एक्स्पो भी स्मार्ट सिटीज़ मिशन के साथ तालमेल बना रहा है। पहले दिन 14 सत्रों की परिचर्चा में 65 से अधिक वक्ताओं ने हिस्सा लिया। 

 

आरबीआई अगले महीने रोक सकता है रेपो रेट बढ़ोतरी : एसबीआई रिपोर्ट
Posted Date : 29-Mar-2023 3:36:42 am

आरबीआई अगले महीने रोक सकता है रेपो रेट बढ़ोतरी : एसबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली । स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के रिसर्च विंग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगले सप्ताह की बैठक के दौरान रेपो दरों में लगातार बढ़ोतरी पर रोक लगा सकता है। सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा- हमें उम्मीद है कि आरबीआई अप्रैल में नीति को रोक देगा..अप्रैल में रुकने के लिए उसके पास पर्याप्त कारण हैं। किफायती आवास ऋण बाजार में भारी मंदी की चिंताएं और वित्तीय स्थिरता की चिंताएं प्रमुख स्थान ले रही हैं, एसबीआई की शोध रिपोर्ट का शीर्षक एमपीसी बैठक की प्रस्तावना (प्रिल्यूड टू एमपीसी मीटिंग) है।
आरबीआई की दर निर्धारण एमपीसी की बैठक 3 से 5 अप्रैल के बीच होने वाली है। एसबीआई की रिपोर्ट में आगे उल्लेख किया गया है कि स्टिकी कोर मुद्रास्फीति पर चिंता उचित है, यह ध्यान दिया जा सकता है कि पिछले दशक में औसत कोर मुद्रास्फीति 5.8 प्रतिशत पर है और यह लगभग संभावना नहीं है कि मुख्य मुद्रास्फीति भौतिक रूप से 5.5 प्रतिशत और नीचे गिर सकती है चूंकि स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च में महामारी के बाद बदलाव और ईंधन की कीमतों के उच्च स्तर पर बने रहने के साथ परिवहन मुद्रास्फीति का घटक बाधा के रूप में कार्य करेगा।
वैश्विक आर्थिक परिदश्य पर टिप्पणी करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में घोषित फेड बैंक टर्म फंडिंग प्रोग्राम विंडो से बैंक उधारी से पता चलता है कि एक बड़े बैंक संक्रमण की आशंका कम हो रही है, हालांकि बड़े बैंकों की कीमत पर छोटे बैंकों की जमा राशि में गिरावट जारी है।
एसबीआई की शोध रिपोर्ट में कहा गया- ऐसा लगता है कि छोटे बैंक किसी भी डिपॉजिट रन पर काबू पाने के लिए फेड से कर्ज ले रहे हैं। इस प्रकार, वैश्विक परिस्थितियां अभी भी विकसित और तरल हैं।