नई दिल्ली । एक रोबोटिक्स विशेषज्ञ ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक लोगों को अकेलेपन से लडऩे में मदद कर सकती है। अकेलापन स्वास्थ्य को गंभीर रूप से खराब कर सकता है। यूके के शेफील्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टोनी प्रेस्कॉट ने अपनी नई पुस्तक द साइकोलॉजी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में तर्क दिया है कि एआई के साथ रिश्ते लोगों को सामाजिक संपर्क जैसा समर्थन दे सकते हैं।
कॉग्निटिव रोबोटिक्स के प्रोफेसर टोनी ने कहा, जब लोग अकेलापन महसूस करते हैं तो वह समाज से अपने आप को अलग-थलग महसूस करते हैं, वह सभी से कट जाते हैं। उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है। लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उन्हें इस समस्या से बाहर लाने में मदद कर सकता है। वह उन्हें अभ्यास करने और अपने सामाजिक कौशल में सुधार करने का एक तरीका दे सकता है। टोनी ने कहा, कई लोग अपने जीवन को अकेले ही बिताते हैं। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उन्हें एक साथी की तरह ही साथ दे सकता है।
उन्होंने कहा, एआई साथी के रूप में भावनाओं को मजबूत कर और सामाजिक कौशल को बनाए रखने या सुधारने में मदद कर इस चक्र को तोडऩे में मदद कर सकता है। पुस्तक में प्रोफेसर मानव मस्तिष्क की प्रकृति और उसकी संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं की पड़ताल करते हैं और एआई के विकास के तरीके से इसकी तुलना करते हैं। उन्होंने कहा कि मनोविज्ञान और एआई की साझेदारी नेचुरल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दोनों में आगे की अंतर्दृष्टि को खोल सकती है।
अकेलेपन का असर के बारे में बात करें तो 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार मोटापे की तुलना में अकेलापन मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक हानिकारक है। इस कारण से मौत का खतरा 26 प्रतिशत तक तक बढ़ सकता है। यह हृदय रोग, मनोभ्रंश, स्ट्रोक, अवसाद और चिंता के बड़े खतरे को भी दावत दे सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में 3.8 मिलियन लोग इस समस्या से पीडि़त हैं।अमेरिका में हार्वर्ड के एक अध्ययन में पाया गया कि 36 प्रतिशत अमेरिकी वयस्क और 61 प्रतिशत युवा अकेलेपन का अनुभव करते हैं।
यह पुस्तक कई तरह के प्रश्नों की खोज करती है। इसमें कहा गया है कि ‘क्या एआई को रोबोटिक बॉडी देने से यह नई प्रकार की बुद्धिमत्ता बनाने में सक्षम होगा’? पुस्तक में कहा गया कि जैसे-जैसे मनोविज्ञान और एआई आगे बढ़ते हैं इससे कुछ प्रमुख सवालों के जवाब ढूंढने में मदद मिल सकती है।
नई दिल्ली । वित्त मंत्रालय ने 31 मई को मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आयोजित की जाने वाली नीलामी के जरिए तीन लॉट में 29,000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड की बिक्री की घोषणा की। पहले लॉट में कई मूल्य विधियों का उपयोग करके उपज-आधारित नीलामी के जरिए 12,000 करोड़ की अधिसूचित राशि के लिए नई सरकारी प्रतिभूति 2029 शामिल है। 6,000 करोड़ रुपये मूल्य की न्यू जीओआई एसजीआरबी 2034 की दूसरी खेप भी मल्टीपल प्राइस पद्धति का उपयोग करके नीलाम की जाएगी, जबकि 11,000 करोड़ मूल्य की 7.34 प्रतिशत सरकारी प्रतिभूति 2064 का तीसरा सेट मल्टीपल मूल्य पद्धति का उपयोग करके मूल्य आधारित नीलाम किया जाएगा।
सरकार के पास तीनों प्रतिभूतियों में से प्रत्येक के बदले 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता बरकरार रखने का विकल्प होगा। सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी में गैर-प्रतिस्पर्धी बोली सुविधा योजना के अनुसार प्रतिभूतियों की बिक्री की अधिसूचित राशि का पांच प्रतिशत तक पात्र व्यक्तियों और संस्थानों को आवंटित किया जाएगा।
नीलामी के लिए प्रतिस्पर्धी और गैर-प्रतिस्पर्धी दोनों बोलियां 31 मई, 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (ई-कुबेर) प्रणाली पर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में प्रस्तुत की जानी चाहिए। गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां सुबह 10.30 बजे के बीच प्रस्तुत की जानी चाहिए। और सुबह 11 बजे और प्रतिस्पर्धी बोलियां सुबह 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच पेश की जानी चाहिए। नीलामी का परिणाम 31 मई, 2024 (शुक्रवार) को घोषित किया जाएगा और सफल बोलीदाताओं द्वारा भुगतान 3 जून, 2024 (सोमवार) को किया जाएगा।
मुंबई । पानी की तकनीक पर काम करने वाली कंपनी वा टेक वाबैग की ओर से मंगलवार को कहा गया कि कंपनी को ओमान की नामा वाटर सर्विसेज से पांच वर्षों तक अल-दुक्म डिसेलिनेशन प्लांट के संचालन और रखरखाव का ठेका मिला है। इसके सौदे की वैल्यू करीब 85 करोड़ रुपये है।
चेन्नई के मुख्यालय वाली कंपनी वाबैग द्वारा ही 10 वर्ष पहले इस डिसेलिनेशन प्लांट को निर्माण किया गया था और 2018 तक कंपनी ही इसके संचालन और ऑपरेशन का कार्यभार संभालती थी।
कंपनी के जीसीसी के सेल्स और बिजनेस डेवलपमेंट डायरेक्टर, सुब्रमण्यम एम ने कहा कि ओमान में मिला यह ऑर्डर हमारी ग्रोथ की रणनीति के मुताबिक है। इससे हमारे संचालन और रखरखाव की ऑर्डर बुक मजबूत होगी। एन्युटी इनकम हमें बेहतर कैश फ्लो और अच्छी आय हासिल करने में मदद करेगी।
कंपनी ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि इस प्लांट से उत्पादन होने वाले पानी का इस्तेमाल अल वुस्टा गवर्नरेट के दुक्म और हैमा क्षेत्रों में घरेलू खपत के लिए किया जाएगा। सुब्रमण्यम ने आगे कहा कि हम नामा वाटर सर्विसेज का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमारी टेक्निकल क्षमता पर विश्वास जताया। इसके कारण हमें दोबारा ऑर्डर मिल रहे हैं।
वाबैग एक वाटर टेक्नोलॉजी कंपनी है। यह राष्ट्रीय के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्य करती है। कंपनी सरकार के साथ इंडस्ट्रीज को भी वाटर सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है।
कंपनी के पास 1,600 से ज्यादा पानी की टेक्नोलॉजी के पेशेवर हैं, जो कि 4 महाद्वीपों के 25 से ज्यादा देशों में फैले हुए हैं।
कंपनी के अनुसार, उसने पिछले तीन दशकों में 1,400 से ज्यादा म्युनिसिपल और इंडस्ट्रियल प्लांट्स बनाए हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी की आय करीब 2,856 करोड़ रुपये की थी। इस दौरान कंपनी को 250 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।
नई दिल्ली । देशभर में सडक़ी हादसे बढ़ते जा रहे है। ऐसे में सडक़ी हादसे का शिकार हुए परिजनों को इलाज के लिए बीमा पालिसी पर आस होती है। लेकिन कई बार बीमा पालिसी कंपनियां भी पैसे देने में टाल मटोल करती रहती है। ऐसे में आरटीआई के जरिए ये बात सामने आई है कि 10,46,163 मोटर हादसे, जो कि 80,455 करोड़ के दावे देशभर में लंबित पड़े हैं। बीमा के ये मामले लगातार बढ़ रहे हैं। साल 2018-19 से 2022-23 के दौरान ये जानकारी आरटीआई से सामने आई है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील केसी जैन ने अप्रैल 2024 में इरडा यानी इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ये जानकारी आरटीआई के जरिए दी है। सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में मोटर वाहन हादसे के लंबित दावों की राज्य और जिला के आधार पर दी है। मोटर वाहन के लंबित दावों को लेकर पिछले पांच सालों में केंद्र सरकार की तरफ से कोई कदम उठाया गया है या नहीं। अगर उठाया गया है तो उसकी जानकारी। इरडा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22, और 2022-23 के दौरान मोटर वाहन हादसों के लंबित दावों की संख्या 9,09,166, 9,39,160, 10,08,332, 10,39,323 और 10,46,163 रही। वहीं, इस दौरान दावों की राशि क्रम्श: 2,713 करोड़ रुपये, 61,051 करोड़ रुपये, 70,722 करोड़ रुपये, 74,718 करोड़ रुपये, और 80,455 करोड़ रुपये रहा।
इरडा के मुताबिक, वह जिला और राज्य के आधार पर मोटर थर्ड पार्टी दावों की जानकारी नहीं जुटाता है। वहीं, सडक़ सुरक्षा कार्यकर्ता ने इस बात पर चिंता जताई कि सडक़ हादसे में पीडि़त को आर्थिक मदद मिलने में औसतन 4 साल का समय लगता है। इरडा की जानकारी के मुताबिक, 2022-23 में मोटर हादसों के 10,39,323 नए मामले सामने आए, मगर इसमें से सिर्फ 29 फीसदी मामलों में ही सेटलमेंट किया गया। इन दावों को पूरा करने में भी लगभग 4 साल का वक्त लगाया गया। जैन ने सुप्रीम कोर्ट में सिविल विट पिटीशन दायर कहा कि सडक़ हादसों के पीडि़तों को देर से मिलने वाली आर्थिक मदद और फैसले को लेकर एप्लिकेशन दी। इसमें सुझाव के तौर पर कहा गया है कि गंभीर मामलों में 5 लाख और घायल होने पर 2.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।
नई दिल्ली । गूगल जून और जुलाई में बड़ा झटका देने की तैयारी में है। दरअसल कंपनी अपनी 3 खास सर्विस को जून और जुलाई महीने से बंद करने वाली है। कहा जा रहा है कि इससे लाखों यूजर्स एफेक्ट होंगे। कंपनी गूगल पे और गूगल वीपीएन सर्विस को जून में बंद किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर इन सर्विस को बंद से बंद किया जा रहा है।
गूगल वीपीएन सर्विस
गूगल ओन्ड गूगल वन वीपीएन सर्विस को 20 जून 2024 से बंद कर दिया जाएगा। इस सर्विस को भारत में कभी लॉन्च नहीं किया गया है। ऐसे में इंडियन यूजर्स पर गूगल वीपीएन सर्विस के बंद होने का असर नहीं पड़ेगा। गगूल पिक्सल 7 सीरीज के यूजर्स को फ्री पिक्सल वीपीएन सर्विस दिया जाता रहेगा। इसमें गूगल पिक्सल 7, गूगल पिक्सल 7 प्रो, गूगल पिक्सल 7ड्ड और फोल्ड स्मार्टफोन शामिल हैं।
गूगल पे
गूगल पे ऐप क इस साल 4 जून से अमेरिका में बंद कर दिया जाएगा। हालांकि भारत और सिंगापुर जैसे मार्केट में गूगल पे पहले की तरह चलता रहेगा। जो यूजर्स भारत और सिंगापुर में गूगल पे ऐप का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। अमेरिकी मार्केट में गूगल पे सर्विस की जगह गूगल वॉलेट ऑफर की जाएगी। हाल ही में भारत में भी गूगल वॉलेट सर्विस को रोलआउट किया गया है, लेकिन भारत में गूगल पे और गूगल दोनों अलग-अलग सर्विस की तरह काम करेंगी। मतलब भारतीय गूगल पे ऐप यूजर्स बिना रोक-टोक के पैसों का लेनदेन कर पाएंगे।
नई दिल्ली । टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की ओर से शुक्रवार को कहा गया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंथली एक्टिव यूजर्स (एमएयू) का आंकड़ा 60 करोड़ पहुंच गया है।
मस्क की ओर से एक्स (पूर्व ट्विटर) का अधिग्रहण 2022 में 44 अरब डॉलर में किया गया था। इसके बाद वे इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ एक सुपर ऐप बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर आप फिल्में एवं टीवी शो के साथ डिजिटल भुगतान भी कर सकते हैं।
अरबपति टेक कारोबारी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, एक्स पर मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 60 करोड़ को पार कर गई है। इसमें से आधे के करीब लोग प्रतिदिन एक्स का उपयोग कर रहे हैं।
मस्क की पोस्ट का जवाब देते हुए यूजर्स ने कहा कि एक्स शायद मौजूदा समय में दुनिया का सबसे अच्छा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है।
बता दें, मस्क लगातार एक्स में बदलाव कर रहे हैं और ऐप में कई नए फीचर जोड़े गए हैं।
अधिग्रहण के बाद एक्स पर ब्लू टिक लेने के लिए सब्सक्रिप्शन अनिवार्य कर दिया गया है और इसके साथ ही संस्थाओं के वेरिफिकेशन के लिए गोल्डन टिक शुरू किया गया है।
इसके अलावा एक्स पर वॉइस और वीडियो कॉलिंग फीचर भी जोड़ दिया गया है। इसके माध्यम से यूजर्स आसानी से वॉइस और वीडियो कॉलिंग की सुविधा का आनंद उठा सकते हैं।
हाल ही में मस्क ने कहा था कि एक्स पर लाइव कंटेंट में सुपर चैट फीचर आने वाले हैं।
अब सब्सक्रिप्शन लेने वाले यूजर्स मूवी, टीवी सीरीज और पॉडकास्ट आदि पोस्ट कर आय अर्जित कर सकते हैं।
एक्स की ओर से विज्ञापनदाताओं के लिए भी एक नया एआई टूल लाया जा रहा है, जो कि कुछ ही सेकंड में विज्ञापन के लिए उपयोगी यूजर्स की लिस्ट तैयार कर देगा।
मस्क ने एक पोस्ट में कहा था कि वर्तमान एआई के माध्यम से यूजर्स आसानी से ‘क्या आप एक बॉट हैं’ पास कर सकते हैं।
मस्क ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि अब नए यूजर्स को एक्स पर पोस्ट करने के लिए भुगतान करना होगा।
कंपनी की ओर से न्यूजीलैंड और फिलीपींस में यूजर्स से एक्स प्लेटफॉर्म उपयोग करने के लिए अक्टूबर 2023 से ही एक डॉलर प्रति वर्ष चार्ज किए जा रहे हैं। मस्क की ओर से बताया गया कि इस कदम के माध्यम से ही हम एक्स प्लेटफॉर्म पर बॉट को रोक सकते हैं।