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171.50 रुपये सस्ता हुआ कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर
Posted Date : 02-May-2023 5:06:10 am

171.50 रुपये सस्ता हुआ कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर


नईदिल्ली। सरकार ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव किया है। एक मई को कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में बड़ी गिरावट आई है। देश की राजधानी समेत पटना, कानपुर, मुंबई, चेन्नई और अन्य शहरों में दाम में बदलाव आया है।
दिल्ली में 19 किलो वाला कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर अब 2028 की बजाय 1856.50 रुपये का मिलेगा। हालांकि, घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कोलकाता में 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत घटकर 1960.50 रुपये हो गई है, जो पहले 2132.00 रुपये थी। मुंबई में एलपीजी सिलेंडर अब 1808 रुपये का मिलेगा। पहली मुंबई में इसका प्राइस 1980 रुपये था। चेन्नई में भी अब इसकी कीमत पिछले महीने के 2192 रुपये से कम होकर 2021 रुपये हो गई है।
पेट्रोलियम और ऑयल मार्किटिंग कंपनियों ने इस साल एक मार्च को कमर्शियल एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में 350.50 रुपये प्रति यूनिट और डोमेस्टिक एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में 50 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की थी।
कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में पिछली बार पिछले साल 1 सितंबर को 91.50 रुपये की कमी की गई थी। एक अगस्त 2022 को भी कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 36 रुपये की कटौती की गई थी। इससे पहले, 6 जुलाई को 19 किलोग्राम के वाणिज्यिक सिलेंडर की दरों में 8.5 रुपये प्रति यूनिट की कटौती की गई थी।

 

ब्याज दर पर फेडरल रिजर्व के निर्णय, तिमाही आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा
Posted Date : 01-May-2023 4:30:22 am

ब्याज दर पर फेडरल रिजर्व के निर्णय, तिमाही आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा

नई दिल्ली । अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय, कंपनियों के तिमाही नतीजों और घरेलू मोर्चे पर वृहद आर्थिक आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. इसके अलावा विदेशी कोषों की गतिविधियां, वाहन बिक्री के मासिक आंकड़े और वैश्विक रुख से भी बाजार का रुख निर्धारित होगा. सोमवार को महाराष्ट्र दिवस पर शेयर बाजार में अवकाश रहेगा. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी ब्याज दरों में वृद्धि और मंदी के बीच उलझी हुई है. सभी की निगाह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के नतीजे पर है जिसकी घोषणा तीन मई को होगी. यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) चार मई को ब्याज दर पर निर्णय की घोषणा करेगा. निकट भविष्य में वृहद आर्थिक आंकड़ों की वजह से बाजार का रुख कमजोर रह सकता है.
उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से लगातार निवेश आ रहा है. शुक्रवार को उन्होंने 3,304 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड लिवाली की, जो भारतीय बाजार के प्रति उनके भरोसे को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इस सप्ताह घरेलू बाजार के लिए कंपनियों के चौथी तिमाही के परिणाम, वाहन बिक्री के आंकड़े महत्वपूर्ण रहेंगे. सप्ताह के दौरान निफ्टी 50 की कंपनियों...टाटा स्टील, टाइटन, हीरो मोटोकॉर्प और एचडीएफसी लिमिटेड के तिमाही नतीजे आएंगे.
इसके अलावा सप्ताह के दौरान अडाणी ग्रीन एनर्जी, अंबुजा सीमेंट्स, टाटा स्टील, यूको बैंक, अडाणी एंटरप्राइजेज, भारत फोर्ज और फेडरल बैंक के वित्तीय परिणाम भी आने हैं. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार में खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजे निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे. विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़ों से बाजार की दिशा तय होगी. कोटक सिक्योरिटीज लि. के तकनीकी विश्लेषक (डीवीपी) अमोल अठावले ने कहा कि एफआईआई की लिवाली, उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से पिछले कुछ सत्रों में बाजार में तेज रही है. आगे चलकर इसकी वजह से मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,457.38 या 2.44 प्रतिशत के लाभ में रहा.

 

आधारभूत उद्योगों का उत्पादन मार्च में 3.6 प्रतिशत बढ़ा, 2022-23 वृद्धि में वृद्धि 7.6 प्रतिशत रही
Posted Date : 30-Apr-2023 4:56:22 am

आधारभूत उद्योगों का उत्पादन मार्च में 3.6 प्रतिशत बढ़ा, 2022-23 वृद्धि में वृद्धि 7.6 प्रतिशत रही

नयी दिल्ली 29 अपै्रल,। देश के आठ प्रमुख उद्योगों के संयुक्त उत्पादन में मार्च 2023 में एक साल पहले इसी माह की तुलना में 3.6 प्रतिशत वृद्धि रही जो पांच माह की सबसे धीमी वृद्धि है। इससे पिछले महीने इन आधारभूत उद्योगों का उत्पादन सालाना आधार पर 7.2 प्रतिशत बढ़ा था।
वित्त वर्ष 2022-23 में आठ आधार भूत उद्योगों की संचयी वृद्धि सालाना आधार पर 7.6 (अनंतित) रही। शुक्रवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2023 में कोयले, उर्वरक, इस्पात, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन बढ़ा, जबकि कच्चे तेल, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में गिरावट आई।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है,  मार्च 2022 के की तुलना में मार्च 2023 में आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त उत्पादन सूचकांक 3.6 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा। मार्च 2023 में कोयला, उर्वरक, इस्पात, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन पिछले साल के इसी महीने की तुलना में बढ़ा। 
देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में इन आधारभूत उद्योगों का योगदान 40.27 प्रतिशत है। मंत्रालय के अनुसार संशोधित आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2022 में आधाभूत उद्योगों की वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत रही जबकि अनंतिम आंकड़ों में यह 7.6 प्रतिशत बतायी गयी थी।
मार्च, 2023 में कोयला उत्पादन सालना आधार पर 12.2 प्रतिशत बढ़ा और पूरे 2022-23 के दौरान 14.8 प्रतिशत बढ़ा। कच्चे तेल के उत्पादन में मार्च में 2.8 प्रतिशत की गिरावट रही वर्ष 2022-23 के दौरान इसका उत्पादन 1.7 प्रतिशत घटा।
प्राकृतिक गैस का उत्पादन मार्च, 2023 में सालाना आधार पर 2.8 प्रतिशत तथा पूरे वित्त वर्ष के दौरान कुल मिला कर 1.6 प्रतिशत बढ़ा। पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद में मार्च में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी और मार्च में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान इस उद्योग का उत्पादन 4.8 प्रतिशत बढ़ा। उर्वरक-उर्वरक उत्पादन में मार्च में 9.7 प्रतिशत और पूरे वित्त वर्ष के दौरान सालाना आधार पर 11.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
इस्पात उत्पादन मार्च, 2023 में 8.8 प्रतिशत तथा वर्ष 2022-23 के दौरान 8.6 प्रतिशत बढ़ा।
सीमेंट उत्पादन मार्च माह में एक साल पहले की तुलना में 0.8 प्रतिशत कमी रही जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान
संचयी आधार पर सीमेंट उत्पादन 8.6 प्रतिशत ऊंचा रहा।
मार्च, 2023 में बिजली उत्पादन में 1.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी जबकि पूरे 2022-23 का बिजली का
उत्पादन एक साल पहले से 8.9 प्रतिशत ऊंचा रहा।
इन आंकड़ों पर इक्रा की दमुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा,  फरवरी के 7.2 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2023
में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि के पांच महीने के न्यूनतम स्तर पर रही। आधाभूत क्षेत्र की मार्च की वृद्धि में गिरावट, काफी व्यापक-आधारित थी, केवल कोयले और कच्चा तेल के उत्पादन में मास दर मास सुधार दिखा है। 

 

जेट एयरवेज के मनोनीत सीईओ संजीव कपूर ने इस्तीफा दिया
Posted Date : 30-Apr-2023 4:55:44 am

जेट एयरवेज के मनोनीत सीईओ संजीव कपूर ने इस्तीफा दिया

नई दिल्ली ,। जेट एयरवेज के मनोनीत सीईओ संजीव कपूर ने एयरलाइन छोड़ दी है और नोटिस की अवधि पूरी होने के बाद एक मई से कंपनी से हटेंगे। जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) ने यह जानकारी दी। कंसोर्टियम ने घोषणा की, जेकेसी जेट एयरवेज के पुनरुद्धार के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और फिलहाल जेकेसी की कार्यकारी समिति सीईओ-नामित की जिम्मेदारियों की देखरेख करेगी। 
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत इसकी संकल्प योजना को मंजूरी दिए जाने के बाद एयरलाइन को पुनर्जीवित करने के लिए अपनी प्रयासों के रूप में कंसोर्टियम ने लगभग एक साल पहले इस क्षेत्र के दिग्गज कपूर की सेवायें ली थी।
संजीव कपूर एयरलाइन के पुनरुद्धार के लिए अप्रैल 2022 में जेट एयरवेज में शामिल हुए थे। हालाँकि, जेट एयरवेज के पुनरुद्धार में मूल रूप से अनुमानित समय से अधिक समय लगा है। जेकेसी का कहना है कि वर्तमान में जेकेसी को जेट एयरवेज के स्वामित्व का हस्तांतरण चल रहा है और इसके बाद पिछले लेनदारों को देय बकाया राशि का निपटान किया जाएगा।
जेकेसी बोर्ड के सदस्य अंकित जालान ने कहा, जेट एयरवेज का पुनरुद्धार एक न्यायालय द्वारा अनुमोदित प्रक्रिया के माध्यम से है, जिसमें मूल रूप से हमारे द्वारा अनुमानित समय से अधिक समय लगा है, लेकिन यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि जेकेसी जेट एयरवेज के पुनरुद्धार के लिए प्रतिबद्ध है।
 हम जेकेसी को जेट एयरवेज के स्वामित्व के हस्तांतरण को पूरा करने के अंतिम चरण में हैं, जिसके बाद हम अपने स्वीकृत संकल्प योजना के अनुसार पिछले लेनदारों को देय बकाया राशि का निपटान करेंगे और इसके तुरंत बाद, जेट एयरवेज के वाणिज्यिक परिचालन की सिफारिश करेंगे।

 

यूएई के अनुरोध पर की गयी है सोने के आयात की शर्तों में ढ़ील : वाणिज्य विभाग
Posted Date : 29-Apr-2023 5:31:11 am

यूएई के अनुरोध पर की गयी है सोने के आयात की शर्तों में ढ़ील : वाणिज्य विभाग

नयी दिल्ली । सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (भारत-यूएई सेपा) के तहत वहां से सोने के आयात पर शुल्क संबंधी व्यवस्था में किए गए संशोधन को वहां के अधिकारियों के प्रस्ताव पर किया गया फैसला बताते हुए ऐसी खबरों को खरिज किया कि यह निर्णय किसी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है और इसमें पूरी पारदर्शिता बरती गयी है।
समझौते के तहत पहले केवल आभूषण निर्माताओं को यूएई से एक प्रतिशत के रियायती शुल्क पर इस कोटे के अंतर्गत सोना आयात करने की छूट थी। इसे अब अन्य ग्राहकों के लिए भी खोल दिया गया है। समझौते के तहत पांच साल में कोटा अधिकतम 200 टन से अधिक नहीं हो सकता।
इस विषय में मीडिया के एक हलके में प्रकाशित रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण देते हुए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अधिकारियों ने बताया कि यूएई के साथ व्यापार समझौते के तहत वहां से भारत में सोने के आयात के लिए पात्रता मानदंड में संशोधन के लिए 17 अप्रैल 2023 को जारी सार्वजनिक सूचना (डीओआर (राजस्व विभाग) की अधिसूचना के आधार पर) के बाद 27 अप्रैल को आयोजित ईएफसी ( एक्जिम सुविधा समिति) की बैठक में, यह निर्णय लिया गया है कि वहां से सोने के आयात की टैरिफ दर कोटा व्यवस्था ( टीआरक्यू ) के लिए नए आवेदन आमंत्रित करने के लिए एक नई विंडो (व्यवस्था) होगी संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवेदकों (पुराने और नए) को सोने का टीआरक्यू आवंटित किया जाएगा।
डीजीएफटी की ओर से कहा गया है, ‘यह आवेदन प्रक्रिया आवेदकों के एक समूह या वर्ग को भौतिक रूप से लाभान्वित करने वाली नहीं है।’
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत-यूएई व्यापार समझौता पिछले साल पहली मई को लागू हुआ। इसके तहत यूएई ने भारत से मूल्य के हिसाब से आयात होने वाले 99 प्रतिशत वस्तुओं और प्रकार के हिसाब से 97 प्रतिशत वस्तुओं पर पर भारत को शुल्क में रियायतों की पेशकश की।
भारत में यूएई से टीआरक्यू के तहत सोने के उदार आयात के बदले में भारत से सोने के आभूषणों को तत्काल शून्य शुल्क बाजार में प्रवेश देने की पेशकश की थी। (यूएई में सोने के आभूषण पर वर्तमान शुल्क दर 5त्न है) ।
विदेश व्यापार विभाग के अनुसार समझौते के तहत 2022-23 में टीआरक्यू के तहत वहां से सोने के आयात का कोटा 110 टन था जिसे 2023-24 में 140 टन किया गया है और 5 वर्षों में धीरे-धीरे यह कोटा अधिकतम 200 टन तक जा सकता है। इस कोटे के तहत अयातित सोने पर शुल्क रियायत के तौर पर केवल 1प्रतिशत रखी गयी है।
अधिकारियों ने कहा कि इस दर पर टीआरक्यू के कारण किसी भी राजस्व हानि का आरोपण औचित्य हीन है।
डीजीएफटी की ओर से बताया गया कि 2022-23 में 11 महीने की अवधि दौरान, आवंटित 110 टन टीआरक्यू में से केवल 8.1 टन सोने का आयात किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि यूएई की ओर से टीआरक्यू के तहत निर्धाति स्वर्ण अयात के कोटे को केवल आभूषण विनिर्मातओं तक सीमित रखने की पाबंदी हटाए जाने का अनुरोध किया था। उनका अनुरोध था कि सभी आयातकों को सोने की टीआरक्यू प्राप्त करने की अनुमति दी जाए।
अधिकारियों ने कहा कि भारत और यूएई के बीच मजबूत व्यापार साझेदारी को ध्यान में रखते हुए संयुक्त अरब अमीरात के साथ-साथ व्यापार समझौते की भावना को बनाए रखने के लिए इस मामले पर विचार किया गया था और आभूषण निर्माता मानदंड को हटाते हुए अधिसूचना दिनांक 1.03.2023 जारी की गई थी।
डीजीएफटी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए टीआरक्यू के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इसके लिए सार्वजनिक सूचना -दिनांक 29.12.2022 के तहत 28.02.2023 तक आवेदन किए जा सकते थे। इस पर 78 आवेदन प्राप्त हुए थे और इस पर ईएफसी की एक प्रारंभिक बैठक 23 मार्च को हुई थी और उस समय लागू दिशानिर्देशों/शर्तों के अधीन अनंतिम रूप से टीआरक्यू का आवंटन करने का निर्णय किया गया था ।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि टैरिफ शीर्ष 7108 के अंतर्गत आयात के लिए आज की तारीख में भी कोई टीआरक्यू जारी नहीं किया गया है।
दिनांक 17.04.2023 की सार्वजनिक सूचना और दिनांक 23.03.2023 की एक्जिम सुविधा समिति (ईएफसी) की बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट को सभी हितधारकों के लाभ और परदर्शिता के लिए डीजीएफटी की वेबसाइट पर 17.04.2023 और 18.04.2023 को अपलोड किया गया था ताकि शर्तों में ढील का लाभ ज्यादा से ज्यादा लाग उठा सकें।
टीआरक्यू प्रक्रिया में अधिक व्यापक-आधारित भागीदारी का मौका देने के लिए अधिसूचना की शर्तों में बदलाव की कार्यवाही के विवरण को 18.04.2023 को अंतिम रूप दिया गया और उसी दिन अपलोड किया गया।

 

गेहूं, चावल की खरीद सहज स्तर पर : केंद्र
Posted Date : 29-Apr-2023 5:30:22 am

गेहूं, चावल की खरीद सहज स्तर पर : केंद्र

नई दिल्ली । रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद सीजन की कुल खरीद से अधिक हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। 26 अप्रैल 2023 तक 2023-24 सीजन के दौरान गेहूं की खरीद 195 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) थी, जबकि 2022-23 में खरीद 188 एलएमटी थी।
सूत्रों ने कहा कि इससे किसानों को काफी हद तक फायदा हुआ है, क्योंकि चल रहे गेहूं खरीद कार्यो के दौरान लगभग 41,148 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पहले ही लगभग 15 लाख किसानों को दिया जा चुका है।
विशेष रूप से खरीद में प्रमुख योगदान पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के तीन गेहूं खरीद राज्यों से क्रमश: 89.79 एलएमटी, 54.26 एलएमटी और 49.47 एलएमटी की खरीद के साथ आता है।
इस वर्ष प्रगतिशील खरीद में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों में से एक है।
सूत्रों ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण चमक में कमी को देखते हुए खरीदे जा रहे गेहूं की गुणवत्ता विनिर्देशों में केंद्र द्वारा छूट दिया जाना। सूत्रों ने कहा कि इससे किसानों की मुश्किलें कम होंगी और किसी तरह की संकटकालीन बिक्री पर रोक लगेगी।
चावल की खरीद में भी अच्छी प्रगति हुई है, क्योंकि 2022-23 के खरीफ विपणन सीजन के दौरान 26 अप्रैल तक 354 एलएमटी की खरीद की जा चुकी है और 140 एलएमटी की खरीद अभी बाकी है।
इसके अलावा, खरीफ विपणन सीजन 2022-23 की रबी फसल के दौरान 106 एलएमटी चावल की खरीद का अनुमान है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सेंट्रल पूल में गेहूं और चावल का संयुक्त स्टॉक 510 एलएमटी को पार कर गया है, जो देश को खाद्यान्न की जरूरतें पूरी करने के लिए सहज स्थिति में रखता है।