नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भारतपे के पूर्व प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर के खिलाफ 81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। भारतपे कंपनी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और तीन रिश्तेदारों दीपक गुप्ता, सुरेश जैन और श्वेतांक जैन का भी नाम है। भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 408 (लिपिक या नौकर द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 409 (लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना), 467 (मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत, आदि की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का वास्तविक के रूप में उपयोग करना) और 120ई (आपराधिक साजिश) के तहत ईओडब्ल्यू थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक शिकायत प्राप्त हुई थी और आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भारतपे ने एक बयान में कहा, हम ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा किए गए आपराधिक अपराधों के संबंध में कंपनी की शिकायत पर ईओडब्ल्यू द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने का स्वागत करते हैं। पिछले 15 महीने से कंपनी एक शातिर और दुर्भावनापूर्ण व्यवहार का सामना कर रही है जो कंपनी, बोर्ड और उसके कर्मचारियों के खिलाफ ग्रोवर द्वारा चलाया जा रहा है। एफआईआर दर्ज होना सही दिशा में एक कदम है जो परिवार द्वारा अपने व्यक्तिगत आर्थिक लाभ के लिए किए गए विभिन्न संदिग्ध लेनदेन का खुलासा करता है। यह प्राथमिकी अब कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अपराध की गहराई से जांच करने और दोषियों को कानून के कठघरे में लाने में सक्षम बनाएगा। बयान में कहा गया है, हमें अपने देश की न्यायिक और कानून प्रवर्तन प्रणालियों पर पूरा भरोसा है। हम आशावादी हैं कि यह मामला अपने तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचेगा। हम अधिकारियों को हरसंभव सहयोग देना जारी रखेंगे। एमजेडएम लीगल हमें (भारतपे) आपराधिक मामले में सलाह दे रहा है।
नयी दिल्ली ,। बिजनस स्कूलों से पढ़ कर निकलने वाले के अधिकतर विद्यार्थियों का रुझान बड़ी कंपनियों में नौकरी करने का होता है जबकि स्टार्टअप की ओर जाने वाले विद्यार्थी कम ही होते हैं। यह बात करियर ट्रांसफोर्मेशन प्लेटफॉर्म अनस्टॉप की सालाना कैम्पस एम्प्लॉयर ब्रांडिंग रिपोर्ट 2023 में सामने आयी है।
जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है, बी-स्कूल के तकरीबन आधे यानी 49 फीसदी छात्र बड़ी फर्मों में काम करना पसंद करते हैं, जबकि सिर्फ 14 फीसदी छात्र ही स्टार्ट-अप्स के साथ काम करना चाहते हैं।
नौकरी को लेकर छात्रों के रूझानों पर रोशनी डालने वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इससे साफ है कि स्टार्ट-
अप्स को छात्रों को ध्यान में रखते हुए अपने प्रोग्राम पेश करने चाहिए। उन्हें अपने एम्प्लॉयर ब्रांडिंग गेम पर ध्यान
देना चाहिए क्योंकि जितने ज़्यादा लोग उनके बारे में जानेंगे, उतना ही प्रतिभाशाली छात्रों के साथ उनके जुडऩे की संभावना बढ़ेगी।
रिपोर्ट को अनस्टॉप कैम्पस हायरिंग सम्मेलन 2023 के दौरान जारी किया गया, जिसमें 500 से अधिक उद्योग जगत के विशेषज्ञों, प्रवक्ताओं, पैनलिस्ट्स एवं प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
अनस्टॉप के सीईओ एवं संस्थापक अंकित अग्रवाल ने कहा, यह रिपोर्ट नौकरी को लेकर छात्रों की पसंद-नापसंद से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर रोशनी डालती है। इसके माध्यम से कंपनियां छात्रों की सोच को बेहतर समझ सकती हैं और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को अपने साथ जोड़ सकती हैं।
उन्होंने कहा कि बी-स्कूल के ग्रेजुएट्स अब वेतन के बजाए अपने करियर के विकास को ज़्यादा महत्व देते हैं।
सर्वेक्षण में पाया गया कि बी-स्कूल से पढ़े 50 फीसदी विद्यार्थियों ने अपेक्षाकृत कम सीटीसी (कास्ट टू कंपनी) और फिक्स्ड कम्पोनेन्ट से संतोष किया पर जो विद्यार्थी प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं उन्हें ज़्यादा सीटीसी की संभावना
कई गुना बढ़ जाती है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रतियोगिता, प्लेसमेन्ट पर चर्चा, एल्युमनाई के बीच अनौपचारिक बातचीत-ये सभी पहलू एक अच्छे मॉडल का निर्माण करते हैं।
नयी दिल्ली ,। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने देशभर में फैले हजारों आधार आपरेटर की क्षमता विस्तार के देशव्यापी अभियान की शुरूआत की है।
इस अभियान के तहत आधार कार्य से जुड़ी नीतियों/प्रक्रियाओं में हुए नवीनतम बदलावों से आपरेटरों को जागरूक किया जायेगा ताकि आधार नामांकन, उन्नयन और सत्यापन प्रक्रिया में आपरेटर स्तर पर होने वाली त्रुटियों को कम किया जा सके। इससे समूचे तंत्र को अधिक मजबूती मिलेगी और सबसे महत्वपूर्ण यह कि इससे निवासियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
इस पहल के हिस्से के तौर पर यूआईडीएआई पिछले कुछ महीनों के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों सहित कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में करीब दो दर्जन से अधिक प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन कर चुका है। आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में आपरेटर जमीनी स्तर पर सीधे जनता के बीच रहकर काम करते हैं और पंजीकरण, आधार कार्ड अद्यतन तथा सत्यापन जिम्मेदारी को निभाते हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि उन्हें समूची प्रक्रिया, दिशानिर्देशों और नीतियों के बारे में बेहतर समझ हो।
प्रशिक्षण के अब तक हुये सत्रों से करीब 3,500 आपरेटर और मास्टर प्रशिक्षकों को नामांकन की प्रक्रिया, आधार कार्ड को अद्यतन करने और सत्यापन प्रक्रिया के बारे में ताजा जानकारी दी गई है। ये सभी ज्ञान प्रसार प्रक्रिया की शुरुआत कर प्राप्त सूचनाओं को आगे पहुंचा सकते हैं।
इसके साथ ही यूआईडीएआई द्वारा इस साल के दौरान सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 100 और पूर्णदिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जायेगा।
आधार प्रक्रिया के इन अहम् भागीदारों को प्रक्रिया के बारे में बेहतर जानकारी होने और उनके व्यवहार में बदलाव से देशभर में लोगों को आधार नामांकन/अद्यतन केन्द्रों पर अधिक सहानुभूतिपूर्ण परिवेश तथा बेहतर अनुभव दिलाने में मदद मिलेगी।
नयी दिल्ली । शेयरों में धन लागने वाली म्यूचुअल फंड की ओपेन एंडेट (खुली) योजनाओं में अप्रैल में शुद्ध निवेश मार्च महीने की तुलना में 68.44 प्रतिशत घटकर 64.80 अरब रुपये से कुछ अधिक रहा। म्यूचुअल फंड कंपनियों के मंच भारतीय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स (एएमएफआई) द्वारा जारी मासिक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में इक्विटी योजनाओं की ओर धन का प्रवाह हल्का होने के बावजूद देश में इक्विटी म्यूचुअल फंड में लगातार 26वें महीने शुद्ध रूप से निवेश बढ़ा है। कुल मिलाकर, अप्रैल 2023 के दौरान ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंडों में शुद्ध प्रवाह 1240 अरब रुपये रहा, जिसमें बड़ा योगदान बड़े पैमाने पर डेट (ऋण प्रतिभूति) में निवेश करने वाली ओपेन एंडेड म्यूचुअल फंडों में निवेश को जाता है।
विश्लेषकों के अनुसार शेयर बाजार में हाल में तेजी चलते निवेशकों ने सतर्कता के तौर पर साझा कोषों की शेयर निवेश योजनाओं के कुछ पैसा फिल हाल अलग कर लिया है लेकिन इक्विटी योजनाओं का आकर्षण बरकार है। शेयर निवेश वाली योजनाओं में मार्च 2021 से लगातार तेजी है।
मार्च 2023 में, इक्विटी फंडों में शुद्ध पूंजी प्रवाह मासिक आधार पर 31 प्रतिशत बढक़र 20,534.21 करोड़ रुपये था जो तब एक साल का उच्च स्तर था। फरवरी में इक्विटी योजनाओं में शुद्ध प्रवाह 15,685.57 करोड़ रुपये था। मोतीलाल ओसवाल एएमसी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने एएमएफआई के ताजा आंकड़ों पर कहा,
‘मार्च’23 के मुकाबले अप्रैल’23 में सकल प्रवाह का कम होना बाजारों में पिछले कुछ समय की तेजी के प्रति निवेशकों का सतर्क रुख झलकता है। पर यह भी दिख रहा है कि मोटे तौर पर शेयर बाजार और शेयरों उन्मुख म्युचुअल फंडों में निवेशकों की दिलचस्पी बरकार है।
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि स्मॉल कैप श्रेणी में शुद्ध प्रवाह लगभग 2.2 हजार करोड़ रुपये रहा जो हाल के रुझानों की निरंतरता को झलकता है। उनका कहना है कि निवेशकों ने ऋण बाजारों में निवेश के बेहतर माहौल का भी लाभ उठाया है और हाइब्रिड फंडों के लिए आवंटन बढ़ाकर डेट फंडों के कराधान में प्रतिकूल बदलाव से भी प्रेरित हुए हैं।
नई दिल्ली । एयर इंडिया ने दो यूनियनों के विरोध के बावजूद पायलटों के लिए संशोधित मुआवजा ढांचे को स्वीकार करने की समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। एयर इंडिया द्वारा आयोजित 4 मई की टाउन हॉल मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया। मीटिंग में कई पायलटों की चिंताओं को संबोधित किया गया था। सूत्रों ने खुलासा किया कि बैठक के दौरान, लगभग 800 पायलट, जो अभी तक नए मुआवजे के ढांचे पर सहमत नहीं हुए थे, टाउन हॉल मीटिंग में मौजूद थे।
बैठक की अध्यक्षता एयर इंडिया के चीफ ऑफ ऑपरेशंस कैप्टन राजविंदर सिंह संधू ने की, जो खुद एक पायलट हैं। एयरलाइन ने नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए पायलटों को इस सप्ताह के अंत तक का समय दिया है। इस बीच, दो पायलट यूनियन इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने एयरलाइन के संशोधित मुआवजे के ढांचे पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक संयुक्त बैठक बुलाई।
एक सूत्र के अनुसार, बड़ी संख्या में पायलट नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर नहीं करने के अपने रुख पर अड़े रहे। पायलटों द्वारा उठाई गई चिंताओं को देखते हुए, एयरलाइन ने नए अनुबंधों के बारे में निर्णय लेने के लिए समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया। विस्तारित समय सीमा अब इस सप्ताह के अंत तक पायलटों को अपना मन बनाने की अनुमति देती है।
नई सेवा शर्तों को संबोधित करने और आगे का रास्ता तय करने के लिए, यूनियनों ने अपने संबंधित सदस्यों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। सूत्रों ने कहा, इस बैठक का मकसद संशोधित मुआवजे के ढांचे पर विस्तार से चर्चा करना और भविष्य की कार्रवाई का निर्धारण करना था।
19 अप्रैल को आईसीपीए और आईपीजी ने एयरलाइन के प्रस्तावित नए वेतन ढांचे को खारिज कर दिया था। विवाद की प्राथमिक जड़ नए ढांचे के तहत हर महीने उड़ान भत्ते को 70 घंटे से घटाकर 40 घंटे करना है, जिसे पायलट अनुचित मानते हैं। दोनों यूनियनों ने प्रबंधन को उनकी सहमति के बिना नई शर्तों के साथ आगे नहीं बढऩे की चेतावनी दी है।
जबकि एयर इंडिया ने कहा है कि वह अपने शेष कर्मचारियों के साथ जुडऩा जारी रखेगी, एयरलाइंस ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि एयर इंडिया में कोई मान्यता प्राप्त यूनियन नहीं है। पायलट यूनियन ने अपने सदस्यों को प्रबंधन द्वारा दी गई नई रोजगार शर्तों और वेतन संरचना को नहीं मानने को कहा है।
नई दिल्ली । नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने वाडिया समूह की कम लागत वाली एयरलाइन गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड द्वारा दायर स्वैच्छिक दिवाला याचिका को स्वीकार कर लिया और अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया। वहीं एयरलाइन की सभी उड़ानों को 19 मई तक के लिए कैंसिल कर दिया गया है। इस फैसले के बाद कंपनी के मैनेजमेंट और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को सस्पेंड कर दिया गया है।
एनसीएलटी, नई दिल्ली की प्रधान पीठ ने भी कंपनी के लिए अधिस्थगन की घोषणा की और निलंबित निदेशक मंडल को आईआरपी के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया। हृष्टरुञ्ज ने गो फस्र्ट को अपना काम और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करते रहने देने के साथ किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने को कहा है।
वैश्विक विमान इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी पर दोषपूर्ण लोगों के लिए अतिरिक्त इंजन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाते हुए, गो एयरलाइंस ने नई दिल्ली 1 मई (आरएनएस)। 2 मई, 2023 को समाधान के लिए एक याचिका के साथ एनसीएलटी से संपर्क किया था। एयरलाइन ने एनसीएलटी से संपर्क किया था ताकि वह अपने विमानों को पट्टेदारों के कब्जे से बचा सके। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने बुधवार को वाडिया समूह की कम लागत वाली एयरलाइन गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड द्वारा दायर स्वैच्छिक दिवाला याचिका को स्वीकार कर लिया और अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया। वहीं एयरलाइन की सभी उड़ानों को 19 मई तक के लिए कैंसिल कर दिया गया है। इस फैसले के बाद कंपनी के मैनेजमेंट और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को सस्पेंड कर दिया गया है।
एनसीएलटी, नई दिल्ली की प्रधान पीठ ने भी कंपनी के लिए अधिस्थगन की घोषणा की और निलंबित निदेशक मंडल को आईआरपी के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया। गो फस्र्ट को अपना काम और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करते रहने देने के साथ किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने को कहा है।
वैश्विक विमान इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी पर दोषपूर्ण लोगों के लिए अतिरिक्त इंजन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाते हुए, गो एयरलाइंस ने 2 मई, 2023 को समाधान के लिए एक याचिका के साथ एनसीएलटी से संपर्क किया था। एयरलाइन ने एनसीएलटी से संपर्क किया था ताकि वह अपने विमानों को पट्टेदारों के कब्जे से बचा सके।
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