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दो हजार के नोटों को वापस लेने के खिलाफ दायर याचिका खारिज
Posted Date : 04-Jul-2023 3:17:16 am

दो हजार के नोटों को वापस लेने के खिलाफ दायर याचिका खारिज

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता वकील रजनीश भास्कर गुप्ता की याचिका को जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में खारिज कर दिया, इसमें आरबीआई के फैसले को चुनौती दी गई थी। इसमें तर्क दिया गया था कि आरबीआई अधिनियम के अनुसार इस तरह का निर्णय लेने के लिए उसके पास स्वतंत्र प्राधिकार का अभाव है।
याचिकाकर्ता ने पहले तर्क दिया था कि आरबीआई नोटों को प्रचलन से बाहर नहीं हो सकता है या बैंक नोटों को बंद नहीं कर सकता है और केवल केंद्र के पास ऐसी शक्तियां हैं।
29 मई को, उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय की इसी तरह की याचिका को खारिज कर दिया था, इसमें आरबीआई और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अधिसूचनाओं को चुनौती दी गई थी, जो बिना किसी पहचान प्रमाण के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने की अनुमति देती है।

 

जून में जीएसटी संग्रह 1.61 लाख करोड़ के पार, पिछले साल की तुलना में 12प्रतिशत का इजाफा
Posted Date : 03-Jul-2023 3:37:51 am

जून में जीएसटी संग्रह 1.61 लाख करोड़ के पार, पिछले साल की तुलना में 12प्रतिशत का इजाफा

नई दिल्ली  । जून में एकत्रित सकल जीएसटी राजस्व 2.80 प्रतिशत बढक़र 1,61,497 करोड़ रुपये हो गया, जबकि मई में यह 1,57,090 करोड़ रुपये था। जून में एकत्रित जीएसटी में से सीजीएसटी 31,013 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 38,292 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 80,292 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 39,035 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,900 करोड़ रुपये (आयात पर एकत्र 1,028 करोड़ रुपये सहित) था।
सरकार ने आईजीएसटी से सीजीएसटी को 36,224 करोड़ रुपये और एसजीएसटी को 30,269 करोड़ रुपये का निपटान किया है। नियमित निपटान के बाद जून में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 67,237 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 68,561 करोड़ रुपये था। जून का राजस्व पिछले साल के इसी महीने के जीएसटी राजस्व से 12 प्रतिशत अधिक है।
जून के दौरान, घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व से 18 प्रतिशत अधिक है। यह चौथी बार है कि सकल जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।

 

टि्वटर का बड़ा एक्शन, नीति उल्लंघन के चलते 11 लाख से अधिक अकाउंट्स भारत में बैन
Posted Date : 03-Jul-2023 3:37:25 am

टि्वटर का बड़ा एक्शन, नीति उल्लंघन के चलते 11 लाख से अधिक अकाउंट्स भारत में बैन

नई दिल्ली ।  एलन मस्क द्वारा संचालित ट्विटर ने 26 अप्रैल से 25 मई के बीच भारत में रिकॉर्ड 11,32,228 अकाउंट्स को बैन किया है। ज्यादातर अकाउंट्स चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लाइटेशन और नॉन कंसेंसुअल न्यूडिटी को बढ़ावा देने का काम करते थे।
माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने देश में अपने प्लेटफॉर्म पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए 1,843 अकाउंट्स को भी हटा दिया है। कुल मिलाकर, ट्विटर ने भारत में समीक्षाधीन अवधि में 11,34,071 अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया।ट्विटर ने नए आईटी नियम, 2021 के अनुपालन से जुड़ी अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा कि उन्हें अपने शिकायत निवारण तंत्र के माध्यम से एक ही समय-सीमा में भारत में उपयोगकर्ताओं से 518 शिकायतें प्राप्त हुईं।
इसके अलावा, ट्विटर ने 90 शिकायतों पर कार्रवाई की जो अकाउंट निलंबन के खिलाफ अपील कर रही थीं। भारत से अधिकांश शिकायतें दुर्व्यवहार/उत्पीडऩ (264), घृणित आचरण (84), संवेदनशील व्यस्क सामग्री (67) और मानहानि (51) के बारे में थीं।
नए आईटी नियम 2021 के तहत 5 मिलियन से अधिक यूजर्स वाले बड़े डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मासिक अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी। इस बीच, ट्विटर ने हाल ही में भारत और तुर्की सहित वैश्विक स्तर पर कंटेंट को ब्लॉक करने के 83 प्रतिशत सरकारी अनुरोधों को मंजूरी दे दी।

 

सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए 25,000 करोड़ रुपये की मंजूरी देगी कैबिनेट
Posted Date : 15-Jun-2023 4:36:43 am

सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए 25,000 करोड़ रुपये की मंजूरी देगी कैबिनेट

नईदिल्ली। कैबिनेट देश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए 25,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे सकती है। इसको लेकर आज कैबिनेट मीटिंग के बाद घोषणा की जा सकती है। मई में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित कर हमारे देश में और निवेश लाना चाहती है। वे सेमीकंडक्टर और अन्य महत्वपूर्ण पुर्जे बनाने वाली कंपनियों को पीएलआई स्कीम के जरिए विशेष प्रोत्साहन देकर ऐसा कर रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने व्यवसायों के लिए देश में संचालन और निवेश करना आसान बना दिया है। उन्होंने बिजनेस लीडर्स से बात की कि कैसे भारत निवेश के लिए एक बेहतरीन जगह बनता जा रहा है। इस दौरान वह वह "निवेश के बढ़ते अवसर: डेस्टिनेशन भारत" विषय पर व्यापारिक नेताओं के साथ बातचीत कर रही थीं।
पिछले साल, सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। उन्होंने इसके लिए 76,000 करोड़ रुपये को मंजूरी दी थी। स्कीम के तहत, सरकार प्रोजेक्ट खर्च का 50त्न कवर करके कंपनियों को वित्तीय मदद देती थी। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनियां अपनी सभी टेक्नॉलजी नोड में सेमीकंडक्टर फैब और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग में जो खर्च करेंगी, उसका आधा सरकार देगी।
पीएलआई स्कीम ने कंपाउंड सेमीकंडक्टर, पैकेजिंग और अन्य सेमीकंडक्टर फैसिलिटी बनाने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय मदद में बढ़ोतरी की है। अब, सरकार उनके खर्चों का 50त्न कवर करेगी, जो पहले केवल 30त्न कवर करते थे।
इससे पहले, सेमीकंडक्टर फैब के लिए प्रोत्साहन नोड के आकार पर आधारित था – 45 नैनोमीटर (एनएम) से 65 एनएम तक के नोड्स को परियोजना के खर्च के 30 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, 28 एनएम और 45 एनएम के बीच वालों को 40 प्रतिशत प्रोत्साहन दी जाती थी। केवल 28 एनएम और नीचे के नोड्स को 50 प्रतिशत प्रोत्साहन प्राप्त होता था। नए बदलावों के बाद, सभी फैब संयंत्रों को, फिर चाहे नोड का कोई भी आकार हो, 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई।

 

जेटविंग्स एयरवेज को मिला एनओसी, अक्टूबर से भर सकती है उड़ान
Posted Date : 15-Jun-2023 4:36:18 am

जेटविंग्स एयरवेज को मिला एनओसी, अक्टूबर से भर सकती है उड़ान

नईदिल्ली। एयरलाइन जेटविंग्स एयरवेज को नागर विमानन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिल गया है। प्रीमियम इकनॉमी सेवाएं प्रदान करते हुए जेटविंग्स एयरवेज पूर्वोत्तर की यात्रा करने करने वाले यात्रियों को आकर्षित करना चाहती है। कंपनी की उड़ान सेवा अक्टूबर से शुरू होने की उम्मीद है।
कंपनी ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उसे अनुसूचित यात्री परिवहन सेवा संचालन के लिए एनओसी मिल गया है। एयरलाइन शुरुआत में ‘उड़ान’ योजना के तहत पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में विभिन्न गंतव्यों के लिए उड़ानों का परिचालन करेगी।
जेटविंग्स एयरवेज के चेयरमैन डॉ. संजीव नारायण ने कहा, सरकार पूरी प्रतिबद्धता से क्षेत्रीय हवाई अड्डों को जोड़ते हुए हवाई संपर्क को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है। सरकार की इस कोशिश से किसी क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ कारोबार में भी काफी तेजी देखने को मिली है। इसके साथ ही क्षेत्र के पर्यटन क्षेत्र का भी तेजी से विकास हो रहा है। जेटविंग्स एयरवेज देश में एयरलाइन सेवा शुरू करने वाली पूर्वोत्तर क्षेत्र की पहली कंपनी होगी।
जेटविंग्स एयरलाइंस के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजय आदित्य सिंह ने इस मौके पर कहा, ‘‘हम एनओसी प्रदान करने के लिए नागर विमानन मंत्रालय के आभारी हैं और हम अनुसूचित यात्री एयरलाइंस के संचालन के लिए अपनी तैयारी और औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, हम ग्राहकों को एक ऐसी एयरलाइन के रूप में सेवा देना चाहते हैं, जिसकी जड़ें पूरे पूर्वोत्तर भारत में फैली हों और जो यहां के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को आपस में जोड़ती हो। भारत में हमेशा से ही देश के भीतर कारोबार करने वाली एक ऐसी एयरलाइन की जरूरत थी जो मूलत: पूर्वोत्तर की हो। जेटविंग्स एयरवेज इसी जरूरत को पूरा करते हुए अगले कुछ महीनों में उड़ान भरने के लिए तैयार है।

 

2027 तक दूसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता के रूप में चीन को पीछे छोड़ देगा भारत
Posted Date : 15-Jun-2023 4:35:22 am

2027 तक दूसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता के रूप में चीन को पीछे छोड़ देगा भारत

नईदिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की बुधवार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में तेल की मांग में वृद्धि 2027 तक चीन से आगे निकल जाएगी। अगले पांच वर्षों के लिए बहुपक्षीय एजेंसी के आउटलुक ‘ऑयल 2023’ ने कहा कि इस साल भारी वृद्धि के बाद चीन की मांग 2024 से लगातार गिरने लगेगी। इस क्रम में अमेरिका, चीन और भारत दुनिया के तीन सबसे बड़े तेल उपभोक्ता हैं।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने 2023 में दुनिया को कितने तेल की आवश्यकता होगी, इसके लिए अपनी भविष्यवाणी बढ़ा दी है। वे अब प्रति दिन 2.4 मिलियन बैरल की मांग में वृद्धि की उम्मीद करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि चीनी अर्थव्यवस्था उम्मीद से ज्यादा तेजी से ठीक हो रही है। 2023 में, दुनिया भर में तेल की मांग में लगभग 60 प्रतिशत वृद्धि के लिए चीन जिम्मेदार होगा। बाद में, औद्योगिक विकास धीमा होने और घरेलू खपत गिरने से चीन की मांग कम हो जाएगी।
भारत में तेल की जरूरत बढऩे की उम्मीद है। वर्ष 2022-23 में, भारत ने 222.30 मिलियन टन पेट्रोलियम उत्पादों का उपयोग किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.2 प्रतिशत अधिक है। आईईए ने कहा कि एशिया में रिकॉर्ड उत्पादन के कारण अप्रैल 2023 तक वैश्विक कच्चे तेल का उत्पादन अनुमानित 82.3 मिलियन बैरल प्रति दिन तक पहुंच गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट भविष्य में तेल की जरूरत उतनी नहीं बढ़ेगी। चूंकि इलेक्ट्रिक वाहन अधिक लोकप्रिय हो जाएंगे और तेल उद्योग टेक्नॉलजी और लॉजिस्टिक्स में सुधार करेगी, ऐसे में दुनिया की तेल की डिमांड कम हो जाएगी। वर्ष 2028 तक इसके 2.4 मिलियन बैरल प्रति दिन की वृद्धि से घटकर केवल 4,00,000 बैरल प्रति दिन होने की उम्मीद है।
आईईए ने कहा कि 2024 के बाद तेल की मांग में वृद्धि 10 लाख बैरल प्रतिदिन से कम होगी। उन्होंने आगे कहा, वैश्विक तेल मांग 2022 और 2028 के बीच 6 प्रतिशत बढक़र 105.7 मिलियन बैरल प्रति दिन तक पहुंच जाएगी।
हालांकि तेल की समग्र मांग समय के साथ बढ़ेगी, जिस दर से यह हर साल बढ़ती है, उसमें कमी आने की उम्मीद है। यह इस वर्ष 2.4 मिलियन बैरल प्रति दिन से घटकर 2028 में केवल 0.4 मिलियन बैरल प्रति दिन हो जाएगा। इससे पता चलता है कि हम एक ऐसे बिंदु पर पहुंच जाएंगे जहां तेल की मांग बढऩा बंद हो जाएगी और और घटने लगेगी।
तेल की मांग में अधिकांश वृद्धि दो क्षेत्रों से आएगी: पेट्रोकेमिकल्स (जिसमें एलपीजी और नाप्था जैसी चीजें शामिल हैं) और विमानन ईंधन (हवाई जहाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन)। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां हम तेल की जरूरत में सबसे बड़ी वृद्धि देखने की उम्मीद करते हैं।
पेट्रोकेमिकल फीडस्टॉक्स की आवश्यकता, जिनका उपयोग रसायन, सिंथेटिक रबर और विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है, बढऩा जारी रहेगा, लेकिन धीमी गति से।
इस बीच, सडक़ परिवहन क्षेत्र में आवश्यक तेल की मांग 2026 तक कम होने की उम्मीद है। इसका मतलब है, वाहनों के लिए प्राथमिक ईंधन के रूप में तेल की मांग 2027 से कम होने लगेगी।
अप्रैल और मई में तेल की कीमतें नीचे चली गईं क्योंकि लोग वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में चिंतित थे और सोच रहे थे कि उन्हें आने वाले समय में कितने तेल की आवश्यकता होगी। इससे तेल खरीदने और बेचने को लेकर लोग दुविधा में थे।