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आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द , सिर्फ 50 हजार रुपये तक ही कैश निकाल सकेंगे ग्राहक
Posted Date : 21-Jul-2023 4:16:17 am

आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द , सिर्फ 50 हजार रुपये तक ही कैश निकाल सकेंगे ग्राहक

नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक ने उत्तर प्रदेश के यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का बैंकिंग लाइसेंस रद कर दिया है। यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड एक सहकारी बैंक है। आरबीआई ने यह फैसला ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है। अब इस बैंक में कोई भी काम नहीं होगा।
इस बैंक में अब न तो पैसे जमा होंगे और न ही कैश निकाले जा सकेंगे। दरअसल, यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड बैंकिंग विनियम अधिनियम 22(3) (्र), 22(3) क्च, 22 (3) ष्ट, 22 (3) (ष्ठ) और 22 (3श्व) की आवश्यकताओं का पालन नहीं कर पाई। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की कैपेसिटी न होने के कारण आरबीआई ने यह फैसला लिया है। बैंक ने को-ऑपरेटिव कमिश्नर और रजिस्ट्रार को भी आदेश जारी कर दिए है। इसके साथ ही आरबीआई ने एक लिच्डिेटर भी इसके लिए नियुक्त किया गया है।
क्रक्चढ्ढ ने कहा है कि बैंक अपनी वित्त स्थिति के कारण ग्राहकों को पूरे पैसे नहीं दे सकता है। ऐसे में बैंक के ग्राहक जमाकर्ता नियमों के तहत डिपॉजिट और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन  से सिर्फ 50 हजार रुपये तक ही पैसे निकाल सकते हैं।

 

बेबी पाउडर से कैंसर होने का दावा, जॉनसन एण्ड जॉनसन कंपनी पर लगा अरबों रुपए का जुर्माना
Posted Date : 20-Jul-2023 3:35:05 am

बेबी पाउडर से कैंसर होने का दावा, जॉनसन एण्ड जॉनसन कंपनी पर लगा अरबों रुपए का जुर्माना

कैलिफोर्निया ।  जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर यूज करने से एक शख्स को कैंसर हो गया। मामले में जूरी ने कंपनी को तगड़ा जुर्माना भरने का आदेश दिया है। कैलिफ़ोर्निया में रहने वाले एक व्यक्ति को कंपनी 18.8 मिलियन डॉलर (1.5 अरब रुपए) का भुगतान करेगी। जूरी के सामने शख्स ने यह साबित किया है कि कंपनी का बेबी पाउडर यूज करने से उसे कैंसर हुआ है। जूरी का फैसला कंपनी के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है।
जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर न सिर्फ अमेरिका बल्कि भारत समेत दुनिया के कई देशों में काफी पॉपुलर बेबी प्रोडक्ट है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक शख्स को जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर यूज करने से कैंसर हो गया। इस मामले में जूरी ने एमोरी हर्नांडेज़ वलाडेज़ नाम के इस शख्स के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसने पिछले साल जे एंड जे के खिलाफ ओकलैंड में कैलिफोर्निया राज्य की अदालत में मुकदमा दायर किया था और मौद्रिक क्षतिपूर्ति की मांग की थी। 24 वर्षीय हर्नानडेज़ ने कहा है कि बचपन से ही कंपनी के टैल्कम पाउडर के भारी संपर्क के परिणामस्वरूप उसके दिल के आसपास के ऊतकों में एक घातक कैंसर विकसित हो गया है।
जूरी ने पाया कि हर्नानडेज़ अपने मेडिकल बिलों और दर्द और पीड़ा के लिए क्षतिपूर्ति पाने का हकदार था, लेकिन जूरी ने कंपनी के खिलाफ दंडात्मक क्षतिपूर्ति देने से इनकार कर दिया। उधर, जे एंड जे कंपनी में मुकदमेबाजी के उपाध्यक्ष एरिक हास ने एक बयान में कहा कि कंपनी फैसले के खिलाफ अपील करेगी। उन्होंने इसे दशकों के स्वतंत्र वैज्ञानिक मूल्यांकन के साथ असंगत बताया जाएगा। जिसमें पुष्टि की गई है कि जॉनसन का बेबी पाउडर सुरक्षित है, इसमें एस्बेस्टस नहीं है और कैंसर का कारण नहीं है। वहीं, टिप्पणी के लिए हर्नान्डेज़ के वकील से तुरंत संपर्क नहीं हो सका।

 

हिंडेनबर्ग रिपोर्ट स्वार्थी तत्वों का काम, न्यायालय की समिति को समूह में नहीं दिखी कमी : अडाणी
Posted Date : 20-Jul-2023 3:34:47 am

हिंडेनबर्ग रिपोर्ट स्वार्थी तत्वों का काम, न्यायालय की समिति को समूह में नहीं दिखी कमी : अडाणी

नई दिल्ली । अडाणी उद्योग समूह के प्रमुख गौतम अडाणी ने अमेरिकी सटोरिया कंपनी हिंडेनबर्ग रिसर्च के आरोपों का सीधा जवाब देते हुए मंगलवार को अपने शेयरधारकों से कहा कि उन्होंने समूह की कंपनियों के संचालन और उनकी सूचना रिपोर्ट के स्तर पर पूरा भरोसा है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति को भी समूह में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयरधारकों की आज आयोजित वार्षिक आम बैठक में अरबपति उद्यमी अडाणी के संबोधन के बाद उनकी कंपनियों के शेयरों के बाजार भाव में तीन से छह प्रतिशत तक का उछाल देखा गया।
अडाणी ने कहा कि उन्हें समूह की कंपनियों के संचालन और उनकी वित्तीय रिपोर्टों के स्तर को लेकर पूरा भरोसा है। समूह द्वारा बाजार को दी जाने वाली सूचनाओं में कमी संबंधी हिंडेनबर्ग रिसर्च की इसी वर्ष के शुरू में जारी रिपोर्ट का सीधा जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि ‘निहित स्वार्थी तत्वों ने कंपनी को नुकसान पहुंचाने के लिए यह रिपोर्ट लिखी।’ इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आयी थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति को भी समूह में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।
अडाणी ने अपने समूह के कारोबार और भारतीय अर्थव्यवस्था के विस्तार की संभावनाओं के प्रति पूरा विश्वास जताते हुए शेयरधारकों ने अमेरिकी सटोरिया फर्म की रिपोर्ट की भूल पर ध्यान न देने को कहा। उन्होंने समूह की विस्तार योजनाओं का भी खाका प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायलय द्वारा गठित विशेषज्ञों की समिति ने हमारे समूह की सार्वजनिक रिपोर्टों की गुणवत्ता की की पुष्टि की है और उसे किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं दिखी है।’
उन्होंने कहा कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में नुकसान पहुंचाने के इरादे से विभिन्न प्रकार की भ्रामक सूचनाओं और बिना सिर पैर के आरोपों का मिश्रण तैयार किया गया था और इसे निहित स्वार्थ साधने के लिए तैयार किया गया था। उनके संबोधन के बाद समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर चार प्रतिशत तक चढ़ गया। अडाणी विल्मर तथा बिजली, पारेषण तथा ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में काम करने वाली समूह की कंपनियों के शेयरों में तीन से छह प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिला।

 

शेयर बाजार ने रचा इतिहास, निफ्टी ऑलटाइम हाई पर- सेंसेक्स 67,000 के पास
Posted Date : 19-Jul-2023 3:48:50 am

शेयर बाजार ने रचा इतिहास, निफ्टी ऑलटाइम हाई पर- सेंसेक्स 67,000 के पास

मुंबई । सप्ताह के दूसरे दिन यानि मंगलवार को शेयर बाजार में हरियाली देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही ऑलटाइम हाई पर खुले हैं। शेयर बाजार की आज की ओपनिंग में बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 239.03 अंक यानी 0.36 फीसदी की तेजी के साथ 66,828.96 के लेवल पर खुला है जो इसका ऐतिहासिक ऊंचा स्तर है। इसके अलावा एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 76.05 अंक यानी 0.39 फीसदी की बढ़त के साथ 19,787.50 के लेवल पर खुलने पर कामयाब रहा है। इसका भी ये नया रिकॉर्ड हाई है।
सेंसेक्स के 30 में से 18 शेयरों में उछाल के साथ कारोबार देखा जा रहा है और 12 शेयरों में गिरावट दर्ज की जा रही है। इसके अलावा एनएसई के निफ्टी के 50 शेयरों में से 28 शेयरों में तेजी देखी जा रही है और 21 शेयरों में गिरावट देखी जा रही है। एक शेयर बिना किसी बदलाव के कारोबार कर रहा है।
बाजार में आईटी, मीडिया, मेटल, पीएसयू बैंक शेयरों में गिरावट देखी जा रही है और बाकी सेक्टोरल इंडेक्स तेजी पर कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा 0.80 फीसदी की तेज प्राइवेट बैंकों में देखी जा रही है और बैंक निफ्टी 0.78 फीसदी उछला है। फाइनेंशियल सर्विसेज 0.67 फीसदी की उछाल पर है और 0.45 फीसदी की तेजी रियल्टी शेयरों में देखी जा रही है।
सेंसेक्स के जिन शेयरों में तेजी है उनमें इंडसइंड बैक टॉप गेनर है और करीब एक फीसदी उछला है। इनके साथ-साथ एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, एचयूएल, पावरग्रिड, मारुति सुजुकी, एशियन पेंट्स, नेस्ले, कोटक बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी, एनटीपीसी, आईटीसी, एचसीएल टेक और बजाज फिनसर्व के शेयरों में मजबूती के साथ कारोबार देखा जा रहा है।
आज स्टॉक मार्केट की प्री-ओपनिंग में बीएसई का सेंसेक्स 211.76 अंक यानी 0.32 फीसदी की उछाल के साथ 66801.69 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। प्री-ओपनिंग में सेंसेक्स ने रिकॉर्ड हाई लेवल दिखाए थे। इसके अलावा एनएसई का निफ्टी 57.75 अंक यान 0.29 फीसदी की उछाल के साथ 19769.20 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। इसमें भी ऐतिहासिक तेजी देखी जा रही थी।

 

सरकार ने 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने की अपील की, नहीं बढ़ेगी समय सीमा
Posted Date : 19-Jul-2023 3:48:29 am

सरकार ने 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने की अपील की, नहीं बढ़ेगी समय सीमा

नई दिल्ली । सरकार ने करदाताओं से अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए 31 जुलाई 2023 से पहले अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने का आग्रह किया है। उसने कहा है कि समय सीमा के विस्तार की कोई संभावना नहीं है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया है कि करदाताओं को जल्द से जल्द अपना रिटर्न दाखिल करना चाहिए क्योंकि पिछले साल के विपरीत 31 जुलाई की समय सीमा बढऩे की इस बार कोई संभावना नहीं है।
करदाताओं को आकलन वर्ष 2023-24 के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रिटर्न दाखिल करना होगा।
आयकर विभाग के मुताबिक, 11 जुलाई तक दो करोड़ से ज्यादा रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि पिछले साल 20 जुलाई तक दो करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे।
आयकर विभाग ने 11 जुलाई को ट्वीट किया था, हमारे करदाताओं ने हमें पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष नौ दिन पहले दो करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में मदद की है, और हम इस प्रयास की सराहना करते हैं। हम उन लोगों से आग्रह करते हैं जिन्होंने आंकलन वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया है, वे अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए जल्द से जल्द अपना आईटीआर भरें।ज्ज्
पिछले साल कुल 5.8 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे और सरकार को उम्मीद है कि इस साल यह संख्या काफी अधिक हो सकती है।
अगर 31 जुलाई 2023 की समय सीमा के बाद आयकर रिटर्न दाखिल किया जाता है, तो करदाता को पांच हजार रुपये का जुर्माना देना होगा।

 

शुरुआती 5 वर्षों में कम रिटर्न देने वाली एसआईपी ने 10 वर्षों में बेहतर रिटर्न दिया
Posted Date : 19-Jul-2023 3:47:59 am

शुरुआती 5 वर्षों में कम रिटर्न देने वाली एसआईपी ने 10 वर्षों में बेहतर रिटर्न दिया

नई दिल्ली । ऐतिहासिक आंकड़ों से पता चलता है कि व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) ने शुरुआती 5 वर्षों में तुलनात्मक रूप से कम रिटर्न दिया है, लेकिन व्हाइटओक कैपिटल म्यूचुअल फंड द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, औसतन 10 वर्षों के आधार पर बेहतर रिटर्न दिया है।
एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में इच्टिी अपेक्षाकृत बहुत अस्थिर है और लंबी अवधि के एसआईपी की प्रारंभिक निवेश यात्रा में कम रिटर्न की अवधि हो सकती है।
अतीत में इच्टिी एक अस्थिर परिसंपत्ति वर्ग साबित हुई है। लेकिन, अध्ययन से पता चलता है कि जैसे-जैसे निवेशक अपने निवेश का दायरा बढ़ाते हैं, अस्थिरता कम हो जाती है।
एक औसत लार्ज कैप स्टॉक आम तौर पर औसत स्मॉल और मिड कैप स्टॉक की तुलना में कम अस्थिर होता है और पोर्टफोलियो को स्थिरता प्रदान करता है।
हालांकि, स्मॉल एंड मिड कैप (एसएमआईडी) सेगमेंट लंबे समय में संभावित उच्च वृद्धि के लिए कई अवसर प्रदान कर सकता है।
अध्ययन से पता चलता है कि तीन मार्केट कैप सेगमेंट में से मिड कैप सेगमेंट उन निवेशकों के लिए एक अच्छा निवेश विकल्प था जो लंबी अवधि के एसआईपी मार्ग के माध्यम से निवेश करना चाहते थे।
एक ऐतिहासिक डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि लंबी अवधि में यह शायद ही मायने रखता है कि निवेशक दैनिक, साप्ताहिक या मासिक एसआईपी आवृत्ति के माध्यम से निवेश करता है।
सभी तीन आवृत्तियां कुछ हद तक समान रिटर्न उत्पन्न करती हैं।
विश्लेषण से मुख्य बात लंबी अवधि के लिए नियमित रूप से छोटी राशि निवेश करने पर ध्यान केंद्रित करना है। पिछले कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड द्वारा पेश की जाने वाली एक सुविधा, सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) एक घरेलू नाम बन गया है।