नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने एक नई पॉलिसी लॉन्च करने की घोषणा की है। इस पॉलिसी का नाम है जीवन किरण।
यह पॉलिसी एक नई गैर-लिंक्ड, गैर-भागीदारी वाली जीवन बीमा पॉलिसी है जो मैच्योरिटी पर पॉलिसीधारकों को उनके द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम को वापस लौटा देती है। इस पॉलिसी को 18-65 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है।
प्रीमियम में नहीं होगा यह शामिल
जीवन किरण पॉलिसी में यदि पॉलिसीधारक मैच्योरिटी तक जीवित रहता है तो उसे पॉलिसी के तहत भुगतान किया गया कुल प्रीमियम वापस मिल जाएगा लेकिन इस प्रीमियम में कोई अतिरिक्त प्रीमियम, राइडर प्रीमियम या भुगतान किया गया टैक्स शामिल नहीं होगा।
मृत्यु के बाद आश्रितों को मिलेगी इतनी राशि
जीवन किरण पॉलिसी अवधि के दौरान यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो इस मामले में, मूल बीमा राशि, वार्षिक प्रीमियम के सात गुना के बराबर राशि या तब तक भुगतान किए गए कुल प्रीमियम का 105 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, पॉलिसीधारक के आश्रितों को सौंपी जाती है।
एकल प्रीमियम प्लान के मामले में, नामांकित व्यक्तियों को मूल बीमा राशि या एकल प्रीमियम का 125 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, प्राप्त होगा।
कितनी है मैच्योरिटी अवधि?
पॉलिसीधारकों के पास क्रमबद्ध तरीके से पांच साल की अवधि में परिपक्वता लाभ प्राप्त करने का विकल्प होता है। इसमें अपने नामांकित व्यक्तियों को देय मृत्यु लाभ के लिए भी पॉलिसीधारक विकल्प चुन सकते हैं।
पॉलिसी के तहत न्यूनतम बीमा राशि, जो 10-40 वर्षों की अवधि के साथ आती है, 15 लाख रुपये है। नियमित प्रीमियम विकल्प के तहत न्यूनतम किस्त 3,000 रुपये और एकल प्रीमियम संस्करण के तहत 30,000 रुपये है।
मिलता है राइडर एड करने का विकल्प
धूम्रपान करने वालों और धूम्रपान न करने वालों के लिए प्रीमियम अलग-अलग होती है जिसमें धूम्रपान करने वालों के लिए ज्यादा प्रीमियम का भुगतान करना होता है।
पॉलिसी दुर्घटना मृत्यु और विकलांगता लाभ राइडर और दुर्घटना लाभ राइडर जैसे दो वैकल्पिक कवर के साथ आती है जो आधार पॉलिसी द्वारा प्रदान की जाने वाली बुनियादी सुरक्षा को मजबूत करती है।
सैन फ्रांसिस्को। मेटा के सोशल वर्चुअल रियलिटी (वीआर) प्लेटफॉर्म होराइजन वर्ल्ड्स का लंबे समय से प्रतीक्षित मोबाइल वर्जन जल्द ही लॉन्च हो सकता है।
जांको रोएटगर्स के लोपास न्यूज़लेटर के अनुसार, जब होराइजन लॉन्च किया गया था, तो मेटा अधिकारियों ने कहा था कि वे इसके लिए एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं।
अब, मेटा के मेटावर्स वीपी विशाल शाह ने दावा किया कि कंपनी ने वास्तव में एक साल पहले ऐप का वर्किंग वर्जन बनाया था।
शाह ने कहा, अंतत: हमने इसकी शिपिंग नहीं की।
उन्होंने आगे कहा, मोबाइल-नेटिव एक्सपीरियंस के विपरीत यह मोबाइल पर कुछ ज्यादा ही वीआर गेम था।
शाह के अनुसार, होराइजन टीम ने एप्लिकेशन को पूरी तरह से फिर से बनाया।
उन्होंने रोएटगर्स को यह नहीं बताया कि ऐप वास्तव में कब लॉन्च होगा।
शाह ने कहा कि मोबाइल पर बीटा परीक्षण किए जाने वाले पहले गेमों में से एक फर्स्ट-पर्सन शूटर गेम ‘सुपर रंबल’ होगा।
उन्होंने यह भी वादा किया कि मोबाइल यूजर्स क्रॉस-प्लेटफॉर्म प्ले के माध्यम से वीआर यूजर्स के साथ जुडऩे में सक्षम होंगे।
इस सप्ताह की शुरुआत में, कंपनी ने होराइजन वर्ल्ड्स के लिए एक नया ‘वी120’ अपडेट जारी किया था, जिसमें सभी यूजर्स के लिए खोज और पुरस्कार, पॉज के लिए एक नया त्वरित कार्रवाई मेनू और बहुत कुछ शामिल था।
इस बीच, पिछले महीने, मेटा ने अपने सोशल वीआर प्लेटफॉर्म के लिए एक नया टेक्स्ट-बेस्ड ‘वर्ल्ड चैट’ फीचर पेश किया था, जो उसी वर्ल्ड सेशन में अन्य लोगों के साथ कम्युनिकेट करने का एक तरीका है।
वॉयस चैट के अलावा, यूजर्स अब इस फीचर के साथ टेक्स्ट का उपयोग करके कम्युनिकेट कर सकते हैं।
इसके अलावा, यूजर्स वर्ल्ड चैट में उन अन्य लोगों को मेंशन कर सकते हैं जो उसी वर्ल्ड में हैं।
चेन्नई। राजस्व में चौतरफा वृद्धि और एनपीए के लिए प्रावधान कम होने से सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1,708.83 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है।
इंडियन बैंक ने शेयर बाजारों को बताया कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका कुल राजस्व 14,758.99 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 11,758.29 करोड़ रुपये था। आलोच्य तिमाही में उसका शुद्ध लाभ भी एक साल पहले के 1,213.44 करोड़ रुपये से बढक़र 1,708.83 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एनपीए के मद में बैंक ने 929 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसने 2,002.15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।
एनपीए सहित सभी मदों को मिलाकर कुल प्रावधान एक साल पहले के 2,218.93 करोड़ रुपये से घटकर 1,740.64 करोड़ रुपये पर आ गया।
बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 30 जून 2023 को उसका सकल एनपीए 26,226.92 करोड़ रुपये था। वहीं 30 जून 2022 को यह आंकड़ा 34,573.34 करोड़ रुपये था। इस दौरान शुद्ध एनपीए भी 8,470.72 करोड़ रुपये से घटकर 3,197.55 करोड़ रुपये रह गया।
लंबित वेतन समझौते के मद में आलोच्य तिमाही में 166 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इस मद में बैंक ने अब तक 418 करोड़ रुपये का कुल प्रावधान किया है। वेतन समझौता 1 नवंबर 2022 से लंबित है।
नई दिल्ली । नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने किफायती विमान सेवा कंपनी एआईएक्स कनेक्ट (पहले एयरएशिया इंडिया) के एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय की टाटा समूह की पहल को हरी झंडी दे दी। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। यह टाटा समूह की दोनों एयरलाइंस के नियोजित कानूनी विलय से पहले एक महत्वपूर्ण कदम है।
एयरलाइन ने कहा, एयरलाइन को अब ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ ब्रांडिंग के तहत अपनी उड़ानें संचालित करने के लिए विनियामक मंजूरी मिल गई है। यह विकास दोनों एयरलाइनों में ग्राहक संपकर् बिंदुओं, उत्पादों और सेवाओं के सामंजस्य समेत एकीकरण प्रयासों की महत्वपूर्ण तेजी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि नियामक की मंजूरी एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड (एआईएक्सएल) और एआईएक्स कनेक्ट (एआईएक्ससी) दोनों कंपनियों की उड़ानों को निर्धारित कानूनी विलय से पहले एक सामान्य ब्रांड नाम ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ के तहत विपणन, वितरण और संचालित करने की अनुमति देती है। इसमें कहा है कि अगले कुछ महीनों में एक एकीकृत और नवीनीकृत ब्रांड के तहत उपभोक्ता पेशकशों में तालमेल बिठाने का प्रस्ताव उत्कृष्ट ग्राहक वादे, उत्पाद और सेवा मानकों को सुव्यवस्थित करने और दोनों कंपनियों के बीच तालमेल को अनलॉक करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस महीने की शुरुआत में ‘एक्सप्रेस अहेड’ प्राथमिकता सेवाओं को दोनों एयरलाइनों के मेहमानों के लिए सहायक एड-ऑन के रूप में विस्तारित किया गया था, जिसमें प्राथमिकता चेक-इन, बोर्डिंग और सामान की पेशकश की गई थी। दोनों एयरलाइंस कई अन्य सहायक एड-ऑन सेवाओं और सामान्य उप-ब्रांडों के साथ भी तालमेल बिठाएंगी। एआईएक्सएल वर्तमान में 20 भारतीय शहरों से 14 क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानें संचालित करता है, जबकि एआईएक्ससी 19 घरेलू गंतव्यों के लिए उड़ानें संचालित करता है।
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक ने ‘स्टार’ निशान वाले नोट की वैधता को लेकर जताई जा रही तमाम आशंकाएं खारिज करते हुए कहा कि ये नोट किसी भी दूसरे वैध नोट के ही समान हैं। आरबीआई ने बयान में कहा कि गलत छपाई वाले नोट की जगह जारी किए जाने वाले नोट पर अंकित संख्या वाले पैनल में स्टार का निशान जोड़ा गया है। सीरियल नंबर वाले नोटों की गड्डी में गलत ढंग से छपे नोट के बदले स्टार निशान वाले नोट जारी किए जाते हैं।
आरबीआई ने क्या कहा
केंद्रीय बैंक ने यह स्पष्टीकरण नोटों के नंबर पैनल में स्टार निशान होने पर उनकी वैधता को लेकर कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में आशंकाएं जाहिर किए जाने के बाद दिया है। आरबीआई ने कहा, ‘स्टार निशान वाला बैंक नोट किसी भी दूसरे वैध नोट की ही तरह है। उसका स्टार निशान बस यह दर्शाता है कि उसे बदले गए या दोबारा प्रिंट किए गए नोट की जगह जारी किया गया है। स्टार का यह निशान नोट के नंबर और उसके पहले दर्ज होने वाले अक्षरों के बीच में लगाया जाता है।
500 के नोट पर सरकार ने सदन बताई योजना
2000 के नए नोट बंद होने के बाद लोगों के मन में यह डर बना हुआ है कि सरकार 500 के नोटों को भी चलन से बाहर कर सकती है। अब हाल ही में सरकार की ओर से इस पर प्रतिक्रिया दी गई है। इसके साथ ही सरकार ने 1000 रुपये के नोट को दोबारा शुरू करने की योजना पर भी स्पष्टीकरण दिया है। दरअसल, मॉनसून सत्र के दौरान सदन में वित्त मंत्रालय से 500 के नोटों को बंद करने, अर्थव्यवस्था में 1000 के नोटों को दोबारा शुरू करने के बारे में पूछा गया था। इसके जवाब में वित्त मंत्रालय ने 500 के नोट के विमुद्रीकरण से इनकार कर दिया। इसके साथ ही 1000 रुपये के नोट को दोबारा शुरू करने की खबरों को भी खारिज कर दिया।
नई दिल्ली । सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली दक्षिण द्वारा आँचलिक प्रमुख जे. एस. साहनी , दिल्ली अंचल की अध्यक्षता में पार्लियामेंट स्ट्रीट शाखा में ऋण वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें क्षेत्र की विभिन्न शाखाओं के 91 लाभार्थियों को 62 करोड़ रूपये की राशि के ऋण स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। शिविर में ग्राहकों को संबोधित करते हुए आंचलिक प्रमुख जे. एस. साहनी ने कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया लगभग एक शताब्दी से भारत के सभी भागो में शिक्षा,व्यवसाय, गृह निर्माण, लघु उद्योग एवं कृषि संबंधित कार्यों के लिए न्यूनतम दर पर ऋण उपलब्ध करा रहा है। कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रमुख अनिल अग्निहोत्री ने ग्राहकों को संबोधित करते हुए बैंक द्वारा ग्राहकों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित शाखा प्रबंधकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें हमारी सभी शाखाओं में प्रतिबध्द तरीके से ग्राहकों को न्यूनतम समय एवं आसान तरीकों से सुविधाएं प्रदान करनी होगी। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 1911 से ग्राहकों के लिए प्रतिबध्द एवं प्रगतिशील संस्था है तथा सदैव विकास एवं विस्तार के लिए प्रयासरत है। शिविर में उप क्षेत्रीय प्रबंधक पी. एल. गंगवानी, मुख्य प्रबंधक अशोक पुनिया, शाखा प्रबंधक पार्लियामेंट स्ट्रीट, मुख्य प्रबंधक धीरज कुमार, वरिष्ठ प्रबंधक गौरव कुमार, विभिन्न शाखाओं के शाखा प्रबंधक, स्टाफ, ग्राहक, लाभार्थियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।