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ओप्पो ने भारत में लॉन्च किया धांसू स्मार्टफोन, 180 हर्ट्ज टच सैंपलिंग रेट समेत मिलेंगे कई शानदार फीचर्स- कीमत 18 हजार से भी कम
Posted Date : 03-Aug-2023 6:05:51 am

ओप्पो ने भारत में लॉन्च किया धांसू स्मार्टफोन, 180 हर्ट्ज टच सैंपलिंग रेट समेत मिलेंगे कई शानदार फीचर्स- कीमत 18 हजार से भी कम

नई दिल्ली। स्मार्टफोन ब्रांड ओप्पो ने मंगलवार को भारत में बेस्ट क्लास बैटरी के साथ नया स्मार्टफोन ‘ओप्पो ए78’ लॉन्च किया। हैंडसेट एक्वा ग्रीन और मिस्ट ब्लैक कलर ऑप्शन में पेश किया गया है और इसकी कीमत 17,499 रुपये है और यह 1 अगस्त से मेनलाइन रिटेल आउटलेट्स, ओप्पो ई-स्टोर और फ्लिपकार्ट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है।
एक्वा ग्रीन ए78 ओप्पो के पहले डायमंड मैट्रिक्स डिजाइन को वॉटर-ग्रीन बेस लेयर के टॉप सुपरइम्पोज करने के लिए डबल-लेयर प्रोसेस का इस्तेमाल करता है। मिस्ट ब्लैक वर्जन फोन को यूनिक मैटेलिक चमक देने के लिए अपने प्योर ब्लैक बेस पर येलो-ग्रीन कलर के टच के साथ आता है। स्मार्टफोन में 2.5डी राइट एंगल फ्रेम और स्मूथ एज्ड के साथ एक अल्ट्रा-स्लिम रेट्रो डिजाइन है, जो फोन को स्लीक और पकडऩे में आरामदायक बनाता है।
इसकी एमोलेड स्क्रीन डार्क ब्लैक कलर, शानदार कंट्रास्ट और वास्तविक कलर्स देने में सक्षम है। 6.42 इंच फुल एचडी प्लस एमोलेड डिस्प्ले में ऐसे फीचर्स हैं जो हाई-एंड हैंडसेट के बराबर हैं, जिसमें स्मूथ स्क्रॉलिंग के लिए 90 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट, गेम खेलते समय टच रिस्पॉन्स के लिए 180 हर्ट्ज तक टच सैंपलिंग रेट और स्मार्ट एडेप्टिव बैकलाइटिंग शामिल है।
इसके अलावा, ए78 4जी में 50 मेगापिक्सल प्राइमरी कैमरा और 2 मेगापिक्सल सेकेंडरी कैमरा मिलता है, जो हर सेटिंग में शानदार फोटो क्लिक करता है। यह डिवाइस डुअल-व्यू वीडियो फंक्शन को भी सपोर्ट करता है, जो क्रिएटिव व्लॉग्स के लिए फुटेज को एक फ्रेम में मर्ज करने के लिए अपने 8 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा और 50 मेगापिक्सल कैमरे से एक साथ रिकॉर्डिंग करने में सक्षम बनाता है।
इसके अलावा, ए78 के एल1 वाइडवाइन सर्टिफिकेशन का मतलब है कि यह सभी मेन स्ट्रीम वीडियो प्लेटफार्म से हाई-डेफिनिशन वीडियो स्ट्रीमिंग का समर्थन करता है। ऑडियो के लिए, रियल ओरिजिनल साउंड टेक्नोलॉजी के साथ इसके डुअल स्टीरियो स्पीकर डिराक द्वारा टेस्टिड है। इसमें इमर्सिव सराउंड साउंड आउटपुट है, चाहे आप म्यूजिक सुन रहे हों, वीडियो देख रहे हों या गेम खेल रहे हों।
हैंडसेट एक अल्ट्रा वॉल्यूम मोड भी पैक करता है, जो यूजर्स को शोर में भी सुनने योग्य ऑडियो के लिए स्पीकर लेवल को 200 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति देता है।
स्मूथ परफॉर्मेंस के लिए, ओप्पो ए78 में स्नैपड्रैगन 680 प्रोसेसर, 8जीबी रैम, 128जीबी स्टोरेज और माइक्रोएसडी कार्ड के माध्यम से 1 टेराबाइट अतिरिक्त स्टोरेज है। इसके अलावा, ओप्पो की रैम को स्टोरेज से अतिरिक्त 8जीबी तक बढ़ाया जा सकता है।
स्मार्टफोन एंड्रॉइड 13 पर बेस्ड कलरओएस 13.1 पर चलता है, जो स्क्रीन ट्रांसलेशन जैसी फीचर्स के साथ प्राइवेसी और परफॉर्मेंस को बढ़ाता है। यह आपको तत्काल एआई-बेस्ड ट्रांसलेशन के लिए स्क्रिप्ट पर कैमरे को इंगित करने की अनुमति देता है।
स्मार्टफोन 67 वाट सुपरवीओओसी (वोल्टेज ओपन लूप मल्टी-स्टेप कॉन्स्टेंट-करंट चार्जिंग) फ्लैश चार्जिंग टेक्नोलॉजी से लैस है, जो इस प्राइस बैंड में सबसे फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी में से एक है, साथ ही 5000एमएएच की बड़ी बैटरी भी है। इस संयोजन के साथ, डिवाइस 30 मिनट में 73 प्रतिशत तक चार्ज हो सकता है और लगभग 45 मिनट में फुल चार्ज हो जाता है।
ओप्पो ऑप्टिमाइज्ड ऑल-डे चार्जिंग मोड और 5-लेयर चार्जिंग प्रोटेक्शन जैसे फीचर्स के साथ बैटरी की विश्वसनीयता और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें एडॉप्टर ओवरलोड प्रोटेक्शन, फ्लैश-चार्ज कंडीशन आइडेंटिफिकेशन प्रोटेक्शन, चार्जिंग पोर्ट ओवरलोड प्रोटेक्शन, बैटरी करंट/वोल्टेज ओवरलोड प्रोटेक्शन और बैटरी फ्यूज प्रोटेक्शन शामिल हैं।

 

रेपो रेट में बदलाव नहीं करेगा आरबीआई, सर्वसम्मति से होगा फैसला
Posted Date : 02-Aug-2023 5:15:53 am

रेपो रेट में बदलाव नहीं करेगा आरबीआई, सर्वसम्मति से होगा फैसला

चेन्नई । खाद्य मुद्रास्फीति, भू-राजनीतिक और जलवायु जोखिम के बावजूद, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ब्याज दर को मौजूदा 6.5 प्रतिशत से नहीं बदलेगी। अर्थशास्त्रियों ने ये बात कही है। उन्होंने ये भी कहा कि बेंचमार्क रेपो रेट वित्त वर्ष 2024 की आखिरी तिमाही तक स्थिर रहेगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, यह निर्णय सर्वसम्मति से होगा। इस महीने महंगाई दर 5.5 फीसदी से 6 फीसदी तक जा सकती है। जून में भी खाद्य तेल की कीमतों के चलते मुद्रास्फीति कम होकर 4.8 फीसदी पर थी। वैश्विक बाजारों में अब खाद्य तेल की कीमतें बढऩे लगी हैं। जीडीपी वृद्धि दर लगभग 8 प्रतिशत पर स्थिर रहने से यह चिंता का विषय नहीं होगा। इसलिए, यथास्थिति कायम रहेगी।
एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री और प्रमुख सुमन चौधरी ने बताया, एमपीसी की अगस्त की बैठक अप्रैल 2023 के बाद से लगातार तीसरी बैठक होगी जब ब्याज दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रहेगी। तेल और खाद्य कीमतों में बढ़ोत्तरी के जोखिम के साथ-साथ लचीली घरेलू मांग और मुख्य मुद्रास्फीति का स्तर चालू कैलेंडर वर्ष में मौद्रिक नीति में कोई बदलाव की अनुमति नहीं देता। हमारा अनुमान है कि भारत में बेंचमार्क रेपो दरें चौथी तिमाही तक मौजूदा स्तर पर बनी रहेंगी। चौधरी को उम्मीद है कि एमपीसी का निर्णय सर्वसम्मत होगा, हालांकि उन्होंने कहा कि इस बात पर बहस होगी कि आरबीआई क्या पोजिशन लेता है।
हालांकि इस मामले पर एमपीसी सदस्यों के बीच मतभेद होंगे, लेकिन हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति परिदृश्य पर बढ़ती अनिश्चितता के बावजूद मौद्रिक नीति रुख अपरिवर्तित रहेगा। केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने आईएएनएस को बताया कि आरबीआई वेट एंड वॉच पॉलिसी अपनाएगा और रेपो दर में बदलाव नहीं करेगा। हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति में हालिया वृद्धि पिछले वर्षों में देखे गए मौसमी प्रभाव से अधिक है, लेकिन यह तात्कालिक है। बारिश सब जगह एक जैसी नहीं हुई है, फिर भी अधिकांश खऱीफ़ फसलों (दालों को छोडक़र) की बुआई पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। सिन्हा ने कहा, दूसरा एक अहम कारक यह है कि डब्ल्यूपीआई (थोक मूल्य सूचकांक) सूचकांक सिकुड़ रहा है, जिसका मतलब है कि इसका सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) पर मध्यम प्रभाव पड़ेगा। इसलिए आरबीआई वेट एंड वॉच की पॉलिसी का पालन कर सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि मुद्रास्फीति की चिंता के फिर से उभरने के साथ आरबीआई सतर्क रहेगा और जरूरत पडऩे पर दरों में बढ़ोतरी की गुंजाइश खुली रखेगा। उधर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने नीतिगत दर में बढ़ोतरी की है, लेकिन आरबीआई ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनका निर्णय घरेलू विकास और मुद्रास्फीति की गतिशीलता से अधिक प्रभावित होगा। सिन्हा ने कहा, नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय एमपीसी सदस्यों के बीच सर्वसम्मति से होने की संभावना है। क्रिसिल लिमिटेड की प्रधान अर्थशास्त्री दीप्ति देशपांडे के अनुसार, मुद्रास्फीति मौसम संबंधी गड़बड़ी के कारण अस्थायी प्रतीत होती है। देशपांडे ने बताया, कुछ खाद्य पदार्थों के लिए पहले से ऊंची दर के बीच यह मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण को बढ़ा सकता है। हालांकि, अभी के लिए, हमने वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने सीपीआई मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई आगामी नीति में दरों को अपरिवर्तित रखेगा। मार्च 2024 तिमाही में दरों में कटौती की उम्मीद है।

 

2 साल में जीएसटी चोरी के मामले 23.5प्रतिशत बढ़े, मूल्य के संदर्भ में 166प्रतिशत की वृद्धि
Posted Date : 02-Aug-2023 5:15:30 am

2 साल में जीएसटी चोरी के मामले 23.5प्रतिशत बढ़े, मूल्य के संदर्भ में 166प्रतिशत की वृद्धि

नई दिल्ली । 2020-21 और 2022-23 के बीच जीएसटी का पता लगाने के मामलों में 23.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि जीएसटी चोरी का पता लगाने के मामले में समान अवधि में 166 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में जीएसटी चोरी के 12,596 मामले पकड़े गए, जबकि 2022-23 में मामले 23.5 प्रतिशत बढक़र 15,562 हो गए।
साथ ही, 2020-21 में 49,384 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला, जो 2022-23 में 166 प्रतिशत बढक़र 1,31,613 करोड़ रुपये हो गई।
जीएसटी चोरी की वसूली के मामले में 2020-21 में पकड़े गए कुल 12,596 मामलों में से 12,235 करोड़ रुपये की वसूली की गई। जबकि 2022-23 में जीएसटी चोरी के 15,562 मामलों में से 33,226 करोड़ रुपये की वसूली की गई, आंकड़ों में कहा गया है कि दो वर्षों में 171 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जीएसटी चोरी के मामलों का पता लगाने के लिए सरकार ने तकनीकी प्रगति की मदद लेना शुरू कर दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह अब जोखिम भरे करदाताओं की पहचान करने और उन पर नजऱ रखने और कर चोरी का पता लगाने के लिए मजबूत डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर रहा है।
सरकार ने 16 मई से 15 जुलाई तक फर्जी या फर्जी पंजीकरणों को खत्म करने के लिए एक विशेष अखिल भारतीय अभियान भी चलाया। इसने डेटा के आधार पर जोखिम भरे प्रतीत होने वाले पंजीकरण आवेदकों के लिए बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण प्रदान करने के लिए केंद्रीय जीएसटी नियमों में भी संशोधन किया।
उच्च जोखिम वाले मामलों में भौतिक सत्यापन की अनुमति देने के लिए भी संशोधन किए गए, भले ही आधार प्रमाणित हो।
इसके अलावा, जीएसटी परिषद ने इस महीने की शुरुआत में हुई अपनी 50वीं बैठक में नियम 10ए में और संशोधन करने का सुझाव दिया था, ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि बैंक खाते का विवरण पंजीकरण के 30 दिनों के भीतर या जीएसटीआर-1 दाखिल करने से पहले प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। इनमें से जो भी पहले हो।
बाहरी आपूर्ति के विवरण में आपूर्तिकर्ता द्वारा प्रस्तुत चालान और डेबिट नोटों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट आईटीसी का लाभ उठाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया था, जबकि अधिक लक्षित हस्तक्षेपों के लिए भागीदार कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ डेटा साझा करने की भी सुविधा दी गई थी।

 

वॉलमार्ट ने टाइगर ग्लोबल की फ्लिपकार्ट की शेष हिस्सेदारी 1.4 अरब डॉलर में खरीदी
Posted Date : 01-Aug-2023 4:30:24 am

वॉलमार्ट ने टाइगर ग्लोबल की फ्लिपकार्ट की शेष हिस्सेदारी 1.4 अरब डॉलर में खरीदी

नई दिल्ली । खुदरा दिग्गज वॉलमार्ट ने ई-कॉमर्स प्रमुख में टाइगर ग्लोबल के शेष शेयर वीसी के अधिग्रहण के लिए 1.4 अरब डॉलर का भुगतान किया है।
वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पैसे का भुगतान किया है।
रिपोर्ट में बीती देर रात कहा गया, टाइगर ग्लोबल से शेयरों की खरीद से भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी का मूल्य लगभग 35 अरब डॉलर बैठता है।
वॉलमार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स दिग्गज पर अपना नियंत्रण मजबूत करने के लिए फ्लिपकार्ट में टाइगर ग्लोबल की शेष हिस्सेदारी खरीदी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि टाइगर ग्लोबल ने 1.2 बिलियन डॉलर के निवेश पर 3.5 बिलियन डॉलर का समग्र लाभ कमाया।
इससे पहले 2021 के फंडिंग राउंड में फ्लिपकार्ट का मूल्य 37.6 बिलियन डॉलर आंका गया था।
पिछली रिपोर्ट के अनुसार फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट की 72 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
टाइगर ग्लोबल के पास ई-कॉमर्स लीडर में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
पिछले महीने, फ्लिपकार्ट ने फिनटेक फर्म फोनपे से अलग होने के बाद कर्मचारियों को 700 मिलियन डॉलर का एकमुश्त विवेकाधीन नकद भुगतान शुरू किया था।
कर्मचारियों को एक ईमेल में, फ्लिपकार्ट समूह के मुख्य कार्यकारी कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा, हमारे पास रोमांचक समय आने वाला है, और जैसे-जैसे हम व्यवसायों में वृद्धि जारी रखते हैं, मैं उस भविष्य को साकार करने के लिए आपके निरंतर समर्पण और दृढ़ संकल्प की आशा करता हूं, जिसकी हम कल्पना करते हैं और नए पैमाने बनाते हैं।
फोनपे समूह को 2016 में फ्लिपकार्ट समूह द्वारा अधिग्रहित किया गया था।
फ्लिपकार्ट समूह भारत की अग्रणी डिजिटल वाणिज्य संस्थाओं में से एक है और इसमें समूह की कंपनियां फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, फ्लिपकार्ट होलसेल, फ्लिपकार्ट हेल्थ प्लस और क्लियरट्रिप शामिल हैं।
2007 में शुरू हुई, फ्लिपकार्ट ने 400 मिलियन से अधिक के पंजीकृत ग्राहक आधार के साथ, 80 से अधिक श्रेणियों में 150 मिलियन से अधिक उत्पादों की पेशकश करते हुए, लाखों उपभोक्ताओं, विक्रेताओं, व्यापारियों और छोटे व्यवसायों को भारत की डिजिटल वाणिज्य क्रांति का हिस्सा बनने में सक्षम बनाया है।

 

बारिश के बाद टमाटर फिर हुआ लाल, थोक बाजार में 200 रुपए किलो हुए भाव
Posted Date : 01-Aug-2023 4:30:05 am

बारिश के बाद टमाटर फिर हुआ लाल, थोक बाजार में 200 रुपए किलो हुए भाव

चेन्नई । तमिलनाडु में टमाटर की बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत मिलती नहीं दिख रही है। सोमवार को राज्य की राजधानी और कई शहरों में इसकी थोक कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई।चेन्नई के कोयम्बेडु थोक बाजार में टमाटर की कमी के कारण दाम तेजी से बढ़े हैं।
कोयम्बेडु बाजार में थोक सब्जी विक्रेता पी.वी. अहमद ने कहा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण फसल को हुए भारी नुकसान से दोनों राज्यों से टमाटर की आवक कम हुई है। भारी बारिश के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है और इसलिए टमाटर की आवक में कमी आ गई है। इससे बाजार में टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। व्यापारियों ने यह भी कहा कि एक सप्ताह में कीमत 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढऩे की संभावना है।
कोयम्बेडु होलसेल मर्चेंट्स एसोसिएशन के सचिव पी. सुकुमारन ने कहा, इस बाजार के इतिहास में पहली बार टमाटर की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। यह अभूतपूर्व है। हम उम्मीद कर रहे थे कि 20 जुलाई तक दरें स्थिर हो जाएंगी, लेकिन अचानक बारिश के कारण फसल बर्बाद हो गई और आंध्र तथा कर्नाटक में 50 फीसदी से ज्यादा टमाटर की खेती बारिश के कारण बर्बाद हो गई। जहां थोक बाजार में टमाटर 200 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है, वहीं कुछ खुदरा दुकानों में इसकी कीमत 185 रुपये प्रति किलोग्राम भी है।
चेन्नई के पम्मल में एक सब्जी विक्रेता कुप्पुसामी ने बताया, हम जो टमाटर खरीदते हैं उससे कम दाम पर बेच रहे हैं क्योंकि हम बर्बादी से बचना चाहते हैं। बिक्री की मात्रा में भी भारी कमी आई है और लोग टमाटर नहीं खरीद रहे हैं। इसकी बजाय वे दूसरी सब्जियां खा रहे हैं।

 

6 साल में 27,426 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, केवल 922 करोड़ रुपये की हुई वसूली
Posted Date : 01-Aug-2023 4:29:44 am

6 साल में 27,426 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, केवल 922 करोड़ रुपये की हुई वसूली

नई दिल्ली ।  वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के छह साल में सरकार ने 5,070 धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाया जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम के लिए लोगों ने पैन और आधार विवरण का दुरुपयोग किया। इन 5,000 मामलों से 27,426 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला है। हालांकि पिछले छह वर्षों में वसूली केवल 922 करोड़ रुपये की हुई है।
ये आंकड़े 1 जुलाई, 2017 (जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत) और 30 जून, 2023 के बीच के हैं।
महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु जीएसटी पंजीकरण के दुरुपयोग के धोखाधड़ी के मामलों में शीर्ष तीन में हैं, जहां क्रमश: 765, 713 और 632 मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में 3,889 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, जबकि केवल 171 करोड़ रुपये की वसूली हुई। दिल्ली में 4,326 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, जबकि वसूली केवल 159 करोड़ रुपये की हुई और तमिलनाडु में 1,877 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई और वसूली केवल 44 करोड़ रुपये की हुई।
दिलचस्प बात यह है कि 16 मई 2023 से 9 जुलाई 2023 के बीच सरकार ने आश्चर्यजनक रूप से 9,369 फर्जी संस्थाओं का पता लगाया। साथ ही 10,902 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला। हालांकि इन फर्जी संस्थाओं से केवल 45 करोड़ रुपये की वसूली हुई है।