व्यापार

पीएनबी समेत 3 बैंकों ने लाखों ग्राहकों को दिया झटका, अब पहले से ज्यादा चुकानी होगी ईएमआई
Posted Date : 04-Aug-2023 4:05:34 am

पीएनबी समेत 3 बैंकों ने लाखों ग्राहकों को दिया झटका, अब पहले से ज्यादा चुकानी होगी ईएमआई

नई दिल्ली।  देश के प्रमुख बैंकों में शुमार आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने लगभग होम लोन समेत सभी तरह के कर्ज को महंगा कर दिया है। इससे तीनों बैंकों के लाखों लोनधारकों को बड़ा झटका लगा है। ग्राहकों को अब लोन की ईएमआई अधिक चुकानी पड़ेगी। इन तीनों बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (रूष्टरुक्र) में इजाफा किया है। बैंकों की वेबसाइटों के अनुसार, नई ब्याज दरें एक अगस्त से प्रभावी हो चुकी हैं।
आईसीआईसीआई बैंक
आईसीआईसीआई बैंक ने सभी टेन्योर के लिए एमसीएलआर में 5 बीपीएस की बढ़ोतरी की है। आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के अनुसार एक रात, एक महीने की एमसीएलआर दर 8.35 प्रतिशत से बढक़र 8.40 प्रतिशत कर दी गई है। आईसीआईसीआई बैंक में तीन महीने, छह महीने की एमसीएलआर क्रमश: 8.45 प्रतिशत और 8.80 प्रतिशत तक बढ़ा दी है। वहीं, एक साल की एमसीएलआर दर को 8.85 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.90 प्रतिशत कर दिया है।
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया ने चुनिंदा अवधि के कर्ज पर रूष्टरुक्र में इजाफा किया है। बैंक ने ओवरनाइट लोन के लिए रूष्टरुक्र को 7.95 फीसदी और एक महीने के लिए 8.15 फीसदी कर दिया है। तीन महीने और छह महीने के लिए रूष्टरुक्र की दर में क्रमश: 8.30 फीसदी औऱ 8.50 फीसदी रख गई है। बैंक ने एक साल से लिए रूष्टरुक्र को 8.70 फीसदी और तीन साल के लिए 8.90 फीसदी तय किया है।
पीएनबी ने किया इतना इजाफा
पंजाब नेशनल बैंक ने ओवरनाइट रूष्टरुक्र को 8.10 फीसदी कर दिया है. एक महीने के टेन्योर के लिए रूष्टरुक्र को 8.20 फीसदी बैंक ने रखा है। वहीं, तीन, महीने और छह महीने का रूष्टरुक्र अब 8.30 फीसदी और 8.50 फीसदी है। एक साल के लिए रूष्टरुक्र अब 8.60 फीसदी और तीन साल के लिए 8.90 फीसदी है।
क्या है एमसीएलआर?
अप्रैल 2016 से ऋण के लिए लिए जाने वाले ब्याज की जगह बैंकों में एमसीएलआर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। आधार दर से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना धनराशि की सीमांत लागत, आवधिक प्रीमियम, संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता है। इस वजह से होम लोन जैसे लोन्स भी इसके लागू होने के बाद से काफी सस्ते हुए हैं।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान, ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले की छह माह में होगी समीक्षा
Posted Date : 04-Aug-2023 4:05:08 am

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान, ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले की छह माह में होगी समीक्षा

नई दिल्ली। आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक हुई। बैठक में कई मुद्दों पर विचार मंथन हुआ। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछली बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर 28प्रतिशत लगाने का फैसला लिया गया था। इसका लगातार विरोध किया जा रहा था। लेकिन आज की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग की दरों को बरकरार रखने का फैसला हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि परिषद ऑनलाइन गेमिंग पर 28त्न जीएसटी लगाने के फैसले की पहले छह महीने समीक्षा करेगी। इसके बाद दोबारा इस पर फिर से फैसला लिया जाएगा। परिषद ने सिफारिश की कि ऑनलाइन गेमिंग पर आपूर्ति का मूल्यांकन खिलाड़ी की ओर सेभुगतान की गई राशि के आधार पर किया जा सकता है। मीडिया से बातचीत के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि मानसून सत्र में सीजीएसटी कानून में संशोधन की उम्मीद है। प्रेसवार्ता के दौरान वित्त सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग के मसले पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में फैसला भले ही सर्वसम्मति से नहीं हुआ पर यह सर्वसम्मति के बिल्कुल करीब रहा।
वित्त मंत्री ने बताया कि इस बैठक में दिल्ली, गोवा और सिक्किम ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी के फैसले की समीक्षा करने की मांग की। जीएसटी परिषद में तमिलनाडु के प्रतिनिधि ने आशंका व्यक्त की कि ऑनलाइन गेमिंग राज्य में प्रतिबंधित है।

 

शेयर बाजार में मचा कोहराम, निवेशकों के पांच लाख करोड़ स्वाह
Posted Date : 04-Aug-2023 4:04:47 am

शेयर बाजार में मचा कोहराम, निवेशकों के पांच लाख करोड़ स्वाह

मुंबई। फिच के अमेरिका की साख रेटिंग घटाने से वैश्विक बाजार में आई गिरावट से हतोत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से आज शेयर बाजार में कोहराम मच गया।
बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 676.53 अंक अर्थात् 1.02 प्रतिशत का गोता लगाकर करीब तीन सप्ताह बाद 66 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 65,782.78 अंक पर आ गया। इससे पहले यह इस वर्ष 13 जुलाई को 65,558.89 अंक पर रहा था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ़्टी 207 अंक यानी 1.05 प्रतिशत लुढक़ कर 19,526.55 अंक पर रहा। इस गिरावट से निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं।
बीएसई की दिग्गज कम्पनियों की तरह मझौली और छोटी कम्पनियों में भी बिकवाली का दबाव रहा। इससे मिड कैप 1.39 प्रतिशत की गिरावट लेकर 29,926.19 अंक और स्मॉल कैप 1.18 प्रतिशत टूटकर 34,761.22 अंक पर आ गया। इस दौरान बीएसई में कुल 3738 कम्पनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2353 में बिकवाली जबकि 1240 में लिवाली हुई वहीं 145 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह 45 कम्पनियाँ लाल जबकि महज़ पांच हरे निशान पर रही वहीं एक के भाव स्थिर रहे। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने ‘स्थिर’ आउटलुक के साथ अमेरिकी साख रेटिंग को ‘एएए’ से घटाकर ‘एए+’ कर दिया है। इसके बाद कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच चौतरफा बिकवाली के कारण घरेलू शेयर बाजारों को नुकसान हुआ। इससे बीएसई के सभी 19 समूह लुढक़ गए। इस दौरान कमोडिटीज़ 1.22, सीडी 1.07, ऊर्जा 1.44, वित्तीय सेवाएं 1.33, इंडस्ट्रीयल 1.46, दूरसंचार 2.00, यूटिलटीज़ 2.32, ऑटो 1.52, बैंकिंग 1.35, कैपिटल ग़ुड्स 1.83, धातु 2.45, तेल एवं गैस 1.47, पावर 2.31 और रियलटी समूह के शेयर 1.42 प्रतिशत लुढक़ गए। वैश्विक बाजार में गिरावट का रुख रहा। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएस ई 1.32, जर्मनी का डैक्स 1.21, जापान का निक्केई 2.30, हांकांग का हैंगसेंग 2.47 और चीन का शंघाई कंपोजि़ट 0.89 प्रतिशत गिर गया।

 

जुलाई में हुआ बंपर जीएसटी कलेक्शन, 11 प्रतिशत बढक़र 1.65 लाख करोड़ रुपये के पार
Posted Date : 03-Aug-2023 6:06:52 am

जुलाई में हुआ बंपर जीएसटी कलेक्शन, 11 प्रतिशत बढक़र 1.65 लाख करोड़ रुपये के पार

नई दिल्ली।  माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह इस वर्ष जुलाई में 1.65 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है जो जुलाई 2022 के जीएसटी संग्रह की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्रालय ने आज यहां जारी बयान में कहा कि जीएसटी के प्रवाभी होने से लेकर जुलाई ऐसा पांचवां महीना रहा है जब जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है। जून में जीएसटी संग्रह 161497 करोड़ रुपये रहा था।
इस वर्ष अप्रैल में रिकार्ड 1.87 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व संग्रहित हुआ था जो अब तक का सर्वाधिक राजस्व था। इससे पहले पिछले वर्ष अप्रैल में यह राशि 167540 करोड़ रुपये रहा था। पिछले 16 महीने से जीएसटी राजस्व संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक बना हुआ है। मार्च 2023 में यह 160122 करोड़ रुपये रहा था। वित्त मंत्रालय ने आज यहां जीएसटी राजस्व संग्रह का आंकड़ा जारी किया जिसमें जुलाई 2023 में संग्रहित राजस्व 165105 करोड़ रुपये रहा है।
इस वर्ष जुलाई में संग्रहित राजस्व में सीजीएसटी 29773 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 37623 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 85930 करोड़ रुपये रहा जिसमें आयात पर संग्रहित कर 41239 करोड़ रुपये शामिल है। उपकर संग्रह 11779 करोड़ रुपये रहा जिसमें आयात पर संग्रहित कर 840 करोड़ रुपये शामिल है। सरकार ने नियमित निपटान के तहत आईजीएसटी में से सीजीएसटी में 39785 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 33188 करोड़ रुपये दिये है। इस तरह से जून में सीजीएसटी 69558 करोड़ रुपये और एसजीएसटी 70811 करोड़ रुपये रहा है।

 

पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल के दाम 270 रुपये के पार, सरकार बोली- राष्ट्रीय हित में लिया फैसला
Posted Date : 03-Aug-2023 6:06:32 am

पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल के दाम 270 रुपये के पार, सरकार बोली- राष्ट्रीय हित में लिया फैसला

नई दिल्ली। पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल के दाम में पाक सरकार ने इजाफा कर दिया है। जिसके बाद वहां पर फ्यूल के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। इस मूल्य वृद्धि को पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर इशाक डार ने राष्ट्रीय हित बताया है। पाकिस्तान ने डीजल और पट्रोल के दामों में 19 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है। जिससे यहां पेट्रोल की कीमत 272.95 और डीजल की कीमत 273.40 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
वित्त मंत्री इशाक डार ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में 19 रुपये प्रति लीटर की भारी बढ़ोतरी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मांगों के अनुरूप किया गया। संशोधित कीमतें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर सरकार ने आईएमएफ के साथ समझौता नहीं किया होता तो जनता को राहत देने के लिए पेट्रोलियम विकास लेवी (पीडीएल) में कटौती की होती। पाकिस्तान में पहले भी पेट्रोल और डीजल के दामों में राहत नहीं मिली थी। इसे पहले पाकिस्तान में पेट्रोल 253 रुपये और डीजल 253.50 रुपये लीटर था।

 

यमुना अथॉरिटी ने अब तक 2,925 कंपनियों को किए भूखंड आवंटित, 10 में उत्पादन शुरू
Posted Date : 03-Aug-2023 6:06:08 am

यमुना अथॉरिटी ने अब तक 2,925 कंपनियों को किए भूखंड आवंटित, 10 में उत्पादन शुरू

ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण ने आज तक कि अपने यहां औद्योगिक इकाइयों को आवंटित भूखंडों की स्थिति साफ करते हुए औद्योगिक इकाइयों के पंजीकरण और उनमें उत्पादन की स्थिति के आंकड़े जारी किए हैं।
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि अब तक अथॉरिटी ने कुल 2,925 कंपनियों को भूखंड आवंटित किए हैं। इनमें से 1,525 को चेक लिस्ट जारी की जा चुकी है। जिससे आवंटी रजिस्ट्री के लिए तैयारी कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि अब तक 645 आवंटियों ने औद्योगिक भूखंडों की रजिस्ट्री भी करा ली है।
सीईओ ने बताया है कि अभी करीब 10 कंपनियों ने अपना उत्पादन शुरू कर दिया है और अगले छह महीने के 100 कंपनियों में उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। ये सभी औद्योगिक इकाइयां यमुना अथॉरिटी के सेक्टर 24, 24ए, 29, 32, 33 और सेक्टर 28 में हैं।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में और भी औद्योगिक इकाइयां यमुना अथॉरिटी में अपनी फैक्ट्री लगा सकें और लाखों लोगों को रोजगार मिल सके और साथ ही साथ हजारों करोड़ का निवेश आ सके इसके लिए भी यमुना अथॉरिटी लगातार जमीनों का अधिग्रहण करने में जुटी हुई है।