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नेट जीरो लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही रिलायंस, बढ़ती ऊर्जा खपत के बावजूद वायु प्रदूषक उत्सर्जन में कमी
Posted Date : 08-Aug-2023 4:32:26 am

नेट जीरो लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही रिलायंस, बढ़ती ऊर्जा खपत के बावजूद वायु प्रदूषक उत्सर्जन में कमी

नई दिल्ली   । बढ़ते उत्पादन और ऊर्जा खपत के बावजूद विभिन्न श्रेणियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का वायु उत्सर्जन वित्त वर्ष 2021-22 के स्तर से वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उल्लेखनीय रूप से कम हो गया।
कंपनी के पास एक सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (सीईएमएस) है जो एसओएक्स, एनओएक्स और टीपीएम उत्सर्जन के लिए स्थानीय मानकों का पालन करने में सक्षम बनाती है।
रिलायंस अपनी बढ़ती ऊर्जा मांगों को उन स्रोतों से पूरा करना जारी रखता है जिनका पर्यावरणीय प्रभाव न्यूनतम है। वित्त वर्ष 2023 के दौरान रिलायंस ने अपनी नवीकरणीय ऊर्जा खपत में 115 प्रतिशत का उछाल हासिल किया।
कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, कंपनी के परिचालन में नवीकरणीय ऊर्जा खपत में साल-दर-साल 115 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। दहेज और हजीरा विनिर्माण इकाइयों ने 61 लाख जीजे नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न की, जो कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष में उत्पादित हरित ऊर्जा का 90 प्रतिशत से अधिक है।
इसके अलावा, रिलायंस ने संरक्षण प्रयासों के माध्यम से वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान शुद्ध 25.3 लाख जीजे ऊर्जा बचत हासिल की।
वार्षिक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि कंपनी स्वच्छ ऊर्जा में अपने परिवर्तन में तेजी लाने के लिए अग्रणी वैश्विक टेक्नोक्रेट और विचारकों के समूह, अपनी न्यू एनर्जी काउंसिल (एनईसी) की विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठा रही है।
रिलायंस अपने परिचालन की ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने को अपने शुद्ध कार्बन शून्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानता है।
इसके अनुरूप, कंपनी लागू स्थलों पर ऊर्जा खपत को अनुकूलित करने के लिए सर्वोत्तम श्रेणी की प्रौद्योगिकियों और रखरखाव प्रथाओं को लागू करने पर जोर देती है।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, ऊर्जा दक्षता सुधार पहल के परिणामस्वरूप कंपनी के लिए 25 लाख जीजे की ऊर्जा बचत हुई, जबकि वित्त वर्ष 2021- 22 में यह 21.1 लाख जीजे थी।
समर्पित ऊर्जा टीमें सभी आरआईएल साइटों और समूह स्तर पर ऊर्जा प्रदर्शन की निरंतर निगरानी करती हैं।

 

वैश्विक मेमोरी चिप व एआई की दौड़ में चीन के पिछडऩे का खतरा
Posted Date : 08-Aug-2023 4:32:08 am

वैश्विक मेमोरी चिप व एआई की दौड़ में चीन के पिछडऩे का खतरा

हांगकांग  । अमेरिका स्थित माइक्रोन प्रौद्योगिकी पर बीजिंग के प्रतिबंध और चीन के साथ तकनीक साझा करने पर अमेरिकी कंपनियों पर जो बिडेन प्रशासन द्वारा निर्यात प्रतिबंधों के बीच चीन वैश्विक मेमोरी चिप और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की दौड़ में पिछड़ सकता है। 
चीन को हाल ही में उन्नत 3डी नंद फ्लैश और डीआरएएम मेमोरी चिप्स के क्षेत्र में वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं के साथ तेजी से आगे बढ़ते हुए देखा गया था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है, चैटजीपीटी के युग में अंतर फिर से बढ़ गया है, क्योंकि यांग्त्ज़ी मेमोरी टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन (वाईएमटीसी) और चांगएक्सिन मेमोरी टेक्नोलॉजीज (सीएक्सएमटी) अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों के कारण प्रयासों को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं।
इससे बड़े कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) मॉडल विकसित करने की चीन की क्षमता में गंभीर बाधा आ सकती है, क्योंकि सैमसंग और एसके हाइनिक्स जैसी दक्षिण कोरियाई कंपनियां इसका नेतृत्व कर रही हैं।
सैमसंग ने पिछले महीने कहा था कि उसने एआई अनुप्रयोगों के लिए जीडीआरएम7  का विकास पूरा कर लिया है, और यह एआई अनुप्रयोगों में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2024 में हाई-बैंडविड्थ मेमोरी को दोगुना कर देगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, इस बीच, प्रतिद्वंद्वी एसके हाइनिक्स, जो 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ वैश्विक एचबीएम बाजार में शीर्ष पर है, अगले साल एआई सर्वर के लिए अपने एचबीएम उत्पादन को दोगुना करने के लिए भी तैयार है।
माइक्रोन, सैमसंग और एसके हाइनिक्स कई डाउनस्ट्रीम खरीदारों के लिए डिफ़ॉल्ट विकल्प बने हुए हैं और माइक्रोन पर बीजिंग के प्रतिबंधों से ज्यादातर उसके दो दक्षिण कोरियाई प्रतिस्पर्धियों को फायदा हुआ।
चीन के सर्वर डीआरएएम बाज़ार में माइक्रोन की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
अलीबाबा ग्रुप, टेनसेंट और जेडी.कॉम जैसी बिग टेक चीनी कंपनियां जेनरेटिव एआई मॉडल विकसित करने की इच्छुक हैं। हालांकि, प्रतिबंध उनके प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं।

 

अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी एस्ट्रा ने की 25 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी
Posted Date : 07-Aug-2023 3:30:15 am

अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी एस्ट्रा ने की 25 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी

सैन फ्रांसिस्को  । अंतरिक्ष कंपनी एस्ट्रा ने अपने कुल कार्यबल में लगभग 25 प्रतिशत की कटौती की है यानी लगभग 70 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है।
प्रभावित कर्मचारियों ने मुख्य रूप से कंपनी के लॉन्च, एसजीएंडए और शेयर सर्विस फंक्शन का समर्थन किया।
एस्ट्रा स्पेस ने अपने बढ़ते कस्टमर बेस और अपने अंतरिक्ष यान इंजनों के ऑर्डर बैकलॉग का समर्थन करने के लिए लॉन्च सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन से अपने एस्ट्रा स्पेसक्राफ्ट इंजन बिजनेस में अपने वर्कफोर्स के स्ट्रेटेजिक रिएलोकेशन की घोषणा की।
एस्ट्रा ने पिछली बार एस्ट्रा स्पेसक्राफ्ट इंजन के 278 कम्युलेटिव कमिटेड ऑर्डर की घोषणा की थी, जो लगभग 77 मिलियन डॉलर कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू का प्रतिनिधित्व करता है।
एक बयान में कहा गया, एस्ट्रा स्पेसक्राफ्ट इंजन बिजनेस के समर्थन में, एस्ट्रा ने लॉन्च सर्विसेज से लेकर स्पेस प्रोडक्ट्स तक लगभग 50 इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग पर्सनल को फिर से रिएलोकेटेड किया है।
कंपनी के फाउंडर और सीईओ क्रिस केम्प ने कहा, हम अपने कस्टमर्स के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने पर गहनता से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि हमारे पास अपने निकट अवधि के अवसरों पर अमल करने के लिए पर्याप्त रिसोर्सेज और पर्याप्त फाइनेंसियल रनवे है।
प्रारंभिक दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों के अनुसार, एस्ट्रा का राजस्व 0.5 से 1 मिलियन डॉलर के बीच होने की उम्मीद है, जबकि हाथ में केवल 26 से 26.5 मिलियन डॉलर कैश है।
एस्ट्रा, अमेरिका में स्थित एक रॉकेट स्टार्टअप, जो 2021 में सार्वजनिक हुआ, ने सिकुड़ते फाइनेंसियल रनवे को बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए एक व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में पिछले साल अपने 16 प्रतिशत कर्मचारियों को निकाल दिया।
कंपनी को 2023 के अंत में इनिशियल फ्लाइट टेस्ट करने की उम्मीद है।

 

सरकार ने लैपटॉप कंपनियों को दी राहत, आयात की इजाजत
Posted Date : 07-Aug-2023 3:29:56 am

सरकार ने लैपटॉप कंपनियों को दी राहत, आयात की इजाजत

नई दिल्ली  । केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े आइटम को लेकर जो बड़ा फैसला लिया था फिलहाल उस पर रोक लगा दी है। इससे कंपनियों को आयात करने के लिए तीन महीने का समय मिल गया है। अब इन कंपनियों को एक नवंबर से उपकरणों को आयात करने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की बीती देर रात जारी अधिसूचना में अब उलटफेर हो गया हैै। इसमें किसी भी इकाई को बिना लाइसेंस के लैपटॉप, कंप्यूटर और संबंधित वस्तुओं को आयात करने की अनुमति नहीं थी।
एक अधिसूचना में कहा गया है कि अब सरकार ने लैपटॉप पर लगाया गया बैन 1 नवंबर से लागू करने का फैसला किया है। ऐसे में लैपटॉप कंपनियों को करीब 3 महीने की राहत मिल गई है।
अधिसूचना में कहा गया है कि लाइसेंस के बिना टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर की आयात खेपों को 31 अक्टूबर, 2023 तक मंजूरी दी जा सकती है।
केंद्र ने कहा है कि यह प्रतिबंध सुरक्षा कारणों और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए लगाए गए थे।

 

एफपीआई ने सात सत्र में 8,545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
Posted Date : 07-Aug-2023 3:29:31 am

एफपीआई ने सात सत्र में 8,545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे

नई दिल्ली  । लगातार तीन महीने तक भारतीय पूंजी बाजार में पैसा लगाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अब बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने बताया कि पिछले सात कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने 8,545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज तेजी से बढक़र चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है। इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नकारात्मक रहने की आशंका है।
एफपीआई ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।
उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्याज ऊंची बनी रहती है तो एफपीआई द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि एफपीआई ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है। इसके अलावा एफपीआई की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है। इस सेक्टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे। यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढक़र 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है। इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई।

 

बढ़ सकती देश के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों की सैलरी, इतने प्रतिशत का होगा फायदा
Posted Date : 07-Aug-2023 3:29:06 am

बढ़ सकती देश के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों की सैलरी, इतने प्रतिशत का होगा फायदा

नई दिल्ली  ।  देश के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों के काम की खबर है। इन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बंपर इजाफा होने वाला है। जिनका वेतन 18 हजार है उनका 26 हजार हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक ये सब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर होने वाला है। सूत्रों का दावा है कि इसके लिए पूरा ब्यौरा तैयार है सिर्फ औपचारिक घोषणा शेष है। केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी है और इसी आधार पर सैलरी दी जाती है।
कर्मचारी एसोसिएशन लंबे समय से इसे बढ़ाने की मांग कर रही हैं। ऐसे में उम्मीद है कि पुरानी पेंशन, डीए एरियर की बढ़ती मांग और आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने पर विचार करेगी। केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़ाकर 3.00 फीसदी या 3.68 फीसदी किया जा सकता है। ये साल 2026 से लागू किया जा सकता है लेकिन क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। यदि फिटमेंट फैक्टर 3.68 प्रतिशत होता है तो केन्द्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 8,000 रुपये की वृद्धि होगी। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000 रुपये कर दिया जाएगा।