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मोदी सरकार में मोटे अनाजों का एमएसपी 100 से 150 प्रतिशत तक बढ़ा
Posted Date : 14-Aug-2023 5:05:55 am

मोदी सरकार में मोटे अनाजों का एमएसपी 100 से 150 प्रतिशत तक बढ़ा

नई दिल्ली ।  मोदी सरकार के पिछले नौ साल के शासनकाल में ज्वार, बाजरा और रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 100 से 150 फीसदी तक की भारी बढ़ोतरी हुई।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2014-15 से 2023-24 के बीच ज्वार का एमएसपी 108 फीसदी बढ़ा।
वित्त वर्ष 2014-15 में ज्वार का एमएसपी 1,550 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2023-24 में 3,225 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
इसी तरह बाजरे का एमएसपी 2014-15 में 1,250 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2023-24 में 100 प्रतिशत बढक़र 2,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
रागी का एमएसपी नौ साल में 148 प्रतिशत की भारी वृद्धि के साथ 1,550 रुपये प्रति क्विंटल से बढक़र 3,846 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
मक्का के मामले में, एमएसपी 2014-15 में 1,310 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2023-24 में 59 प्रतिशत बढक़र 2,090 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
जौ का एमएसपी 2014-15 में 1,150 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2023-24 में 50 प्रतिशत बढक़र 1,735 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 2023 बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष है, केंद्र सरकार लगभग हर साल राज्यों से मोटे अनाज की खरीद और खपत को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध करती रही है।
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि राज्यों से ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करके मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू करने और मोटे अनाज की खपत के प्रति लोगों की भोजन की आदतों को फिर से उन्मुख करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने पर विचार करने का आग्रह किया गया है।
राज्यों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे जिला कलेक्टरों और जिला कृषि अधिकारियों को राज्य के भीतर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरण के लिए स्थानीय उपभोग प्राथमिकता के अनुसार मोटे अनाज और बाजरा के उत्पादन को प्रोत्साहित करने का निर्देश दें।
केंद्र ने राज्य सरकारों से केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार मोटे अनाज और बाजरा की खरीद करने का भी अनुरोध किया है।

 

घोटाले के प्रयासों को कम करने के लिए यूट्यूब शॉट्स में हुआ बड़ा बदलाव
Posted Date : 13-Aug-2023 3:19:15 am

घोटाले के प्रयासों को कम करने के लिए यूट्यूब शॉट्स में हुआ बड़ा बदलाव

सैन फ्रांसिस्को । स्पैम और घोटाले के प्रयासों को कम करने के लिए, गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब ने घोषणा की है कि 31 अगस्त से शॉर्ट्स कमेंट्स और शॉर्ट्स डिस्क्रिप्शन में लिंक पर क्लिक नहीं किया जा सकेगा। प्लेटफॉर्म ने गुरुवार को एक सपोर्ट पेज पर कहा, 31 अगस्त 2023 से, शॉर्ट्स कमेंट्स, शॉर्ट्स डिस्क्रिप्शन और वर्टिकल लाइव फीड में लिंक पर क्लिक नहीं किया जा सकेगा, यह बदलाव धीरे-धीरे लागू होगा।
क्योंकि दुरुपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है, इसलिए हमें घोटालेबाजों और स्पैमर्स द्वारा लिंक के माध्यम से यूजर्स को गुमराह होने से बचाने के लिए निवारक उपाय किए हैं। इसमें यह भी मेंशन किया गया है कि सभी डेस्कटॉप चैनल बैनरों से क्लिक करने योग्य सोशल मीडिया आइकन अब दिखाई नहीं देंगे।
चूंकि लिंक क्रिएटर्स के लिए जानकारी साझा करने और अपने कम्युनिटीज को प्रोडक्ट्स/ब्रांडों की रिकमेंड करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है, यूट्यूब ने महत्वपूर्ण लिंक प्रदर्शित करने के नए तरीकों की घोषणा की है। 23 अगस्त 2023 से, मोबाइल और डेस्कटॉप पर दर्शकों को ‘सब्सक्राइब’ बटन के पास क्रिएटर्स के चैनल प्रोफाइल पर लिंक दिखाई देने लगेंगे।
वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म ने आगे बताया कि अगले महीने के अंत तक, यह क्रिएटर्स के लिए दर्शकों को शॉर्ट्स से उनकी अन्य यूट्यूब कंटेंट पर निर्देशित करने का एक सुरक्षित तरीका पेश करना शुरू कर देगा।
मंगलवार को, गूगल के स्वामित्व वाले प्लेटफ़ॉर्म ने नए ‘फॉर यू’ सेक्शन की टेस्टिंग शुरू कर दी, जो चैनल के होमपेज को इंडिविजुअल व्यूअर्स के लिए अधिक पर्सनलाइज़ बना देगा और उनके द्वारा पहले से देखे गए वीडियो के आधार पर उस चैनल से कई कंटेंट टाइप्स के मिक्सअप को रिकमेंड भी करेगा।

 

प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अबतक 15.73 प्रतिशत बढक़र 6.53 लाख करोड़ रुपये
Posted Date : 13-Aug-2023 3:18:55 am

प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अबतक 15.73 प्रतिशत बढक़र 6.53 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली । चालू वित्त वर्ष में 10 अगस्त तक कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह सालाना आधार पर 15.73 प्रतिशत बढक़र 6.53 लाख करोड़ रुपये रहा है. आयकर विभाग ने कहा कि ‘रिफंड समायोजित करने के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 5.84 लाख करोड़ रुपये रहा है. यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 17.33 प्रतिशत अधिक है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान में कहा, ‘‘प्रत्यक्ष कर संग्रह का 10 अगस्त, 2023 तक का अस्थायी आंकड़ा बताता है कि कर संग्रह में अच्छी वृद्धि हुई है.
कर संग्रह वित्त वर्ष 2023-24 के प्रत्यक्ष कर संग्रह के बजटीय अनुमान का 32.03 प्रतिशत है.
चालू वित्त वर्ष में 10 अगस्त तक 69,000 करोड़ रुपये का ‘रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में लौटायी गयी राशि के मुकाबले 3.73 प्रतिशत अधिक है

 

भारत में एवोकाडो, अंगूर, ब्लूबेरी, सोना निर्यात करने की संभावनाएं तलाश रहा है पेरू
Posted Date : 13-Aug-2023 3:18:33 am

भारत में एवोकाडो, अंगूर, ब्लूबेरी, सोना निर्यात करने की संभावनाएं तलाश रहा है पेरू

नई दिल्ली । भारत और पेरू के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत बहाल करने पर सहमति के साथ दक्षिण अमेरिकी देश भारत को एवोकाडो, अंगूर, ब्लूबेरी और सोना का निर्यात करने की संभावनाएं तलाश रहा है. पेरू की उप विदेश व्यापार मंत्री टेरेसा स्टेला मेरा गोमेज ने यहां यह बात कही. उन्होंने कहा कि भारत और पेरू की तकनीकी टीमें प्रस्तावित समझौते के तौर-तरीकों और दायरे पर बातचीत शुरू करने के लिए मिलेंगी.
दोनों देशों ने 2017 में एफटीए के लिए बातचीत शुरू की थी और कोविड महामारी के कारण प्रक्रिया बाधित होने से पहले अगस्त 2019 तक पांच दौर की वार्ता हुई थी.
गोमेज ने कहा कि हम एफटीए पर फिर से बात करने जा रहे हैं. महामारी के कारण कई चीजें बदल गईं हैं, इसलिए हम अतिरिक्त तौर-तरीकों की फिर से योजना बनाना चाहते हैं.
जब उनसे भारत में पेरू की व्यावसायिक रुचि के क्षेत्रों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि पेरू की मुख्य रुचि एवोकाडो, अंगूर और ब्लूबेरी जैसे कृषि उत्पादों और सोना, तांबा और कैल्शियम फॉस्फेट जैसे प्राकृतिक संसाधनों के निर्यात में है.
उन्होंने कहा कि भारत में बेचे जाने वाले अधिकांश ब्लूबेरी पेरू से आते हैं.

 

प्रधानमंत्री जीवनज्योति बीमा योजना क्या है और इसका फायदा
Posted Date : 13-Aug-2023 3:11:11 am

प्रधानमंत्री जीवनज्योति बीमा योजना क्या है और इसका फायदा

नई दिल्ली । हर आदमी को अपने परिवार के लिए बीमा योजना लेनी चाहिए. समय पर कब क्या आन पड़े इसे कोई नहीं जानता. इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि किसी न किसी प्रकार की बीमा पॉलिसी ले ली जाए. बीमा पॉलिसी कई बार काफी महंगी होती है. इसी दिक्कत को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक योजना लाई गई.
प्रधानमंत्री जीवनज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) योजना. प्रधानमंत्री जीवनज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) एक सरकारी जीवन बीमा योजना है जो भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है. यह योजना देशभर में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का उद्देश्य से इस योजना को लागू किया गया. इस योजना के तहत भारतीय नागरिकों को नियमित और निवेशित प्रीमियम दर पर जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाता है.
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 18 से 50 वर्ष के आयु समूह वाले उन व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है जिनके पास एक बैंक खाता हो और जो इस योजना से जुडऩे/अपने खाते से ऑटो-डेबिट के लिए सहमति देते हैं. इस योजना के तहत 2 लाख रुपये का जीवन सुरक्षा 1 जून से 31 मई तक की एक वर्ष की समयावधि के लिए होता है और यह नवीकरणीय है. इस योजना के तहत, किसी भी कारणवश बीमाकृत व्यक्ति के मृत्यु के मामले में जोखिम सुरक्षा 2 लाख रुपये है. प्रीमियम की राशि प्रति वर्ष 436 रुपये है जि?से बीमाधारक के द्वारा दिए गए विकल्प् के अनुसार बैंक खाते से एक किश्त में ही प्रत्येक वार्षिक सुरक्षा समयावधि पर योजना के तहत 31 मई को या उससे पहले ऑटो-डेबिट किया जाता है. बता दें कि पहले प्रीमियम की राशि कम थी जो अब थोड़ी बढ़ गई है.
पीएमजेजेबीवाई की कुछ खास बाते हैं -
ये योजना सरल और सुविधाजनक है. इस योजना का लाभ लेने के लिए नागरिकों को अपने निकटतम बैंक खाते के माध्यम से इस योजना में पंजीकरण कराना होता है. बैंक के माध्यम से योजना का लाभ सीधे मिलता है. किसी बीमा कंपनी के पास जाने की जरूरत नहीं होती है.
मृत्यु उपरांत बीमा राशि का भुगतान: पीएमजेजेबीवाई योजना के अंतर्गत यदि किसी भी बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को निर्धारित बीमा राशि प्रदान की जाती है. सबसे अच्छी बात यह राशि परिवार की आर्थिक सहायता करने में मदद करती है.
कम प्रीमियम होता है: पीएमजेजेबीवाई सरकारी योजना है. इसमें न्यूनतम प्रीमियम दरें निर्धारित की गई हैं. इसलिए यह सभी लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाती है.

 

रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा
Posted Date : 13-Aug-2023 3:10:48 am

रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा

मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.1 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत कर दिया है. टमाटर और अन्य सब्जियां महंगी होने की वजह से रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के अनुमान में बढ़ोतरी की है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि घरेलू स्तर पर आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं. दास ने कहा कि खरीफ की बुवाई और ग्रामीण मांग में सुधार तथा सेवाओं में तेजी और उपभोक्ता भरोसा बढऩे से परिवारों के उपभोग को समर्थन मिलेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, कमजोर वैश्विक मांग, वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता, भूराजनीतिक तनाव परिदृश्य के लिए जोखिम हैं.
इन सब कारकों को ध्यान में रखकर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का अनुमान है कि 2023-24 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहेगी. पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर आठ प्रतिशत, दूसरी में 6.5 प्रतिशत, तीसरी में 6 प्रतिशत और चौथी में 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
महंगाई के बारे में दास ने कहा कि टमाटर और अन्य सब्जियां महंगी होने से निकट भविष्य में मुख्य मुद्रास्फीति पर दबाव रहेगा. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि बाजार में नई फसल की आवक शुरू होने के साथ स्थिति में सुधार होगा.
उन्होंने कहा कि जुलाई में मानसून और खरीफ की बुवाई में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिली है. गवर्नर ने आगाह करते हुए कहा कि बारिश के असमतल वितरण पर निगाह रखने की जरूरत है.
दास ने कहा कि 2023-24 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.
दूसरी तिमाही में मुद्रास्फीति 6.2 प्रतिशत, तीसरी में 5.7 प्रतिशत और चौथी में 5.2 प्रतिशत रहेगी. अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 की पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.
मई में खुदरा मुद्रास्फीति 4.3 प्रतिशत पर थी, जो जून में बढक़र 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गई. मुख्य रूप से खाने-पीने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है.