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चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकती है सरकार, सात वर्षों में पहली बार होगा
Posted Date : 25-Aug-2023 4:05:31 am

चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकती है सरकार, सात वर्षों में पहली बार होगा

नई दिल्ली।  चीनी के निर्यात को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। भारत सरकार अक्टूबर में शुरू होने वाले चीनी के निर्यात पर बैन लगा सकती है। सरकार देश में मौजूद चीनी मिलों को आदेश दे सकती है कि वह चीनी का निर्यात ना करें। अगर सरकार ऐसा कोई फैसला लेती है तो आपको बता दें कि 7 साल पहले सरकार ने चीनी के निर्यात पर बैन लगाया था।
इसकी जानकारी रॉयटर्स के हवाले से मिली है। आपको बता दें कि सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
इस साल बे-मौसम बारिश की वजह से गन्ने के पैदावर कम हुई है। अगर वैश्विक चीनी बाजार में भारत का स्थान नहीं होता है तो न्यूयॉर्क और लंदन के बेंचमार्क पर सीधा असर पड़ेगा।  न्यूयॉर्क और लंदन के बेंचमार्क की कीमतें बढ़ सकती है। आपको बता दें कि कई सालों से चीनी की कीमत उच्चतम स्तर पर था। चीनी के निर्यात पर बैन लगने की वजह से वैश्विक खाद्य बाजारों में महंगाई  बढ़ सकती है। हमारा प्राथमिक ध्यान स्थानीय चीनी आवश्यकताओं को पूरा करना है और बाकी के गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन करना है। अगर सरकार ने निर्यात पर पाबंदी नहीं लगाई तो आने वाले सीजन में हमारे पास पर्याप्त चीनी नहीं होगी। इस वजह से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगानी पड़ सकती है। 
इस साल चीनी का उत्पादन बाकी वर्ष की तुलना में 50 फीसदी कम था। भारत में अधिकतर चीनी का उत्पादन पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्य कर्नाटक से होता है। इस साल भारी बारिश की वजह से गन्ने के उत्पादन में कमी आई है। इसके अलावा देश में गन्ने का रोपण भी कम हुआ है। इस महीने चीनी की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है। आपको बता दें कि इस हफ्ते चीनी की कीमत लगभग दो साल में सबसे ज्यादा हुआ था। इसी के साथ देश में खुदरा महंगाई दर में भी तेजी देखने को मिली है।    

 

एनवीडिया ने रिकॉर्ड 6.1 अरब डॉलर का मुनाफ़ा कमाया, गेमिंग मुख्यधारा में आई
Posted Date : 25-Aug-2023 4:05:06 am

एनवीडिया ने रिकॉर्ड 6.1 अरब डॉलर का मुनाफ़ा कमाया, गेमिंग मुख्यधारा में आई

सैन फ्रांसिस्को । ग्राफिक्स चिप की दिग्गज कंपनी एनवीडिया ने दूसरी तिमाही में 6.188 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया है जो पिछले साल की इसी तिमाही से 843 फीसदी की ज्यादा है।
कंपनी ने 30 जून को समाप्त तिमाही में 13.51 अरब डॉलर का राजस्व दर्ज किया, जो एक साल पहले की तुलना में 101 प्रतिशत और इस साल की पहली तिमाही से 88 प्रतिशत अधिक है। गेमिंग राजस्व भी साल-दर-साल आधार पर 22 प्रतिशत बढक़र 2.48 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
कंपनी ने डेटा सेंटर का राजस्व 10.32 अरब डॉलर बताया, जो एक साल पहले की तुलना में 171 प्रतिशत अधिक है।
एनवीडिया के संस्थापक और सीईओ जेन्सेन हुआंग ने कहा, एक नया कंप्यूटिंग युग शुरू हो गया है। दुनिया भर में कंपनियां सामान्य प्रयोजन से त्वरित कंप्यूटिंग और जेनरेटिव एआई की ओर बदलाव कर रही हैं।
कंपनी को उम्मीद है कि अगली तिमाही में राजस्व 16 अरब डॉलर होगा।
एनवीडिया के कार्यकारी उपाध्यक्ष और मुख्य वित्तीय अधिकारी कोलेट क्रेस ने कहा, एनवीडिया त्वरित कंप्यूटिंग और एआई प्लेटफार्मों की जबरदस्त मांग है। हमारे आपूर्ति भागीदार हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ाने में असाधारण रहे हैं।
हमें उम्मीद है कि अगले साल तक प्रत्येक तिमाही में आपूर्ति बढ़ेगी। भौगोलिक आधार पर अमेरिका में डेटा सेंटर की वृद्धि सबसे मजबूत थी क्योंकि ग्राहक एआई और त्वरित कंप्यूटिंग में पूंजी निवेश कर रहे हैं।
उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों ने भी एनवीडिया की बहुत मजबूत मांग को बढ़ाया।
एनवीडिया मई में अस्थायी रूप से जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल में एक लाख करोड़ डॉलर की कंपनी बन गई थी।

 

फंडों को डायरेक्ट प्लान के लिए अधिक खर्च वसूलने की अनुमति दे सकता है सेबी
Posted Date : 24-Aug-2023 3:34:03 am

फंडों को डायरेक्ट प्लान के लिए अधिक खर्च वसूलने की अनुमति दे सकता है सेबी

नईदिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) म्यूचुअल फंडों को डायरेक्ट योजनाओं के लिए अधिक खर्च वसूलने की अनुमति देने पर विचार-विमर्श कर रहा है।
ऐसी योजनाएं वितरकों को दरकिनार कर देती हैं और नियमित योजनाओं की तुलना में इनका खर्च अनुपात कम होता है। यह नियमित योजनाओं के वितरकों को भुगतान की जाने वाली ब्रोकरेज या कमीशन की सीमा तक है।
उदाहरण के तौर पर एक इक्विटी स्कीम अपने नियमित प्लान में 150 आधार अंक चार्ज कर रही है और वितरक कमीशन 50 बीपीएस तक काम करता है जबकि प्रस्तावित डायरेक्ट योजना 100 बीपीएस से अधिक चार्ज नहीं कर सकती है।
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार नियामक यानी सेबी योजनाओं के बीच खर्चों के अंतर को घटाकर वितरक कमीशन के 70 प्रतिशत, 80 प्रतिशत या 90 प्रतिशत तक करने पर विचार कर सकता है। अगर ऐसा रहता है और यदि कटौती की अनुमति 70 प्रतिशत है तो यह योजना डायरेक्ट योजनाओं के लिए 115 बीपीएस तक शुल्क ले सकती है।
यह कदम निवेशकों के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि अधिक खर्च योजना के रिटर्न को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, छूट से फंड हाउसों को मार्केटिंग, बिक्री और ईंट-और-मोर्टार उपस्थिति के जरिये डायरेक्ट योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक अतिरिक्त लागत वहन करने में मदद मिलेगी।
सेबी की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 10 साल की अवधि में 66 फीसदी डायरेक्ट फंडों ने अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि 39 फीसदी नियमित फंड ऐसा करने में कामयाब रहे। वहीं, पांच साल की अवधि में 45 प्रतिशत डायरेक्ट फंडों ने 26 प्रतिशत नियमित फंडों की तुलना में अपने बेंचमार्क को पीछे छोड़ दिया।
विशेषज्ञों ने कहा कि महामारी के बाद डिजिटलीकरण की दिशा में कदम और फिनटेक प्लेटफार्मों के विकास ने प्रत्यक्ष योजनाओं के ग्रोथ में सहायता की है।

 

टीवीएस सप्लाई चेन की बाजार में फीकी एंट्री, 5 फीसदी के प्रीमियम पर हुआ लिस्ट
Posted Date : 24-Aug-2023 3:33:43 am

टीवीएस सप्लाई चेन की बाजार में फीकी एंट्री, 5 फीसदी के प्रीमियम पर हुआ लिस्ट

नईदिल्ली। टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस के शेयर बुधवार यानी 23 अगस्त को शेयर बाजार में लिस्ट हो गए। कंपनी के शेयर बीएसई पर 206.3 रुपये पर सूचीबद्ध हुए, जो कि इसके आईपीओ के प्राइज रेंज के अपर एन्ड से 9.3 रुपये या 4.7 प्रतिशत ज्यादा है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एनएसई पर टीवीएस सप्लाई चेन का स्टॉक 10.1 रुपये या 5.1 प्रतिशत के प्रीमियम के साथ 207.1 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ।
बता दें कि इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन सॉल्यूशन देने वाली कंपनी टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशन्स का इनिशियल पब्लिक ऑफर 10 अगस्त, 2023 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था।
आईपीओ को कुल मिलाकर 2.85 गुना सब्सक्राइब किया गया था। हालांकि, यह प्रतिक्रिया हाल में कुछ आईपीओ को मिली सब्सक्रिप्शन की तुलना में कम थी।
वहीं, आज का कारोबार शुरू होने से पहले ग्रे मार्केट में टीवीएस सप्लाई चेन का शेयर 4 रुपये के प्रीमियम पर उपलब्ध था जबकि कंपनी का शेयर 4.7 प्रतिशत के प्रीमियम पर लिस्ट हुआ है।
टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्युशंस ने अपने आईपीओ का प्राइज बैंड 187 से 197 रुपये प्रति शेयर तय किया था। इश्यू का कुल आकार 880 करोड़ रुपये का है। इसमें से 600 करोड़ रुपये के नए शेयर किये गए और 1.42 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए ऑफर फॉर सेल का विकल्प था।
कंपनी ने बताया कि नए शेयर से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल उसकी सहायकों टीवीएस एलआई यूके और टीवीएस एससीएस सिंगापुर का कर्ज चुकाने में किया जाएगा। पिछले वित्त वर्ष के आखिर में उसकी कुल उधारी 1,989 करोड़ रुपये थी।

 

वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री रैंकिंग में सुधार, भारत 11वें पायदान पर पहुंचा
Posted Date : 23-Aug-2023 3:54:08 am

वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री रैंकिंग में सुधार, भारत 11वें पायदान पर पहुंचा

नई दिल्ली  । वैश्विक खुदरा बिक्री में गिरावट के बावजूद, भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग 3.23 अरब डॉलर से ज्यादा के खुदरा कारोबार के साथ वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री रैंकिंग में एक पायदान का सुधार कर 11वें स्थान पर पहुंच गया है।
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (डब्ल्यूएफडीएसए) की वर्ष 2022 की जारी की गई ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक रैंकिंग में 11वां स्थान हासिल करने के बाद भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री बाजार ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र रैंकिंग में भी छठा स्थान बरकरार रखा है। पहले पांच शीर्ष देशों में कोरिया पहले स्थान पर तथा इसके बाद के क्रम में चीन, जापान, मलेशिया और ताइवान देश हैं। भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री बाजार ने गत तीन वर्षों के दौरान स्थिर डॉलर आधार पर 13.3 प्रतिशत से अधिक की उच्चतम चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) हासिल की है। ऐसे में जब वैश्विक शीर्ष 10 प्रत्यक्ष बिक्री कम्पनियों में से केवल तीन ही भारतीय बाजार में हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक खुदरा बिक्री में वर्ष 2022 में लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और कुल कारोबार लगभग 172.8 अरब रहा जबकि 2021 में यह 175.5 अरब डॉलर था। हालांकि वर्ष 2022 की पहली तिमाही कोरोना से प्रभावित रही लेकिन इसके बावजूद इस वर्ष वैश्वक प्रत्यक्ष बिक्री 2019 से 2022 तक 0.9 प्रतिशत सीएजीआर दर्ज करने में कामयाब रही। भले ही वर्ष 2022 में कुल प्रत्यक्ष बिक्री में गिरावट आई लेकिन यह वर्ष 2019 के कोरोना पूर्व के 168.17 अरब डॉलर और 2020 के कोरोनाकाल के 172.14 अरब डॉलर की बिक्री से अधिक रही।
रिपोर्ट में दर्शाए गए आंकड़ों और वैश्वविक स्तर पर प्रदर्शन पर अगर गौर करें तो कारोना महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों को मात देते हुए, भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री बाजार ने जबरदस्त लचीलापन और स्थिरता दिखाया है और 2022 में 5.4 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर हासिल की जो परिस्थितियों के लिहाज से बेहतर है। इस अवधि में अमरीका 40.52 अरब डॉलर के कुल कारोबार के साथ वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग रैंकिंग में शीर्ष स्थान बना रहा। हालांकि वर्ष 2021 के मुकाबले के इसके कारोबार में पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। कुल मिलाकर, वैश्विक खुदरा बिक्री ने वर्ष 2022 की अवधि में लचीलापन और सकारात्मक वृद्धि इिखाई है जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद इस उद्योग के भविष्य में तेजी से आगे बढऩे की क्षमता को दर्शाता है।
इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) के अध्यक्ष श्री रजत बनर्जी ने डब्ल्यूएफडीएसए रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री बाजार लगातार बढ़ रहा है और अगले दशक में यह विश्व के पांच शीर्ष देशों में अपना स्थान बनाने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम 2021 के अधिसूचित होने और इसमें हाल ही में हुये संशोधन के बाद भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग में स्थिरता दिखनी चाहिए ताकि निवेशकों के साथ बड़ी वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री कम्पनियों का भी विश्वास बढ़े और ये भारत में आएं। अभी तक विश्व की शीर्ष दस प्रत्यक्ष बिक्री कम्पनियों में से केवल तीन ही भारतीय बाजार में हैं और हम चाहते हैं कि शेष भी यहां आकर अपना कारोबार शुरू करें तथा देश के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दें।

 

टेस्ला ने माना, 75 हजार कर्मचारियों को प्रभावित करने वाला डेटा उल्लंघन ‘घर’ के ही व्यक्ति का काम
Posted Date : 23-Aug-2023 3:53:34 am

टेस्ला ने माना, 75 हजार कर्मचारियों को प्रभावित करने वाला डेटा उल्लंघन ‘घर’ के ही व्यक्ति का काम

सैन फ्रांसिस्को  । एलन मस्क द्वारा संचालित टेस्ला ने स्वीकार किया है कि कंपनी के 75 हजार से अधिक कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले डेटा उल्लंघन को अंदरूनी व्यक्ति ने ही अंजाम दिया था।
अमेरिकी प्रांत मेन के अटॉर्नी जनरल के समक्ष दायर डेटा उल्लंघन नोटिस में, इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने कहा कि एक आंतरिक जांच से पता चला है कि दो पूर्व कर्मचारियों ने 75 हजार से अधिक व्यक्तियों की व्यक्तिगत जानकारी एक विदेशी मीडिया आउटलेट को लीक कर दी।
टेस्ला के डेटा गोपनीयता अधिकारी स्टीवन एलेंटुख ने कहा, जांच से पता चला कि टेस्ला के दो पूर्व कर्मचारियों ने टेस्ला की आईटी सुरक्षा और डेटा संरक्षण नीतियों का उल्लंघन करते हुए जानकारी का दुरुपयोग किया और इसे मीडिया आउटलेट के साथ साझा किया।
लीक हुई व्यक्तिगत जानकारी में कुछ वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के डेटा शामिल हैं, जिनमें नाम, कुछ संपर्क जानकारी (जैसे पता, फोन नंबर और/या ईमेल पता), रोजगार से संबंधित रिकॉर्ड और 75,735 वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा नंबर शामिल हैं।
कंपनी के अनुसार, एक विदेशी मीडिया आउटलेट (जिसका नाम हैंडल्सब्लैट है) ने 10 मई 2023 को टेस्ला को सूचित किया कि उसे टेस्ला की गोपनीय जानकारी प्राप्त हुई है।
कंपनी के अनुसार, आउटलेट ने कहा है कि उसका व्यक्तिगत जानकारी प्रकाशित करने का इरादा नहीं है, और किसी भी स्थिति में, इसे अनुचित तरीके से उपयोग करने से कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। टेस्ला ने घटना को रोकने, दायरे को समझने और आपकी जानकारी की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए।
टेस्ला ने दो पूर्व कर्मचारियों की पहचान की और उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया। इन मुकदमों के परिणामस्वरूप पूर्व कर्मचारियों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया गया, जिनके बारे में माना जाता था कि उनमें टेस्ला की जानकारी थी।
टेस्ला ने कहा कि उसे अदालत के आदेश भी मिले हैं जो पूर्व कर्मचारियों को आपराधिक दंड के अधीन डेटा के आगे उपयोग, पहुंच या प्रसार से रोकते हैं।
हैंडल्सब्लाट ने मई में रिपोर्ट दी थी कि टेस्ला को एक बड़े पैमाने पर उल्लंघन का सामना करना पड़ा है, जिसमें कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी से लेकर उनकी कारों के बारे में ग्राहकों की शिकायतों तक सब कुछ उजागर हो गया है।
प्रकाशन ने 23,000 से अधिक आंतरिक दस्तावेज़ प्राप्त किए, जिन्हें टेस्ला फ़ाइलें कहा गया, जिसमें 100 गीगाबाइट गोपनीय डेटा शामिल था।
प्रकाशन के मुताबिक, लीक में मस्क का सोशल सिक्योरिटी नंबर भी शामिल था।