नई दिल्ली । केंद्र ने देर रात तत्काल प्रभाव से उबले चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया। सरकार ने कुछ दिन पहले ही आश्वासन दिया था कि गैर-बासमती उबले चावल के निर्यात को प्रतिबंधित करने की कोई योजना नहीं है।
यह निर्णय चावल की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए लिया गया है। उल्लेखनीय है कि जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति बढक़र 11 प्रतिशत और ओवरऑल खुदरा मुद्रास्फीति 7.44 प्रतिशत हो गई थी।
उबले चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के फैसले से विदेशी खरीदारों के लिए इसे खरीदना महंगा हो जाएगा, जिससे इसकी विदेशी बिक्री सीमित हो जाएगी और साथ ही इसकी घरेलू उपलब्धता भी बढ़ जाएगी।
भारत ने 20 जुलाई को सफेद चावल का निर्यात रोक दिया था, जिससे खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के चावल मूल्य सूचकांक द्वारा मापी गई वैश्विक कीमतें 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।
उबली हुई किस्म के निर्यात पर ताजा अंकुश से वैश्विक कीमतों में और तेजी आने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा था कि महंगाई पर काबू पाना फिलहाल सरकार की प्राथमिकता है।
सैन फ्रांसिस्को । यूट्यूब म्यूजिक आखिरकार म्यूजिक लवर्स के लिए ग्लोबल लेवल पर एंड्रॉइड और आईओएस पर लाइव लिरिक्स फीचर शुरू कर रहा है।
लाइव लिरिक्स फीचर एप्पल म्यूजिक में पहले से ही उपलब्ध है और अब, यूट्यूब म्यूजिक का उपयोग करने वाले लोगों को भी यह मिलेगा।
9 टू 5 गूगल की रिपोर्ट के अनुसार, नाउ प्लेइंग में मौजूदा लिरिक्स टैब को एक नए डिजाइन और बड़े टेक्स्ट के साथ अपग्रेड किया गया है, जिसमें बेहतर स्पेसिंग देखी गई है।
जब गाना अगली लाइन पर जाएगा तो पेज रिफ्रेश हो जाएगा और आगे बढ़ जाएगा।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि बैकग्राउंड ब्लर कवर आर्ट का इस्तेमाल करता है, और यूट्यूब म्यूजिक सॉन्ग शुरू होने से पहले ऑडियो को इंगित करने के लिए एक नोट का उपयोग करता है।
एंड्रॉइड (वर्जन 6.15) और आईओएस (6.16) के लिए यूट्यूब म्यूजिक पर लाइव लिरिक्स जारी होने की कई रिपोर्ट हैं।
इस बीच गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब ने घोषणा की है कि वह एंड्रॉइड पर एक नए फीचर को टेस्ट कर रहा है जो यूजर्स को गुनगुनाकर प्लेटफॉर्म पर एक सॉन्ग सर्च करने की अनुमति देगा।
कंपनी ने ‘यूट्यूब टेस्ट फीचर्स एंड एक्सपेरिमेंट्स’ पेज पर कहा, हम लोगों के लिए वर्तमान में चल रहे गाने को गुनगुनाकर या रिकॉर्ड करके यूट्यूब पर सॉन्ग सर्च करने की क्षमता का प्रयोग कर रहे हैं।
एक्सपेरिमेंट में यूजर्स यूट्यूब वॉयस सर्च से नए सॉन्ग सर्च फीचर पर टॉगल कर सकते हैं, और जिस सॉन्ग को वे सर्च रहे हैं उसे तीन सेकंड से अधिक समय तक गुनगुना सकते हैं या रिकॉर्ड कर सकते हैं ताकि गाने की पहचान की जा सके।
नई दिल्ली । इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक करीब 31 लाख लोगों का इनकम टैक्स रिफंड अटक सकता है। कई टैक्सपेयर ने समय सीमा से पहले ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए असेसमेंट ईयर 2023-24 या वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था, लेकिन उन्होंने अपने इनकम टैक्स रिटर्न वेरीफाई नहीं किया था। अब, इन करदाताओं को रिफंड के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार, सभी करदाताओं के लिए अपने आईटीआर को वेरीफाई करना अनिवार्य है। अगर टैक्सपेयर अपने इनकम टैक्स रिटर्न को वेरीफाई नहीं करते हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न को भरा हुआ नहीं माना जाएगा।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आईटीआर फाइल करने के बाद वेरिफाई के लिए 30 दिनों की समय देता है। अगर इनकम टैक्स रिटर्न वेरीफाई नहीं कराई जाती है तो विभाग रिफंड की प्रक्रिया नहीं करेगा। इसका नतीजा ये होगा कि इन करदाताओं को एक बार फिर से अपना आयकर रिटर्न फाइल करना पड़ेगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक ट्वीट किया है। जिसमें करदाताओं को 30 दिनों के भीतर अपने आईटीआर का वेरिफिकेशन पूरा करने के लिए कहा गया था। ऐसा नहीं करने पर रिटर्न दोबारा भरना होगा और लेट फीस देना होगा।
इनकम टैक्स की वेबसाइट के मुताबिक 23 अगस्त तक 6.91 करोड़ से अधिक लोगों ने रिटर्न फाइल किया था, लेकिन केवल 6.59 करोड़ करदाताओं ने अपने आईटीआर को वेरीफाई किया है। लगभग 31 लाख लोगों ने अपने रिटर्न के लिए वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी नहीं की है। कुछ करदाताओं के पास वेरीफाई के लिए 30 दिन का समय है, जो जल्द ही समाप्त हो जाएगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इन लोगों को अपना इनकम टैक्स रिटर्न तुरंत वेरीफाई करने को कहा है।
असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर फाइल करने की समय सीमा 31 जुलाई निर्धारित की है। इस तारीख के बाद देरी से आईटीआर फाइल करने की अनुमति दी जाती है। देरी से फाइल करने पर लेट फीस लगता है। 5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले करदाताओं को 1000 रुपये का लेट फीस देना होगा, जबकि 5 लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं को 5000 रुपये का भुगतान करना होगा।
ये स्टेप्स फॉलो करके आप आसानी से अपना आईटीआर वेरिफाई कर सकते हैं। ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए आप अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजकर अपना आईटीआर वेरीफाई कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप नेट बैंकिंग और ऑफलाइन तरीकों से अपना आईटीआर वेरीफाई कर सकते हैं। आधार ओटीपी का इस्तेमाल करके वेरिफिकेशन करने के लिए पोर्टल पर लॉग इन करें। इसके बाद ‘ई-वेरीफाई रिटर्न’ पर जाएं। अपना पसंदीदा वेरिफिकेशन मैथड चूज करें और प्रक्रिया पूरी करें।
नई दिल्ली । अगले महीने 17 दिन बैंक बंद रहने वाले हैं और सिर्फ 13 दिन बैंक खुले रहेंगे। ऐसे में अगर आप 2000 का नोट बदलवाना है या कोई जरूर काम है तो निपटा लें वरना बाद में आपको मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं सितंबर में कितने दिन बैंक बंद रहने वाले हैं।
कुछ ही दिनों में फेस्टिव सीजन शुरू होने वाला है, सितंबर के महीने में बैंकों में छुट्टियों की भरमार है। इस महीने कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, ईद-ए-मिलाद के कारण बैंक कई दिन बंद रहेंगे। ऐसे में अगर आपको इस महीने बैंक से संबंधित कोई जरूरी काम है तो छुट्टियों की लिस्ट को देखकर ही अपनी प्लानिंग करें, वरना बाद में आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं अगले महीने के बैंक की छुट्टियों की लिस्ट-
सितंबर में इतने दिन बैंक रहेंगे बंद
6 सितंबर : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बैंकों की छुट्टी
7 सितंबर को बैंक अवकाश : जन्माष्टमी (श्रावण वद-8)/श्रीकृष्ण अष्टमी
18 सितंबर को बैंक अवकाश : वरसिद्धि विनायक व्रत/विनायक चतुर्थी
19 सितंबर को बैंक अवकाश : गणेश चतुर्थी/संवत्सरी (चतुर्थी पक्ष)
20 सितंबर को बैंक अवकाश : गणेश चतुर्थी (दूसरा दिन)/नुआखाई
22 सितंबर को बैंक अवकाश : श्री नारायण गुरु समाधि दिवस
23 सितंबर को बैंक अवकाश : महाराजा हरि सिंह जी का जन्मदिन
25 सितंबर को बैंक अवकाश : श्रीमंत शंकरदेव का जन्मोत्सव
27 सितंबर को बैंक अवकाश : मिलाद-ए-शेरिफ़ (पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन)
28 सितंबर को बैंक अवकाश : ईद-ए-मिलाद/ईद-ए-मीलादुन्नबी – (पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन) (बारा वफ़ात)
29 सितंबर को बैंक अवकाश : ईद-ए-मिलाद-उल-नबी के बाद इंद्रजात्रा/शुक्रवार.
5 वीक ऑफ
3 सितंबर : रविवार
9 सितंबर : दूसरा शनिवार
10 सितंबर : दूसरा रविवार
17 सितंबर : रविवार
24 सितंबर : रविवार
काठमांडू । भारत ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया है। इसके बाद नेपाल को प्याज की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
निर्यातकों द्वारा भारत से प्याज का आयात बंद करने के बाद काठमांडू के कालीमाटी फल और सब्जी बाजार ने अपनी मूल्य सूची से प्याज को हटा दिया है।
काठमांडू के प्रमुख और सबसे बड़े सब्जी और फल बाजारों में से एक कालीमाटी फल और सब्जी बाजार के सूचना अधिकारी बिनय श्रेष्ठ ने कहा कि हमारे पास 80 विक्रेता हैं जो प्याज बेचते हैं लेकिन पिछले दो दिनों में, उनके पास प्याज का स्टॉक खत्म हो रहा है इसलिए हमने प्याज की मूल्य सूची हटा दी है क्योंकि यह अब उपलब्ध नहीं है।
वहीं, केंद्र सरकार द्वारा निर्यात शुल्क लगाए जाने के बाद नेपाल में प्याज की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। नेपाली बाजार में प्याज की कीमत 50 रुपये से बढक़र 90-100 रुपये प्रति किलो के आसपास पहुंच गई है।
चूंकि नेपाल अपनी लगभग सभी प्याज जरूरतों को भारत से आयात करता है, भारी निर्यात शुल्क ने घरेलू बाजार में कमी पैदा कर दी है। व्यापारियों का कहना है कि यह कमी नेपाल के त्योहारी सीजन के साथ मेल खाती है क्योंकि इन दिनों प्याज की खपत बढ़ जाती है। 21 दिसंबर तक 40 फीसदी निर्यात शुल्क ऐसे समय लगाया गया है जब अधिकांश नेपाली त्योहार बीच में आते हैं।
आमतौर पर काठमांडू के कालीमाटी फल और सब्जी बाजार में औसतन 100 टन प्याज का आयात होता था, लेकिन निर्यात शुल्क लगाए जाने के बाद रविवार और सोमवार को यह संख्या घटकर 40 टन रह गई है। श्रेष्ठ ने कहा कि मंगलवार से निर्यातकों ने प्याज का आयात बंद कर दिया है।
न्यूनतम घरेलू उत्पादन के कारण नेपाल भारत से आयातित प्याज पर बहुत अधिक निर्भर है। पिछले वित्त वर्ष में देश ने 6.75 अरब रुपये मूल्य के 180,190 टन प्याज का आयात किया गया था।
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को ऑफ़लाइन किए जाने वाले छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए लेनदेन की सीमा पहले के 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रति कर दी है। केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
इसमें आगे कहा गया है कि छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान से संबंधित अन्य सभी निर्देश पूर्ववत रहेंगे। आरबीआई ने 10 अगस्त को मौद्रिक नीति समिति के संबोधन में लेनदेन की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव किया था। इसने स्पष्ट किया था कि जहां प्रति लेनदेन सीमा को 500 रुपये तक बढ़ाया जा रहा है, वहीं दो-कारक प्रमाणीकरण की छूट से जुड़े जोखिमों को रोकने के लिए कुल सीमा पहले की तरह 2,000 रुपये पर बरकरार रखी जाएगी।