मुंबई । अधिक समावेशी होने और भारत के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करने के लिए फिनटेक की भूमिका को स्वीकार करते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनसे दुनिया में पारंपरिक और आधुनिक खतरों से सावधान रहने और खुद को सुरक्षित रखने का आग्रह किया।
मुंबई में तीन दिवसीय ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ 2023) का उद्घाटन करते हुए सीतीरमण ने कहा कि आज फिनटेक एक मजबूत और गतिशील वित्तीय समावेशन उपकरण है, और ऋण देने में उनके पास नए क्रेडिट ग्राहकों की 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि आधुनिक दुनिया में फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र विभिन्न खतरों और चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें पारंपरिक युद्ध, साइबर खतरे, क्रिप्टो खतरे, ड्रग्स और ड्रग माफिया, टैक्स हेवन और कर चोरी शामिल हैं।
हमारे सामने मौजूद और सक्रिय इन खतरों को संबोधित करना एक जिम्मेदार, समावेशी, लचीला और टिकाऊ वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की कुंजी है जिसके लिए सीतारमण ने फिनटेक से खुद को ऐसे खतरों से बचाने के लिए भारी निवेश करने की अपील की।
बाद में, एक शानदार पुरस्कार शाम का आयोजन किया गया जिसमें भारत और विदेश के प्रमुख फिनटेक प्लेअर्स को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया।
खाड़ी सहयोग देशों के लिए लीडिंग फिनटेक पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर का प्रतिष्ठित वैश्विक पुरस्कार जीसीसी और भारत के बीच सीमा पार भुगतान में क्रांति लाने के लिए लुलु फाइनेंशियल होल्डिंग्स, अबू धाबी के प्रबंध निदेशक अदीब अहमद को दिया गया।
वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के प्रेसीडेंट और सीओओ भावेश गुप्ता ने फिनटेक लीडर ऑफ द ईयर जीता, वोल्ट के संस्थापक-सीईओ टॉम ग्रीनवुड को लीडिंग फिनटेक पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर-यूरोप से सम्मानित किया गया, ज़ेरोधा सीटीओ कैलाश नाध ने फिनटेक सीटीओ ऑफ द ईयर अवार्ड जीता।
सीतारमण ने यश एरांडे, सौरभ त्रिपाठी, विश्वास पटेल, नवीन सूर्या, क्रिस गोपालकृष्णन, जी. पद्मनाभन, प्रवीणा राय, दिलीप जैसे शीर्ष प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थिति में एक संपूर्ण नेतृत्व रिपोर्ट, द सेकेंड वेव - रेजिलिएंट, इनक्लूसिव, एक्सपोनेंशियल फिनटेक का भी अनावरण किया।
बालाघाट । मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के चिन्नौर चावल को जियो टैग मिलने से किसानों की आमदनी बढ़ गई है। इसके साथ ही चावल के उत्पादन के रकबे में भी वृद्धि हुई है।
चिन्नौर चावल को महत्वाकांक्षी योजना ‘एक जिला-एक उत्पाद‘ में शामिल किया गया है। बालाघाट जिले में चिन्नौर की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये लालबर्रा और वारासिवनी में दो किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) काम कर रहे हैं।
यह समूह लालबर्रा चिन्नौर फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी और चिन्नौर वेली वारासिवनी नाम से काम कर रहे हैं।
लालबर्रा कम्पनी के अध्यक्ष ईशुपाल चौहान ने बताया कि उनकी कम्पनी का कार्यालय ग्राम गर्रा में संचालित किया जा रहा है। शुरूआत में 515 किसान सदस्य इससे जुड़े। इनमें से 400 किसानों ने अपने खेत में चिन्नौर धान लगाया। इस वर्ष सदस्यों की संख्या बढक़र 700 हो गई और उन्होंने 1500 से 2000 एकड़ में चिन्नौर धान लगाया।
पिछले वर्ष एफपीओ का टर्न-ओवर 75 लाख रूपये रहा। किसानों को समझाइश दी गई कि धान उत्पादन में रासायनिक खाद का उपयोग न करते हुए केवल वर्मी कम्पोस्ट जैविक खाद का उपयोग किया जाए।
चिन्नौर चावल की उच्च गुणवत्ता को देखते हुए इसकी मांग इंदौर, भोपाल, जबलपुर, नागपुर, रायपुर आदि शहरों में हुई। कम्पनी के पास विदेशों में भी चिन्नौर चावल निर्यात करने के लिये लायसेंस है। जिले में चावल का उत्पादन बढऩे पर विदेशों में इसका निर्यात किया जायेगा। बालाघाट रेल्वे स्टेशन में जीआई टैग प्राप्त चिन्नौर चावल के विक्रय का स्टॉल भी लगाया गया है।
मुंबई । गौतम अडानी ने एशिया के दूसरे सबसे अमीर होने का तमगा फिर से हासिल करने के बाद अब अपना खोया हुआ एक और रुतबा हासिल कर लिया है। वह एक बार फिर दुनिया के अमीरों की टॉप 20 लिस्ट में पहुंच गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की ताजा रैंकिंग में अडानी 64.3 अरब डॉलर के साथ 20वें स्थान पर थे। कमाई करने वाले अरबपतियों की लिस्ट में वह दूसरे नंबर पर थे।
ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक उनकी संपत्ति में 975 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ और इस दिन कमाई करने वालों में दुनिया में उनका स्थान दूसरा था। इस कैटेगरी में पहले स्थान पर माइकल डेल रहे, जिन्होंने 1.22 अरब डॉलर की कमाई की। करीब 500 अरबपतियों की इस लिस्ट में डेल एक मात्र ऐसे अरबपति रहे, जिनकी संपत्ति एक अरब डॉलर से अधिक बढ़ी।
अमेरिकी शेयर बाजारों में आई गिरावट की वजह से कई दिग्गज कंपनियों के शेयर टूट गए। इससे एलन मस्क, लैरी पेज, जेफ बेजोस, सर्गी ब्रिन समेत कई अरबपतियों के नेटवर्थ में कमी देखी गई। एलन मस्क ने 3.27 अरब डॉलर गंवाए तो बर्नार्ड अर्नाल्ट 4.39 अरब डॉलर गंवाकर टॉप लूजर रहे। जेफ बेजोस की संपत्ति में 1.99 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई।
अडानी ग्रुप इस साल की शुरुआत से खबरो में है। गौतम अडानी साल 2023 की शुरुआत में दुनिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति बने हुए थे। इसके बाद जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद शेयर बाजार में लिस्टेड उनकी 10 कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए। इससे उनकी संपत्ति 150 अरब डॉलर से घटकर 64.3 अरब डॉलर रह गई। दुनिया के अमीरों की लिस्ट में अब गौतम अडानी 20 वें नंबर पर हैं। अभी उनका तीसरे नंबर के रईस का रुतबा और 150 अरब डॉलर की संपत्ति हासिल करने में काफी वक्त लगेगा।
नई दिल्ली । टाटा कंज्यूमर ने कहा है कि वह स्नैक निर्माता हल्दीराम पर नियंत्रण पाने के लिए बातचीत नहीं कर रही है। एक स्पष्टीकरण में टाटा कंज्यूमर ने कहा कि वह हल्दीराम के साथ बातचीत नहीं कर रही है, जैसा कि मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है।
टाटा कंज्यूमर ने कहा, हमें ऐसी किसी जानकारी के बारे में पता नहीं है जिसे एक्सचेंजों को घोषित नहीं की गई है, जो सेबी (एलओडीआर) विनियम- 2015 के रेगुलेशन-30 के तहत घोषित करना जरूरी है।
हम यह जोडऩा चाहेंगे कि कंपनी निरंतर व्यवसाय के विकास और विस्तार के लिए विभिन्न रणनीतिक अवसरों का मूल्यांकन करती है। जब भी ऐसी कोई आवश्यकता होगी, कंपनी सेबी (एलओडीआर) विनियम- 2015 के तहत दायित्वों के अनुपालन में उचित घोषणाएं करेगी।
दूसरी तरफ टाटा कंज्यूमर स्टॉक की कीमत बुधवार को बीएसई पर 4 फीसदी बढक़र 879 रुपये पर पहुंच गई।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र किया गया था कि टाटा समूह की उपभोक्ता इकाई लोकप्रिय भारतीय स्नैक फूड निर्माता हल्दीराम की कम से कम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। लेकिन, वह 10 अरब डॉलर के मूल्यांकन को लेकर सहज नहीं है।
रिपोर्ट्स में कहा गया कि हल्दीराम भारत में एक घरेलू नाम है। वह बेन कैपिटल सहित निजी इक्विटी फर्मों के साथ 10 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के बारे में बात कर रहा है।
रिपोर्ट में जिक्र है कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स यूके की चाय कंपनी टेटली का मालिक है और भारत में स्टारबक्स के साथ साझेदारी करता है। वह हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है।
यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, भारत के 6.2 बिलियन डॉलर के नमकीन स्नैक बाजार में हल्दीराम की लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लेज़ चिप्स के लिए मशहूर पेप्सी की हिस्सेदारी भी करीब 13 फीसदी है.
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति को दूरदर्शी होना चाहिए, क्योंकि पीछे देखने का दृष्टिकोण दुर्घटनाओं को जन्म दे सकता है।
दास, जिन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स डायमंड जुबली विशिष्ट व्याख्यान देते हुए कार ड्राइविंग की उपमा दी, ने कहा कि मौद्रिक नीति का संचालन संभावित गड्ढों और गति बाधाओं वाली सडक़ पर कार चलाने जैसा है।
चूंकि मौद्रिक नीति लंबे और परिवर्तनीय अंतराल के साथ काम करती है, प्रमुख व्यापक आर्थिक चर के पूर्वानुमान मौद्रिक नीति के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण ढांचे को मुद्रास्फीति पूर्वानुमान लक्ष्यीकरण ढांचे के रूप में भी कहा जाता है।
उन्होंने कहा, वास्तविक जीवन में सादृश्य लेने के लिए मौद्रिक नीति का संचालन संभावित खाइयों और गति अवरोधों वाली सडक़ पर कार चलाने जैसा है। चालक को अपनी कार की गति को नियंत्रित करने और बातचीत करते समय खाई या स्पीड बम्प पर नजर रखने की जरूरत है। यदि ड्राइवर अचानक स्पीड बम्प पर प्रतिक्रिया करता है, तो वह नियंत्रण खोने और दुर्घटना होने का जोखिम उठाता है। इसलिए, मौद्रिक नीति का सफल संचालन मुद्रास्फीति और विकास जैसे प्रमुख चर के विश्वसनीय पूर्वानुमानों पर निर्भर करता है। दूसरे शब्दों में, मौद्रिक नीति को दूरदर्शी होना चाहिए। रियर व्यू मिरर से नीतिगत त्रुटियां हो सकती हैं।
आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के लिए मूल्य स्थिरता पर नजऱ रखना और उसके अनुसार कार्य करना महत्वपूर्ण है। दास ने कहा, इसके अलावा, एमपीसी यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहती है कि मूल्य वृद्धि के सामान्यीकरण के रूप में मुद्रास्फीति के दूसरे क्रम के प्रभावों को बढऩे न दिया जाए।
उन्होंने कहा, मूल्य स्थिरता पर नजर रखना और उचित तरीके से कार्य करना जरूरी है। हम अब 4 फीसदी के लक्ष्य पर मजबूती से केंद्रित हैं।
दास ने आगे कहा कि आरबीआई ने कोविड के बाद के युग में मूल्य स्थिरता को बाधित न करने के लिए तरलता प्रबंधन की योजना बनाई।
उन्होंने कहा, हमारे अधिकांश तरलता इंजेक्शन उपायों की घोषणा एक साल या तीन साल की अवधि के लिए की गई थी। इससे उन्हें (बाजार सहभागियों को) एक साल या तीन साल में केंद्रीय बैंक को पैसा वापस करने के लिए अपनी गतिविधियों की योजना बनाने में मदद मिली।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पिछले अनुभव के आधार पर आरबीआई एक अद्वितीय और अभिनव दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम था, जिसने आरबीआई को कोविड के समय किए गए विशेष उपायों को वापस लेने में सक्षम बनाया है।
दास ने कहा, जब तक आप उन्हें समय पर वापस नहीं लाते, यह वित्तीय स्थिरता को कमजोर कर देगा। यही एक कारण है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था में वित्तीय स्थिरता और बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता देखते हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक नीतिगत कार्रवाइयों के प्रभावी प्रसारण को सुनिश्चित करने के लिए कॉल मनी बाजार दरों पर बारीकी से नजर रख रहा है।
नई दिल्ली । अब आपके अपने यूपीआई से ही आपको लोन की सुविधा मिल जाएगी। इसके लिए आरबीआई ने बैंकों को दिशा निर्देश दे दिए हैं। आरबीआई ने देश के सभी बैंकों से कस्टमर्स को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई पर प्री-सैंक्शंड लोन देने को कहा है। आरबीआई के इस फैसले का प्रमुख उद्देश्य यूपीआई पेमेंट सिस्टम के दायरे को बढ़ाना है।
अभी तक यूपीआई प्रणाली के जरिये सिर्फ जमा रकम का ही लेनदेन किया जा सकता था। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत बैंकों में पहले से मंजूर ऋण सुविधा से स्थानांतरण/को स्थानांतरण की मंजूरी देने की बात कही गई थी। फिलहाल बचत खाते, ओवरड्रॉफ्ट खाते, प्रीपेड वॉलेट और क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ा जा सकता है।
रिजर्व बैंक ने ‘बैंकों में पूर्व-स्वीकृत ऋण सुविधा का यूपीआई के जरिये परिचालन’ पर एक परिपत्र जारी करते हुए कहा कि यूपीआई के दायरे में अब ऋण सुविधा को भी शामिल कर लिया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा, इस सुविधा के तहत व्यक्तिगत ग्राहक की पूर्व सहमति से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक द्वारा व्यक्तियों को जारी पूर्व-स्वीकृत ऋण सुविधा के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा।
केंद्रीय बैंक के मुताबिक, ऐसा होने से लागत कम हो सकती है और भारतीय बाजारों के लिए अनूठे उत्पादों के विकास में मदद मिल सकती है। मोबाइल उपकरणों के माध्यम से चौबीसों घंटे तत्काल धन हस्तांतरण के लिए उपयोग किए जाने वाले यूपीआई से लेनदेन अगस्त में 10 अरब का आंकड़ा पार कर गया। जुलाई में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 9.96 अरब था।