नई दिल्ली । वित्त मंत्रालय ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) की 31 पीठों को अधिसूचित किया है। ये सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित की जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि इससे व्यवसायों को तेजी होगी और कई समाधान मिलने में भी मदद करेगा।
आज के समय में कर अधिकारियों के फैसले से असंतुष्ट होने के बाद करदाताओं को उच्च न्यायालयों में जाने की आवश्यकता होती है। यह प्रोसेस में काफी समय लगता है। इसकी वजह यह है कि उच्च न्यायालय पहले से ही लंबित मामलों के बोझ से दबे हुए हैं। इनके पास जीएसटी मामलों से निपटने के लिए कोई विशेष पीठ नहीं है।
जीएसटी पीठ की स्थापना
वित्त मंत्रालय के अधिसूचना के अनुसार गुजरात और केंद्रशासित प्रदेशों - दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में जीएसटीएटी की दो पीठें होंगी। वहीं, गोवा और महाराष्ट्र को मिलाकर तीन बेंच होंगी.
इसके अलावा कर्नाटक और राजस्थान में दो-दो बेंच होंगी जबकि उत्तर प्रदेश में तीन बेंच होंगी।
पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और तमिलनाडु और पुडुचेरी में कुल मिलाकर दो-दो जीएसटीएटी बेंच होंगी जबकि केरल और लक्षद्वीप में एक बेंच होगी।
इसी तरह सात पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में एक पीठ होगी। अन्य सभी राज्यों में जीएसटीएटी की एक पीठ होगी। सरकार पहले चरण में 31 ट्रिब्यूनल अधिसूचित किए हैं जिनका गठन देश के सभी प्रमुख शहरों में किया जाएगा।
नई दिल्ली । हर गुजरते महीने के साथ घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के आज आंकड़े जारी करते हुए बताया कि इस साल अगस्त में घरेलू हवाई यात्री यातायात 22.81 प्रतिशत बढ़ा। डीजीसीए ने बताया कि यात्रियों की संख्या इस साल अगस्त में बढक़र 1.24 करोड़ हो गई है जो एक साल पहले की इसी अवधि में 1.01 करोड़ था।
किस एयरलाइन ने कितने यात्रियों ने की यात्रा?
डीजीसीए ने कहा कि बजट एयरलाइन कंपनी इंडिगो से सबसे ज्यादा यात्रियों ने यात्रा किया। आंकड़ो के मुताबिक अगस्त में 78.67 लाख यात्रियों को इंडिगो ने उनके मंजिल तक पहुंचाया। यह संख्या कुल घरेलू यात्री मात्रा का 63.3 प्रतिशत हिस्सा है।
टाटा ग्रुप की एयर इंडिया ने 12.12 लाख यात्री और टाटा की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ्रढ्ढङ्ग कनेक्ट (पूर्व में एयरएशिया इंडिया) ने अगस्त के दौरान 9.78 लाख यात्रियों को पहुंचाया।
अगस्त में एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 9.8 प्रतिशत थी जबकि कनेक्ट की 7.1 प्रतिशत थी। आपको बता दें कि पिछले महीने में ही एयर इंडिया ने अपना नया लोगो और नए पोशाक को लॉन्च किया था। नई रीब्रांडेड एयर इंडिया के प्लेन दिसंबर से दिखना शुरू होंगे।
विस्तारा एयरलाइन, जिसमें टाटा संस की 51 प्रतिशत और सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, ने 9.8 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ 12.17 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया।
डीजीसीए ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि अगर एयर इंडिया, विस्तारा और एयर एशिया को मिला दें तो इन तीनों ने पिछले महीने कुल मिलाकर 33.07 लाख यात्रियों को यात्रा कराई।
ऑन टाइम परफॉर्मेंस में इंडिगो ने किया टॉप
विस्तारा ने पिछले महीने के दौरान सभी घरेलू एयरलाइनों के बीच सबसे अधिक लोड फैक्टर 91.3 प्रतिशत दर्ज किया।
पिछले महीने के दौरान चार प्रमुख हवाई अड्डों दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु से आने और जाने वाली अपनी 89 प्रतिशत उड़ानों के साथ इंडिगो का ऑन टाइम परफॉर्मेंस सबसे अधिक रहा।
नई दिल्ली । एक स्वतंत्र सोलर पीवी और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग कंपनी, डेजर्ट टेक्नोलॉजीज (डीटी) ने बहुराष्ट्रीय समूह एस्सार ग्रुप के साथ हरित ऊर्जा पर दीर्घकालिक साझेदारी की है।
दोनों पक्षों ने सऊदी अरब में एस्सार समूह की ग्रीन स्टील अरबिया (जीएसए) परियोजना के साथ-साथ भविष्य की संभावित परियोजनाओं के लिए नवीकरणीय ऊर्जा समाधान विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो ग्रीन स्टील उत्पादन और हरित ऊर्जा उत्पादन में सऊदी अरब को मानचित्र अग्रणी देश के रूप में स्थापित करेगा।
दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में डेजर्ट टेक्नोलॉजीज और एस्सार ग्रुप के बीच एमओयू निष्पादित किया गया।
इस साझेदारी के माध्यम से, डीटी और एस्सार सऊदी अरब में में एस्सार के फ्लैट स्टील कॉम्प्लेक्स के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और भंडारण के लिए समाधान विकसित करेगा, जो जीसीसी क्षेत्र में पहली हरित इस्पात परियोजना है और अन्य संभावित परियोजनाओं के लिए अवसर भी तलाशेंगे।
इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए, डीटी इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, खालिद शरबतली ने कहा, एस्सार के साथ डेजर्ट टेक्नोलॉजीज का एमओयू, विशेष रूप से सऊदी अरब में नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में इसके समाधान, मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता और कम कार्बन फुटप्रिंट वाले समाधान कम सीओ2 उत्सर्जन वाले इस्पात उद्योग को और बढ़ावा देंगे। सऊदी अरब में पहली ग्रीन स्टील परियोजना स्थापित करने की उनकी अग्रणी परियोजना में एस्सार समूह के साथ सहयोग करने पर हमें गर्व है।
सऊदी अरब में एस्सार समूह के कंट्री हेड नौशाद अंसारी ने टिप्पणी की, एस्सार वर्तमान में सऊदी अरब के रस अल खैर में एक एकीकृत इस्पात संयंत्र स्थापित करने पर लगभग 4.5 अरब डॉलर का निवेश करने पर विचार कर रहा है। डेजर्ट टेक्नोलॉजीज के साथ यह साझेदारी हमें हरित ऊर्जा और कार्बन मुक्त ऊर्जा भंडारण समाधान तक पहुंच बनाने में मदद करेगी; जिससे निम्न कार्बन फुटप्रिंट के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत होगी। हम केएसए की स्थानीय सामग्री को बढ़ाना जारी रखने और स्थानीय व्यवसायों को हमारे साथ बढऩे में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह समझौता ज्ञापन केएसए में दीर्घकालिक निवेश और हरित एवं टिकाऊ रणनीति के विकास के प्रति एस्सार की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करता है।
एस्सार परियोजना इस क्षेत्र की पहली हरित इस्पात परियोजना होगी जिसका लक्ष्य सीओ2 की कटौती में वैश्विक बेंचमार्क स्थापित करना है।
इस परियोजना में 5.0 एमटीपीए की डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन (डीआरआई) क्षमता होगी, जिसमें 2.50 एमटीपीए के दो मॉड्यूल और 4.0 एमटीपीए हॉट स्ट्रिप क्षमता के साथ गैल्वनाइजिंग और टिन प्लेट लाइनों के साथ 10 लाख टन कोल्ड रोलिंग क्षमता शामिल है।
स्टील उत्पादों के लिए सऊदी अरब की मौजूदा मांग और विजऩ 2030 के लिए निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप यह सुविधा निर्माण, तेल एवं गैस, ऑटोमोटिव, पैकेजिंग और जनरल इंजीनियरिंग सहित स्टील की खपत वाले सभी बड़े उद्योगों को आपूर्ति करेगी।
नई दिल्ली । भारत में विमान से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा रहा है और यह अब प्री-कोविड स्तर के भी ऊपर निकल गया है। अगस्त में घरेलू उड़ान भरने वाले लोगों की संख्या 23 प्रतिशत बढक़र 1.24 करोड़ हो गई है। कोरोना से पहले अगस्त 2019 यह आंकड़ा 1.18 करोड़ था। एक रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की ओर से बताया गया कि जुलाई के महीने विमान से उड़ान भरने वाले यात्रियों की संख्या में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.21 करोड़ था। साथ ही बताया कि अगस्त 2022 के मुकाबले इस वर्ष कैपेसिटी को 10 प्रतिशत बढ़ाया गया है। प्री-कोविड स्तर यानी अगस्त 2019 के मुकाबले ये एक प्रतिशत कम है।
5000 करोड़ तक नुकसान होने की उम्मीद
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि एयरलाइन्स 3000 करोड़ रुपये से लेकर 5000 करोड़ रुपये का नुकसान वित्त वर्ष 2023-24 में कर सकती है। वहीं, यात्रियों की संख्या में इस दौरान तेज वृद्धि देखने को मिल सकत है।
नई दिल्ली । जब जीवन की समग्र डिजिटल गुणवत्ता को बनाए रखने की बात आती है, तो 52वें स्थान पर मौजूद भारत अभी भी विश्व स्तर पर चीन (44वें स्थान) से पीछे है, सोमवार को एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
साइबर-सुरक्षा कंपनी सुरफशार्क द्वारा जीवन की डिजिटल गुणवत्ता (डीक्यूएल) सूचकांक एक वार्षिक अध्ययन है, जो 5 मुख्य स्तंभों - इंटरनेट गुणवत्ता, इंटरनेट सामर्थ्य, ई-सुरक्षा, ई-बुनियादी ढांचे और ई- के आधार पर 121 देशों को उनकी डिजिटल भलाई के आधार पर रैंक करता है।
5वें डीक्यूएल अध्ययन में भारत को दुनिया में 52वां स्थान दिया गया है, जो पिछले साल 59वां था।
यह वृद्धि मुख्यत: देश की इंटरनेट गुणवत्ता में वृद्धि के कारण है, जिसके लिए यह अब 16वें स्थान पर है।
हालांकि, देश को ई-बुनियादी ढांचे में चुनौतियों का सामना करना पड़ा और 91वें स्थान पर रहा। शेष स्तंभों के लिए, भारत इंटरनेट सामर्थ्य में 28वें, ई-सरकार में 35वें और ई-सुरक्षा में 66वें स्थान पर है।
एशिया में, भारत 13वें स्थान पर है, सिंगापुर इस क्षेत्र में अग्रणी है।
भारत की इंटरनेट गुणवत्ता वैश्विक औसत से 36 प्रतिशत अधिक, दुनिया में 16वें स्थान पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की मोबाइल इंटरनेट स्पीड (74 एमबीपीएस) पिछले साल से 297 फीसदी बढ़ गई है, जबकि फिक्स्ड इंटरनेट स्पीड (76 एमबीपीएस) में 16 फीसदी का सुधार हुआ है।
फिक्स्ड ब्रॉडबैंड इंटरनेट का खर्च उठाने के लिए भारतीयों को महीने में 1 घंटा 48 मिनट काम करना पड़ता है, लेकिन यह रोमानिया की तुलना में 6 गुना अधिक है, जहां दुनिया का सबसे किफायती फिक्स्ड इंटरनेट है।
सफऱ्शार्क के प्रवक्ता गैब्रिएल राकैटे-क्रसौस्के ने कहा,कई देशों में, जीवन की डिजिटल गुणवत्ता समग्र जीवन की गुणवत्ता की व्यापक अवधारणा में विलीन हो गई है। अब इसे देखने का कोई अन्य तरीका नहीं है, क्योंकि काम, शिक्षा और अवकाश सहित कई दैनिक गतिविधियां ऑनलाइन की जाती हैं।
उन्होंने कहा, इसलिए उन क्षेत्रों को इंगित करना महत्वपूर्ण है, जिनमें देश की डिजिटल जीवन गुणवत्ता पनपती है और जहां ध्यान देने की आवश्यकता है, जो डीक्यूएल इंडेक्स का सटीक उद्देश्य है।
ई-सुरक्षा स्तंभ यह मापता है कि कोई देश साइबर अपराध का मुकाबला करने के लिए कितनी अच्छी तरह तैयार है, साथ ही देश के डेटा सुरक्षा कानून कितने उन्नत हैं।
इस स्तंभ में भारत बांग्लादेश (85वें) और चीन (79वें) से बेहतर प्रदर्शन करता है।
लेकिन वैश्विक संदर्भ में, अध्ययन के मुताबिक भारत साइबर अपराध से लडऩे के लिए तैयार नहीं है, और देश में डेटा सुरक्षा कानून बहुत कम हैं।
सैन फ्रांसिस्को । एलन मस्क की बायोग्राफी लिखने वाले लेखक वाल्टर इसाकसन के अनुसार, टेस्ला की 25,000 डॉलर की कार और कंपनी की समर्पित रोबोटैक्सी में साइबरट्रक से प्रेरित डिजाइन होगा।
इसाकसन की आगामी किताब के एक हिस्से के अनुसार, मस्क सेल्फ-ड्राइविंग रोबोटैक्सिस पर इतना फोकस कर रहे है कि उन्हें एक किफायती कार खरीदने के लिए मनाने के लिए टेस्ला के अधिकारियों की टीम को प्रयास करना पड़ा, हालांकि, सीईओ को तब राहत मिली, जब उनके सहयोगियों ने 25,000 डॉलर की कार और टेस्ला की रोबोटैक्सी दोनों को एक साथ बनाने की योजना का खुलासा किया।
यह खबर सबसे पहले एक्सियोस द्वारा रिपोर्ट की गई थी।
टेस्ला की योजना 2030 तक प्रति वर्ष 20 मिलियन वाहन बनाने की है।
इसे पूरा करने के लिए, कंपनी को एक ऐसे टेक्नोलॉजी की आवश्यकता होगी जिससे जल्दी और बड़े पैमाने पर बनाया जा सके। इसका मतलब है कि टेस्ला को मॉडल 3 सेडान और मॉडल वाई क्रॉसओवर की तुलना में कहीं अधिक आउटपुट वाले वाहन की आवश्यकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ला का नेक्स्ट-जनरेशन प्लेटफॉर्म, जिस पर इस साल की शुरुआत में इन्वेस्टर डे पर चर्चा की गई थी, इस उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किया गया प्रतीत होता है।
इसाकसन के अनुसार, मस्क ने नवंबर 2021 में ऑस्टिन में अपने टॉप पांच लेफ्टिनेंटों के साथ एक विचार-मंथन सत्र किया था, जिसमें एक बुनियादी रोबोटैक्सी पर चर्चा की गई थी जिसे उच्च मात्रा में उत्पादित किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, मस्क और उनकी टीम ने लगभग एक साल इस बहस में बिताया कि क्या पारंपरिक नियंत्रण वाली कार बनाई जाए या एक ऐसा वाहन बनाया जाए जो पूरी तरह से स्वायत्त हो, जिसमें कोई स्टीयरिंग व्हील या पैडल न हो, जिसके लिए अधिक जोखिम लेने की आवश्यकता होगी।
कथित तौर पर कई टेस्ला इंजीनियरों ने अधिक रूढि़वादी दृष्टिकोण पर जोर दिया।
18 अगस्त, 2022 को एक बैठक के दौरान, टेस्ला के मुख्य डिजाइनर फ्रांज वॉन होल्झाउज़ेन ने यह भी सुझाव दिया कि रोबोटैक्सी स्टीयरिंग व्हील और पैडल वाला एक वाहन हो सकता है जिसे बाद में हटाया जा सकता है।
हालांकि, मस्क कथित तौर पर अड़े हुए थे।
सितंबर 2022 में एक बैठक के बाद, वॉन होल्झाउजेन और कई अन्य लोगों ने मस्क को डेटा प्रस्तुत किया जिसमें दिखाया गया कि टेस्ला को अपने महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक छोटी ग्लोबल कार की आवश्यकता होगी।
टीम ने सीईओ को आश्वस्त किया कि 25,000 डॉलर की कार और रोबोटैक्सी दोनों को एक ही नेक्स्ट जनरेशन के प्लेटफॉर्म पर बनाया जा सकता है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि दोनों वाहनों को एक ही असेंबली लाइन का उपयोग करके भी उत्पादित किया जा सकता है।
टेस्ला के डिजाइन स्टूडियो में 25,000 डॉलर टेस्ला और रोबोटैक्सी मॉडल के एक दूसरे के साथ उपयोग करने से मस्क अंतत: आश्वस्त हो गए।