व्यापार

तेल की कीमतें बढऩे से बिकवाली के दबाव में निफ्टी, 165 अंक लुढक़ा
Posted Date : 30-Sep-2023 4:15:39 am

तेल की कीमतें बढऩे से बिकवाली के दबाव में निफ्टी, 165 अंक लुढक़ा

नई दिल्ली  । निफ्टी सपाट खुला लेकिन जल्द ही तेल की कीमतों में उछाल और कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते बिकवाली के दबाव में आ गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, निफ्टी 165 अंक (-0.8 फीसदी) गिरकर 19,551 के स्तर पर बंद हुआ।
ब्रेंट क्रूड की कीमत में तेज वृद्धि से ग्लोबल सेंटीमेंट प्रभावित हुई हैं। ब्रेंट लगभग 98 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई और यूएस 10 साल के बांड की यील्ड 4.5 प्रतिशत (16 साल के उच्चतम) से ऊपर बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा ब्याज दरों के लंबे समय तक ऊंचे बने रहने की संभावना को लेकर भी वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।
निफ्टी मिडकैप100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 1.3 फीसदी/0.4 फीसदी की गिरावट के साथ व्यापक बाजारों में भी गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि आईटी और एफएमसीजी में लगभग 2 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट के साथ सभी सेक्टर लाल निशान में आ गए।
उन्होंने कहा, आगे चलकर, बाजार में कमजोरी तब तक जारी रहने की संभावना है जब तक कि तेल की ऊंची कीमतों और ऊंची ब्याज दरों पर चिंता बनी रहेगी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बिकवाली व्यापक आधार पर थी, क्योंकि तेल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए निवेशक सतर्क हैं।
यदि कच्चा तेल 90 डॉलर के स्तर से ऊपर बना रहता है, तो यह मुद्रास्फीति के लिए भी खतरा होगा।
विश्व स्तर पर, अमेरिकी जीडीपी डेटा और फेड प्रमुख के भाषण को ध्यान से देखा जाएगा, जो भविष्य की प्रवृत्ति निर्धारित करेगा।
उन्होंने कहा, वर्तमान में, उच्च ब्याज दरों और अमेरिकी बांड यील्ड का संयोजन एफआईआई को बिक्री मोड में रहने के लिए प्रभावित कर रहा है।

 

अश्वेत कर्मचारियों के साथ नस्लीय भेदभाव पर मस्क की टेस्ला पर मुकदमा
Posted Date : 30-Sep-2023 4:15:22 am

अश्वेत कर्मचारियों के साथ नस्लीय भेदभाव पर मस्क की टेस्ला पर मुकदमा

सैन फ्रांसिस्को  । अमेरिकी समान रोजगार अवसर आयोग (ईईओसी) ने टेस्ला पर कथित तौर पर अपने अश्वेत कर्मचारियों का नस्लीय उत्पीडऩ करने पर मुकदमा दायर किया है। ईईओसी के मुकदमे के अनुसार 2015 से अब तक टेस्ला के फ्ऱेमोंट व कैलिफ़ोर्निया विनिर्माण सुविधाओं में अश्वेेत कर्मचारियों को नियमित रूप से नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है। उनके खिलाफ अपशब्दों का खुले तौर पर उपयोग किया गया।
ईईओसी ने कहा, अश्वेत कर्मचारियों को नियमित रूप से डेस्क, बाथरूम, लिफ्ट के भीतर आदि स्थानों पर अपशब्दों का सामना करना पड़ा है। ईईओसी की जांच में यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने नस्लीय शत्रुता पर आपत्ति जताई, उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रतिशोध का सामना करना पड़ा, जिसमें बर्खास्तगी, नौकरी के कर्तव्यों में बदलाव, स्थानांतरण और अन्य प्रतिकूल रोजगार कार्रवाइयां शामिल हैं।
ईईओसी अध्यक्ष चार्लोट ए बरोज़ ने कहा, प्रत्येक कर्मचारी अपने नागरिक अधिकारों का सम्मान पाने का हकदार है, और किसी भी कर्मचारी को हमारी जांच में सामने आई शर्मनाक नस्लीय कट्टरता को सहन नहीं करना चाहिए।
बरोज़ ने कहा कि मुकदमा स्पष्ट करता है कि कोई भी कंपनी कानून से ऊपर नहीं है, और ईईओसी संघीय नागरिक अधिकारों की सुरक्षा को सख्ती से लागू करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अमेरिकी कार्यस्थल गैरकानूनी उत्पीडऩ और प्रतिशोध से मुक्त हैं।

 

ईडी ने 150 करोड़ रुपये के करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले में 2 को किया गिरफ्तार
Posted Date : 29-Sep-2023 4:51:14 am

ईडी ने 150 करोड़ रुपये के करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले में 2 को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली  । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माकपा नेता पी.आर. अरविंदाक्षन और पूर्व बैंक अकाउंटेंट सी.के. जिलसे को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि 150 करोड़ रुपये के करुवन्नूर सर्विस को-ऑपरेटिव सोसाइटी बैंक घोटाले के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत पर मामला दर्ज किया गया है।
ईडी ने केरल के त्रिशूर के इरिंजलाकुडा पुलिस स्टेशन में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की, जिसमें बैंक अधिकारियों द्वारा निजी व्यक्तियों की मदद से बैंक को धोखा देकर 150 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी द्वारा किए गए तलाशी अभियान के बाद पता चला कि पी.सतीश कुमार ने अरविंदाक्षन के नाम पर सावधि जमा के माध्यम से 50 लाख रुपये की अपराध आय अर्जित की है।
अरविंदाक्षन के बैंक खाते में भारी लेनदेन पाया गया है, जो जांच के दौरान सामने नहीं आया।
पीएमएलए के तहत जांच के दौरान, यह पता चला कि जिलसे ने अपने परिवार के सदस्यों और कई अन्य लोगों के नाम पर ऋण लिया था, जिसकी कुल बकाया राशि 5.06 करोड़ रुपये है।
आरोपी जोड़ी को नामित पीएमएलए विशेष न्यायालय, एर्नाकुलम, केरल के समक्ष पेश किया गया।
नामित अदालत ने गिरफ्तार व्यक्तियों की दो दिन की ईडी हिरासत दी है।
इससे पहले इस मामले में ईडी ने 30 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी, जिसमें केरल के थेक्कडी में अपराध की कमाई से बनाया गया एक रिसॉर्ट भी शामिल था।
मामले की आगे की जांच जारी है।

 

400 रुपये बोरी तक महंगी हो सकती है सीमेंट, निर्माण कार्यों पर पड़ेगा असर
Posted Date : 29-Sep-2023 4:50:56 am

400 रुपये बोरी तक महंगी हो सकती है सीमेंट, निर्माण कार्यों पर पड़ेगा असर

नई दिल्ली  । सीमेंट कंपनियां मांग कम होने के बावजूद कार्टेल बनाकर एक बार फिर एक अक्टूबर से 15 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी करने जा रही हैं। कंपनियों ने डीलरों को इसकी सूचना दे दी है। सीमेंट कंपनियों का कहना है कि उत्पादन लागत बढ़ जाने के कारण कीमत बढ़ाने जा रहे हैं। अगस्त तक 310 से 320 रुपये बोरी बिकने वाली सीमेंट की कीमत एक सितंबर को एक साथ 50 रुपये बढ़ा देने के बाद रिटेल में प्रति बोरी 360 रुपये पहुंच गई है। अब कंपनियों द्वारा एक बार फिर बढ़ोतरी से यह बाजार में रिटेल में 400 रुपये बोरी तक पहुंच जाएगी। इसका असर निर्माण कार्यों पर पडऩा निश्चित है। दरअसल, बारिश की समाप्ति के दौरान ही सीमेंट कंपनियां कीमत बढ़ाती हैं, क्योंकि इसके बाद निर्माण कार्यों में तेजी आती है।
सीमेंट उत्पादन राज्य
देश की कुल जरूरत का 20 प्रतिशत उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है। आपको बता दें कि सीमेंट के उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख राज्यों में शामिल है। देश की कुल जरूरत का लगभग 20 प्रतिशत सीमेंट का उत्पादन यहां होता है। यहां सीमेंट कंपनियों के 14 प्लांट संचालित हैं, जिनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 260 लाख टन है।
आंध्र प्रदेश देशभर में सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य है। राजस्थान दूसरा, कर्नाटक तीसरा, मध्य प्रदेश चौथा सबसे ज्यादा सीमेंट उत्पादक राज्य है।
घट सकते हैं सरिया के दाम
वर्तमान में खुले बाजार में सरिया 59 हजार रुपये प्रति टन और फैक्ट्रियों में 56 हजार 500 रुपये प्रति टन बिक रहा है। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सरिया की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। अभी बाजार में मांग कमजोर होने के साथ ही लौह अयस्क की कीमतों में भी गिरावट है। इसका असर ही बाजार में देखने को मिलेगा। बता दें कि बीते अप्रैल माह में सरिया 64 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया था।

 

सैट ने सेबी की रोक के खिलाफ ज़ी प्रमोटर की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
Posted Date : 29-Sep-2023 4:50:22 am

सैट ने सेबी की रोक के खिलाफ ज़ी प्रमोटर की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

मुंबई  । प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) ने सेबी के अंतरिम आदेश के खिलाफ ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रमोटर पुनित गोयनका की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्हें कथित फंड डायवर्जन के कारण सूचीबद्ध संस्थाओं में किसी भी प्रमुख प्रबंधकीय पद पर रहने से रोक दिया गया था।
सैट ने आदेश सुरक्षित रखते हुए बाजार नियामक और गोयनका को एक सप्ताह के भीतर कोई लिखित दलील दाखिल करने का निर्देश दिया।
सेबी के वकील डेरियस खंबाटा ने ट्रिब्यूनल को बताया कि बाजार नियामक 30 नवंबर तक पांच लेनदेन पर अपनी जांच पूरी कर लेगा और अगर सभी पक्ष सहयोग करेंगे तो बाकी में समय लगेगा।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने 10 अगस्त को ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (जिसे पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के नाम से जाना जाता था) के विलय को अपनी मंजूरी दे दी थी।
लेकिन 14 अगस्त को पारित सेबी के पुष्टिकरण आदेश ने बड़ी गड़बड़ी करते हुए जेडईईएल प्रमोटरों - गोयनका और सुभाष चंद्रा को कंपनी और अन्य संगठनों में कोई भी निदेशक या अन्य प्रमुख प्रबंधकीय पद संभालने से रोक दिया।
खंबाटा ने अपनी दलील में कहा था कि पिछले चार महीनों में सेबी द्वारा एकत्र की गई सामग्री से धन की हेराफेरी और राउंड ट्रिपिंग का संकेत मिलता है और जांच जारी है।
जेडईईएल प्रमोटरों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अभिषेक मनु सिंघवी और नवरोज़ सीरवई ने कहा कि सेबी ने जांच पूरी किए बिना पुष्टिकरण आदेश पारित किया और यह शुद्ध अटकलों पर आधारित है।
सिंघवी ने तर्क दिया कि गोयनका का एस्सेल समूह की अन्य कंपनियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। अन्य कंपनियों द्वारा लिए गए निर्णयों के परिणामस्वरूप गोयनका को कंपनी के अध्यक्ष पद पर बने रहने से रोकने के लिए कोई आदेश नहीं दिया जा सकता।
वरिष्ठ वकील ने कहा, यदि आदेश को रद्द नहीं किया गया, तो भारी परिणाम होंगे। सिंघवी ने तर्क दिया, जांच की शुरुआत से ही गोयनका की भागीदारी केवल अनुमानों, अनुमानों और परिकल्पनाओं पर है।

 

सरकार की राडार पर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय भेेजेगा 1 लाख करोड़ के नोटिस
Posted Date : 28-Sep-2023 3:59:25 am

सरकार की राडार पर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय भेेजेगा 1 लाख करोड़ के नोटिस

नई दिल्ली  । अगर आप भी ऑनलाइन गेमिंग खेलते हैं तो समझ लीजिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के दिन अब लद गए हैं। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की नजरें ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर है। निदेशालय ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) कंपनियों को 55,000 करोड़ रुपये के जीएसटी बकाए को लेकर एक दर्जन प्री-शोकॉज नोटिस भेजे हैं।
फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 को 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी नोटिस जारी किया गया है, जो देश में दिया गया अब तक का सबसे बड़ा इनडायरेक्ट टैक्स नोटिस होगा। ष्ठत्रत्रढ्ढ की तरफ से कुल गेमिंग आय पर त्रस्ञ्ज का भुगतान न करने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसलिए जिन मामलों की जांच हो चुकी है, उनमें नोटिस को स्पष्ट करने की जरूरत है। साथ ही यह भी स्पष्ट करने की जरूर है कि उनमें शुरुआती दांव को आधार बनाया जाएगा या नहीं। इंडस्ट्री से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, आगामी हफ्तों में गेमिंग कंपनियों को 1 लाख करोड़ रुपये तक के नोटिस पहुंच सकते हैं। बता दें कि यह नोटिस सरकार ने कसीनो और ऑनलाइन गेमिंग पर 28 % जीएसटी लगाने के निर्णय के बाद भेजे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जिन अन्य कंपनियों को नोटिस मिला है उनमें हेड डिजिटल वर्क्स और प्ले गेम्स 24*7 शामिल हैं।