नई दिल्ली । मूल उपकरण निर्माताओं, मूल डिजाइन निर्माताओं और इस सेक्टर में काम करने वाली अन्य कंपनियों के भारी निवेश के कारण भारत अब मोबाइल फोन के लिए दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र बन गया है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, भारत को 2023 में अपने कुल असेंबल मोबाइल फोन का लगभग 22 प्रतिशत निर्यात करने की उम्मीद है। वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक इवान लैम ने कहा, हालांकि, चीन की विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला अभी भी लंबी अवधि में अपनी आवश्यक भूमिका बनाए रखेगी।
‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देते हुए, भारत ने चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल-अगस्त की अवधि में 5.5 बिलियन डॉलर (45,000 करोड़ रुपये से अधिक) का मोबाइल फोन निर्यात किया, जैसा कि सरकार और उद्योग के आंकड़ों ने हाल ही में दिखाया है। वाणिज्य विभाग और इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुमान के अनुसार, अप्रैल-अगस्त की अवधि में 5.5 अरब डॉलर का मोबाइल फोन निर्यात हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि में 3 अरब डॉलर (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) का निर्यात हुआ था।
भारत चालू वित्त वर्ष में मोबाइल फोन निर्यात में 1,20,000 करोड़ रुपये को पार करने के लिए तैयार है, जिसमें एप्पल वित्त वर्ष 24 में 50 प्रतिशत से अधिक के साथ बाजार में अग्रणी रहेगा। इस बीच रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की पहली छमाही में मूल डिजाइन निर्माताओं (ओडीएम) और इंडिपेंडेंट डिजाइन हाउस (ओडीएम/आईडीएच) से स्मार्टफोन शिपमेंट में छह प्रतिशत (साल-दर-साल) गिरावट आई है।
वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक शेंगहाओ बाई ने कहा, मूल उपकरण निर्माता कंपनियों के एच वन 2023 शिपमेंट में साल-दर-साल गिरावट सैमसंग, शाओमी और लेनोवो समूह के कमजोर प्रदर्शन के कारण हुई। हालांकि, वीवो, ऑनर और ट्रांसन ग्रुप की बढ़त ने गिरावट के कुछ हिस्से की भरपाई कर दी। हुआकिन, लॉन्गचीर और विंगटेक ने 2023 की पहली छमाही में वैश्विक स्मार्टफोन ओडीएम/आईडीएच उद्योग के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य पर अपना दबदबा कायम रखा।
कंपनियों, जिन्हें ‘बिग 3’ के नाम से भी जाना जाता है, की पहली छमाही में वैश्विक ओडीएम/आईडीएच स्मार्टफोन बाजार में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023 की पहली छमाही में आउटसोर्स डिजाइन शिपमेंट में कमी आई, लेकिन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में उनकी हिस्सेदारी बढ़ गई। शीर्ष छह ओडीएम ने कुल ओडीएम शिपमेंट का 95 प्रतिशत हिस्सा लिया।
न्यूयॉर्क । इस साल कच्चे हीरेे की कीमतों में गिरावट आई है। क्योंकि महामारी के बाद कई उपभोक्ता विलासिता की वस्तुओं से दूर हो रहे हैं। यह जानकारी मीडिया ने दी। जि़म्निस्की ग्लोबल रफ डायमंड इंडेक्स के अनुसार, कीमतें एक साल में सबसे कम हैं। उद्योग विश्लेषक इस मंदी का कारण आभूषण की बिक्री में गिरावट को बता रहे हैं।
वैश्विक हीरा विश्लेषक पॉल जिम्निस्की ने कहा उपभोक्ताओं द्वारा आभूषणों के बजाय सेवाओं को चुनने के कारण हीरे की कीमतें कम हुई हैं। विश्लेषकों के अनुसार, महामारी के बाद अब लोग बाहर खाना खा रहे हैं, यात्रा कर रहे हैं और विलासिता की वस्तुओं के बजाय अनुभवों पर पैसा खर्च कर रहे हैं।
हीरा पूरी तरह से उपभोक्ता-संचालित बाजार है। हीरे के आभूषणों के लिए दुकानदारों की मांग कच्चे हीरे की कीमतों और कुछ हद तक खुदरा कीमतों को प्रभावित करती है।
खुदरा विक्रेताओं ने विज्ञापन में करोड़ों डॉलर खर्च करके उपभोक्ता मांग को बढ़ावा दिया। कच्चे हीरे की बिक्री में दो रिकॉर्ड तोडऩे वाले वर्षों के बाद कीमतों में गिरावट आई है। 2021 और 2022 में प्राकृतिक हीरे के आभूषणों की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर थी। उद्योग विश्लेषकों को सर्दियों की छुट्टियों के दौरान और 2024 की शुरुआत में खुदरा बिक्री में उछाल की उम्मीद है।
दुनिया की सबसे बड़ी हीरा कंपनी डी बीयर्स के प्रवक्ता डेविड जॉनसन ने भविष्यवाणी की है कि आगामी महीनों में कच्चे हीरे की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है।
सैन फ्रांसिस्को । अमेरिका स्थित प्रभावशाली मार्केटिंग प्लेटफॉर्म एस्पायर डॉट आईओ ने सोमवार को कहा कि उसने एक अज्ञात राशि से भारतीय सास-बेस्ड ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म कॉमर्सअप का अधिग्रहण किया है।
इन्फ्लुएंस-ड्राइवन कॉमर्स का निर्माण और विस्तार करने के लिए कॉमर्सअप के एग्जीक्यूटिव लीडरशिप के साथ टीम के 12 सदस्य एस्पायर की प्रोडक्ट टीम में शामिल हुए।
एस्पायर के प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव अरुणकुंड्रम ने कहा, कॉमर्सअप टीम ने एशिया में कुछ प्रमुख ओमनी-चैनल कस्टमर्स के लिए मुख्य कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाया है।
मैं भारत में हमारे प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग निवेश को तेजी से शुरू करने में उनकी मदद के लिए उत्साहित हूं। शॉपिफाई और अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के साथ हमारी वाणिज्य क्षमताओं का विस्तार करने की हमारी महत्वाकांक्षी योजना है और टीम पहले से ही हमारे ग्राहकों के लिए प्रभाव डाल रही है।
2019 में पीयूष पाठक द्वारा स्थापित, कॉमर्सअप की टीम ने बहुभाषी, मल्टी-करेंसी और मल्टी-ब्रांड फंक्शनलिटी की आवश्यकता वाले डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर ब्रांडों में विशेषज्ञता वाले इनोवेटिव डिजिटल कॉमर्स सॉल्यूशन बनाए।
टीम अब एस्पायर में इसी तरह के प्रोडक्ट का निर्माण करेगी ताकि विज्ञापनों में यूजर-जनरेट कंटेंट के माध्यम से जिम्मेदार सेल, स्केल किए गए प्रोडक्ट सीडिंग और स्केलेबल आरओआई पर फोकस किया जा सके।
पाठक ने कहा, यह इनोवेशन और कोलैबोरेशन के लिए स्ट्रैटजिक कदम है, जो क्लाइंट्ल को विस्तारित प्रोडक्ट ऑफरिंग्स प्रदान करने के लिए दोनों कंपनियों की विशेषज्ञता का लाभ उठाता है।
कॉमर्सअप टीम ने 2019 में प्रोडक्ट विकसित करना शुरू किया और अगस्त 2020 में दुबई में पहले ग्राहक के साथ लाइव हुई।
एस्पायर के सह-संस्थापक और सीटीओ सुहास प्रसाद ने कहा, यह कदम भारतीय बाजार में उपलब्ध अपार प्रतिभा और तकनीकी क्षमताओं का दोहन करने की एस्पायर की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एस्पायर ने क्रिएटर्स को 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा का भुगतान किया है और रे-बैन, मौड, गार्नियर, एम एंड एम और अन्य जैसे 900 से ज्यादा टॉप ब्रांड्स ने उस पर भरोसा किया है।
नई दिल्ली । बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध संस्थाओं द्वारा बाजार में फैलाई गईं अफवाहों के सत्यापन की समय-सीमा बढ़ा दी है।
सेबी (सूचीबद्धता दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएं) विनियम, 2015 (एलओडीआर विनियम) के विनियम 30 (11) के प्रावधान में अन्य बातों के साथ-साथ 1 अक्टूबर, 2023 से बाजार पूंजीकरण द्वारा शीर्ष 100 सूचीबद्ध संस्थाओं और बाजार द्वारा शीर्ष 250 सूचीबद्ध संस्थाओं की अफवाहों को अनिवार्य रूप से सत्यापित और पुष्टि, खंडन या स्पष्ट करने के लिए 1 अप्रैल, 2024 से पूंजीकरण।
बाजार पूंजीकरण के आधार पर शीर्ष 100 सूचीबद्ध संस्थाओं के लिए एलओडीआर विनियम के विनियमन 30(11) के प्रावधान के कार्यान्वयन की प्रभावी तिथि को 1 फरवरी, 2024 तक और बाजार पूंजीकरण के आधार पर शीर्ष 250 सूचीबद्ध संस्थाओं के लिए 1 अगस्त, 2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
सेबी ने कहा कि यह सर्कुलर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 की धारा 11 के साथ पठित एलओडीआर विनियमों के विनियमन 101 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है।
मुंबई । मुंबई में रहने वालों के लिए एक राहत भरी खबर है। महानगर गैस लिमिटेड ने एक बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने मुंबई और उसके आसपास के उपनगरों में सीएनजी की कीमतों में 3 रुपए प्रति किलोग्राम की कटौती की है। इसके साथ-साथ घरेलू पीएनजी की कीमत में भी 2 रुपए कमी की घोषणा की है। इसके साथ ही मुंबई और उसके आसपास के उपनगरों में सीएनजी की नई कीमत 76 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है। वहीं, घरेलू पीएनजी की कीमत 47 रुपए होगी।
महानगर गैस लिमिटेड की ओर से कीमतों में कमी का आदेश 1 अक्टूबर 2023 की मध्यरात्रि और 2 अक्टूबर 2023 की सुबह से लागू हो जाएगा। इससे पहले अप्रैल महीने में भी महानगर गैस लिमिटेड ने सीएनजी की कीमत में 8 रुपए और पीएनजी की कीमत में 5 रुपए प्रति एससीएम की कटौती की थी।
कीमतों में कटौती के बाद मुंबई और उससे सटे उपनगर में सीएनजी की कीमत 79 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई थी। वहीं, पीएनजी की कीमत 49 रुपए हो गई थी। कटौती से पहले शहर में सीएनजी की कीमत 87 रुपए प्रति किलोग्राम थी जबकि पीएनजी की कीमत 54 रुपए प्रति एससीएम थी।
नई दिल्ली । मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने अगस्त महीने में भारत में रिकॉर्ड 74 लाख से अधिक बैड अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया। कंपनी ने अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट में बताया कि अगस्त में उसने 74,20,748 अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया।
इनमें से लगभग 35,06,905 अकाउंट पर बिना किसी शिकायत के स्वयं संज्ञान लेते हुये बैन लगाया गया। देश में 50 करोड़ से अधिक यूजरों वाले लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को अगस्त में रिकॉर्ड 14,767 शिकायत रिपोर्ट प्राप्त हुईं, और 71 पर कार्रवाई की गई।
कंपनी के अनुसार, रिपोर्ट में यूजरों से प्राप्त शिकायतों और व्हाट्सएप द्वारा की गई कार्रवाई के साथ-साथ उसके प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग से निपटने के लिए व्हाट्सएप की अपनी निवारक कार्रवाइयों का विवरण शामिल है।
इसके अलावा, कंपनी को अगस्त में देश में शिकायत अपीलीय समिति से केवल एक आदेश मिला जिसका उसने अनुपालन किया।