नई दिल्ली । भारत की अग्रणी भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम लगातार त्वरित विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। उसने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 2,519 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया जो साल-दर-साल आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि है।
कंपनी के राजस्व में यह वृद्धि इस तथ्य के बावजूद दर्ज की गई है कि त्योहारी आय इस बार तीसरी तिमाही में स्थानांतरित हो गई है।
पेटीएम ने ईएसओपी (कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना) से पहले कर पूर्व लाभ के साथ परिचालन लाभ में सुधार जारी रखा। यह सालाना आधार पर 319 करोड़ रुपये बढक़र 153 करोड़ रुपये हो गया।
शुद्ध भुगतान मार्जिन एक साल पहले के मुकाबले 60 प्रतिशत बढक़र 707 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके साथ ऋण वितरण व्यवसाय का पेटीएम का कंट्रीब्यूशन प्रॉफिट 69 प्रतिशत बढक़र 1,426 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंट्रीब्यूशन मार्जिन भी एक साल पहले के 44 प्रतिशत से बढक़र 57 प्रतिशत हो गया।
मार्केटिंग और कर्मचारियों पर लागत बढऩे के कारण कंपनी का अप्रत्यक्ष खर्च (ईएसओपी लागत को छोडक़र) एक साल पहले के मुकाबले 26 प्रतिशत बढक़र 1,273 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं राजस्व के अनुपात के रूप में अप्रत्यक्ष खर्च 53 प्रतिशत से घटकर 51 प्रतिशत रह गया।
कंपनी का शुद्ध घाटा एक साल पहले की तुलना में 280 करोड़ रुपये यानी 49 प्रतिशत घटकर 292 करोड़ रुपये रह गया।
फिनटेक दिग्गज की राजस्व वृद्धि में मुख्य योगदान जीएमवी (पेटीएम के माध्यम से व्यापारियों को किया गया भुगतान), मर्चेंट सब्सक्रिप्शन राजस्व, और इसके प्लेटफॉर्म के माध्यम से वितरित ऋणों में बढ़ोतरी का रहा।
इसके मुख्य भुगतान व्यवसाय से इसका राजस्व सालाना आधार पर 28 प्रतिशत बढक़र 1,524 करोड़ रुपये हो गया।
पोस्टपेड, ईएमआई और कार्ड जैसे गैर-यूपीआई उपकरणों के जीएमवी में वृद्धि और इन गैर-यूपीआई उपकरणों पर भुगतान प्रसंस्करण मार्जिन में सुधार के कारण पेटीएम का भुगतान प्रसंस्करण मार्जिन 7-9 बीपीएस (बेसिस प्वाइंट्स) बढा है।
वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में कंपनी का जीएमवी सालाना आधार पर 41 फीसदी बढक़र 4.5 लाख करोड़ रुपये हो गया।
मोबाइल भुगतान की अग्रणी कंपनी का व्यापारी आधार 3.8 करोड़ पर पहुंच गया और वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में उसके 92 लाख नये डिवाइस लगाये गये जिससे इन-स्टोर भुगतान में उसकी पहुंच और मजबूत हुई। एक साल पहले की तुलना में 44 लाख और एक तिमाही पहले की तुलना मेेंं 14 लाख ज्यादा नये डिवाइस लगाये गये।
पेटीएम ने व्यापारियों के लिए तीन नए डिवाइस - पेटीएम कार्ड साउंडबॉक्स, पेटीएम पॉकेट साउंडबॉक्स और पेटीएम म्यूजिक साउंडबॉक्स - लॉन्च किए।
कंपनी का मानना है कि इन लॉन्च से टीएएम, मर्चेंट एंगेजमेंट, कार्ड स्वीकृति और गैर-यूपीआई जीएमवी को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया, हमारा मानना है कि नए उपकरणों के लॉन्च के साथ 10 करोड़ व्यापारियों में से लगभग 40-50 प्रतिशत को किसी प्रकार के भुगतान डिवाइस की आवश्यकता होगी।
वित्तीय सेवाओं और अन्य से पेटीएम की आमदननी सालाना आधार पर 64 फीसदी बढक़र 571 करोड़ रुपये हो गया है।
वितरित ऋणों की कुल संख्या बढक़र 1.32 करोड़ हो गई, जो एक साल पहले के मुकाबले 44 प्रतिशत ज्यादा है। वितरित ऋणों का मूल्य बढक़र 16,211 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में साल-दर-साल आधार पर 122 प्रतिशत की अधिक है।
पेटीएम प्लेटफॉर्म से लोन लेने वाले विशिष्ट ऋणधारकों की संख्या पिछले एक साल में 51 लाख बढक़र 1.18 करोड़ हो गई है।
पेटीएम वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी में ऋण वितरित करता है।
वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में इसने टाटा कैपिटल को शामिल किया, जिससे क्रेडिट कार्ड सहित इसके सभी उत्पादों में बैंक और एनबीएफसी भागीदारों की कुल संख्या नौ हो गई।
कंपनी ने कहा, हम अपने मौजूदा साझेदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे और वित्त वर्ष की शेष अवधि में और साझेदार जोडऩे की राह पर हैं।
पेटीएम का कॉमर्स और क्लाउड राजस्व सालाना आधार पर 12 फीसदी बढक़र 423 करोड़ रुपये हो गया। इसका वाणिज्य जीएमवी एक साल पहले की तुलना में 39 फीसदी बढक़र 2,893 करोड़ रुपये हो गया, जबकि राजस्व सालाना आधार पर 31 फीसदी बढक़र 163 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी का क्लाउड कारोबार सालाना आधार पर तीन फीसदी बढक़र 261 करोड़ रुपये हो गया।
पेटीएम ने सितंबर 2023 तक 8.7 लाख क्रेडिट कार्ड सक्रिय किए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या तीन लाख थी।
जैसे-जैसे मोबाइल भुगतान का चलन बढ़ रहा है, पेटीएम ऐप व्यापक भुगतान उपकरणों, जैसे कि यूपीआई, वॉलेट, पोस्टपेड, कार्ड आदि के माध्यम से विभिन्न उपयोग के मामलों के लिए भुगतान करने की पेशकश के साथ ग्राहकों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।
वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में, कंपनी के औसत मासिक लेनदेन कर्ता (एमटीयू) साल-दर-साल आधार पर 19 प्रतिशत बढक़र 9.5 करोड़ हो गए।
पेटीएम ने अपने परिणामों की विज्ञप्ति में कहा, पेटीएम ऐप जीएमवी में सालाना आधार पर 33 प्रतिशत की वृद्धि और पेटीएम ऐप लेनदेन की मात्रा में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पेटीएम ऐप पर उपभोक्ता जुड़ाव मजबूत बना हुआ है।
नई दिल्ली । एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) पर पिछले महीने 50 करोड़ से अधिक यूजर विजिट कम हो गए और एलन मस्क द्वारा संचालित प्लेटफॉर्म अब वैश्विक रैंकिंग में इंस्टाग्राम के बाद सातवें स्थान पर आ गया है।
नए सिमिलरवेब डेटा के अनुसार, सितंबर में एक्स का ट्रैफिक 6.4 बिलियन से घटकर 5.8 बिलियन हो गया, जो 10 प्रतिशत का नुकसान है। सितंबर में ट्विटर पर विजिट करने वाले 176 देशों में से 83 प्रतिशत में महीने-दर-महीने विजिट में गिरावट देखी गई। वेंचर स्मार्टर द्वारा डेटा के विश्लेषण से पता चला कि एक्स अब मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम के बाद वैश्विक रैंकिंग में सातवें स्थान पर आ गया है। सितंबर में ट्विटर का उपयोग करने वाले 176 देशों में से चार-पांचवें (83 प्रतिशत) से अधिक देशों में वेबसाइट पर महीने-दर-महीने ट्रैफिक़ में गिरावट देखी गई।
गूगल डेटा से यह भी पता चला है कि पिछले साल मस्क द्वारा कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद से ट्विटर पर वैश्विक खोज में गिरावट आई है, जो 14 मिलियन मासिक खोज से घटकर एक साल बाद 11 मिलियन हो गई है, जो नवंबर 2018 के बाद से सबसे कम है। वेंचर स्मार्टर के प्रवक्ता ने कहा, समान वेब ट्रैफिक से पता चलता है कि ट्विटर तेजी से ट्रैफिक खो रहा है और वैश्विक रैंकिंग में पहले ही नीचे गिर चुका है। जब से मस्क ने पदभार संभाला है, इसकी लोकप्रियता में गिरावट होती दिख रही है। सैकड़ों देशों से ट्रैफिक़ में गिरावट देखना चौंका देने वाला है, और यह बॉट्स से निपटने के लिए ट्विटर के पर्दे के पीछे के प्रयास भी हो सकते हैं।
प्रवक्ता ने कहा, हालांकि, जैसा कि मस्क ने हाल ही में कहा है, 1 डॉलर का शुल्क ‘बॉट्स से लडऩे का एकमात्र तरीका’ हो सकता है, इससे अधिक संभावना है कि उपयोगकर्ता प्लेटफॉर्म से स्विच ऑफ कर रहे हैं। मस्क ने शुक्रवार को कहा कि एक्स जल्द ही दो नए भुगतान वाले प्रीमियम टियर लॉन्च करेगा और विज्ञापनों के साथ उस टियर में से एक की कीमत मौजूदा 8 डॉलर प्रति माह से कम होगी। इस सप्ताह की शुरुआत में, टेक अरबपति ने कहा कि बॉट्स से निपटने के लिए, नए एक्स उपयोगकर्ताओं को प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट करने के लिए प्रति वर्ष 1 डॉलर का भुगतान करना होगा, हालांकि वे अन्य पोस्ट मुफ्त में पढ़ सकते हैं।
मुंबई । टाटा की विस्तारा एयरलाइंस से यात्रा करने वाली दो बीमार महिला यात्रियों ने लैंडिंग के बाद व्हीलचेयर न दिए जाने से दुखी होकर एयरलाइन के खिलाफ 10-10 करोड़ रुपये का अलग-अलग मुकदमा दायर किया है। 14 सितंबर को कोलंबो से मुंबई तक बिजनेस क्लास में यात्रा करने वाली महिलाएं हैं 49 वर्षीय मोनिका गुप्ता और उनकी मां 81 वर्षीय उषा एम. गुप्ता।
नैसलीगल लॉ फर्म की पारिवारिक वकील निष्ठा मलिक ने बताया कि भारी मुआवजे की मांग करने वाले दो मामले मोनिका के भाई मुदित गुप्ता ने उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, मुंबई में दायर किए और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के पास भी शिकायत दर्ज कराई गई है।
मुदित गुप्ता ने कहा कि वह और परिवार के सात अन्य सदस्य अपनी मां का 81वां जन्मदिन मनाने के लिए श्रीलंका में छुट्टियां मनाने गए थे और राउंड-ट्रिप बिजनेस क्लास बुकिंग के दौरान उन्होंने विशेष रूप से दो महिलाओं मोनिका और उषा गुप्ता के लिए व्हीलचेयर देने का अनुरोध किया था। लेकिन कोलंबो हवाईअड्डे पर गुप्ता की मां और बहन के लिए कोई व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई गई। बहन मोनिका तीव्र गठिया और एक न्यूरोपैथिक विकार से पीडि़त है और मां उषा एम. गुप्ता अधिक आयु संबंधित विभिन्न बीमारियों से पीडि़त हैं।
जब यह मामला विस्तारा प्रबंधन के संज्ञान में लाया गया, तो कोलंबो में एयरलाइन के कंट्री हेड ने माफी मांगी और मोनिका के दर्द और पीड़ा को देखा। चलने में असमर्थ होने के बावजूद उन्हें कुछ दूर चलना पड़ा। लेकिन विस्तारा प्रबंधन ने श्रीलंकाई एयरलाइंस को दोषी ठहराया, जो कथित तौर पर व्हीलचेयर की व्यवस्था करना जैसे ग्राउंड-हैंडलिंग कर्तव्यों को नियंत्रित करती है।
इससे भी बदतर स्थिति तब हो गई जब उड़ान यूके-132, जो मूल रूप से शाम 6.30 बजे मुंबई में उतरने वाली थी, को उस शाम छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक छोटे चार्टर्ड व्यावसायिक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की त्रासदी के कारण हैदराबाद की ओर मोड़ दिया गया था और कुछ समय के लिए सभी उड़ान संचालन रोक दिए गए।
गुप्ता ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप जलपान या भोजन की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण लगभग आठ घंटे तक उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी। मोनिका के स्पष्ट रूप से बिगड़ते स्वास्थ्य के बावजूद विस्तारा केबिन क्रू पर्याप्त चिकित्सा सहायता प्रदान करने में विफल रहा, और लैंडिंग के बाद फिर से कोई व्हीलचेयर नहीं दी गई।
मोनिका ने दर्द निवारक दवाएं ली थीं और दर्द निवारक स्प्रे भी लगाया था, लेकिन उड़ान के दबाव और लंबे समय तक बैठे रहने के कारण उनका दर्द बढ़ा गया, लेकिन चालक दल ने न तो उसे टॉयलेट जाने में मदद की, न ही डॉक्टर बुलाने की कोई घोषणा की गई। उन्होंने उसे केवल कोई अपरिचित मलहम और दर्द-सुन्न करने वाला बाम दिया।
उषा एम. गुप्ता भी उतनी ही थकी हुई थीं और मोनिका की तरह जल्दी से घर पहुंचना चाहती थीं, लेकिन केबिन क्रू ने दोनों बीमार महिलाओं की खराब स्वास्थ्य स्थिति के बावजूद उन्हें विमान से उतारने में मदद नहीं की।
गुप्ता ने कहा, हमें तब और अपमानित होना पड़ा, जब केबिन क्रू ने हमें चिकित्सा आधार पर अपनी प्राथमिकता का दर्जा छोडऩे के लिए दबाव डाला और हमें उचित सहायता के बिना फिसलन भरे रैंप पर चलना पड़ा। वहां कोई चिकित्सा सहायता या परिवहन विकल्प नहीं था और हम एक घंटा से अधिक समय तक अंधेरे में फंसे रहे।
हालांकि रात करीब 11.45 बजे एक व्हीलचेयर आ गई, लेकिन परिवार ने कहा कि तब तक बहुत देर हो चुकी थी। एक यात्री कोच के आने और उन्हें टर्मिनल भवन में ले जाने से पहले इस परिवार को आधे घंटे तक खुद की देखभाल करनी पड़ी।
गुप्ता ने कड़वाहट भरे अंदाज में कहा, बाद में विस्तारा ने कथित तौर पर एक ईमेल के जरिए वाउचर में 1,000 रुपये के मुआवजे की पेशकश की। परिवार ने विस्तारा एयरलाइन द्वारा यातनाओं, जीवन को खतरे, अपमान और उनकी गरिमा के अपमान के बदले मुआवजे की मांग के लिए सीडीआरसी का रुख किया है और जीवन को खतरे में डालने वाली घटना की डीजीसीए से जांच की मांग की है।
गुप्ता ने कहा, हम विस्तारा एयरलाइन और सिंगापुर एयरलाइंस को निर्देश देना चाहते हैं कि वे यात्रियों को पर्याप्त और समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करें या यदि वे यात्री सुरक्षा और भलाई को खतरे में डालने वाली स्थितियों में काम करना जारी रखते हैं तो उन्हें लाइसेंस रद्द करने का सामना करना पड़ सकता है।
इसके बाद विस्तारा अपीलीय कार्यालय ने गुप्ता परिवार को पत्र लिखकर असुविधा के लिए माफी मांगी और पुष्टि की कि बुकिंग के समय दो व्हीलचेयर आरक्षित थीं। एयरलाइन ने यह भी स्वीकार किया कि कोलंबो में व्हीलचेयर की व्यवस्था करने में देरी हुई।
एयरलाइन ने कहा, उड़ान के दौरान हमारे स्टाफ ने मोनिका और श्रीमती उषा गुप्ता को यथासंभव आरामदेह यात्रा के लिए हर संभव प्रयास किया। मोनिका गुप्ता की जरूरत के मुताबिक उनकी सीट से लेकर शौचालय तक लाने-ले जाने में मदद की गई। इसके अलावा, हमने उन्हें आराम देने के लिए दवाएं भी दीं। आपके अनुरोध के अनुसार व्हीलचेयर के प्रावधान में देरी, मुंबई में आगमन और प्रस्थान की भीड़ रूट डायवर्ट हो जाने के कारण आखिरी मिनट में बढ़ गई थी, जिससे संसाधन प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया था। आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है।
नई दिल्ली । मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का हब बन चुके भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट का काम शुरू हो गया है और यहां बनने वाले सेमीकंडक्टर यानि छोटे चिपसेट कई मामलों में देश के लिए फायदेमंद साबित होंगे। भारत में सेमीकंडक्टर बनने से स्मार्टफोन, कार समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स के दाम कम हो सकते हैं, वहीं सेमीकंडक्टर के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना होगा। दरअसल बिना सेमीकंडक्टर के किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की कल्पना नहीं की जा सकती। सरल शब्दों में कहें तो सेमीकंडक्टर चिप एक तरह से हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का दिल है। इस विशेष क्षेत्र में चिप निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने सेमीकॉन इंडिया 2023 समिट के जरिए देश और दुनिया के सामने अपना विजन रखा। भारत में सेमीकंडक्टर की खपत 2026 तक 80 बिलियन डॉलर और 2030 तक 110 बिलियन डॉलर को पार करने की उम्मीद है। इससे स्पष्ट होता है कि चिप निर्माण भारतीय अर्थव्यवस्था और व्यापार जगत के लिए क्या मायने रखता है, लेकिन, सवाल है कि इस दिशा में अब तक भारत में क्या तैयारी हुई है, कौन-सी कंपनियां सेमीकंडक्टर निर्माण में लगी हुई हैं, क्या-क्या चुनौतियां हैं, चूंकि सेमीकंडक्टर की आपूर्ति के लिए पूरी दुनिया चीन, ताइवान और साउथ कोरिया पर निर्भर है।
चीन की इसी दादागीरी को खत्म करने के लिए भारत ने मोबाइल मेड इन इंडिया मुहित के तहत मोबाइल की लोकल मैन्युफैक्चरिंग शुरू की। इसका नतीजा यह रहा है कि आज भारत मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हब बन चुका है। मौजूदा वक्त में 3.5 लाख करोड़ रुपये के सालाना मोबाइल बना रहा है। साथ ही इस साल 2023 यह आंकड़ा 4 से 4.5 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। इसके अलावा मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है। हाल ही में मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गूगल फॉर इंडिया इवेंट में बताया कि भारत के पहले सेमीकंडक्टर प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है, जो अगले कुछ सालों में चिपसेट का निर्माण शुरू कर देगा। भारत में सेमीकंडक्टर बनने से स्मार्टफोन, कार समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के दाम कम हो सकते हैं। वही सेमीकंडक्टर के लिए दूसरे देशों पर नहीं निर्भर रहना होगा, क्योंकि एक्सपर्ट सलाह दे रहे थे कि अगर भारत का चीन के साथ युद्ध होता है या फिर टेंशन बढ़ती है, तो चीन सेमीकंडक्टर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक पार्ट की सप्लाई रोककर भारत की इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री को तबाह कर सकता है।
नई दिल्ली । मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने एक ही समय में दो व्हाट्सएप अकाउंट लॉग इन करने की सुविधा की घोषणा की। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एक पोस्ट में कहा कि व्हाट्सएप यूजर्स जल्द ही एक ही समय में दो व्हाट्सएप अकाउंट में लॉग इन कर सकते हैं।
उन्होंने घोषणा की, व्हाट्सएप पर दो खातों के बीच स्विच करें। जल्द ही आप ऐप के भीतर एक फोन पर दो व्हाट्सएप अकाउंट रख सकेंगे। यह सुविधा आने वाले सप्ताहों और महीनों में एंड्रॉइड यूजर्स के लिए शुरू हो जाएगी।
कंपनी ने कहा, अब आपको हर बार लॉग आउट करने, दो फोन ले जाने या गलत जगह से मैसेज आने की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
दूसरा खाता बनाने के लिए आपको एक दूसरे फ़ोन नंबर और सिम कार्ड, या एक ऐसे फ़ोन की आवश्यकता होगी जो मल्टी-सिम या ईसिम स्वीकार करता हो। बस अपनी व्हाट्सएप सेटिंग्स खोलें, अपने नाम के आगे वाले तीर पर क्लिक करें और ऐड अकाउंट पर क्लिक करें।
कंपनी के अनुसार, आप प्रत्येक अकाउंट पर अपनी गोपनीयता और अधिसूचना सेटिंग्स को नियंत्रित कर सकते हैं।
मेटा के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म ने यूजर्स को सिर्फ आधिकारिक व्हाट्सएप का उपयोग करने और अपने फ़ोन पर ज्यादा अकाउंट जोडऩे के लिए नकली संस्करण डाउनलोड न करने की सलाह दी है। उसने कहा कि यूजरों के संदेश केवल आधिकारिक व्हाट्सएप का उपयोग करते समय सुरक्षित और निजी हैं।
व्हाट्सएप ने इस सप्ताह की शुरुआत में सभी एंड्रॉइड यूजरों के लिए पासवर्ड-रहित पासकी सुविधा के लिए समर्थन शुरू करने की घोषणा की थी। इस कदम से एंड्रॉइड पर व्हाट्सएप यूजरों को असुरक्षित और यहां तक कि कष्टप्रद दो-कारक एसएमएस प्रमाणीकरण को अलविदा कहने में मदद मिलेगी।
कंपनी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, एंड्रॉइड यूजर पासकी के साथ आसानी से और सुरक्षित रूप से लॉग इन कर सकते हैं। केवल आपका चेहरा, फिंगर प्रिंट या पिन ही आपके व्हाट्सएप अकाउंट को अनलॉक करता है। कंपनी के मुताबिक, एंड्रॉइड सपोर्ट आने वाले सप्ताहों और महीनों में शुरू हो जाएगा। पासकीज़ आपके डिवाइस के स्वयं के प्रमाणीकरण तरीकों से पारंपरिक पासवर्ड को प्रतिस्थापित कर सकते हैं।
नई दिल्ली । पीसी और प्रिंटर प्रमुख एचपी ने गुरुवार को भारत में किफायती रीफर्बिश्ड लैपटॉप पेश किया। कंपनी ने कहा कि वह इसे एक एचपी प्रमाणित भागीदार के माध्यम से चलाएगी, जो खुदरा ग्राहकों और व्यवसायों को इन किफायती एचपी पीसी बेचेगा।
नवीनीकरण कार्यक्रम एक सदस्यता मॉडल में संचालित किया जा रहा है, इससे व्यवसायों को 6, 12, या 24 महीनों के लिए नवीनतम तकनीक तक पहुंचने की अनुमति मिलती है, जिसे अब खुदरा ग्राहकों और छोटे व्यवसायों को लेनदेन के आधार पर नवीनीकृत पीसी की पेशकश करने के लिए विस्तारित किया जा रहा है। कंपनी ने एक बयान में कहा, कार्यक्रम का शुरुआती फोकस नोटबुक पर होगा। इसका उद्देश्य अपनी पेशकशों का विस्तार और विविधता लाना है।
एचपी इंडिया मार्केट के उपाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा,यह उन लोगों के लिए एक गेम-चेंजर है, जो वित्तीय बाधाओं का सामना कर रहे हैं, पीसी उपयोग के लिए दरवाजे खोल रहे हैं। छात्रों को शैक्षिक संसाधन मिलते हैं, छोटे उद्यम उत्पादकता बढ़ाते हैं, और स्टार्टअप लागत प्रभावी तकनीकी समाधान ढूंढते हैं, ये सभी अधिक डिजिटल रूप से समावेशी समाज में योगदान करते हैं। एचपी का प्रमाणित भागीदार उद्यम और खुदरा उपभोक्ताओं से उपकरण प्राप्त करेगा और एचपी द्वारा परिभाषित मानकों के अनुसार उनका नवीनीकरण करेगा।
नवीनीकरण के बाद, भागीदार बिक्री करेगा और वारंटी सहित बिक्री के बाद व्यापक सहायता प्रदान करेगा। नवीनीकरण कार्यक्रम एचपी की पूर्व पायलट पहलों से उपजा है, जैसे आंतरिक रूप से कार्यबल के लिए प्रति वर्ष करीब 20 हजार उपकरणों की पुन: तैनाती। कंपनी ने कहा, हर एचपी-प्रमाणित रीफर्बिश्ड डिवाइस व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के अनुरूप मेमोरी एन्हांसमेंट से लेकर स्टोरेज विस्तार तक कठोर नवीनीकरण प्रक्रिया से गुजरती है।