व्यापार

स्पाइसजेट ने अपने नए व मौजूदा मार्गों पर 44 उड़ानों को किया शामिल
Posted Date : 05-Nov-2023 3:49:46 am

स्पाइसजेट ने अपने नए व मौजूदा मार्गों पर 44 उड़ानों को किया शामिल

नई दिल्ली   । स्पाइसजेट ने अपने नए और मौजूदा मार्गों पर 44 उड़ानें जोडऩे की घोषणा की।
हाल ही में, एयरलाइन ने चार 737 मैक्स सहित आठ बोइंग 737 भी शामिल किए हैं।
अपने उड़ान नेटवर्क का विस्तार करते हुए, स्पाइसजेट ने शिलांग और कोलकाता को दैनिक उड़ानों से जोडऩे की योजना की भी घोषणा की।
एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा, स्पाइसजेट चेन्नई और पुणे, हैदराबाद और कोलकाता तथा जयपुर और दिल्ली के बीच भी कनेक्टिविटी बढ़ा रही है।
एयरलाइन ने मुंबई को बैंकॉक से जोडऩे वाली एक दैनिक उड़ान भी शुरू की।
स्पाइसजेट की मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी शिल्पा भाटिया ने कहा, हम अपने नेटवर्क को बढ़ाने और अपने शीतकालीन शेड्यूल में 44 उड़ानें जोडऩे के लिए उत्साहित हैं।
भाटिया ने कहा, यात्रियों की सुविधा पर विशेष ध्यान देते हुए उड़ानों का चयन सावधानीपूर्वक किया गया है, इससे उन्हें यात्रा के व्यापक विकल्प उपलब्ध होंगे।

 

 

व्हाटसएप ने एक ही महीने में 71 लाख भारतीयों के अकाउंट किए बैन
Posted Date : 04-Nov-2023 5:37:35 am

व्हाटसएप ने एक ही महीने में 71 लाख भारतीयों के अकाउंट किए बैन

नई दिल्ली । मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने नए आईटी नियम 2021 के अनुपालन में सितंबर महीने में भारत में रिकॉर्ड 71 लाख से अधिक खराब खातों पर प्रतिबंध लगा दिया। कंपनी ने 1 से 30 सितंबर के बीच 71,11,000 खातों पर प्रतिबंध लगा दिया। व्हाट्सएप ने अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट में कहा कि उपयोगकर्ताओं की किसी भी रिपोर्ट से पहले इनमें से लगभग 25,71,000 खातों पर सक्रिय रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया।
सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, जिसके देश में 50 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, को सितंबर में देश में रिकॉर्ड 10,442 शिकायत रिपोर्ट प्राप्त हुईं, जिनमें से 85 पर कार्रवाई की गई। एकाउंट्स एक्शनड उन रिपोर्टों को दर्शाता है, जहां व्हाट्सएप ने रिपोर्ट के आधार पर उपचारात्मक कार्रवाई की और कार्रवाई करने का मतलब या तो किसी खाते पर प्रतिबंध लगाना है या परिणामस्वरूप पहले से प्रतिबंधित खाते को बहाल करना है।
कंपनी के अनुसार, इस उपयोगकर्ता-सुरक्षा रिपोर्ट में प्राप्त उपयोगकर्ता शिकायतों और व्हाट्सएप द्वारा की गई कार्रवाई के साथ-साथ हमारे प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग से निपटने के लिए व्हाट्सएप की अपनी निवारक कार्रवाइयों का विवरण शामिल है। इसके अलावा, कंपनी को सितंबर में देश में शिकायत अपीलीय समिति से छह आदेश मिले और उन्होंने इसका अनुपालन किया।
लाखों भारतीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र ने हाल ही में शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) लॉन्च की है जो सामग्री और अन्य मुद्दों के संबंध में उनकी चिंताओं को देखती है। नवगठित पैनल, बिग टेक कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए देश के डिजिटल कानूनों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, जो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के फैसलों के खिलाफ उपयोगकर्ताओं द्वारा की गई अपील पर गौर करेगा।

 

7 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा देश का सर्विस सेक्टर, प्रोडक्शन और नए बिजनेस में आई नरमी है इसकी वजह
Posted Date : 04-Nov-2023 5:37:11 am

7 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा देश का सर्विस सेक्टर, प्रोडक्शन और नए बिजनेस में आई नरमी है इसकी वजह

नई दिल्ली। सर्विस पीएमआई बताने वाली एजेंसी ने अक्टूबर 2023 के पीएमआई इंडेक्स के आंकड़े जारी कर दिये हैं। इस बार सितंबर महीने के मुकाबले अक्टूबर में पीएमआई 61 से गिरकर 58.4 हो गया है। एक्सपर्ट के अनुसार इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग में आई कमी है।
आपको बता दें कि एसएंडपी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग पिछले 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। पीएमआई इंडेक्स द्वारा जारा आंकड़ों के आधार पर ही भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरें तय करता है। अगर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी दर्ज होती है तो यह देश के आर्थिक विकास की ओर ले जाता है। पीएमआई इंडेक्स की दरें देश के रोजगार स्थिति को भी बताती है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अक्टूबर में गिरकर 58.4 पर आ गया, जो सितंबर में 13 साल के उच्चतम 61 पर था। यह मार्च के बाद से विस्तार की सबसे धीमी दर का संकेत है। आपको बता दें कि परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स की भाषा में, 50 से ऊपर प्रिंट का मतलब विस्तार है जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।
भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए ली जाने वाली कीमतें अक्टूबर में और बढ़ गईं, जिससे मुद्रास्फीति का मौजूदा क्रम लगभग तीन साल तक बढ़ गया। भारत में सर्विस कंपनियों ने अक्टूबर में अपने खर्चों में वृद्धि दर्ज की, जिसके लिए उन्होंने भोजन, ईंधन और कर्मचारियों की उच्च लागत को जिम्मेदार ठहराया।

 

 

इलेक्ट्रॉनिक्स की तरह फार्मा सेक्टर भी बढ़ोतरी की राह पर, विदेश में लगातार बढ़ रही भारत में बनी दवाइयों की मांग
Posted Date : 04-Nov-2023 5:36:27 am

इलेक्ट्रॉनिक्स की तरह फार्मा सेक्टर भी बढ़ोतरी की राह पर, विदेश में लगातार बढ़ रही भारत में बनी दवाइयों की मांग

नई दिल्ली  । इलेक्ट्रानिक्स की तरह भारत की दवाइयों की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में वस्तुओं के कुल निर्यात में लगातार गिरावट के बावजूद फार्मा निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है। दूसरी तरफ, एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रेडिएंट्स (एपीआई) के घरेलू निर्माण के प्रोत्साहन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम के शुरू होने के बाद फार्मा के आयात की बढ़ोतरी दर कम होती जा रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-सितंबर में वस्तुओं के कुल निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 8.77 प्रतिशत की गिरावट रही, लेकिन फार्मा के निर्यात में इस अवधि में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल अप्रैल-सितंबर में 13.3 अरब डालर का फार्मा निर्यात रहा जबकि पिछले साल इस अवधि में 12.7 अरब डालर फार्मा निर्यात किया गया था। इस साल सितंबर में फार्मा निर्यात में 9.01 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
तीन साल पहले एपीआई के लिए आयात पर थे निर्भर
कोरोना काल में दवा निर्माण के लिए जरूरी एपीआई के निर्माण की कवायद के साथ पीएलआइ स्कीम शुरू हुई और दो से ढाई साल में 38 मोलिक्यूल्स का निर्माण भारत में होने लगा है। इंडिया ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार मदान कहते हैं, कई मोलिक्यूल्स ऐसे हैं, जिनका निर्माण हम बिल्कुल नहीं करते थे। तीन साल पहले तक इन मोलिक्यूल्स के लिए हम पूरी तरह से आयात पर निर्भर थे। उन्होंने बताया कि निर्यात बढ़ाने के लिए दवा के क्वालिटी कंट्रोल पर ध्यान दिया जा रहा है और मैन्यूफैक्चरिंग के वैश्विक स्तर को पूरी तरह से अपनाने की तैयारी चल रही है। भारत इन दिनों सबसे अधिक दवा निर्यात अमेरिका को कर रहा है। दूसरा नंबर ब्रिटेन का है।
एफटीए होने से आस्ट्रेलिया में बनीं निर्यात की संभावनाएं
अफ्रीकी देशों को होने वाले दवा निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन देशों में भारत की जेनरिक दवा की मांग लगातार बढ़ रही है। दुनिया के शीर्ष 20 जेनेरिक दवा निर्माताओं में आठ कंपनियां भारत की हैं। आस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) होने के बाद वहां भी दवा निर्यात की नई संभावनाएं निकल रही हैं
कई तरह के स्टार्टिंग मैटेरियल अब भी देश में नहीं बन रहे
एक चिंताजनक पहलू यह है कि दवा बनाने के लिए जरूरी कई तरह के स्टार्टिंग मैटेरियल (केएसएम) का निर्माण अब भी देश में नहीं हो रहा है। इसलिए उनका आयात बढ़ रहा है। हालांकि कई एपीआई का उत्पादन घरेलू स्तर पर शुरू होने से उनके आयात में कमी आई है। इसलिए फार्मा आयात की बढ़ोतरी दर कम हो रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में फार्मा के आयात में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़ोतरी दर घटकर दो प्रतिशत रह गई।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर में फार्मा आयात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले सिर्फ 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। निर्यात में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ घरेलू स्तर पर भी दवा के कारोबार में पिछले साल के मुकाबले 8-9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिख रही है। इसलिए दवा का निर्माण भी बढ़ रहा है।

 

अक्टूबर में यूपीआई ने तोड़ा रिकॉर्ड, लेनदेन बढ़कर 17.16 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर पहुंचा
Posted Date : 03-Nov-2023 4:39:59 am

अक्टूबर में यूपीआई ने तोड़ा रिकॉर्ड, लेनदेन बढ़कर 17.16 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर पहुंचा

नई दिल्ली । यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन अक्टूब र में 17.16 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। आंकड़ों के मुताबिक यह इस साल सितंबर में 15.8 लाख करोड़ रुपये से 9 प्रतिशत अधिक है।
रियल टाइम पेमेंट प्लेटफॉर्म चलाने वाली नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों से पता चला है कि मात्रा के संदर्भ में भी लेनदेन की संख्या रिकॉर्ड 11.41 बिलियन तक पहुंच गई, जो सितंबर में 10.56 बिलियन की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है।
एनपीसीआई के अनुसार, नवीनतम आंकड़ों के आधार पर, यूपीआई ने लेनदेन की मात्रा के मामले में साल-दर-साल 55 प्रतिशत और मूल्य के मामले में 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। यूपीआई ने सितंबर में 10.56 बिलियन का लेनदेन वॉल्यूम दर्ज किया और अगस्त में 10 बिलियन का आंकड़ा पार कर लिया था। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, अक्टूबर 2023 में 11 बिलियन से अधिक यूपीआई लेनदेन किए गए। लोग यूपीआई के साथ रियल टाइम में मोबाइल से निर्बाध भुगतान कर रहे हैं।

एनएसई को सितंबर तिमाही में हुआ 13 प्रतिशत का प्रॉफिट, 1,999 करोड़ रुपए भरा सरकार का खजाना
Posted Date : 03-Nov-2023 4:39:40 am

एनएसई को सितंबर तिमाही में हुआ 13 प्रतिशत का प्रॉफिट, 1,999 करोड़ रुपए भरा सरकार का खजाना

नई दिल्ली। शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में से एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अपने चालू वित्त वर्ष 24 के दूसरे तिमाही के नतीजों की घोषणा कर दी है। एनएसई ने सितंबर तिमाही के आंकड़े जारी कर बताया कि जुलाई-सितंबर के दौरान कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट 13 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ 1,999 करोड़ रुपये हो गया है।
24 प्रतिशत बढ़ा परिचालन से आय
एनएसई ने एक बयान में कहा कि समीक्षाधीन दूसरी तिमाही में परिचालन से कंसोलिडेट इनकम 3,652 करोड़ रुपये रहा, जो कि एक साल पहले की अवधि से 24 प्रतिशत अधिक है।
परिचालन से आय ट्रेडिंग के अलावा लिस्टिंग, इंडेक्स सेवाओं, डेटा सेवाओं और सह-स्थान सुविधा सहित अन्य राजस्व के कारण हुआ है। इसके अलावा एनएसई ने यह भी बताया कि सितंबर तिमाही में नेट प्रॉफिट मार्जिन 50 प्रतिशत रहा।
एनएसई ने कितना भरा सरकार का खजाना?
वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में, एनएसई ने सरकारी खजाने में 18,744 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जिसमें 14,858 करोड़ रुपये का एसटीटी (प्रतिभूति लेनदेन कर), स्टांप शुल्क (1,156 करोड़ रुपये), जीएसटी (975 करोड़ रुपये), आयकर (1,252 करोड़ रुपये) और सेबी (503 करोड़ रुपये) शामिल थे।
क्या हैं ट्रेडिंग वाॉल्यूम के आंकड़े?
नकदी बाजारों में एवरेज डेली ट्रेडेड वॉल्यूम (एडीटीवी) साल दर साल के आधार पर 40 प्रतिशत बढक़र 77,757 करोड़ रुपये दर्ज रहा। इक्विटी वायदा भी सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,23,019 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके अलावा इक्विटी विकल्प एडीटीवी सालाना 33 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 60,621 करोड़ रुपये रहा।
कितना रहा स्टैंडअलोन प्रॉफिट?
स्टैंडअलोन आधार पर बात करें तो एनुअल बेसिस पर 2 प्रतिशत बढक़र 1,562 करोड़ रुपये का स्टैंडअलोन प्रॉफिट रहा जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,535 करोड़ रुपये था।