मुंबई । आरबीआई ने आईटी गवर्नेंस, जोखिम, नियंत्रण पर बैंकों और एनबीएफसी को एक नया व्यापक मास्टर दिशानिर्देश जारी किया है। यह दिशानिर्देश डायरेक्टरों के लिए है जिनको ग्राहकों के हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना है। ये निर्देश आईटी गवर्नेंस पर पहले जारी किए गए दिशानिर्देशों और परिपत्रों को शामिल करते हैं और 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगे।
दिशानिर्देशों में सभी विनियमित संस्थाओं को इन सभी चीजों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है, ‘साइबर इवेंट्स’ को सूचना प्रणाली में किसी घटना के रूप में परिभाषित किया गया है। साइबर इवेंट्स कभी-कभी संकेत देती हैं कि घटना घटित होने वाली है। साइबर सिक्योरिटी’साइबर माध्यम से गोपनीयता और सूचना की उपलब्धता का संरक्षण। इसके अलावा, प्रामाणिकता, जवाबदेही, गैर-अस्वीकरण और विश्वसनीयता भी शामिल हो सकते हैं।
‘साइबर इंसीटेंड’ यह ऐसी साइबर इवेंट है जो साइबर सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, चाहे वह दुर्भावनापूर्ण गतिविधि से उत्पन्न हुई हो या नहीं।
‘साइबर-अटैक’ संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, बाधित करने या अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने के लिए साइबर माध्यम से कमजोरियों का फायदा उठाने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास।
‘डी-मिलिटराइज्ड जोन’ या ‘डीएमजेड’ एक नेटवर्क खंड है जो आंतरिक और बाहरी नेटवर्क के बीच है।
‘सूचना असेट’ कोई भी डेटा, उपकरण या जो सूचना-संबंधी गतिविधियों का समर्थन करता है। सूचना संपत्तियों में सूचना प्रणाली, डेटा, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर शामिल हैं।
भारत में कार्यरत विदेशी बैंकों को भी दिशानिर्देशों का पालन करने और किसी विशेष मानदंड के मामले में छूट लेने की स्थिति में आरबीआई के साथ चर्चा करने के लिए कहा गया है।
नई दिल्ली । लंदन में विश्व पर्यटन बाजार आयोजित किया गया है। विश्व भर के प्रतिभागियों के बीच भारत सरकार भी लंदन के पर्यटन बाजार में शामिल हुई है। 6 से 8 नवंबर 2023 तक यह डब्ल्यूटीएम, पर्यटन बाजार लंदन में हो रहा है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने विश्व पर्यटन बाजार (डब्ल्यूटीएम) 2023, लंदन में अतुल्य भारत मंडप के लिए 650 वर्ग मीटर की जगह ली है। इसमें अतुल्य भारत, भारत भ्रमण वर्ष 2023 थीम के तहत भारत आने वाले लोगों के लिए विभिन्न पर्यटन उत्पादों और परिवर्तनकारी अनुभवों की श्रृंखला का प्रदर्शन किया जाएगा।
भारतीय मंडप का औपचारिक उद्घाटन भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की सचिव वी. विद्यावती और ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने किया। इस दौरान दीप प्रज्ज्वलन व गणेश वंदना की गई। गणेश वंदना के उपरांत भारतीय प्रतिनिधिमंडल और प्रतिभागियों ने भारतीय मंडप और विभिन्न प्रतिभागी राज्यों और अन्य हितधारकों के बूथों का दौरा किया। पूरे दिन, अतुल्य भारत ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन, मेंहदी और योग सत्रों का आयोजन किया।
पर्यटन मंत्रालय की सचिव ने एलिवेट स्टेज पर आयोजित युवा और शिक्षा के माध्यम से पर्यटन में बदलाव विषय पर आयोजित यूएनडब्ल्यूटीओ-डब्ल्यूटीटीसी पर्यटन मंत्रियों के शिखर सम्मेलन में भाग लिया। पूरे दिन, पर्यटन सचिव ने यूके बाजार के महत्वपूर्ण यात्रा संचालकों, मीडिया और महत्वपूर्ण हितधारकों से मुलाकात की।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक डीएमसी, दिल्ली, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, बिहार, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, असम के राज्य पर्यटन विभाग तथा भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) समेत कुल 47 प्रतिभागी अतुल्य भारत मंडप में भाग ले रहे हैं। जबकि, केरल, कर्नाटक, लद्दाख, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात के राज्य पर्यटन विभागों ने अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने और संभावित ग्राहकों और भागीदारों से जुडऩे के लिए अपने स्वयं के मंडप निर्मित किए हैं।
अपनी भागीदारी के दौरान पर्यटन मंत्रालय यात्रा और पर्यटन उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े पेशेवरों को एक साथ लाने के लिए डब्ल्यूटीएम 2023, लंदन का उपयोग एक मंच के रूप में करना चाहता है।
प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग नेटवर्किंग, व्यावसायिक अवसरों, विचारों और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए किया जाएगा, क्योंकि यह कार्यक्रम ट्रैवल एजेंसियों, यात्रा संचालकों, एयरलाइंस, होटल व्यवसायियों, क्रूज़ लाइन, पर्यटक प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, पर्यटन बोर्डों सहित यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों को आकर्षित करता है।
पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक अतुल्य भारत, भारत भ्रमण वर्ष 2023 थीम के तहत भारत आने वाले यात्रियों के लिए विभिन्न पर्यटन उत्पादों और परिवर्तनकारी अनुभवों की श्रृंखला का प्रदर्शन करने के अलावा पर्यटन मंत्रालय का विशेष ध्यान सतत पर्यटन को बढ़ावा देने पर होगा। पर्यटन मंत्रालय ने 27 सितंबर 2023 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर ट्रैवल फॉर लाइफ कार्यक्रम शुरू किया है।
नई दिल्ली । वैश्विक विकास चालक के रूप में भारत का महत्व बढा है क्योंकि दुनिया की प्रगति में उसका योगदान बढक़र 2022 में 15 प्रतिशत हो गया और 2023-28 में इसके 17 प्रतिशत रहने की उम्मी द है। इससे पहले 2021 में भारत का योगदान महज 10 प्रतिशत था। ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में यह बात कही।
रिपोर्ट में कहा गया है, अमेरिकी डॉलर के आधार पर, हम उम्मीद करते हैं कि भारत की सांकेतिक जीडीपी वृद्धि वित्तर वर्ष 2025 तक बढक़र 12.4 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी और यह चीन, अमेरिका और यूरो क्षेत्र से बेहतर प्रदर्शन करेगी। यह वित्ती वर्ष 2024 में सात प्रतिशत रहेगी। उच्च विकास दर का मतलब होगा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बेस के बावजूद मजबूत चक्रवृद्धि दर से बढ़ेगी। हमें उम्मीद है कि 2027 तक सांकेतिक जीडीपी पांच लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी, जिससे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
इसमें कहा गया है, हमें उम्मीद है कि वित्ते वर्ष 2024 में विकास दर 6.4 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत की मजबूत दर पर कायम रहेगी। यह 2024 से 2028 तक औसतन 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। पिछले कुछ समय से भारत पर हमारा रचनात्मक दृष्टिकोण रहा है, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत एशिया के भीतर सबसे अच्छा घरेलू मांग अल्फा अवसर प्रदान करता है। आर्थिक आंकड़े मजबूत हैं और जोखिम परिसंपत्तियों का प्रदर्शन अच्छा बना हुआ है। इस पृष्ठभूमि में निवेशकों के बीच बहस इस बात को लेकर है कि क्या इस मजबूत दौर को बरकरार रखा जा सकता है और जोखिम के कौन-कौन से कारक हैं जिन पर ध्यान रखने की जरूरत है।
मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि परिसंपत्ति बाजार के प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चालक निवेश चक्र है। निवेश चक्र पहले ही सुधर चुका है, जो आरंभ में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के कारण तेज उछाल से प्रेरित है।
कुछ निवेशक इस साक्ष्य के लिए एफडीआई डेटा की ओर देख रहे हैं कि भारत आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण से लाभान्वित हो रही है। हालाँकि, भारत में प्रत्यतक्ष विदेशी निवेश प्रवाह वित्तो वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही के 70 अरब डॉलर से घटकर 2023 की दूसरी तिमाही में 33 अरब डॉलर रह गया है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक जीडीपी और व्यापार वृद्धि में नरमी के साथ, वैश्विक एफडीआई प्रवाह में नरमी आई है।
इसके अलावा, कुछ क्षेत्र-विशिष्ट कारक हैं, जैसे कि इंटरनेट और संबंधित क्षेत्रों के लिए वित्त पोषण (उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी दृष्टिकोण से), जो धीमा हो गया है और समुच्चय पर असर डाल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निश्चित रूप से, भारत ने वास्तव में 2017 के बाद से वैश्विक एफडीआई प्रवाह में उच्च हिस्सेदारी हासिल की है। इसकी हिस्सेदारी 2017 की चौथी तिमाही में 2.4 प्रतिशत से बढक़र 2023 की पहली तिमाही में 4.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
ध्यान देने वाली एक और बात यह है कि कार्यान्वयन में कुछ खामियां हैं, जहां घोषणाएं तो कर दी गई हैं, लेकिन वास्तविक निवेश अभी तक नहीं हुआ है। उदाहरण के लिए, हमें अभी भी फॉक्सकॉन और इंटेल जैसी कंपनियों से इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण निवेश प्रतिबद्धताओं के बारे में खबरें मिल रही हैं, हाल ही में देश में लैपटॉप बनाने के लिए आठ कंपनियों के साथ सहयोग की घोषणा की है।
नई दिल्ली । उन प्रीपेड ग्राहकों के लिए बुरी खबर है जो अक्सर अपना नंबर बदलते रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मोबाइल फोन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां वैधानिक 90 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद नए ग्राहकों को निष्क्रिय/डिस्कनेक्ट किए गए नंबरों जारी कर सकती हैं। ऐसा करने से कंपनियों को नहीं रोका जा सकता है। ऐसे में यह पूर्व ग्राहकों पर निर्भर है कि वे व्हाट्सएप या किसी अन्य पर साझा किए गए डेटा को हटा दें।
जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने वकील राजेश्वरी की याचिका खारिज कर दी। याचिका में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को मोबाइल सेवा प्रदाताओं को नए ग्राहकों को निष्क्रिय मोबाइल नंबर जारी करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की थी। ट्राई ने वकील संजय कपूर के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को बताया कि निष्क्रिय मोबाइल नंबरों का फिर से आवंटन ‘नंबरिंग संसाधनों’ के प्रशासन से संबंधित है, जो पूरी तरह से दूरसंचार विभाग के क्षेत्र में आता है।
जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हम वर्तमान रिट याचिका के साथ आगे बढऩे के इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि ट्राई की तरफ से दायर जवाबी हलफनामे से यह स्पष्ट है कि मोबाइल टेलीफोन नंबर, एक बार उपयोग न करने के कारण डिएक्टिव कर दिया गया या अनुरोध पर काट दिया गया। इस नंबर को किसी नए ग्राहक को कम से कम 90 दिनों की अवधि के लिए आवंटित नहीं किया जाता है। यह पहले वाले ग्राहक पर निर्भर है कि वह प्राइवेसी बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए। गोपनीय डेटा के उल्लंघन के बारे में याचिकाकर्ता की चिंता पर पीठ ने कहा कि ग्राहक पिछले से जुड़े व्हाट्सएप खाते को हटाकर व्हाट्सएप डेटा के दुरुपयोग को रोक सकता है। इसमें फोन नंबर और स्थानीय डिवाइस मेमोरी/क्लाउड/ड्राइव पर स्टोर वाट्सएप डेटा को हटाना भी शामिल है।
अपने हलफनामे में, ट्राई ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि ष्ठशञ्ज ने अप्रैल 2017 में दो निर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि ग्राहक के अनुरोध पर गैर-उपयोग/डिस्कनेक्शन के लिए निष्क्रिय किए गए ग्राहक के सेलुलर मोबाइल टेलीफोन कनेक्शन को किसी अन्य ग्राहक को आवंटित नहीं किया जाएगा। इसमें निष्क्रियकरण/डिसकनेक्शन की तारीख से न्यूनतम 90 दिनों की अवधि, या लाइसेंसधारी द्वारा निर्दिष्ट लंबी अवधि की समाप्ति का जिक्र था। ट्राई ने कहा कि मोबाइल नंबर निरस्तीकरण सूची स्थायी रूप से डिस्कनेक्ट किए गए मोबाइल नंबरों की एक डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित सूची थी।
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने अरहर और उड़द दाल पर लागू स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है। सरकार ने इन दोनों दालों पर मौजूदा स्टॉक लिमिट को बढ़ा दिया है। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके मुताबिक संशोधित स्टॉक लिमिट तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
सरकार ने थोक कारोबारियों को अब प्रत्येक दाल का 200 टन स्टॉक रखने की इजाजत दी है। पहले ये कारोबारी 50 लाख टन दाल रख सकते थे। खुदरा दाल कारोबारियों को दोनों दालों में से प्रत्येक का 5 टन स्टॉक रखने की अनुमति होगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेता (बिग चेन रिटेलर) प्रत्येक खुदरा आउटलेट पर प्रत्येक दाल का 5 टन स्टॉक रख सकते हैं, जबकि डिपो या वेयर हाउस में दाल रखने की लिमिट 200 टन होगी। पहले डिपो पर दाल रखने की लिमिट 50 टन थी। मिलर पिछले 3 महीने के उत्पादन का या वार्षिक क्षमता का 25 फीसदी इनमें जो भी ज्यादा हो दाल का स्टॉक रख पाएंगे। पहले मिलर के लिए यह स्टॉक लिमिट एक महीने के उत्पादन या वार्षिक क्षमता का 10 फीसदी थी। आयातक इन दालों का स्टॉक कस्टम क्लीयरेंस के 60 दिनों तक रख सकेंगे। पहले आयातक 30 दिन तक की दाल रख सकते थे। अगर किसी कारोबारी के पास इस तय स्टॉक लिमिट से ज्यादा स्टॉक है तो वे उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर सूचित करेंगे कि वे इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिन के भीतर स्टॉक को निर्धारित लिमिट तक लाएंगे। दाल कारोबारियों को विभाग के पोर्टल पर स्टॉक की नियमित घोषणा करनी होगी।
दालों की महंगाई थामने लगी थी स्टॉक लिमिट
केंद्र सरकार ने बढ़ती दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अरहर व उडद दालों पर स्टॉक लिमिट लगाई थी। सरकार ने सितंबर महीने में अरहर व उड़द दाल पर स्टॉक लिमिट को घटा दिया था। अब सरकार ने फिर से इस लिमिट को बढ़ा दिया है। पहले स्टॉक लिमिट 30 अक्टूबर तक के लिए प्रभावी थी। इसे भी हाल में बढाकर 31 दिसंबर तक के लिए प्रभावी कर दिया गया है।
नई दिल्ली । यात्री हितों की सुरक्षा के प्रति अपने अटूट समर्पण का संकेत देते हुए विमानन निगरानी संस्था डीजीसीए ने यात्री-केंद्रित नियमों का अनुपालन न करने पर एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, डीजीसीए ने उड़ान में व्यवधान के दौरान यात्री देखभाल के उच्च मानक प्रदान करने के महत्व पर लगातार जोर दिया है, जिसमें बोर्डिंग से इनकार, उड़ान रद्दीकरण और देरी भी शामिल है।
अधिकारी ने कहा, इन नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए डीजीसीए ने 2010 में सीएआर सेक्शन-3, सीरीज एम भाग 4 शीर्षक से यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार, उड़ान रद्द होने और उड़ानों में देरी के कारण एयरलाइंस द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की घोषणा की थी। नियमों को समय-समय पर संशोधित किया जाता रहा है।
मई 2023 से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) इन यात्री-केंद्रित नियमों के लिए एयरलाइनों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख हवाईअड्डों पर अनुसूचित घरेलू एयरलाइनों का निरीक्षण कर रहा है। अधिकारी ने कहा, इन निरीक्षणों के दौरान यह देखा गया कि एयर इंडिया सीएआर के प्रावधानों का पूरी तरह से अनुपालन नहीं कर रही थी। नतीजतन, एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उसे एयरलाइन को नियमों का अनुपालन न करने के बारे में स्पष्टीकरण देने और सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
इसी तरह के निरीक्षण पिछले साल भी प्रमुख हवाईअड्डों पर किए गए थे और नियमों के उल्लंघन पर एयर इंडिया को यात्रियों के अस्वीकृत बोर्डिंग पर सीएआर के प्रावधानों के साथ एयर इंडिया द्वारा इसी तरह के गैर-अनुपालन के आधार पर 10,00,000 रुपये (दस लाख रुपये) का जुर्माना लगाया गया था।
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