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2027 तक नौ नए डिवाइसों में ओएलईडी ला सकता है एप्पल
Posted Date : 20-Nov-2023 3:40:34 pm

2027 तक नौ नए डिवाइसों में ओएलईडी ला सकता है एप्पल

सैन फ्रांसिस्को ।  एप्पल 2027 तक नौ नए उपकरणों में ओएलईडी डिस्प्ले तकनीक लाने की योजना बना रहा है। मैकरूमर्स की रिपोर्ट के अनुसार एप्पनल द्वारा अगले साल दोनों आईपैड प्रो मॉडल पेश किए जाने के बाद 2026 में आईपैड मिनी और आईपैड एयर पर ओएलईडी डिस्प्ले पेश करने की उम्मीद है। यह खबर सबसे पहले ताइवान के ईटी न्यूज ने प्रकाशित की थी। जहां आईपैड एयर अपना 10.9 इंच का डिस्प्ले रखेगा, वहीं आईपैड मिनी की स्क्रीन 8.3 से 8.7 इंच तक होगी। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि एप्पल 2027 में 12.9 इंच आईपैड एयर मॉडल में ओएलईडी डिस्प्ले तकनीक पेश करेगा, जिसके अगले साल की शुरुआत में एलसीडी डिस्प्ले के साथ शुरू होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, तकनीकी दिग्गज ने 2027 में आईपैड प्रो के ओएलईडी पैनल को कलर फिल्टर ऑन एनकैप्सुलेशन (सीओई) के माध्यम से बेहतर प्रकाश दक्षता के साथ अगली पीढ़ी के पैनल में अपग्रेड करने की योजना बनाई है, जिससे बिजली की खपत लगभग 20 प्रतिशत कम होने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, कलर फिल्टर के इस्तेमाल से एप्पल पहली बार आईपैड पर अंडर-डिस्प्ले कैमरा तकनीक लागू कर सकेगा। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि एप्पाल द्वारा 2025 में 16-इंच मैकबुक प्रो में ओएलईडी लाने की योजना है। इसके बाद 2026 में 14 इंच मॉडल लाया जाएगा।
2026 में 13 और 15 इंच मैकबुक एयर मॉडल भी एलसीडी से ओएलईडी पर स्विच हो जाएंगे। इस बीच, एप्पेल ने 2024 के अंत में अधिकांश एंड्राइड उपकरणों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आईफोन पर आरसीएस (रिच कम्युनिकेशन सर्विसेज) मैसेजिंग मानक का समर्थन करने की घोषणा की है। एक बयान में टेक दिग्गज ने कहा कि आरसीएस क्रॉस-प्लेटफॉर्म संदेशों के लिए बेहतर इंटरऑपरेबिलिटी प्रदान करेगा।

 

यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को दूसरी तिमाही में 204 करोड़ रुपये का मुनाफा
Posted Date : 20-Nov-2023 3:40:13 pm

यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को दूसरी तिमाही में 204 करोड़ रुपये का मुनाफा

चेन्नई । सार्वजनिक क्षेत्र की तीन सामान्य बीमा कंपनियों के पुनरोद्धार की कहानी को पूरी करते हुये यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 204.30 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। पिछले साल समान अवधि में उसे 347.44 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
गत 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में कंपनी को प्रीमियम से 4,163.80 करोड़ रुपये की आय हुई जो पिछले वित्ति वर्ष की दूसरी तिमाही में 3,517.97 करोड़ रुपये थी। आलोच्ये अवधि में उसे 204.30 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ भी प्राप्त7 हुआ।
समीक्षाधीन तिमाही के दौरान, यूनाइटेड इंडिया इंश्योतरेंस का शुद्ध दावा भुगतान भी बढक़र 3,845.95 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल इसी अवधि में कंपनी ने 3,707.56 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया था।
निवेश की बिक्री में कंपनी को एक साल पहले जहां 284.34 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था वहीं पिछली तिमाही में उसे 434.38 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। ब्या ज लाभांश और किराये से प्राप्ता लाभ 613.23 करोड़ रुपये से बढक़र 624.96 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
हालाँकि सॉल्वेंसी मार्जिन निर्धारित 1.5 के मुकाबले 0.38 है।
इससे पहले, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने पिछले वित्तक वर्ष की पहली छमाही में 1,768.46 करोड़ रुपये के नुकसान के मुकाबले चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 44.82 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ घोषित किया था।
द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने भी वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही के दौरान अपने शुद्ध घाटे को 3,586.93 करोड़ रुपये से कम कर 42.17 करोड़ रुपये कर दिया।

 

ईटीएस इंडिया और एलन ग्लोबल ने भविष्य के वैश्विक लीडर्स को विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर
Posted Date : 20-Nov-2023 3:39:51 pm

ईटीएस इंडिया और एलन ग्लोबल ने भविष्य के वैश्विक लीडर्स को विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

नई दिल्ली ।  ईटीएस की सहायक कंपनी और दुनिया का सबसे बड़ा शैक्षिक मूल्यांकन, अनुसंधान और एसेसमेंट कंपनी ईटीएस इंडिया, टीओईएफएल, जीआरई और एलन ग्लोबल स्टडीज डिवीजन जैसे मूल्यांकन के मालिक, जो एक प्रमुख शिक्षा इकाई है ने टीओईएफएल और जीआरई जैसे परीक्षणों में उनकी दक्षता कौशल को और बढ़ाकर एलन ग्लोबल में छात्रों को मजबूत बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सहयोग छात्रवृति, पंजीकरण अते और एडवांस रिसर्च तैयारी सीखने के समर्थन जैसी कई पहल शुरू करने के लिए तैयार है।
ईटीएस इंडिया और एलन ग्लोबल मिलकर मेधावी छात्रों को डिजिटल प्रमाणपत्र के साथ 5,00,000 रुपये की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त, जीआरई और टीओईएफएल दोनों के लिए एक साथ पंजीकरण कराने वाले छात्रों को विशेष छूट दी जाएगी। संयुक्त उद्यम प्रमुख एलन वैश्विक स्थानों पर एक सह-ब्रांडेड वॉल ऑफ फेम की सुविधा देगा और एलन विद्वानों को जीआरई और टीओईएफएल परीक्षण शुल्क पर विशेष छूट प्रदान करेगा, साथ ही दोनों परीक्षणों के लिए एक साथ नामांकन करने वालों के लिए अतिरिक्त लाभ भी मिलेगा।
इस अवसर पर ईटीएस इंडिया और दक्षिण एशिया के कंट्री मैनेजर, सचिन जैन ने कहा, हमें एलन ग्लोबल स्टडीज डिवीजन के साथ अपने रणनीतिक गठबंधन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
हमारे ठोस प्रयास कल के लीडर्स के लिए रास्ते तय करेंगे। हमारे मजबूत परीक्षण प्लेटफार्मों के माध्यम से उनकी शैक्षणिक महत्वाकांक्षाओं और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को सुविधाजनक बनाएंगे।
हम टीओईएफएल और जीआरई परीक्षाओं की सहायता से विदेश में अध्ययन करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के सपनों को पूरा करने के लिए अपनी सामूहिक विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, एलन के शानदार नेटवर्क के साथ काम करने के लिए उत्साहित हैं। परीक्षण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एलन ग्लोबल ईटीएस इंडिया पंजीकरण पोर्टल तक पहुंच प्राप्त करेगा, जिससे जीआरई और टीओईएफएल परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के लिए एक आसान यात्रा की सुविधा मिलेगी।
सहयोग में एलन ग्लोबल के शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण, छात्रों के लिए विशेष टीओईएफएल और जीआरई मास्टरक्लास, कंप्लीमेंट्री टीओईएफएल अभ्यास परीक्षा और विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ विशेष वेबिनार जुड़ाव भी शामिल हैं।
एलन ग्लोबल के प्रबंध निदेशक अमन माहेश्वरी ने कहा, हम ईटीएस इंडिया के साथ अपने सहयोग की शुरुआत की घोषणा करते हुए वास्तव में उत्साहित हैं। यह रोमांचक उद्यम एक साझा यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है, और हम उन अवसरों और उपलब्धियों की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो एक साथ काम करने पर सामने आएंगी। छात्रों को विदेश में अपने अध्ययन और टीओईएफएल या जीआरई तैयारी के सपनों को साकार करने में सहायता करने में ईटीएस की गहन विशेषज्ञता का लाभ उठाने की संभावना हमें बड़ी आशा से भर देती है। यह संस्थागत साझेदारी सिर्फ एक सहयोग से कहीं अधिक का प्रतीक है, यह एक आदर्श बदलाव की शुरुआत करती हैं, जो दुनिया के अग्रणी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की तैयारी के लिए छात्रों द्वारा अपनाए जाने वाले दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव का वादा करती है। साथ मिलकर हम वैश्विक शैक्षणिक लक्ष्य के लिए शैक्षिक तैयारी के संपूर्ण परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने और उन्नत करने की आकांक्षा रखते हैं।

 

आरबीआई ने 20 नवंबर को प्रीमैच्योर एसजीबी रिडेम्पशन के लिए 6,076 रुपये प्रति यूनिट तय किया रेट
Posted Date : 19-Nov-2023 3:30:38 pm

आरबीआई ने 20 नवंबर को प्रीमैच्योर एसजीबी रिडेम्पशन के लिए 6,076 रुपये प्रति यूनिट तय किया रेट

नईदिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि 20 नवंबर को देय सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड को समयपूर्व भुनाने का मूल्य 6,076 रुपये प्रति यूनिट होगा।
रिजर्व बैंक ने कहा, सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) योजना पर भारत सरकार की छह अक्टूबर, 2017 की अधिसूचना के अनुसार, स्वर्ण बॉन्ड के जारी होने की तारीख (जिस तारीख से ब्याज देय है) से पांच वर्ष के बाद उसके समय-पूर्व मोचन की अनुमति दी जा सकती है।’’
आरबीआई ने कहा, इसके अलावा, एसजीबी का मोचन मूल्य, मोचन की तारीख से पहले तीन कारोबारी दिवस के इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत पर आधारित होगा।
बैंक ने कहा, इसके अनुसार, 20 नवंबर, 2023 को देय समय-पूर्व मोचन के लिए मोचन मूल्य 6,076 रुपये प्रति एसजीबी इकाई होगा, जो 15, 16 और 17 नवंबर, 2023 के तीन कारोबारी दिवस के सोने के बंद भाव के साधारण औसत पर आधारित होगा।
एसजीबी सोने के ग्राम में अंकित सरकारी प्रतिभूतियां हैं। ये भौतिक सोना रखने का विकल्प हैं।

 

नियमों में बदलाव से बैंकों को 84,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत
Posted Date : 19-Nov-2023 3:30:21 pm

नियमों में बदलाव से बैंकों को 84,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत

नईदिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के असुरक्षित माने जाने वाले कर्ज के लिये नियम सख्त करते हुए जोखिम भार बढ़ाये जाने से बैंकों को 84,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने यह बात कही है।
रिजर्व बैंक ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज, क्रेडिट कार्ड जैसे कर्ज से जुड़े नियम को सख्त कर दिया।
संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई। अर्थशास्त्रियों ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि चूंकि प्रमुख नीतिगत दर रेपो उच्चस्तर पर पहुंच चुकी है, ऐसे में आरबीआई वृद्धि और मुद्रास्फीति को लेकर तय लक्ष्यों को हासिल करने के लिये नकदी प्रबंधन और सूझबूझ वाले वृहद आर्थिक उपायों का सहारा ले रहा है।
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा, बढ़े हुए जोखिम भार का तत्काल प्रभाव यह होगा कि बैंकों को अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी। हमारा अनुमान है कि बैंक उद्योग को इससे 84,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी।
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जोखिम भार बढ़ाने के निर्णय के जरिये संभवत: आरबीआई ने एक मजबूत संदेश दिया है। इसके जरिये उसने संदेश दिया है कि वह किसी भी शुरुआती वित्तीय स्थिरता को लेकर जोखिम से निपटने को लेकर पूरी तरह से तैयार है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आरबीआई ने जो कदम उठाया है, वह बैंकों और एनबीएफसी में संपत्ति के मोर्चे पर दबाव और उससे नुकसान की पहचान की दिशा में उठाये जा रहे कदमों के अनुरूप है।

 

सेल की स्थापित क्षमता 1.5 करोड़ टन बढ़ाने का काम शुरू: चेयरमैन
Posted Date : 19-Nov-2023 3:29:34 pm

सेल की स्थापित क्षमता 1.5 करोड़ टन बढ़ाने का काम शुरू: चेयरमैन

नईदिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात विनिर्माता सेल के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने कहा है कि स्थापित क्षमता में 1.5 करोड़ टन के विस्तार की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की मौजूदा स्थापित क्षमता लगभग दो करोड़ टन प्रति वर्ष है। प्रकाश ने सेल की विस्तार योजनाओं के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा, इसे शुरू कर दिया गया है। योजना के पहले चरण में हम इसे 3.5 करोड़ टन तक ले जाने वाले हैं। इस तरह विस्तार का पहला चरण 1.5 करोड़ टन का है।
विस्तार योजना पर खर्च की जाने वाली राशि और इसमें लगने वाले समय के बारे में सेल चेयरमैन ने कहा कि कंपनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर सक्रियता से काम कर रही है और फिलहाल कोई भी संख्या बता पाना मुश्किल है। विस्तार योजना के लिए वित्तपोषण मॉडल के बारे में प्रकाश ने कहा कि सेल इसके लिए अपने कोष का इस्तेमाल करेगी और बाजार से भी फंड जुटाएगी।
उन्होंने कहा, वित्तपोषण आंतरिक संसाधनों और बाजार दोनों का मिश्रण होगा। इस्पात उद्योग एक बड़े पूंजीगत व्यय वाला उद्योग है। हम फंड के लिए बाजार में रहेंगे।
सेल के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी न केवल अपनी स्थापित इस्पात निर्माण क्षमता का विस्तार करेगी बल्कि नई प्रौद्योगिकियां भी स्थापित करेगी। इसके साथ ही सेल कच्चे माल और तैयार उत्पादों की आवाजाही के लिए लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचे का विकास भी करेगी।
इस्पात मंत्रालय के तहत संचालित सेल के पास देश के विभिन्न स्थानों में पांच एकीकृत और तीन विशेष इस्पात संयंत्र हैं।