जयपुर । हाजिर माल की कमी तथा चौतरफा डिमांड के चलते मगज तरबूज (तरबूज के बीज) की कीमतों में इन दिनों जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। जयपुर मंडी में एक माह के अंतराल में ही मगज तरबूज 100 रुपए उछलकर वर्तमान में 525 रुपए प्रति किलो के आसपास थोक में बिकने लग गया है।
दीनानाथ की गली स्थित फर्म मालीराम दिनेश कुमार के मुकेश अग्रवाल ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के शुरू से ही अफ्रीकी देश सूडान से भारत में मगज तरबूज का आयात नहीं के बराबर हो रहा है, जबकि घरेलू स्तर पर इसका स्टॉक भी कम मात्रा में बचा हुआ है।
अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे महत्वपूर्ण उत्पादक राज्यों में मगज तरबूज का बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादकता घटती जा रही है। हाईब्रिड किस्म की खेती अधिक होने लगी है, जिसमें बीज कम होते हैं।
ध्यान रहे 31 मार्च 2024 तक सूडान सहित कुछ अन्य देशों से भारी मात्रा में तरबूज बीज का आयात होने से घरेलू स्तर पर इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ गई थी तथा कीमतों में भी नरमी आ गई थी। इसके भाव घटकर 400 रुपए प्रति किलो के आसपास आ गए थे। मगर अब फिर से डिमांड निकलने से इसकी कीमतें उछलने लगी हैं।
जहां तक देशी मगज तरबूज का सवाल है, पिछले साल इसका भाव 800 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच गया था। चूंकि इन दिनों सूडान से माल नहीं आ रहा है, लिहाजा स्टॉकिस्ट मगज तरबूज की भारी खरीदारी करने में व्यस्त हैं।
जानकारों के अनुसार तेजी का एक और कारण ये भी है कि इन दिनों काजू टुकड़ी के भाव 800 रुपए प्रति किलो के पार निकल गए हैं। इसलिए ग्रेवी एवं काजू कतली बनाने वालों की डिमांड भी मगज तरबूज में निकल गई है। ग्रेवी बनाने के लिए रेस्टोरेंट वालों की लिवाली मगज तरबूज में लगातार बनी हुई है। लिहाजा उक्त सभी कारणों को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि शीघ्र ही मगज तरबूज के भाव 650 रुपए प्रति किलो बन सकते हैं।
मुंबई । सुदर्शन केमिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एससीआईएल या कंपनी) ने घोषणा की है कि उसने एक परिसंपत्ति और शेयर सौदे के संयोजन में अधिग्रहण पर जर्मनी स्थित ह्यूबैक समूह के साथ एक निर्णायक समझौता किया है। इस रणनीतिक अधिग्रहण से एक वैश्विक पिगमेंट कंपनी बनेगी, जो एससीआईएल के परिचालन और विशेषज्ञता को ह्यूबैक की तकनीकी क्षमताओं के साथ जोड़ेगी।
अधिग्रहण के बाद, संयुक्त कंपनी के पास उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का एक व्यापक पिगमेंट पोर्टफोलियो होगा और यूरोप और अमेरिका सहित प्रमुख बाजारों में इसकी मजबूत उपस्थिति होगी। यह एससीआईएल के उत्पाद पोर्टफोलियो को बढ़ाएगा, जिससे इसे ग्राहकों तक पहुंच मिलेगी और वैश्विक स्तर पर 19 साइटों पर एक विविध परिसंपत्ति पदचिह्न मिलेगा। संयुक्त कंपनी का नेतृत्व राजेश राठी और उच्च प्रदर्शन करने वाली प्रबंधन टीम द्वारा किया जाएगा, जिसमें गुणवत्ता निष्पादन कौशल और तकनीकी योग्यता होगी।
ह्यूबैक समूह का 200 साल का इतिहास है और 2022 में क्लेरिएंट के साथ एकीकरण के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पिगमेंट समूह बन गया। ह्यूबैक का वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 22 में एक अरब यूरो से अधिक का राजस्व था, जिसमें विशेष रूप से यूरोप, अमेरिका और एपैक क्षेत्र में वैश्विक पहुंच थी। बढ़ती लागत, इन्वेंट्री मुद्दों और उच्च ब्याज दरों के कारण समूह को पिछले दो वर्षों में वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
एससीआईएल द्वारा ह्यूबैक का अधिग्रहण एक स्पष्ट टर्नअराउंड योजना के साथ इन चुनौतियों का समाधान करेगा। लेन-देन पर टिप्पणी करते हुए एससीआईएल के प्रबंध निदेशक राजेश राठी ने कहा कि हम इस लेन-देन से खुश हैं जो दो व्यवसायों को एक साथ लाता है जो प्रमुख वैश्विक बाजारों की सेवा करेंगे। हम इन दोनों कंपनियों को वास्तव में वैश्विक पिगमेंट कंपनी बनाने के लिए सावधानीपूर्वक एकीकृत करेंगे, जिसमें फ्रैंकफर्ट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान बना रहेगा।
एससीआईएल अपनी चपलता और दक्षता के लिए जाना जाता है, और हम इस संस्कृति को संयुक्त कंपनी में शामिल करेंगे ताकि इसे सबसे अधिक ग्राहक-केंद्रित और लाभदायक पिगमेंट कंपनियों में से एक बनाया जा सके। यह अधिग्रहण 3-4 महीने में पूरा होने की उम्मीद है, बशर्ते कि नियामकों और एससीआईएल शेयरधारकों से अनुमोदन सहित पारंपरिक समापन शर्तें पूरी हो जाएं।
नई दिल्ली । मोबाइल टेलीफोन की कम दरें (लो-कॉस्ट मोबाइल टेलीफोनी) भारत को डिजिटल बनाने की राह पर लाने में मददगार रही हैं। वर्ष 2022-23 में 15 वर्ष से ज्यादा उम्र के 85 प्रतिशत लोग मोबाइल फोन कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे थे। मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों का यह आंकड़ा ठीक दो वर्ष पहले 2022-21 में 70.2 प्रतिशत था।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा रिलीज किए गए एक सर्वेक्षण से यह जानकारी सामने आई है। भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी दो वर्षों में काफी सुधार देखा गया है।
सर्वेक्षण में सामने आई जानकारी बताती है कि 2020-21 में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों का आंकड़ा 41.8 प्रतिशत था। वहीं, 2022-23 में यह बढक़र 59.8 प्रतिशत हो गया। इनमें 15-29 आयु वर्ग के लोग 84.2 प्रतिशत से भी ज्यादा हैं।
सर्वेक्षण में सामने आई जानकारी के अनुसार, 15 वर्ष से अधिक उम्र की 78.7 प्रतिशत महिलाएं एक्टिव मोबाइल कनेक्शन का इस्तेमाल कर रही हैं। ठीक दो वर्ष पहले इस उम्र वर्ग की केवल 56.7 प्रतिशत महिलाएं ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पा रही थी। वहीं, 2020-21 में 83.2 प्रतिशत पुरुष ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पा रहे थे। ठीक दो वर्ष बाद 2022-23 में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले पुरुषों का यह आंकड़ा 91.4 प्रतिशत पहुंच गया।
इस नए सर्वेक्षण के अनुसार, हर 5 में से 2 व्यक्ति बैंकिंग लेन-देन करने में सक्षम है। वहीं, 43.4 प्रतिशत लोग अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईमेल भेजने में कर सकते हैं।
सर्वेक्षण में सामने आई जानकारी के अनुसार, लगभग 94 प्रतिशत आबादी के पास उनके निवास स्थान से दो किलोमीटर के भीतर बारहमासी सडक़ों तक पहुंच थी और शहरी क्षेत्रों में 93.7 प्रतिशत लोगों के पास 500 मीटर के भीतर परिवहन सेवा उपलब्ध थी।
स्वच्छता और पेयजल की उपलब्धता में दो वर्ष पहले की तुलना में सुधार हुआ है और यह लगभग पूर्ण हो गई है। शहरी क्षेत्रों में जेब से किया जाने वाला खर्च घटकर 1,446 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 950 रुपये रह गया, जिससे स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में भी सुधार का संकेत मिलता है।
नई दिल्ली । एक सरकारी सर्वेक्षण से पता चला है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 15 से 25 वर्ष की आयु के 82 प्रतिशत से अधिक युवा इंटरनेट का उपयोग करते हैं। वहीं, शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा लगभग 92 प्रतिशत है। इसमें यह भी पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 15-24 वर्ष की आयु के 95.7 प्रतिशत लोग मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 97 प्रतिशत से थोड़ा कम है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जुलाई 2022 से जून 2023 तक आयोजित एक व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण (सीएएमएस) के प्रमुख निष्कर्ष जारी किए। यह नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) के 79वें दौर का हिस्सा है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ग्रामीण क्षेत्रों में 15-24 वर्ष आयु वर्ग के 82.1 प्रतिशत युवा इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 91.8 प्रतिशत है।
सर्वेक्षण से पता चलता है कि 15-24 वर्ष आयु वर्ग के 78.4 प्रतिशत युवा अटैच फाइल के साथ मैसेज सेंड कर सकते हैं। वहीं, 71.2 प्रतिशत युवा कॉपी-पेस्ट टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, 26.8 प्रतिशत युवा एडवांस टास्क जैसे मेल भेजने, जानकारियों को खोजने और ऑनलाइन बैंकिंग जैसे कामों को करने में सक्षम हैं।
सर्वेक्षण से सामने आई जानकारी के मुताबिक, 95.1 प्रतिशत लोग टेलीफोन या मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 94.2 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 97.1 प्रतिशत लोग मोबाइल फोन रखते हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार, कंप्यूटर (डेस्कटॉप, पीसी, लैपटॉप) का इस्तेमाल 9.9 प्रतिशत लोग करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 4.2 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 21.6 प्रतिशत लोग कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं।
सर्वेक्षण से अन्य प्रमुख निष्कर्षों के अलावा यह भी पता चला कि 15-24 वर्ष की आयु के 96.9 प्रतिशत व्यक्ति सरल कथनों को समझ कर पढऩे और लिखने में सक्षम हैं तथा सरल अंकगणितीय गणनाएं करने में भी सक्षम हैं। इसी आयु वर्ग में, पुरुषों के लिए यह आंकड़ा लगभग 97.8 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 95.9 प्रतिशत है।
मंत्रालय ने कहा, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए औपचारिक शिक्षा में स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष अखिल भारतीय स्तर पर 8.4 वर्ष है और 25 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए यह 7.5 वर्ष हैं।
नई दिल्ली । हुंडई इंडिया की ओर से ऐलान किया गया है कि कंपनी की योजना 2028 तक अपनी कार उत्पादन क्षमता को 30 प्रतिशत बढ़ाकर 11 लाख यूनिट्स करने की है, जो कि फिलहाल 8,24,000 है। कंपनी इसके लिए पुणे यूनिट में 6,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके साथ पुणे में एक नया कार उत्पादन प्लांट भी लगाया जाएगा।
कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि इससे कंपनी की वॉल्यूम में इजाफा होगा और घरेलू एवं निर्यात बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) के आईपीओ के लिए बुलाई गई प्रेस वार्ता के दौरान कंपनी ने सीईओ किम उन्सू ने कहा कि 2023 से 2032 के दौरान एचएमआईएल की ओर से भारत में 32,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। कंपनी इस दौरान इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में अपनी क्षमता बढ़ाने और प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान देगी। भारत में कंपनी के लिए एसयूवी सेगमेंट में काफी अवसर हैं।
कंपनी ने कहा कि हमारे पास वैश्विक बाजारों में बहुत मजबूत अनुभव था, इसलिए हम वास्तव में यह पहचानने में सक्षम हुए कि एसयूवी के लिए भारतीय बाजार में बड़ी संभावनाएं हो सकती हैं और आप देख सकते हैं कि एसयूवी सेगमेंट बीते कुछ वर्षों में कितना बढ़ गया है।
जानकारी के मुताबिक, हुंडई की ओर से भारत में ऑपरेशन क्षमता बढ़ाने के साथ नई एडवांस टेक्नोलॉजी और आरएंडडी में निवेश किया जाएगा। हुंडई मोटर इंडिया, भारतीय शेयर बाजार में आईपीओ लाने जा रही है। यह 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक आम निवेशकों के लिए खुलेगा। इसका प्राइस बैंड 1,865 रुपये से लेकर 1,960 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।
यात्री वाहन सेगमेंट में मार्केट शेयर के हिसाब से हुंडई मोटर इंडिया, भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। ग्रैंड आई10, एनआईओएस, आई20, आई20 एन लाइन, ऑरा, एलांट्रा, वेन्यू, वेन्यू एन लाइन, वेरना, क्रेटा, क्रेटा एन लाइन, अल्काजार, टक्सन और ऑल-इलेक्ट्रिक एसयूवी आईओएनआईक्यू 5 कंपनी के प्रमुख मॉडल हैं।
नई दिल्ली । सोशल मीडिया पर ओला इलेक्ट्रिक की खराब सर्विस को लेकर ग्राहकों की ओर से लगातार शिकायतें आ रही हैं। अब इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी एथर एनर्जी को लेकर भी ऐसा ही कुछ सामने आ रहा है।
ओला इलेक्ट्रिक के बाद एथर एनर्जी के ई-स्कूटर्स (इलेक्ट्रिक स्कूटर्स) को लेकर सोशल मीडिया पर ग्राहकों की शिकायतों की बाढ़ आ गई है।
एथर के ग्राहकों ने कंपनी की हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर सर्विस को लेकर शिकायतें दर्ज करवाई हैं। कंपनी की डिलीवरी सर्विस को लेकर भी देरी की शिकायतें हैं।
कंपनी ने एक्स हैंडल पर इन शिकायतों पर प्रतिक्रिया देते हुए इशू को जल्द से जल्द सुलझाने की बात कही है।
बुधवार को एक एथर ई-स्कूटर ग्राहक ने एक्स पर पोस्ट किया, 14 सितंबर को 10,000 ओडोमीटर के लिए सर्विसिंग की गई, स्कूटर में कई समस्याएं थी, स्टॉक स्पेयर नहीं होने की बात कहकर इस परेशानी की ओर ध्यान नहीं दिया गया।
कंपनी को शिकायत की गई तो जांच के लिए स्कूटर छोडऩे का सुझाव दिया गया, इसलिए 3 अक्टूबर को वापस लौटाया गया। कल स्कूटर की फोर्क के साथ डिलीवरी की गई, चाबी का स्लॉट बदला गया। लेकिन फिटिंग अधूरी थी।
एक दूसरे ग्राहक ने कहा, एथर एनर्जी मुझे अपने 450एक्स में समस्या आ रही है। 2 दिनों से जब मैं थ्रॉटल बंद करता हूं, तो वाहन तुरंत धीमा हो जाता है। पहले ऐसा नहीं होता था। कृपया मेरी सहायता करें कि क्या यह सॉफ्टवेयर समस्या है या मुझे सर्विस सेंटर जाना चाहिए।
कंपनी के एक अन्य ग्राहक ने कहा, आपकी इंदौर सिटी सेवाएं खराब हैं और कर्मचारी अहंकारी हैं, जो शिकायतों पर ध्यान नहीं देते हैं। पार्ट्स उपलब्ध नहीं हैं, मेरा वाहन 4 कार्य दिवसों के लिए सर्विस में है।
बुधवार को एक अन्य यूजर ने पोस्ट किया, एथर एनर्जी, मैं कल से अपने एथर 450एक्स की अपडेट स्क्रीन पर अटका हुआ हूं। रीस्टार्ट करने से काम नहीं चल रहा है और अगर मैं चाबी निकाल भी दूं, तो स्क्रीन चालू रहती है। यह वाकई निराशाजनक है।
कंपनी निराश और परेशान ग्राहकों की मदद के लिए अपनी ओर से लगातार प्रयासों में है।
दूसरी तरफ एथर एनर्जी आईपीओ के जरिए पैसा जुटाने की योजना में है। कंपनी ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास ड्राफ्ट रेट हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल कर दिया है। प्रस्तावित 3,100 करोड़ रुपये के आईपीओ में फ्रेश इश्यू के साथ 2.2 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल है।