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गूगलपे और पेटीएम को लेकर बड़ा अपडेट : बंद होगी फ्री रिचार्ज की सुविधा, अब ग्राहकों को देना पड़ेगा एक्स्ट्रा चार्ज
Posted Date : 24-Nov-2023 1:11:37 pm

गूगलपे और पेटीएम को लेकर बड़ा अपडेट : बंद होगी फ्री रिचार्ज की सुविधा, अब ग्राहकों को देना पड़ेगा एक्स्ट्रा चार्ज

नई दिल्ली ,24 नवंबर। टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत तेजी से कदम बढ़ा रहा है। डिजिटल पेमेंट का कारोबार भारत में राकेट की रफ्तार से बढ़ा है। आज पैसों के लेन देन के लिए पेटीएम, गूगल पे, फोनपे का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। ये तीनों ऐप्स आज देश की प्रमुख यूपीआई ऐप्स बन चुकी हैं। इनकी मदद से लोग रिचार्ज, बिल पेमेंट, फ्लाइट बुकिंग, इंश्योरेंस, इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट जैसे कई जरूरी कार्य करते हैं। अगर आप भी इनका इस्तेमाल करते हैं तो बता दें कि अभी इन ऐप्स को लेकर बेहद जरूरी अपडेट आया है।
बता दें कि ऐसे लोगों की लाखों में संख्या है जो इन ऐप्स का इस्तेमाल सिर्फ मोबाइल रिचार्ज के लिए किया करते हैं। अभी तक इन ऐप्स पर मोबाइल रिचार्ज की सुविधा पूरी तरह से फ्री हुआ करती थी, लेकिन अब रिचार्ज करने पर आपको कुछ फीस भी देनी पड़ेगी। यानी ये ऐप्स अब मोबाइल रिचार्ज के लिए ग्राहकों से सुविधा शुल्क लेंगे। सिर्फ मोबाइल रिचार्ज ही नहीं अगर आप पेटीएम के वॉलेट में रुपये ऐड करेंगे तो भी आपको इसके लिए सुविधा शुल्क लगेगा। यह सुविधा शुल्क कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितना पैसा अकाउंट में जोड़ रहे हैं। इसी तरह अगल अगल रिचार्ज बाउचर को रिचार्ज करने के लिए आपको अलग अलग सुविधा शुल्क देनी पड़ेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेटीएम की ही तरह गूगल पेटीएम ने भी ग्राहकों से सुविधा शुल्क लेना शुरू कर दिया है। आप जितना बड़ा रिचार्ज करेंगे या फिर वॉलेट में जितना ज्यादा पैसा ऐड करेंगे आपसे सुविधा शुल्क उतना ज्यादा लिया जाएगा। आपको बता दें कि फोन पे काफी पहले से ही यूजर्स से सुविधा शुल्क वसूल रहा है। अब इसकी राह पर ही गूगल पे और पेटीएम ऐप ने भी चलना शुरू कर दिया है। अभी तक यूजर्स के पास फ्री में रिचार्ज कराने के कई सारे ऑप्शन थे लेकिन अब उन्हें तीनों ही प्लेटफॉर्म में रिचार्ज कराने पर सुविधा शुल्क देना पड़ेगा।

 

 

आरबीआई की दो टूकज्धोखाधड़ी के मामले बढऩे पर साइबर सुरक्षा मजबूत करें बैंक
Posted Date : 24-Nov-2023 1:11:23 pm

आरबीआई की दो टूकज्धोखाधड़ी के मामले बढऩे पर साइबर सुरक्षा मजबूत करें बैंक

मुंबई  । आरबीआई ने कहा कि बैंकों को अपने ग्राहकों को धोखाधड़ी और डेटा उल्लंघनों की बढ़ती घटनाओं से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा मजबूत करने और साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव ने गुरुवार को एफआईबीएसी 2023 सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि वित्तीय समावेशन, ग्राहक पहुंच, उत्पाद विकल्प और सुविधा में वृद्धि के साथ बैंकिंग परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा, हालांकि, धोखाधड़ी और डेटा लीक की बढ़ती घटनाओं के साथ उपभोक्ता के लिए जोखिम भी बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि बैंक ग्राहकों को आज धोखाधड़ी वाले ऐप्स, गोपनीयता नियम का उल्लंघन और डीपफेक जैसे प्रौद्योगिकी प्रेरित धोखाधड़ी के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
राव ने कहा, यहां तक कि गलत बिक्री भी अब एक डिजिटल अवतार में उभरी है, जिसे डार्क पैटर्न कहा जाता है। डार्क पैटर्न डिज़ाइन इंटरफेस और रणनीति हैं, जिनका उपयोग उपयोगकर्ताओं को वांछित व्यवहार में फंसाने के लिए किया जाता है, जैसे कि तत्काल ऋण के रूप में उच्च लागत वाले अल्पकालिक उपभोक्ता ऋण का लाभ उठाना। हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए, स्मार्ट तरीके से काम करना चाहिए और ग्राहकों को इन खतरों से बचाने के लिए उनके विश्वास को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा का एक प्रमुख तत्व उन्हें एक कुशल, त्वरित और लागत प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करना है। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, ऐसा प्रतीत होता है कि ग्राहकों की शिकायतों का समय पर समाधान प्रदान करने के बैंकों के प्रयास प्रौद्योगिकी और उत्पादों में विस्फोट के साथ तालमेल नहीं रख पाए हैं।
उन्होंने कहा, हालांकि बैंक ग्राहक अधिग्रहण के नए और नवोन्मेषी तरीके अपनाने में भारी निवेश कर रहे हैं, लेकिन ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र में सुधार के बारे में बहुत कम सोचा जा रहा है।
राव ने कहा, यह उस क्षेत्र के लिए बहुत अजीब लगता है जो सेवा उद्योग होने पर गर्व करता है। हम निश्चित रूप से शिकायतों पर टीएटी और एमआईएस की निगरानी के बजाय शिकायत निवारण की गुणवत्ता पर बोर्ड और शीर्ष अधिकारियों की ओर से अधिक गंभीर विचार और मंशा देखना चाहते हैं।
उन्होंने बैंकों को अपनी सेवाओं, उत्पादों और संचालन में अधिक सहानुभूति लाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
राव ने कहा, उदाहरण के लिए, वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित और मैत्रीपूर्ण तकनीकी-बैंकिंग प्रदान करने के लिए अधिक प्रयास की जरूरत है। बैंकों को अपने कर्मचारियों से वरिष्ठ नागरिकों, विशेष जरूरतों वाले लोगों, तकनीकी रूप से अक्षम लोगों या ऐसे लोगों के साथ विशेष देखभाल और सहानुभूति का व्यवहार करना चाहिए, जिन्हें मदद की जरूरत हो सकती है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पहुंच बिंदु – शाखाएं, वेबसाइट और ऐप विशेष जरूरतों वाले ग्राहकों के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल और सुविधाजनक हों।
राव ने कहा, हम उद्योग जगत के साथ अपनी बातचीत में इन विषयों को अधिक सख्ती से उठा रहे हैं, लेकिन बिरादरी के भीतर एक सांस्कृतिक और व्यवहारिक बदलाव की भी जरूरत है, जिस पर मैं जोर देना चाहूंगा।

 

 

मुख्य सूचकांक पर सीमाबद्ध गति जारी रही
Posted Date : 24-Nov-2023 1:10:22 pm

मुख्य सूचकांक पर सीमाबद्ध गति जारी रही

मुंबई । निफ्टी नकारात्मक रुख के साथ सपाट बंद हुआ, जबकि, अधिकांश क्षेत्रीय सूचकांक गुरुवार को हरे निशान में बंद हुए।
एनएसई निफ्टी-50, 9.85 अंक (0.05 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 19,802.00 पर बंद हुआ। जबकि, बीएसई सेंसेक्स 5.43 अंक (0.01 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 66,017.81 पर बंद हुआ।
बोनान्ज़ा पोर्टफोलियो के शोध विश्लेषक वैभव विदवानी ने कहा कि निफ्टी रियलिटी गुरुवार को 1.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में से एक था।
4.5 करोड़ ऑफर साइज के मुकाबले बोली के दूसरे दिन 49.74 करोड़ इक्विटी शेयरों के आवेदन के साथ, टाटा टेक्नोलॉजीज आईपीओ के लिए निवेशकों का उत्साह बना रहा। इसके चलते गुरुवार को 11 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ।
सभी प्रकार के निवेशकों ने जोरदार प्रतिक्रिया व्यक्त की, नियमित निवेशकों ने कोटा से 9.22 गुना और उच्च-नेटवर्थ वाले लोगों ने 22.96 गुना सब्सक्राइब किया। उन्होंने कहा, पात्र संस्थागत खरीदारों ने 4.15 गुना सब्सक्राइब किया।
विदवानी ने कहा, फ्लेयर राइटिंग इंडस्ट्रीज के 593 करोड़ रुपये के आईपीओ को 4.48 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है, जिसमें 1.44 करोड़ शेयरों के इश्यू साइज के मुकाबले 6.46 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां शामिल हैं।
सरकारी स्वामित्व वाली वित्तीय संस्था इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (आईआरईडीए) के आईपीओ को निवेशकों ने अनुकूल प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि बोली के आखिरी दिन 717.47 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं, जो 47.09 करोड़ इक्विटी शेयरों के ऑफर आकार से 15.24 गुना अधिक है।
निफ्टी पर हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, बीपीसीएल, आयशर मोटर्स और इंडसइंड बैंक शीर्ष लाभ पाने वालों में से थे। जबकि, सिप्ला, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलटीआईमाइंडट्री, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और लार्सन एंड टुब्रो घाटे में रहे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मुख्य सूचकांक पर सीमाबद्ध गति जारी रही, क्योंकि बाजार 19,800 के स्तर से आगे निर्णायक कदम के लिए नए ट्रिगर की तलाश कर रहा था।
हालांकि, व्यापक बाजारों का अंडरकरंट मजबूत है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप काउंटरों में तेजी से खरीदारी उभरी है, क्योंकि हाल ही में खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों पर सौदेबाजी की रणनीति सामने आई है।

 

यात्री-केंद्रित मानदंडों की अनदेखी करना एयर इंडिया को पड़ा महंगा, जीएसटी ने ठोका भारी भरकम जुर्माना
Posted Date : 23-Nov-2023 3:35:38 pm

यात्री-केंद्रित मानदंडों की अनदेखी करना एयर इंडिया को पड़ा महंगा, जीएसटी ने ठोका भारी भरकम जुर्माना

नई दिल्ली  । देश के विमानन नियामक डीजीसीए ने यात्री-केंद्रित नियमों का अनुपालन न करने के लिए टाटा समूह की विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
डीजीसीए ने कहा कि उसने नियमों में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार सभी अनुसूचित विमान सेवा कंपनियों द्वारा यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं/मुआवजे से संबंधित दायित्वों के निर्वहन का पता लगाने के लिए के मई और सितंबर में दिल्ली, कोच्चि और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर निरीक्षण किया। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, एयरलाइनों के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि एयर इंडिया प्रासंगिक नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा था। तदनुसार, 3 नवंबर को एयर इंडिया को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी।
एयर इंडिया द्वारा दिए गए जवाब के बाद यह पाया गया कि उसने सीएआर के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया है। अन्य बातों के अलावा, विलंबित उड़ानों से प्रभावित यात्रियों के लिए होटल आवास प्रदान नहीं करना, उनके कुछ ग्राउंड कर्मियों को प्रशिक्षण नहीं देना, सीएआर में निर्धारित शर्तों और अनुपयोगी सीटों पर यात्रा करने के लिए मजबूर करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस क्लास के यात्रियों को मुआवजे का भुगतान न करना शामिल है। अधिकारी ने कहा, डीजीसीए ने नियमों का पालन न करने पर एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का वित्तीय जुर्माना लगाया है।

 

निवेशकों के आईपीओ की ओर आकर्षित होने से व्यापक बाजारों में मुनाफा वसूली
Posted Date : 23-Nov-2023 3:35:02 pm

निवेशकों के आईपीओ की ओर आकर्षित होने से व्यापक बाजारों में मुनाफा वसूली

नई दिल्ली  ।  जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि व्यापक बाजार में कुछ मुनाफावसूली देखी गई, क्योंकि निवेशकों का ध्यान प्राथमिक बाजार पर केंद्रित हो गया है, जो इस सप्ताह के लिए निर्धारित आईपीओ के एक सेट द्वारा चिह्नित है।
उन्होंने कहा, फेड के अपने मिनटों में सतर्क रुख अपनाने और दर में कटौती का संकेत देने से परहेज करने के बावजूद, बाजार दिन के सुधार से उबर गया और हल्के लाभ के साथ समाप्त हुआ।
टाटा टेक्नोलॉजीज का 3,042.51 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) शुरू हुआ। यह लगभग 20 वर्षों में टाटा समूह की पहली सार्वजनिक पेशकश है।
बोनांजा पोर्टफोलियो के शोध विश्लेषक वैभव विदवानी का कहना है कि निवेशकों ने 4.5 करोड़ ऑफर आकार के मुकाबले 19 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदे हैं, जिसके परिणामस्वरूप सब्सक्रिप्शन रेट 4.22 गुना हो गई है।
एक्सचेंजों के पास उपलब्ध सदस्यता आंकड़ों के अनुसार, खुदरा निवेशकों ने अपने कोटे के शेयरों की 3.48 गुना बोली लगाई थी। जबकि, उच्च नेटवर्थ वाले व्यक्तियों (एचएनआई) के लिए आरक्षित अंश को 6.77 गुना और योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) ने 3.56 गुना बोली लगाई थी।
बोली लगाने के दूसरे दिन, भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) को 2.83 गुना सब्सक्राइब किया गया, जिसमें 47.09 करोड़ के इश्यू आकार के मुकाबले 133 करोड़ शेयरों की पेशकश की गई थी।
उन्होंने कहा, योग्य संस्थागत खरीदारों ने अपने स्वीकृत हिस्से से 1.35 गुना अधिक बोली लगाई, खुदरा निवेशकों ने अपने कोटे से 2.94 गुना अधिक सदस्यता ली, जबकि गैर-संस्थागत खरीदारों ने 4.56 गुना बोली लगाई।
निफ्टी पर बीपीसीएल, सिप्ला, एनटीपीसी, इंफोसिस और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन शीर्ष पर रहे। जबकि, इंडसइंड बैंक, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, अदानी एंटरप्राइजेज और अदानी पोर्ट्स शीर्ष घाटे में रहे।

 

ज़ोमैटो, स्विगी को 500 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस
Posted Date : 23-Nov-2023 3:34:40 pm

ज़ोमैटो, स्विगी को 500 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस

नई दिल्ली  । ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी को डिलीवरी शुल्क पर 500 करोड़ रुपये के जीएसटी नोटिस मिले हैं। मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई।
दोनों ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ग्राहकों से डिलीवरी फीस के नाम पर कुछ पैसे वसूलते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक टैक्स अधिकारियों और फूड डिलीवरी ऐप्स के बीच डिलीवरी फीस को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है, जिसमें करीब 1000 करोड़ रुपये का विवाद होता है।
ज़ोमैटो ने संपर्क करने पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। स्विगी ने भी कोई टिप्पणी नहीं की।
ज़ोमैटो और स्विगी के अनुसार, डिलीवरी चार्ज कुछ और नहीं बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा वहन की जाने वाली लागत है जो घर-घर खाना पहुंचाने जाते हैं।
कंपनियां बस ग्राहकों से वह लागत वसूलती हैं और इसे डिलीवरी पार्टनर्स को दे देती हैं। लेकिन, रिपोर्ट के मुताबिक टैक्स अधिकारी इससे सहमत नहीं हैं।
पिछले महीने, स्विगी ने खाने के ऑर्डर के लिए प्लेटफ़ॉर्म शुल्क दो रुपये से बढ़ाकर तीन रुपये कर दिया था।
स्विगी के एक प्रवक्ता ने बताया, प्लेटफ़ॉर्म शुल्क में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। अधिकांश सेवा प्रदाता यह शुल्क लगाते हैं, और उद्योगों में यह एक आम बात है।
अप्रैल में, कंपनी ने कार्ट मूल्य से स्वतंत्र प्रति ऑर्डर दो रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लागू किया था।
ज़ोमैटो ने अगस्त में अपना प्लेटफ़ॉर्म शुल्क भी शुरुआती दो रुपये से बढ़ाकर तीन रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया।
ज़ोमैटो ने ज़ोमैटो गोल्ड यूजरों से प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेना शुरू कर दिया, जिन्हें पहले छूट दी गई थी।