बेंगलुरु । गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप का हिस्सा गोदरेज एंड बॉयस के स्टोरेज सॉल्यूशंस व्यवसाय ने बेंगलुरु स्थित स्टोरेज शेल्विंग सिस्टम्स और मेजेनाइन स्ट्रक्चर्स के निर्माता आर्मेस मैनी के अधिग्रहण की घोषणा की। भारत के तेजी से विकसित हो रहे लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेक्टर का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, बिजनेस ने रणनीतिक कदम के साथ अपनी उत्पादन क्षमता में काफी वृद्धि की है। इस अधिग्रहण में बेंगलुरु के बाहरी इलाके में स्थित एक अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा शामिल है, जिसकी क्षमता 150,000 वर्ग फीट में फैली हुई है और इसकी उत्पादन क्षमता 20,000 टन प्रति वर्ष है।
अत्याधुनिक तकनीक और बुनियादी ढांचे से लैस, यह फैसिलिटी शेल्विंग सोल्यूशंस की क्षमता में लगभग 35त्न की वृद्धि करेगी, जो बदलते उपभोग रुझानों द्वारा संचालित कुशल और स्केलेबल स्टोरेज समाधानों की बढ़ती मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह कदम ऐसे महत्वपूर्ण समय में उठाया गया है, जब लॉजिस्टिक्स उद्योग में अभूतपूर्व वृद्धि हासिल कर रहा है, जो कि विकसित हो रहे उपभोग पैटर्न और क्विक कॉमर्शल प्लैटफॉर्म्स के तेजी से विस्तार से प्रेरित है।
गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बिजनेस हेड, स्टोरेज सॉल्यूशंस, विकास चौदाहा ने कहा, ‘मौजूदा समय में केवल 40त्न वेयरहाउसिंग फैसिलिटीज ग्रेड ए के रूप में वर्गीकृत हैं, जिससे भारत के वेयरहाउसिंग बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार करने के लिए टिकाऊ, अत्याधुनिक समाधानों की तत्काल आवश्यकता है। हम अपने देश के बढ़ते लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेक्टर की बदलती जरूरतों को अच्छी तरह समझते हैं, और अपनी क्षमताओं का विस्तार करते हुए हम भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
भारत के स्टोरेज सोल्युशंस बिजनेस में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में, 30त्न से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ, यह रणनीतिक अधिग्रहण राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और भी मजबूत करता है। हमारी बढ़ी हुई क्षमता हमें ई-कॉमर्स और क्विक कॉर्मस जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों की बढ़ती मांगों को पूरा करने और एडवांस वेयरहाउसिंग सोल्युशंस की मांग को पूरा करने में हमें सक्षम बनाएगा।’
आर्मेस मैनी का रणनीतिक अधिग्रहण स्टोरेज सॉल्यूशन बिजनेस की मार्केट डॉमिनेंस (बाजार प्रभुत्व) को मजबूत करता है और भारत में उद्योग की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यवसाय के सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है। गोदरेज एंड बॉयस ने हाल ही में चेन्नई में 90,000 टन प्रति वर्ष क्षमता वाली एक और विनिर्माण सुविधा (मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी) स्थापित करके अपने पदचिह्नों का विस्तार किया है। उत्पादन क्षमताओं का विस्तार करते हुए टिकाऊ, कटिंग एज सॉल्युशंस पर ध्यान केंद्रित कर, गोदरेज एंड बॉयस विकसित भारत 2047 विजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अच्छी स्थिति में है।
सोल । दक्षिण कोरिया का मीडिया नियामक देश के पर्सनल डेटा संरक्षण कानून के उल्लंघन को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक की जांच करने जा रहा है। नियामक के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
टिकटॉक कोरियाई कानून का उल्लंघन कर रहा है। टिकटॉक पर आरोप है कि कंपनी यूजर्स को स्वचालित विज्ञापन प्राप्त करने के लिए बाध्य करती है। कोरियाई कानून के तहत इस तरह की सामग्री के लिए किसी भी कंपनी को यूजर्स की सहमति लेना अनिवार्य है।
कोरियाई अधिकारी ने कहा कि कोरिया संचार आयोग (केसीसी) को संदेह है कि टिकटॉक सूचना और संचार नेटवर्क उपयोग और डेटा संरक्षण के संवर्धन अधिनियम का उल्लंघन कर रहा है। जल्द ही वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म की जांच शुरू की जाएगी। अधिकारी ने कहा, हमारा मानना है कि टिकटॉक की सेवा शर्तों और यूजर्स से स्पष्ट सहमति प्राप्त करने को लेकर किसी तरह की परेशानी है।
चीनी कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाली कंपनी टिकटॉक पर भी कोरियाई एजेंसियों को संदेह है कि कंपनी प्लेटफॉर्म से जुडऩे वाले यूजर्स को अपनी सेवा की शर्तों और गोपनीयता नीति को लेकर पूरी सामग्री साझा नहीं करती है।
संबंधित कानून के तहत, कंपनियों को यूजर्स को यह निर्णय लेने की स्वतंत्रता देनी होगी कि वे विज्ञापन प्राप्त करना चाहते हैं या नहीं। किसी भी यूजर को ऐसी सामग्री भेजने से पहले यूजर की स्पष्ट सहमति जरूरी है।
कानून का उल्लंघन करने वालों पर 30 मिलियन वॉन (22,279 डॉलर) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
पिछले महीने नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण ने देश के इंटरनेट और मोबाइल सेवा प्रदाताओं को शॉर्ट-वीडियो ऐप पर कैबिनेट के फैसले के अनुरूप टिकटॉक पर प्रतिबंध हटाने का निर्देश दिया था। 22 अगस्त को नेपाल की कैबिनेट ने टिकटॉक पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया। टिकटॉक पर यह प्रतिबंध पिछले साल नवंबर में लगाया गया था।
नई दिल्ली । देश में वाहनों की खुदरा बिक्री सितंबर में कमजोर रहने के बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीने में इसमें 6.55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मजबूत ग्रामीण मांग के कारण यह संभव हो सका है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि इस साल सितंबर में वाहनों की ओवरऑल बिक्री पिछले साल के समान महीने की तुलना में 9.26 फीसदी कम रही। सितंबर 2023 में देश में 18,99,192 वाहन बिके थे जबकि सितंबर 2024 में यह संख्या 17,23,330 इकाई रही। इसमें यात्री वाहनों में 18.81 फीसदी, वाणिज्यिक वाहनों में 10.45 फीसदी और दोपहिया वाहनों में 8.51 फीसदी की गिरावट शामिल है। अप्रैल-सितंबर की अवधि में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 9.08 प्रतिशत, तिपहिया में 7.58 प्रतिशत और यात्री वाहनों (पीवी) में 1.07 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। हालांकि, वाणिज्यिक वाहनों (सीवी) और ट्रैक्टरों की बिक्री में क्रमश: 0.65 प्रतिशत और 8.82 प्रतिशत की गिरावट आई।
फाडा के अध्यक्ष सी.एस. विग्नेश्वर के अनुसार, पितृपक्ष ने बिक्री को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया, जिससे विभिन्न श्रेणियों में खुदरा बिक्री में साल-दर-साल गिरावट आई। उन्होंने कहा, मांग बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में छूट और ऑफर पेश किए गए हैं, लेकिन इनसे बिक्री में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है।
मानसून के दौरान सामान्य से आठ प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे कई क्षेत्रों में वाहनों की खुदरा बिक्री प्रभावित हुई। इसका मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। फाडा के अनुसार, ऑटोमोबाइल के खुदरा कारोबार के लिए निकट भविष्य अच्छा है, क्योंकि नवरात्र और दिवाली दोनों एक ही महीने में पड़ते हैं, जिससे वाहनों की बिक्री में तेजी की उम्मीद है।
जलाशयों में जलस्तर अच्छा रहने और फसल की पैदावार में सुधार होने से ग्रामीण मांग को समर्थन मिलने के कारण, त्योहारी सीजन में दोपहिया, यात्री वाहनों, और ट्रैक्टरों की बिक्री में वृद्धि होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है, डीलरशिप पर गाडिय़ों का अधिक स्टॉक होने के कारण यात्री वाहन सेगमेंट एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। अगर अक्टूबर में बिक्री उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ती है तो डीलरों पर गोदामों में जमा हुए बिना बिके स्टॉक से वित्तीय दबाव बढ़ जाएगा।
हालांकि डीलर और ओईएम मजबूत त्यौहारी बिक्री पर दांव लगा रहे हैं, खासकर ग्रामीण बाजारों में जहां सकारात्मक नकदी प्रवाह और बेहतर कृषि परिस्थितियों से मांग में तेजी आने की उम्मीद है, लेकिन परिणाम अनिश्चित बना हुआ है।
नई दिल्ली । इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरियों का रिसायकल एक भू-राजनीतिक और जलवायु संबंधी अनिवार्यता है। सरकार के अनुसार, इस क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय स्टार्टअप नवाचार और व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने यूरोपीय संघ के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस मुलाकात के साथ नवाचार, स्थिरता और अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लिए भारत और यूरोपीय संघ की साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया। इसमें यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बैटरी रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में स्टार्टअप के प्रतिनिधि, भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के अधिकारी और चुनिंदा भारतीय स्टार्टअप के सदस्य शामिल थे।
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने कहा कि यह सहयोग प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, बाजार पहुंच और सह-विकास के लिए नए अवसर पैदा करता है। यह आर्थिक लचीलापन और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।
यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी में भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) कार्य समूह 2 (डब्ल्यूजी 2) के तहत आयोजित की गई थी।
भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल की उप प्रमुख डॉ. इवा सुवारा ने व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद के समर्थन के माध्यम से कहा हम यूरोपीय संघ और भारतीय स्टार्टअप को एकजुट होने, नवाचार में अग्रणी होने, व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को बाजार में लाने में सहायता करने में सक्षम हैं।
इस बैठक में ईवी बैटरी रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों के महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय स्टार्टअप के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में हुई प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भारत से भाग लेने वाले स्टार्टअप में बैटएक्स एनर्जीज, एवरग्रीन लिथियम रीसाइक्लिंग, एलडब्ल्यू3 प्राइवेट लिमिटेड और लोहुम शामिल थे, जबकि यूरोपीय संघ के स्टार्टअप में इकोमेट रिफाइनिंग और एनेरिस शामिल थे।
भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी की घोषणा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2022 में की थी। इसे फरवरी 2023 में स्थापित किया गया था। यह तंत्र दोनों पक्षों को व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाता है।
जयपुर । एथेनॉल बनाने वाली कंपनियों की मांग निकलने से इन दिनों मक्का की कीमतें तेज बोली जा रही हैं। बिहार की हरियाणा डिलीवरी मक्का के भाव वर्तमान में 2780 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। मक्की के भावों में आए उछाल को लेकर जानकारों का कहना है कि पौल्ट्री व्यवसाय की बढ़ती मांग और एथेनॉल बनाने में मक्का के उपयोग के कारण इसकी कीमतों में तेजी आई है। यही कारण है कि वर्तमान में मक्का के भाव एमएसपी से काफी ऊंचे चल रहे हैं। वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने मक्के का एमएसपी 2090 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है। भीलवाड़ा से ब्रोकर संजय अजमेरा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की हरियाणा डिलीवरी मक्का के भाव 2660 रुपए प्रति क्विंटल में व्यापार हो रहा है। इस बीच राजस्थान एवं मध्य प्रदेश की नई मक्का भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र एवं गुजरात में नई मक्का की आवक हो रही है। लिहाजा मक्का की कीमतों में अब लंबी तेजी के आसार समाप्त हो गए हैं।
पिछले दो साल की तुलना में दुगुने दाम मिल रहे
वर्ष 2022 में मक्का के भाव 1200 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास थे, जबकि वर्तमान में मक्का 2600 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर बिक रही है। जानकार बताते हैं कि मक्की का उपयोग कपड़ा, स्टार्च, कुक्कुट समेत अन्य उद्योगों में लगातार बढ़ता जा रहा है।
किसान खुश, पॉल्ट्री उद्योग परेशान
जहां एक ओर मक्के का दाम बढऩे से किसान खुश हैं, वहीं मक्का की सप्लाई कम होने से पॉल्ट्री (मुर्गी पालन) उद्योग और स्टार्च कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पॉल्ट्री उद्योग और स्टार्च निर्माताओं ने सरकार से मक्के की उपलब्धता बढ़ाने के उपाय करने की मांग की है। जानकारों का कहना है कि देश में मक्का के दाने और मक्का की खली का उपयोग दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। मक्के का जहां पॉल्ट्री क्षेत्र में ज्यादा उपयोग होता है, वहीं मक्का की खली को दुधारू पशुओं के लिए उपयोगी माना जाता है।
नई दिल्ली । क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स पर जुलाई में हुए साइबर हमले की जांच देश की शीर्ष सरकारी एजेंसियां कर रही हैं।
इस साइबर हमले में वजीरएक्स को 2,000 करोड़ रुपये ($234 मिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ था और अब बड़ी संख्या में इसमें पैसे गंवा चुके लोग अपने रिफंड की मांग कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) के अधिकारियों ने वजीरएक्स की शीर्ष लीडरशीप से मुलाकात की और क्रिप्टो टोकन की हैकिंग के बारे में पूछताछ की।
सूत्रों के मुताबिक, क्रिप्टो एक्सचेंज ने सरकारी एजेंसियों की ओर से मांगी गई जानकारी उपलब्ध करा दी है और अब दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
इससे पहले देश में कई कानूनी जानकारों की ओर से वजीरएक्स में हुए इस साइबर क्राइम की जांच करने की बात कही गई थी।
वजीरएक्स द्वारा यह स्वीकारा जा चुका है कि उसके 43 प्रतिशत यूजर्स को इससे नुकसान उठाना पड़ सकता है और इसमें से ज्यादातर भारतीय हैं।
पिछले हफ्ते आई कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि एक यूट्यूब लाइव टाउन हॉल सेशन में मैनेजमेंट ने दावा किया था कि क्रिप्टो से हुए 100 प्रतिशत मुनाफे को भविष्य में यूजर्स के साथ शेयर किया जाएगा। हालांकि, इस वीडियो को हटा लिया गया।
टाउन हॉल सत्र में, वजीरएक्स के सह-संस्थापक निश्चल शेट्टी और हैक के बाद वजीरएक्स के पुनर्गठन को संभालने वाली क्रॉल कानूनी फर्म के निदेशक जॉर्ज ग्वी ने प्रभावित यूजर्स के सवालों के जवाब दिए।
क्रिप्टो टाइम्स के मुताबिक, ग्वी ने वीडियो में कहा कि पुनर्गठन की प्रक्रिया के दौरान क्रिप्टो की कीमतों मंा बढ़ोतरी के कारण हुए मुनाफे को 100 प्रतिशत साझा किया जाएगा। हालांकि, बाद में वजीरएक्स ने वीडियो को प्राइवेट कर दिया।