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अफगानिस्तान में तूफान, बाढ़ से 50 लोगों की मौत
Posted Date : 12-May-2024 12:13:22 am

अफगानिस्तान में तूफान, बाढ़ से 50 लोगों की मौत

काबुल  । उत्तरी अफगानिस्तान के बगलान प्रांत में आए तूफान और बाढ़ से कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रांतीय निदेशक हेदायतुल्ला हमदर्द ने कहा, तूफान और बाढ़ ने गोजरगाह-ए-नूर, जेलगाह, नाहरीन, बगलान-ए-मरकज़ी और बरका जिलों के साथ-साथ पुल-ए-खुमरी की प्रांतीय राजधानी को प्रभावित किया।
तूफान और बाढ़ ने तखर, बदख्शां तथा समांगन समेत अन्य उत्तरी प्रांतों के अधिकांश हिस्सों को भी प्रभावित किया, जिससे लोग हताहत हुए और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा।
अफगानिस्तान में पिछले महीने से भारी बारिश और बाढ़ आ रही है। इससे पहले देशभर में 80 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

 

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश, अदालत बोली- काफी सबूत हैं
Posted Date : 12-May-2024 12:12:08 am

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश, अदालत बोली- काफी सबूत हैं

नई दिल्ली । दिल्ली की अदालत ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए काफी सबूत हैं। कुश्ती महासंघ के पूर्व बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों से यौन उत्पीडऩ का केस चल रहा है। इस मामले में अब अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय करने की बात कही है।
बृजभूषण के अलावा उनके सहयोगी विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। दोनों के खिलाफ 6 महिला पहलवानों ने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। दोनों के खिलाफ 5 महिला पहलवानों के यौन उत्पीडऩ को लेकर सेक्शन 354 और 354्र के तहत आरोप तय होंगे। इसके अलावा दो महिला पहलवानों से उत्पीडऩ के मामले में सेक्शन 506 (भाग 1) के तहत आरोप तय होंगे।
वहीं छठी महिला पहलवान से उत्पीडऩ के मामले से उन्हें बरी कर दिया गया है। अब इस मामले की सुनवाई 21 मई को होगी। इस तरह बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामला आगे बढ़ रहा है। इससे पहले मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट की जज प्रियंका राजपूत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत का कहना था कि फैसला तैयार है, लेकिन उसकी कॉपी में कुछ सुधार करने हैं। इसलिए अब अगली सुनवाई 10 मई को होगी। बता दें कि इस मामले में बृजभूषण शरण सिंह ने यह भी अपील की थी कि इस मामले में पहले और जांच की जाए। उसके बाद ही आरोप तय किए जाएं।
इस पर अदालत ने कहा था कि हम विचार करेंगे, लेकिन अगली सुनवाई में इससे इनकार कर दिया। बृजभूषण शरण सिंह ने दावा किया था कि जिस दिन यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया जा रहा है, उस दिन वह दिल्ली में नहीं थे। वह सर्बिया गए हुए थे। इसके अलावा उन्होंने कोच विजेंदर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड भी पेश किया था। गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह फिलहाल कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं, लेकिन उन्हें अब मौका नहीं मिला है। उनकी बजाय बेटे करण भूषण सिंह को भाजपा ने टिकट दिया है।

 

झारखंड कैश कांड : ईडी की रेड के बाद मंत्री सचिव और नौकर गिरफ्तार, अब तक 35 करोड़ बरामद
Posted Date : 07-May-2024 7:48:30 pm

झारखंड कैश कांड : ईडी की रेड के बाद मंत्री सचिव और नौकर गिरफ्तार, अब तक 35 करोड़ बरामद

रांची। ईडी ने सोमवार को झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के एक सचिव के नौकर और कुछ अन्य स्थानों पर रेड मारी, जहां से 35.23 करोड़ रुपए का कैश, फ्लैट और ज्वैलरी बरामद की गई। इसमें 32 करोड़ रुपए सिर्फ कैश बरामद किया गया। एक अन्य ठिकाने से करीब 3 करोड़ रुपए और मिले हैं। कैश इतनी मात्रा में था कि अधिकारियों की आंखें फटी की फटी रह गईं। कड़ी सुरक्षा के बीच प्रवर्तन निदेशालय के 7-8 अधिकारी इन नोटों को गिनने में जुटे रहे। सुबह से ये गिनती देर रात तक चली। नोट गिनने के लिए 6 मशीनें लगाई गई थी। इसके बाद ईडी ने मंत्री के निजी सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को देर रात गिरफ्तार कर लिया।
झारखंड में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के हाउस हेल्पर के घर सोमवार को सुबह अचानक से ईडी की टीम ने रेड की, तो हर कमरे में भ्रष्टाचार वाली गड्डियां मिलीं थी। बैंक के अधिकारियों ने सोमवार सुबह 9 बजे वोटों की गिनती शुरू की थी और ये रात बजे तक जारी रही। करीब 13 घंटे तक नोट गिने गए। वहीं, ईडी के अधिकारियों ने सोमवार सुबह करीब 6 बजे रेड मारी और मंगलवार सुबह तक छापेमारी जारी रही। 20 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी जारी रही। ये खबर जब प्रधानमंत्री मोदी को लगी तो उन्होंने एक चुनावी रैली से कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि झारखंड में नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं।
असल में झारखंड में आलमगीर आलम कांग्रेस नेता हैं। वो गठबंधन सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं। बीजेपी का आरोप है कि उनके सचिव के नौकर के घर से मिले नोटों के इन बंडल का कनेक्शन मंत्री जी से ही है। नोटों की बरामदगी के बाद मंत्री आलमगीर आलम की प्रतिक्रिया भी आई। उन्होंने पहली फुर्सत में ही अपने निजी सचिव से पल्ला झाड़ लिया। नोटों के अलावा नौकर के घर से ट्रांसफर-पोस्टिंग के कागजात भी बरामद हुए हैं।
श्वष्ठ की टीम 4 बैग लेकर सचिव के नौकर के घर निकली। ईडी की टीम पेन ड्राइव और कुछ दस्तावेज भी लेकर गई। आलमगीर आलम चार बार से कांग्रेस के विधायक हैं। वो पाकुड़ सीट से साल 2000, 2004, 2014, और 2019 में विधायक चुने गए। अक्टूबर 2006 से दिसंबर 2009 के बीच झारखंड विधानसभा में स्पीकर भी रह चुके हैं। 2019 में जब राज्य में गठबंधन सरकार बनी, तो उन्हें कांग्रेस कोटे से मंत्री बनाया गया। 2019 में जब उन्होंने चुनाव में हलफनामा दाखिल किया था तब 7 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति दिखाई थी।
आपको जानकर ताज्जुब होगा कि इस सहायक की सैलरी महज 15 हजार रुपए महीना है, लेकिन आप ये सोच रहे हैं कि उसके घर से सिर्फ नोट ही मिले हैं, तो ऐसा नहीं है। यहां नोटों की गड्डियों के अलावा, ट्रांसफर-पोस्टिंग के दस्तावेज भी मिले हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़े राज्य के कुछ अधिकारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग कहां होना है, उनकी जगह पर किसे लाया जाना है इसकी पूरी जानकारी बाकायदा दस्तखत और तारीख के साथ मय सबूतों के ईडी के अधिकारियों को इसी घर में मिली। एक दस्तावेज पर लिखा था कि हटाना जरूरी है। उसमें ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों के ट्रांसफर से जुड़े पते दर्ज हैं. विभागीय मंत्री आलमगीर आलम का लेटर हेड भी बरामद हुआ है।
झारखंड में ईडी ने मंत्री के निजी सचिव के सहायक के घर पर ही छापेमारी नहीं की, बल्कि संजीव लाल के करीबी बिल्डर मुन्ना सिंह के घर भी रेड की। यहां से काफी कैश बरामद हुआ। सडक़ निर्माण विभाग के इंजीनियर के घर पर भी छापेमारी की। कुल मिलाकर झारखंड की 6 अलग-अलग लोकेशन पर कार्रवाई हुई।

 

दिल्ली में पांच करोड़ से ज्यादा की हेरोइन जब्त, 5 गिरफ्तार
Posted Date : 07-May-2024 7:48:04 pm

दिल्ली में पांच करोड़ से ज्यादा की हेरोइन जब्त, 5 गिरफ्तार

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने करोड़ों की कीमत की हेरोइन जब्त की है। इस सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब्त हेरोइन की कीमत पांच करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने महीनों तक चले ऑपरेशन के बाद आरोपियों को उत्तर प्रदेश के बरेली और झारखंड के हजारीबाग से गिरफ्तार किया। उनके पास से कुल 2.269 किलोग्राम हेरोइन और 1.053 किलोग्राम क्रूड (हेरोइन) बरामद की गई। आरोपियों की पहचान मोहम्मद आतिफ, अशरफ, आरिफ अली, अली उर्फ रुखसार उर्फ राजू और मोहम्मद मुख्तार अंसारी के रूप में हुई। पुलिस ने बताया कि हाल ही में विशेष जानकारी मिली थी कि एक ड्रग तस्कर आतिफ अपने एक रिसीवर को भारी मात्रा में ड्रग देने के लिए छत्ता रेल चौक फ्लाईओवर इलाके के पास आएगा। पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमित गोयल ने कहा, जाल बिछाया गया और आतिफ को गिरफ्तार कर लिया गया। तलाशी के दौरान एक बैग के अंदर से एक किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई। पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि बरामद हेरोइन उसे बरेली के अशरफ ने दी थी। इसे अनाज मंडी (नरेला) में उसके रिसीवर तक पहुंचाना था। डीसीपी ने कहा, बरेली में अशरफ के ठिकानों पर छापेमारी की गई, लेकिन वह वहां से फरार मिला। बाद में उसे 5 फरवरी को बरेली के ध्रुव अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया गया। अशरफ की निशानदेही पर उसके बरेली स्थित घर के लॉकर के अंदर से 490 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। पूछताछ करने पर अशरफ ने खुलासा किया कि तस्करी का सामान बरेली के राजू और आरिफ से लिया गया था। उसे जहांगीरपुरी के इस्लाम और बवाना स्थित जेजे कॉलोनी निवासी अरमान को सौंपना था।
23 मार्च को जांच के दौरान आरिफ अली को बरेली में उसके किराए के घर से गिरफ्तार किया गया। उसके घर से 202 ग्राम हेरोइन और 201 ग्राम मिश्रित ठोस पदार्थ बरामद किया गया था। उन्होंने प्रतिबंधित हेरोइन के एक अन्य स्रोत का नाम रुखसार उर्फ राजू बताया। पुलिस ने राजू को 12 अप्रैल को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। उसके घर से 200 ग्राम हेरोइन के अलावा कच्चे माल से हेरोइन तैयार करने में प्रयुक्त उपकरण बरामद किया गया था। पूछताछ के दौरान उसने झारखंड से कच्चे माल के एक और स्रोत के नाम का खुलासा किया, जो आमतौर पर अपना नाम बदलता था। डीसीपी ने कहा, अंसारी को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया था। तलाशी के दौरान उसके घर से कुल 1,035 ग्राम क्रूड, 359 ग्राम हेरोइन, 1914 ग्राम कट/केमिकल, पांच किलो सोडा और एक इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन बरामद की गई।

 

पतंजलि केस में सुप्रीम कोर्ट सख्त, ऑनलाइन विज्ञापन हटाने के दिए आदेश, बिक्री पर लगाई रोक
Posted Date : 07-May-2024 7:47:38 pm

पतंजलि केस में सुप्रीम कोर्ट सख्त, ऑनलाइन विज्ञापन हटाने के दिए आदेश, बिक्री पर लगाई रोक

नई दिल्ली ।  सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद की ओर से अपनी दवाओं को लेकर जारी भ्रामक विज्ञापनों के मामले की सुनवाई करते हुए यह अहम टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि यदि किसी उत्पाद को लेकर किए गए दावे गलत पाए जाते हैं तो उनका प्रचार करने वाली सिलेब्रिटीज और सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर्स भी जिम्मेदार हैं। पतंजलि आयुर्वेद के मामले की सुनवाई करते हुए बेंच ने आईएमए की भी खिंचाई की। सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि पतंजलि के जिन उत्पादों के संबंध में लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है, वे बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं रहने चाहिए। अगर लाइसेंस निलंबित है, तो उत्पाद नहीं बेचा जाना चाहिए, हमें नोटिस देना होगा।
अदालत ने कहा कि विज्ञापनों को प्रसारित करने से पहले चैनलों को भी एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना चाहिए। इसमें यह घोषणा करनी चाहिए कि हम सभी नियमों का पालन करते हैं। मंगलवार को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने गाइडलाइंस फॉर प्रिवेंशन ऑफ मिसलीडिंग ऐड का जिक्र किया। अदालत ने कहा कि इस नियम की गाइडलाइन 13 में कहा गया है कि किसी विज्ञापन का प्रचार करने वाली हस्ती को संबंधित सेवा एवं उत्पाद के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। उसे यह पता होना चाहिए कि वह जिस चीज का प्रचार कर रहा है, वह किसी भी तरह से नुकसानदेह नहीं है।
बेंच ने कहा, ‘नियम कहते हैं कि उपभोक्ता को पता होना चाहिए कि वह जिन चीजों को बाजार से खरीद रहा है, उसकी क्या खासियतें हैं। खासतौर पर हेल्थ और फूड प्रोडक्ट्स के मामले में यह जरूरी है।’ इसके साथ ही बेंच ने कहा कि यदि कोई विज्ञापन भ्रामक निकलता है तो उसे जारी करने वाली कंपनियों के साथ ही प्रचार करने वाली हस्तियां भी उतनी ही जिम्मेदार हैं। यही नहीं बेंच ने कहा कि मंत्रालयों को इस संबंध में कुछ नियम बनाने चाहिए। ऐसा इसलिए ताकि विज्ञापन गलत पाए जाने पर ग्राहक शिकायत कर सके और उसका कोई नतीजा निकल सके।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा नियम बनने से पहले चैनलों एवं अन्य प्रसारकों को लेकर एक नियम बनना चाहिए। प्रसारकों को सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना चाहिए कि वह जो विज्ञापन चला रहे हैं, उसकी उन्होंने जांच कर ली है और भ्रामक नहीं है। यही नहीं बेंच ने कहा कि हम किसी तरह की लालफीताशाही नहीं चाहते। लेकिन हमारी यह भी मंशा नहीं है कि कुछ भी ऐड चलने दिया जाए। पर यह तय करना भी जरूरी है कि किसी की तो जिम्मेदारी तय हो। अब इस मामले में आईएमए को भी अदालत ने नोटिस जारी किया। आईएमए को अगली सुनवाई यानी 14 मई तक जवाब देने का वक्त दिया गया है।
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खड़गे के दामाद सहित 5 लोगों के खिलाफ सीबीआई में शिकायत, 800 करोड़ के घोटाले में शामिल होने का आरोप
Posted Date : 07-May-2024 7:47:07 pm

खड़गे के दामाद सहित 5 लोगों के खिलाफ सीबीआई में शिकायत, 800 करोड़ के घोटाले में शामिल होने का आरोप

बेंगलुरू। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के दामाद एवं कुलबर्गी से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार राधाकृष्ण डोड्डामणि सहित पांच लोगों के खिलाफ 800 करोड रुपये के कथित घोटाले में शामिल होने की शिकायत सोमवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और कर्नाटक लोकायुक्त के पास दर्ज की गई।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बेंगलुरु दक्षिण जिला अध्यक्ष एनआर रमेश द्वारा दायर की गई शिकायत में विशेष रूप से डॉ. बीआर अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और डॉ. बीआर अंबेडकर डेंटल कॉलेज में प्रबंधन समिति के प्रमुख के रूप में कार्यरत श्री डोड्डामणि पर कथित घोटाले में केंद्रीय व्यक्ति होने का आरोप लगाया गया है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से लेकर जालसाजी और सत्ता का दुरुपयोग शामिल है।
शिकायत में श्री डोड्डामणि के साथ एचएस महादेव प्रसाद, डॉ. एनटी मुरली मोहन, वीएस कुबेर और जनसंपर्क अधिकारी अमानुल्ला खान के नाम है। रमेश का आरोप है कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अयोग्य छात्रों को एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिला देकर धन लेने की योजना बनाई थी। उनका दावा है कि कॉलेज प्रशासन के सदस्यों और कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा कई शिकायतें दर्ज किए जाने के बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आरोपियों ने फर्जी तरीकों से प्रवेश का वादा करके प्रत्येक छात्र से एक करोड़ रुपये से दो करोड़ रुपये तक की रकम एकत्र की। रमेश ने आगे आरोप लगाया कि 12वीं कक्षा की परीक्षा में असफल हुए छात्रों को प्रवेश की सुविधा देने के लिए झारखंड और अन्य राज्यों के कॉलेजों से फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र खरीदे गए थे। उन्होंने कहा कि विशेष चिंता का विषय कलबुर्गी में आगामी चुनाव के लिए डोड्डामणि की उम्मीदवारी है, जिससे राजनीतिक मिलीभगत और भाई-भतीजावाद के आरोप लग रहे हैं।