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सरकार का एक्शन- चारधाम यात्रा के बारे में फेक न्यूज या विडियो बनाने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
Posted Date : 16-May-2024 12:03:40 am

सरकार का एक्शन- चारधाम यात्रा के बारे में फेक न्यूज या विडियो बनाने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

देहरादून । उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का दुष्प्रचार करने वाले तथा यात्रा के सम्बन्ध में फेक न्यूज या विडियो बनाने वालों के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। बिना रजिस्ट्रेशन एवं ट्रिप कार्ड या पोस्ट डेटेड रजिस्ट्रेशन की बसों एवं गाडिय़ों को यात्रामार्ग पर तत्काल रोक, वापस भेजा जाए।
बुधवार को यह निर्देश देते हुए देहरादून सचिवालय में चारधाम यात्रा प्रबन्धन की समीक्षा के दौरान, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि फेक न्यूज या वीडियों के माध्यम से यात्रा को बदनाम करने वाले तत्वों के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने परिवहन विभाग को टूर ऑपरेटर्स के साथ बिना रजिस्ट्रेशन, बिना ट्रिप कार्ड या पोस्ट डेटेड रजिस्ट्रेशन के वाहनों के मुद्दे पर बैठक करने के निर्देश दिए हैं। बिना रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों को जगह-जगह पर स्थापित चेक पॉइन्टस पर चिन्हित कर उचित कार्यवाही की जाएगी। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव द्वारा अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों को भी पत्र भेजा जाएगा। रतूड़ी ने श्रद्धालुओं की समस्याओं के मौके पर ही त्वरित निवारण के दृष्टिगत, अधिकारियों को अपने मोबाइल पर प्राप्त किसी भी श्रद्धालु की शिकायत पर तत्काल उचित कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को अपने मोबाइल 24 घण्टे खुले रखने तथा यात्रा से सम्बन्धित शिकायतों को अनिवार्यत सुनने के कड़े निर्देश जारी किए हैं।
चारधाम यात्रा के कुशल प्रबन्धन हेतु जिलों में तैनात प्रभारी सचिवों की स्थिति को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा है कि प्रभारी सचिव द्वारा सचिवालय से ही जिला प्रशासन एवं जिलाधिकारी आदि के माध्यम से नियमित रूप से यात्रा की मॉनिटरिंग की जाएगी तथा सचिवालय एवं जिला प्रशासन के मध्य प्रभावी समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। धामों में बेहतरीन क्राउड मेनेजमेंट एवं यात्रामार्ग पर टै्रफिक मेनेजमेंट के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने यात्रामार्ग पर श्रद्धालुओं के सुविधा हेतु जगह-जगह स्थापित हॉल्डिंग प्लेस पर पेयजल, शौचालय तथा भोजन आदि सभी आवश्यक सुविधाएं एवं धामों के लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेषकर ऋषिकेश नगर निगम को अपने हॉल्डिंग प्लेस में यात्रियों हेतु बेहतरीन सुविधाओं की तत्काल व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
चारधाम यात्रा पर आने वाले कुछ श्रद्धालुओं द्वारा रजिस्ट्रेशन के दौरान, अपनी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी ना देने या गलत जानकारी देने के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ठ्ठद्गष्स्वास्थ्य विभाग को नियमों का कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 50 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस करने के सख्त निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव, स्वास्थ्य ने जानकारी दी कि इस बार यात्रा रूट पर 184 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इनमें 44 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स हैं। इस बार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लेब शुरू की गई हैं। कुल 11 भाषाओं में यात्रा सम्बन्धित एसओपी जारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच से लेकर तमाम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, कमिश्नर, गढ़वाल, विनय शंकर पाण्डेय, सचिव अरविन्द सिंह हयांकी, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

क्षमा करें, गर्भ में पल रहे बच्चे को भी है जिंदा रहने का हक’, सुप्रीमकोर्ट ने अविवाहित युवती की याचिका पर सुनवाई से किया इंकार
Posted Date : 16-May-2024 12:03:23 am

क्षमा करें, गर्भ में पल रहे बच्चे को भी है जिंदा रहने का हक’, सुप्रीमकोर्ट ने अविवाहित युवती की याचिका पर सुनवाई से किया इंकार

नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को 20 वर्षीय एक अविवाहित युवती की याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया, जिसमें 27 सप्ताह के गर्भ को नष्ट करने देने की अनुमति मांगी गई थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि गर्भ में पल रहे भ्रूण का भी जीवन का मौलिक अधिकार है। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश महिला की अर्जी की सुनवाई के दौरान पारित किया जिसने तीन मई को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा गर्भपात कराने की अनुमति देने से इंकार किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी।
इस बारे में आपको क्या कहेंगे : याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक पीठ ने कहा कि हम कानून के विरोधाभासी आदेश पारित नहीं कर सकते। इस पीठ में न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी और न्यायमूर्ति संदीप मेहता भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि गर्भ में पल रहे बच्चे को भी जिंदा रहने का मौलिक अधिकार प्राप्त है। इस बारे में आपको क्या कहना है?
महिला का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि गर्भावस्था का चिकित्सीय समापन अधिनियम केवल मां की बात करता है। उन्होंने कहा कि यह (कानून) केवल मां के लिए बनाया गया है। पीठ ने कहा कि गर्भ अब करीब 7 महीने का हो गया है। अदालत ने सवाल किया कि गर्भ में पल रहे बच्चे के जिंदा रहने के अधिकार का क्या? आप उसका जवाब कैसे देंगे?
वकील ने कहा कि जब तक भ्रूण गर्भ में होता है और बच्चे का जन्म नहीं हो जाता तब तक यह अधिकार मां का होता है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता इस समय अत्यधिक पीड़ा से गुजर रही है। वह बाहर नहीं जा सकती। वह नीट परीक्षा की कक्षाएं ले रही है। वह बहुत ही पीड़ादायक स्थिति से गुजर रही है। वह इस अवस्था में समाज का सामना नहीं कर सकती। वकील ने कहा कि पीडि़ता की मानसिक और शारीरिक बेहतरी पर विचार किया जाना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि क्षमा करें।
उच्च न्यायालय ने तीन मई के आदेश में रेखांकित किया कि 25 अप्रैल को अदालत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया था ताकि भ्रूण और याचिकाकर्ता की स्थिति का आकलन किया जा सके। उच्च न्यायालय ने कहा था कि रिपोर्ट (मेडिकल बोर्ड की) को देखने से पता चलता है कि भ्रूण में कोई जन्मजात असामान्यता नहीं है और न ही मां को गर्भावस्था जारी रखने से कोई खतरा है, जिसके लिए भ्रूण को समाप्त करना अनिवार्य हो।

 

झारखंड के मंत्री आलमगीर की बढ़ेगी परेशानी, ईडी दूसरे दिन भी कर रही पूछताछ
Posted Date : 16-May-2024 12:03:07 am

झारखंड के मंत्री आलमगीर की बढ़ेगी परेशानी, ईडी दूसरे दिन भी कर रही पूछताछ

रांची । झारखंड में टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी के रडार पर आए झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की परेशानियां बढ़ सकती हैं। उनके पीएस और घरेलू सहायक के ठिकानों से करोड़ों की बरामदगी से जुड़े केस एजेंसी के अफसरों ने मंगलवार को उनसे करीब साढ़े नौ घंटे की पूछताछ की थी। ईडी के बुलावे पर वो बुधवार को दूसरे दिन भी एयरपोर्ट रोड स्थित एजेंसी के दफ्तर पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार, मंत्री आलमगीर ने मंगलवार को पूछताछ के दौरान इस बात से साफ इनकार किया कि उनके पीएस और घरेलू सहायक के यहां से मिले करोड़ों रुपए उनके कहने पर वसूले गए। उन्होंने कहा कि यह रकम उनलोगों ने कैसे जुटाई, उन्हें नहीं पता।
मंगलवार रात को ईडी के दफ्तर से बाहर आने के बाद आलमगीर आलम ने पत्रकारों के सवाल पर कहा था कि उनसे जो भी जानकारी मांगी जा रही है, वह उपलब्ध करा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि आज मंत्री और उनके पीएस संजीव कुमार लाल एवं जहांगीर आलम को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जा सकती है।
बता दें कि ईडी ने मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल, घरेलू सहायक जहांगीर आलम और अन्य करीबियों के ठिकानों पर 6-7 मई को की गई छापेमारी में 35.23 करोड़ रुपए बरामद किए थे।
आलमगीर आलम झारखंड सरकार के कैबिनेट में नंबर दो हैसियत वाले मंत्री हैं। वह झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं। ई
डी ने उनके पीएस संजीव कुमार लाल एवं घरेलू सहायक जहांगीर लाल को 8 मई से रिमांड पर लिया है और उनसे लगातार पूछताछ जारी है।
इस दौरान खुलासा हुआ है कि ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में टेंडर मैनेज करने से लेकर भुगतान में कमीशन की वसूली होती थी और इसका निश्चित हिस्सा बड़े अफसरों और राजनेताओं तक पहुंचता था।
ईडी ने इन्हें रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में जो पेटीशन दिया था, उसमें बताया गया कि संजीव कुमार लाल ही कमीशन वसूलता था और इसका प्रबंधन करता था।

 

सुप्रीम कोर्ट ने न्यूजक्लिक के फाउंडर को रिहा करने के दिए आदेश, यूएपीए में हुए थे गिरफ्तार
Posted Date : 16-May-2024 12:02:50 am

सुप्रीम कोर्ट ने न्यूजक्लिक के फाउंडर को रिहा करने के दिए आदेश, यूएपीए में हुए थे गिरफ्तार

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद न्यूजक्लिक के फाउंडर और एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ की रिहाई का आदेश दिया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने फैसला सुनाया। राष्ट्र विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए चीनी फंडिंग को लेकर यूएपीए के तहत अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए पुरकायस्थ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
शीर्ष अदालत ने प्रबीर पुरकायस्थ की याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी गिरफ्तारी पर कई सवाल उठाए थे। कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा था कि दिल्ली पुलिस ने पुरकायस्थ की गिरफ्तारी के बाद उनके वकील को सूचित किए बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने में जल्दबाजी क्यों की? जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने हैरानी जताते हुए कहा था कि पुरकायस्थ के वकील को रिमांड आवेदन दिए जाने से पहले ही रिमांड आदेश कैसे पारित कर दिया गया था?
पीठ ने गिरफ्तारी के तौर-तरीके पर सवाल उठाते हुए गैर-कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम 1967 के तहत इस मामले में गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली पुरकायस्थ की याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रबीर पुरकायस्थ पर आरोप है कि उन्होंने न्यूजक्लिक पोर्टल के जरिए राष्ट्रविरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए चीन से फंडिंग हासिल की। इस ममले में उन्हें पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। वह तभी से न्यायिक हिरासत में हैं।

 

हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की खदान में फंसे सभी 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, तीन गंभीर रूप से घायल
Posted Date : 16-May-2024 12:02:25 am

हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की खदान में फंसे सभी 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, तीन गंभीर रूप से घायल

जयपुर । राजस्थान के झुंझुनूं से एक राहत भरी खबर सामने आई है। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की खदान की लिफ्ट टूटने से अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बता दें, लिफ्ट टूट जाने के कारण अधिकारी 1800 से अधिक फीट की गहराई में फंसे हुए थे। हालांकि, अब उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बता दें कि राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा भी खुद इस घटना पर नजर बनाए हुए थे।
झुंझुनूं सरकारी अस्पताल के डॉ. प्रवीण शर्मा ने बताया है कि खदान में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। उनमें से तीन की हालत गंभीर थी और उन्हें जयपुर रेफर किया गया है। झुंझुनू सरकारी अस्पताल के नर्सिंग स्टॉफ ने बताया है कि किसी के हाथ तो किसी के पैर में फ्रैक्चर है, सब सुरक्षित हैं। सीढ़ी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट किया था कि झुंझुनू के खेतड़ी में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान खदान में लिफ्ट की रस्सी टूटने से हुए हादसे की जानकारी मिली। संबंधित अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्य तेज करने एवं बचाव अभियान और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
झुंझुनूं के खेतड़ी इलाके में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान खदान में लिफ्ट मशीन नीचे गिर पड़ी थी। हादसे के समय लिफ्ट में कोलकाता से आई विजिलेंस की टीम समेत 14 बड़े अधिकारी मौजूद थे। तुरंत मौके पर रेस्क्यू ऑपेरशन टीम को बुलाया गया। इसके बाद आसपास के अस्पतालों से सभी एंबुलेंसों को बुलाया गया था। इसके साथ ही डॉक्टरों की टीमों को भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया था।

 

टायर फटने से तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई, छह लोगों की मौत
Posted Date : 14-May-2024 11:19:53 pm

टायर फटने से तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई, छह लोगों की मौत

गाजियाबाद । गाजियाबाद से सटे हापुड़ में एक भीषण सडक़ हादसे में छह लोगों की मौत हो गई और 2 युवक गंभीर रूप से घायल हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मरने वाले सभी गाजियाबाद के लोनी इलाके के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार एक्सएल 6 कार का टायर फटने की वजह से गाड़ी डिवाइडर तोडक़र दूसरी तरफ पहुंच गई। सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने गाड़ी को टक्कर मार दी और काफी दूर तक घसीटती हुई ले गई।
मिली जानकारी के मुताबिक, मुरादाबाद से गाजियाबाद की ओर आ रही मारुति एक्सएल 6 बृजघाट टोल के पास सामने से आते ट्रक से टकरा गई। गाड़ी में सवार 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल बताए गए हैं। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, गाड़ी का टायर फटने से वह डिवाइडर तोडक़र दूसरी तरफ जाकर ट्रक से जा टकराई।
मृतकों की पहचान कर ली गई है, जिसमें रोहित सैनी (33) ड्राइवर का काम करता था। अनूप सिंह (38) नाम का व्यक्ति टूर एंड ट्रेवल्स का काम करता था। संदीप (35) कार वाशिंग का काम करता था। निक्की जैन (33) चूना पत्थर का काम करता था। राजू जैन (36) खिलौने बनाने का काम करता था। विपिन सोनी (35), कारपेंटर था।
इस हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद शवों को गाड़ी से बाहर निकाला और हादसे में घायल दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया।