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बलूचिस्तान नहीं है पाकिस्तान’, बलूच नेता ने किया आजादी का एलान, भारत से मांगी मदद
Posted Date : 15-May-2025 9:27:58 pm

बलूचिस्तान नहीं है पाकिस्तान’, बलूच नेता ने किया आजादी का एलान, भारत से मांगी मदद

बलूचिस्तान  । भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव के बीच बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘बलूचिस्तान गणराज्य’ ट्रेंड करने लगा। बलूचिस्तान की आजादी के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर आजाद बलूचिस्तान का एक नक्शा भी शेयर किया है। बलूचिस्तान ने पाकिस्तान से आजाद होने का एलान किया है।
बलूच नेता मीर यार बलूच ने राज्य में दशकों से हो रही हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान से आजादी का एलान किया। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं हैं। उन्होंने भारत और वैश्विक समुदाय से आजादी के लिए समर्थन देने की मांग की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि बलूचिस्तान के लोगों ने अपना फैसला दे दिया है। अब दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लोग सडक़ों पर हैं। उनका कहना है कि तुम मारोगे हम टूटेंगे, हम नाक बचाएंगे आओ हमारा साथ दो। उन्होंने भारतीय नागरिकों, खास तौर पर मीडिया, यूट्यूबरों और बुद्धिजीवियों से बलूचों को ‘पाकिस्तान के अपने लोग’ कहने से बचने का आग्रह किया है।
मीर यार बलूच ने कहा कि दुनिया को पाकिस्तान के एकतरफा बयान पर भरोसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तानी नहीं हैं। हम बलूचिस्तानी हैं। पाकिस्तान के अपने लोग पंजाबी हैं। जिन्होंने कभी हवाई बमबारी, जबरन गायब किए जाने और नरसंहार का सामना नहीं किया। पाकिस्तान बलूचिस्तान के नेता के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर और 27 मार्च 1948 को बलूचिस्तान के पाकिस्तान में शामिल होने के समारोह में अंतरराष्ट्रीय या तीसरे देश की भागीदारी को साबित करने वाला एक भी कागज और कानूनी दस्तावेज पेश नहीं कर सका।
मीर यार बलूच ने भारत और बलूच दोस्ती को दर्शाने वाले बैनर के साथ खड़े स्थानीय लोगों की तस्वीरें शेयर कीं थी। उन्होंने लिखा था कि ‘डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान के लोग भारत के लोगों को अपना पूरा समर्थन दिखाने आए हैं। चीन पाकिस्तान की मदद कर रहा है, लेकिन बलूचिस्तान और उसके लोग भारत की सरकार हैं।’उनके एक्स पोस्ट में लिखा था कि ‘प्रिय नरेंद्र मोदी जी, आप अकेले नहीं हैं, आपके साथ 6 करोड़ बलूच देशभक्तों का समर्थन है।’
बता दें कि बलूचिस्तान में लंबे समय से मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन होता रहा है। इसमें जबरन गायब कर दिया जाना, न्यायेतर हत्याएं और असहमति को दबाना शामिल है। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और सशस्त्र समूहों दोनों पर ही मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है। बलूच नेता मीर यार बलूच ने भारत के पाकिस्तान से गुलाम जम्मू-कश्मीर खाली करने को कहने के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि बलूचिस्तान भारत द्वारा 14 मई 2025 को पाकिस्तान से गुलाम जम्मू-कश्मीर को खाली करने के लिए कहने के फैसले का पूरा समर्थन करता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान से तुरंत गुलाम जम्मू-कश्मीर छोडऩे का आग्रह करना चाहिए ताकि ढाका में उसके 93000 सैन्यकर्मियों को आत्मसमर्पण के एक और अपमान से बचाया जा सके।

 

अमृतसर के 7 गांवों तक पहुंचा जहरीली शराब का असर, अब तक 21 की मौत
Posted Date : 14-May-2025 10:40:12 pm

अमृतसर के 7 गांवों तक पहुंचा जहरीली शराब का असर, अब तक 21 की मौत

पंजाब। पंजाब के अमृतसर जिले में जहरीली शराब का कहर 7 गांवों तक पहुंच गया है, जहां अब तक 21 लोगों की मौत मेथेनॉल युक्त शराब पीने से हो चुकी है।
मजीठा क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में बीमार लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। अभी 10 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें 6 लोग गंभीर बताए जा रहे हैं।
पंजाब पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए अभी तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मंगलवार को पंजाब पुलिस को सूचना मिली थी कि मजीठा क्षेत्र के 3 गांव भंगली, मरारी कलां और थेरेवाल में 12 लोगों की मौत जहरीली शराब से हो गई है।
पुलिस टीम जब मौके पर पहुंची तो पाया कि रविवार को लोगों की तबीयत खराब हुई थी और सोमवार को उनकी मौत होने के बाद बिना बताए अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इसके बाद मंगलवार को पातालपुरी, तलवंडी, खुम्मन, करनाला और भंगवान गांव से भी मौत की सूचनाएं आने लगी।
पुलिस ने बताया कि जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने बताया कि 600 किलो मेथेनॉल दिल्ली से ऑनलाइन मंगवाया गया था, जिससे शराब बनाई गई।
उन्होंने बताया कि इस काम में कई लोग जुड़े हैं, जिससे पुलिस को गिरोह का शक है। पुलिस की टीम दिल्ली भी रवाना हो गई है।
पंजाब सरकार ने पुलिस उपाधीक्षक और थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है। भगवंत मान सरकार मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देगी।

 

पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान पीके शॉ को लौटाया, भारत ने भी पाकिस्तानी रेंजर को वापस किया
Posted Date : 14-May-2025 10:39:37 pm

पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान पीके शॉ को लौटाया, भारत ने भी पाकिस्तानी रेंजर को वापस किया

नईदिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान गलती से सीमा पार करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पीके शॉ को पाकिस्तान ने लौटा दिया है।
पाकिस्तान की सेना ने 20 दिन तक कब्जे में रखने के बाद जवान को बाघा सीमा से वापस भेजा है।
पंजाब में गश्त के दौरान गलती से शॉ पाकिस्तान की सीमा पार कर गए थे, जिसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उनको हिरासत में लिया था।
उनसे सुरक्षा अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
बीएसएफ ने अपने बयान में कहा, आज सुबह 10:30 बजे कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा सीमा पर बीएसएफ द्वारा पाकिस्तान से वापस ले जाया गया। कांस्टेबल शॉ 23 अप्रैल, 2025 को लगभग 11:50 बजे फिरोजपुर सेक्टर में ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान अनजाने में पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे और उन्हें पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया था। पाकिस्तान रेंजर्स के साथ नियमित फ्लैग मीटिंग और अन्य संचार चैनलों के माध्यम से कांस्टेबल की वापसी संभव हो पाई।
बीएसएफ की 182वीं बटालियन में तैनात कॉन्स्टेबल शॉ एक अन्य जवान के साथ 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तैनात थे।
उनकी ड्यूटी बाड़ के पास फस काट रहे किसानों की निगरानी और सुरक्षा करना था। तभी वे दोपहर में पेड़ की छांव में आराम करने के लिए आगे आए और गलती से पाकिस्तानी सीमा में चले गए।
तभी वहां तैनात पाकिस्तानी रेंजर्स ने उनको गिरफ्तार कर लिया।
पाकिस्तान से बीएसएफ जवान शॉ की रिहाई के बाद भारत ने भी भारत में अवैध रूप से घुसे एक पाकिस्तानी रेंजर को छोड़़ दिया है।
पाकिस्तानी मीडिया ने पुष्टि करते हुए बताया कि अवैध रूप से भारत में घुसे पंजाब रेंजर्स के जवान मुहम्मद अल्लाह को भारत ने बुधवार को रिहा कर दिया है। दोनों देशों ने स्थापित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने-अपने कब्जों से एक-दूसरे के जवानों को छोड़ा है।

 

ड्रोन के झुंड को जवाब देने के लिए स्वदेशी भार्गवस्त्र का सफल परीक्षण
Posted Date : 14-May-2025 10:38:59 pm

ड्रोन के झुंड को जवाब देने के लिए स्वदेशी भार्गवस्त्र का सफल परीक्षण

नईदिल्ली। सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (एसडीएएल) ने एक ऐसा कम लागत वाला छोटा मिसाइल काउंटर ड्रोन प्रभाली भार्गवस्त्र विकसित किया है, जो ड्रोन के झुंड के बढ़ते खतरे का मुकाबला करेगा।
इस काउंटर ड्रोन प्रणाली में इस्तेमाल किया गया माइक्रो रॉकेट का ओडिशा के गोपालपुर के सीवर्ड फायरिंग रेंज में कठिन परीक्षण किया गया है, जो पूरी तरह सफल रहा।
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को गोपालपुर में रॉकेट के लिए 3 परीक्षण किए थे।
भार्गवस्त्र एक प्रकार का माइक्रो-मिसाइल आधारित काउंटर ड्रोन सिस्टम है, जिससे छोटे-छोटे ड्रोन और उडऩे वाले खतरों को पहचान कर उनको नष्ट किया जा सकेगा।
प्रणाली 6 किलोमीटर की रेंज तक प्रभावी है और एक समय में 64 से अधिक सूक्ष्म क्षेपणास्त्रों को दाग सकता है।
सेना ने मंगलवार को एक-एक रॉकेट दागकर 2 परीक्षण किए। एक परीक्षण 2 सेकंड के भीतर साल्वो मोड में 2 रॉकेट दागकर किया गया। सभी रॉकेटों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया है।

 

भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति बीआर गवई, 6 महीने का होगा कार्यकाल
Posted Date : 14-May-2025 10:38:40 pm

भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति बीआर गवई, 6 महीने का होगा कार्यकाल

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। उनको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई।
उन्होंने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का स्थान लिया है, जो मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) पद से सेवानिवृत्त हो गए थे।
न्यायमूर्ति गवई अगले 6 महीने (23 नवंबर, 2025) तक देश के सीजेआई के पद पर बने रहेंगे। उनके नाम की सिफारिश कानून मंत्रालय को भेजी गई थी।
न्यायमूर्ति गवई देश के पहले बौद्ध और दूसरे दलित जाति के सीजेआई हैं। उनसे पहले अनुसूचित जाति के न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन भी सीजेआई रह चुके हैं।
केरल से आने वाले बालाकृष्णन जनवरी, 2007 से मई, 2010 तक सीजेआई रहे थे। न्यायमूर्ति गवई को 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था।
इससे पहले वे बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 24 नवंबर, 2025 को न्यायमूर्ति गवई सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
न्यायमूर्ति गवई अपने कार्यकाल के दौरान 600 से ज्यादा फैसले सुना चुके हैं और 200 से ज्यादा पीठों का हिस्सा रहे हैं।
उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ कहा था कि केवल अपराध में आरोपी/दोषी होने पर संपत्तियों को ध्वस्त नहीं किया जा सकता।
वे अन्य पिछड़ा वर्ग में कोटे के भीतर कोटा, अनुच्छेद 370, दिल्ली शराब नीति मामला, चुनावी बॉन्ड और नोटबंदी जैसे अहम फैसले सुनाना वाली पीठ का भी हिस्सा थे।
न्यायमूर्ति गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। वे बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल आरएस गवई के बेटे हैं।
उन्होंने 1985 में वकालत शुरू की। वे 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे।
उन्हें 1992 में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में महाराष्ट्र सरकार का सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक नियुक्त किया गया।
न्यायमूर्ति गवई 2003 में हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश और 2005 में स्थायी न्यायाधीश बने।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य शामिल थे। सभी ने उन्हें शपथ ग्रहण के बाद शुभकामनाएं दीं।

 

इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान की ढाल बने चीनी एयर डिफेंस सिस्टम को किया था जाम
Posted Date : 14-May-2025 10:38:16 pm

इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान की ढाल बने चीनी एयर डिफेंस सिस्टम को किया था जाम

  • 23 मिनट में ऑपरेशन को किया पूरा

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान की रक्षा पंक्ति की ढाल बने चाइनीज एयर डिफेंस सिस्टम को मात देते हुए मात्र 23 मिनट में आतंकी ठिकानों को तबाह कर अपनी तकनीकी श्रेष्ठता भी साबित कर दी। पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया सटीक और रणनीतिक थी। नियंत्रण रेखा या अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किए बिना, भारतीय सेना ने आतंकवादी ढांचे पर हमला किया और उन्हें खत्म कर दिया।
इस पूरे ऑपरेशन में स्वदेशी हाई-टेक सिस्टम ने को-ऑर्डिनेशन के साथ काम किया। चाहे ड्रोन हो, लेयर्ड एयर डिफेंस हो या इलेक्ट्रॉनिक वार, हर स्तर पर एकजुटता के साथ दुश्मन के हौंसले को पस्त कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल स्वदेशी तकनीक आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है।
भारत ने एयर डिफेंस के लिए पिकोरा, ओएसए-एके और एलएलएडी गन के अलावा आकाश का इस्तेमाल किया गया। आकाश ने शानदार प्रदर्शन किया। यह एक छोटी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम है जो हवाई हमलों से बचाती है। पाकिस्तान की ओर से जिन ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया वे चीन और तुर्की के बने हुए थे। भारत ने इस ऑपरेशन के दौरान अपनी तकनीकी दक्षता का भी प्रदर्शन किया और पाकिस्तान के एयर डिफेंस को तहस-नहस कर दिया।
सेना और वायु सेना दोनों ने मानवरहित एयर सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध संसाधनों और एयर डिफेंस हथियारों का एक अनूठा मिश्रण पेश किया। अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लेकर अंदर की ओर कई डिफेंस लेयर लगाए जिससे पाकिस्तान की दाल गल नहीं पाई।
भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने सेना, नौसेना और मुख्य रूप से वायु सेना के साथ असाधारण तालमेल के साथ काम किया। इन प्रणालियों ने एक अभेद्य दीवार बनाई, जिसने पाकिस्तान द्वारा जवाबी कार्रवाई करने के कई प्रयासों को विफल कर दिया। भारतीय वायु सेना की एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली ने इन सभी को एक साथ लाया, जिससे एक नई ताकत पैदा हुई।