तालिबान । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ बातचीत की और 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करने के लिए उनकी सराहना की, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, जयशंकर ने हाल ही में पाकिस्तान की तरफ से अफगान क्षेत्र पर मिसाइल हमले करने के आरोपों को झूठी और निराधार रिपोर्टों के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने वाली खबरों पर बात की।
जयशंकर ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट में बताया है कि अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्तकी से आज काफी अच्छी बात हुई है। उन्होंने पहलगाम हमले की निंदा की है जिसकी हम तारीफ करते हैं। हाल ही में भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास फैलाने की कोशिशों को जिस तरह से उन्होंने खारिज किया है, उसका भी स्वागत करते है।
न्यूयॉर्क । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गुरुवार को भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर अपने बयान से पलट गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता नहीं कराई। उन्होंने कहा कि मैंने दोनों देशों के बीच तनाव का समाधान निकालने में मदद की थी।
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर अब कुछ बदले-बदले से लग रहे हैं। गुरुवार को कतर में अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, मैं नहीं कहना चाहता कि ये मैंने किया, लेकिन मैंने जरूर मदद की कि भारत और पाकिस्तान के बीच मामला शांत हो। हालात काफी बिगड़ते जा रहे थे, और किसी भी वक्त दोनों तरफ़ से मिसाइलें चल सकती थीं, लेकिन हमने मामला संभाल लिया। ट्रंप का यह हालिया बयान भारत की आपत्ति के बाद आया है।
दरअसल, जब ट्रंप ने पहले यह दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष में मध्यस्थता कर युद्धविराम कराया, तो भारत ने कड़ा ऐतराज जताते हुए स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान के साथ किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती। ट्रंप ने दावा किया कि था कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, तो मामला युद्ध की तरफ बढ़ रहा था। लेकिन अमेरिका की कोशिशों से 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम का ऐलान हो सका। हालांकि, भारत ने इस दावे को पूरी तरह नकार दिया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कहा, भारत-पाकिस्तान के रिश्ते पूरी तरह द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। भारत का रुख वर्षों से स्पष्ट है कि पाकिस्तान से बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की वापसी पर ही होगी।
तुर्की । भारत सरकार ने तुर्किए के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्की एयरपोर्ट की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विस की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, सेलेबी एयरपोर्ट सर्विस भारत के 8 एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग की सर्विस देती है।
हाल ही में मुंबई में शिंदे गुट के एक प्रतिनिधिमंडल ने 13 मई को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें मांग की गई थी कि मुंबई एयरपोर्ट तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज के साथ अपना संबंध समाप्त कर दे। सेलेबी मुंबई एयरपोर्ट पर लगभग 70 फीसदी ग्राउंड ऑपरेशन संभालती है। इसमें यात्री सेवाएं, लोड नियंत्रण, उड़ान संचालन, कार्गो और डाक सेवाएं, गोदाम और पुल संचालन शामिल हैं। सीमा पर तनाव में पाकिस्तान को ड्रोन भेजने के बाद भारत में तुर्किए का पुरजोर विरोध हो रहा है। टर्की सेब से लेकर ड्रायफ्रूट और मार्बल ले लेकर अन्य सामना तक का बहिष्कार किया जा रहा है और तो और तुर्किए जाने वाले भारतीयों ने वहां की बुकिंग भी कैंसिल कर दी है। इससे तुर्किए को टूरिज्म सेक्टर में तगड़ा झटका लगा है।
दिल्ली की जेएनयू और यूपी की कानपुर यूनिवर्सिटी ने तुर्किए की यूनिवर्सिटी के साथ समझौता भी तोड़ दिया। टर्की सेब का बहिष्कार किया जा रहा है। इतना ही तुर्किए में फिल्म शूटिंग पर रोक लगाने की मांग हो रही है। भारत के लोग वहां जाने का बॉयकॉट कर रहे हैं। भारत में ‘बॉयकॉट तुर्की’ का ट्रेंड सा चल पड़ा है। हर तरह से तुर्किए के खिलाफ विरोध की आवाज उठ रही है।
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान और उसके आतंकी नेटवर्क को कठघरे में खड़ा कर दिया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में सबूतों के साथ यह साबित किया है कि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और उसका मुखौटा संगठन The Resistance Front (TRF) शामिल है।
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 टूरिस्टों की निर्मम हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारत ने सीमापार स्थित आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कड़ी कार्रवाई की थी। अब इस हमले को लेकर भारत ने सबूतों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक मोर्चा भी खोल दिया है।
गुरुवार को भारत ने संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद रोधी कार्यालय (UNOCT) और आतंकवाद रोधी समिति कार्यकारी निदेशालय (CTED) के समक्ष विस्तृत सबूत पेश किए। इन सबूतों में TRF और लश्कर-ए-तैयबा के बीच सीधे संबंधों को उजागर किया गया है। भारत ने TRF को एक ग्लोबली बैन किए जाने योग्य आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की है।
भारत की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों में स्पष्ट किया गया है कि ञ्जक्रस्न, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन है, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन प्राप्त है। हमले के तुरंत बाद TRF ने इसकी जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव और पाकिस्तान के निर्देश पर बाद में उससे मुकर गया।
भारतीय अधिकारियों के अनुसार, TRF ने सीमा पार अपने आकाओं के इशारे पर बयान वापस लिया था। यह आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए लगातार सोशल मीडिया और स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने TRF को आतंकी घोषित करने के लिए यूएन की 1267 समिति से भी संपर्क किया है। मई और नवंबर 2024 के बाद यह तीसरी बार है जब भारत ने इस समिति के सामने TRF के खिलाफ मजबूत साक्ष्य रखे हैं।
भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम है। विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त टीम ने यूएन प्रतिनिधियों से मुलाकात कर ञ्जक्रस्न के खतरनाक मंसूबों और उसके पाकिस्तानी संरक्षण की सच्चाई सामने रखी।
इंफाल । भारत-म्यांमार सीमा के पास मणिपुर के चंदेल जिले में असम राइफल्स के जवानों के साथ मुठभेड़ में दस उग्रवादी मारे गए। यह जानकारी भारतीय सेना ने कहा कि बुधवार रात दी।
भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि खेंगजॉय तहसील के अंतर्गत न्यू समतल गांव के पास एक उग्रवादी समूह के सशस्त्र कैडरों की आवाजाही के बारे में विशेष खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए स्पीयर कोर के तहत असम राइफल्स इकाई ने बुधवार को एक अभियान शुरू किया।
सेना ने कहा, अभियान के दौरान संदिग्ध कैडरों द्वारा सैनिकों पर गोलीबारी की गई, जिसके बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। गोलीबारी में 10 उग्रवादी मारे गये। बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
श्रीनगर । जम्मू और कश्मीर के अवंतीपोरा के त्राल इलाके में गुरुवार सुबह पुलिस बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान सुरक्षाबलों ने जैश के तीन आतंकियों को ढेर किया है। कश्मीर पुलिस ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक पोस्ट साझा की और इस घटनाक्रम की जानकारी दी। कश्मीर पुलिस के ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा है कि ‘अवंतीपोरा के नादेर, त्राल इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा बल काम पर हैं।’ बता दें कि फिलहाल सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है।
वहीं, मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां में हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन आतंकवादी मारे गए। सूत्रों ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े तीन में से दो आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि हो गई है। शोपियां जिले के केलर के शुकरू वन क्षेत्र में तीन आतंकवादी मारे गए।
सूत्रों के अनुसार, एक आतंकवादी की पहचान शाहिद कुट्टे के रूप में हुई है, जो मोहम्मद यूसुफ कुट्टे का बेटा है और शोपियां के चोटिपोरा हीरपोरा का निवासी है। वह एक श्रेणी ए, लश्कर का ऑपरेटिव था, जो 8 अप्रैल, 2024 को श्रीनगर के डेनिश रिसॉर्ट में गोलीबारी की घटना में शामिल था, जिसमें दो जर्मन पर्यटक और एक ड्राइवर घायल हो गए थे। वह 8 मार्च, 2023 को आतंकी संगठन में शामिल हुआ था।