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केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने से किया इनकार, कहा-सीजेआई के पास जाइए
Posted Date : 28-May-2024 12:07:40 pm

केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने से किया इनकार, कहा-सीजेआई के पास जाइए

नई दिल्ली । दिल्ली के सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट में जज जेके महेश्वरी की बेंच के समक्ष यह मामला मेंशन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि हम इस संबंध में कोई आदेश नहीं दे सकते हैं। आप इस मामले को लेकर चीफ जस्टिस के पास जाइये। चीफ जस्टिस ही इस मामले में फैसला लेंगे।
आज सुप्रीम कोर्ट में जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम सात दिनों की अंतरिम राहत और चाहते हैं। मेडिकल टेस्ट करवाने हैं। ये कोर्ट से मिली आजादी का दुरुपयोग नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीजेआई ही इस पर फैसला लेंगे।शीर्ष अदालत ने यह भी सवाल पूछा कि आपने पिछले हफ्ते जस्टिस दत्ता के सामने इसकी मेंशनिंग क्यों नहीं की। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की थी।
केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा कि स्वास्थ्य जटिलताओं और बढ़े हुए जोखिम संकेतों को देखते हुए उनका मेडिकल टेस्ट अति आवश्यक है। कारावास के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो और उनके हेल्थ और जीवन को किसी भी संभावित दीर्घकालिक नुकसान से बचाया जा सके, इसके लिए ये टेस्ट जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी अंतरिम जमानत के दौरान वह हर दिन सार्वजनिक रूप से दिखाई दे रहा हूं और उपलब्ध हूं। कानून की प्रक्रिया से मेरे भागने का कोई जोखिम नहीं है।

 

पुणे पोर्श कांड : गिरफ्तार डॉक्टरों में से एक की बिगड़ी तबीयत, ब्लड सैंपल बदलने का है आरोप
Posted Date : 28-May-2024 12:07:08 pm

पुणे पोर्श कांड : गिरफ्तार डॉक्टरों में से एक की बिगड़ी तबीयत, ब्लड सैंपल बदलने का है आरोप

पुणे ।  पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में जिन दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से एक ही तबीयत बिगडऩे की खबर सामने आई है। बता दें, इस केस में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोपी नाबालिग की ब्लड रिपोर्ट में हेरफेर करने का आरोप है। डॉ. श्रीहरि हरलोर और डॉ. अजय तावरे को लंबी पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था।
जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार डॉ. श्रीहरि हरलोर की अचानक तबीयत बिगड़ गई। चेकअप के लिए डाक्टर को अस्पताल में भर्ती कराया गया। श्रीहरि हरलोर पर अपने साथी डॉ. अजय तावरे के कहने पर नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल बदलने का आरोप है। श्रीहरि हरलोर ससून हॉस्पिटल में इमरजेंसी विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं, जबिक डॉ. अजय तावरे ससून अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के प्रमुख हैं।
दरअसल, दुर्घटना को अंजाम देने वाले नाबालिग आरोपी को 19 मई को मेडिकल जांच के लिए पुणे के ससून सरकारी अस्पताल ले जाया गया था। इसी दौरान लडक़े के परिजनों ने डॉक्टर को पैसों का लालच दिया। श्रीहरि हरलोल द्वारा लडक़े का ब्लैड सैंपल लिया गया था, लेकिन यह महसूस होने के बाद कि इसमें अल्कोहल हो सकता है, इसे बदलने का निर्णय लिया गया। इतना ही नहीं, इस अपराध को छुपाने के लिए खास तौर पर छुट्टी पर चल रहे डॉ. अजय तावरे ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद दूसरे मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए दिया गया, लेकिन पुणे पुलिस ने नाबालिग के ब्लड के नमूने को डीएनए परीक्षण के लिए दूसरे लैब में भेजने का फैसला किया। जब जांच हुई तो ब्लड सैंपल बदलने की बात सामने आई।

 

डॉक्टरों ने बनाया रिकॉर्ड, 3 मिनट के अंदर बच्ची के फेफड़े में फंसी 4सेमी लंबी सूई को इस तरह निकाला बाहर
Posted Date : 28-May-2024 12:06:49 pm

डॉक्टरों ने बनाया रिकॉर्ड, 3 मिनट के अंदर बच्ची के फेफड़े में फंसी 4सेमी लंबी सूई को इस तरह निकाला बाहर

तंजावुर । तमिलनाडु के तंजावुर में एक 14 साल की बच्ची ने ड्रेसिंग करते समय सुई निगल ली। जिसके बाद बच्ची के घरवाले डर गए। जिसके बाद बच्ची को एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया। जिसके बाद डाक्टरों ने 3 मिनट के अंदर बच्ची के फेफड़े में फंसी 4ष्टरू की लंबी सूई को बाहर निकाल दिया।
दरअसल, यहां एक 14 साल की बच्ची ने ड्रेसिंग करते समय ये सुई निगल ली थी। हालांकि, मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टरों ने महज साढ़े 3 मिनट के अंदर बच्ची के फेफड़ों से चार सेंटीमीटर लंबी सुई को निकाल डाला। श्रीकामची मेडिकल सेंटर के डॉक्टरों ने ब्रोंकोस्कोपी नाम की एक आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर बच्ची के फेफड़ों से सुई निकाली है। इसमें सबसे हैरान कर देने वाली बात यह थी कि डॉक्टरों ने 14 साल की लडक़ी के फेफड़े से बिना चाकू के चार सेंटीमीटर लंबी सुई निकालकर रिकॉर्ड बनाया है।

 

इजरायली हमले से 45 लोगों की मौत के बाद दुनिया में बवाल, 10 हजार की भीड़ ने घेरा इजरायली दूतावास
Posted Date : 28-May-2024 12:05:57 pm

इजरायली हमले से 45 लोगों की मौत के बाद दुनिया में बवाल, 10 हजार की भीड़ ने घेरा इजरायली दूतावास

गाजा  । गाजा के राफा शहर में इजरायली हमले के दौरान फिलिस्तीनी शरणार्थियों का एक टेंट भी निशाना बन गया, जिसमें 45 लोगों की मौत हो गई। इस घटना को लेकर इजरायल निशाने पर है और एक बार फिर से दुनिया भर में उसके खिलाफ प्रदर्शन होने लगे हैं। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इस मामले में गलती मानी है और घटना को दुखद बताया है।
वहीं, इस बीच पेरिस में इजरायल के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन हुआ है। फ्रांस की राजधानी में स्थित फ्रांस के दूतावास को प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया। करीब 10 हजार लोगों ने उसके दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। इन लोगों के पास में फिलिस्तीनी झंडे थे और ये लोग इजरायल एवं बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे। इन लोगों ने फ्री गाजा, हम भी गाजा के बच्चे हैं जैसे नारे लगाए। गाजा पट्टी पर बीते 8 महीनों से इजरायल की ओर से ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं। बीते साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला बोल दिया था। उसके बाद से ही इजरायल की ओर से जवाबी कार्रवाई जारी है। गाजा के खान यूनिस जैसे शहर इजरायली हमलों में तबाह हो चुके हैं। अब इजरायली सेना ने राफा शहर को अपना निशाना बनाया है। उसका कहना है कि हमास के लड़ाकों ने अब यहीं पर अपने ठिकाने बना लिए हैं। ऐसे में उन्हें नेस्तनाबूद करने के लिए हमले जरूरी हैं।
इजरायल के लिए मुश्किल वाली बात यह है कि भले ही उसके साथ अमेरिका और ब्रिटेन पूरी ताकत से खड़े हैं, लेकिन कई यूरोपीय देशों में भी उसके खिलाफ तीव्र विरोध दिख रहा है। जर्मनी, फ्रांस, स्पेन जैसे देशों में उसके लिए मुश्किल खड़ी हो रही है। यहां इजरायल के खिलाफ आंदोलन तेज हैं और सरकारें भी खिलाफ जा रही हैं। पेरिस में प्रदर्शन के दौरान ही मैड्रिड और बार्सिलोना में भी आंदोलन हुए। बता दें कि इजरायल में 45 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की घटना को इजरायल ने हमला नहीं बल्कि हादसा करार दिया है। इजरायल का कहना है कि हमसे गलती हुई है, लेकिन यह हमला नहीं बल्कि हादसा था।

 

अमेरिका में तूफान से अब तक 20 लोगों की गई जान
Posted Date : 28-May-2024 12:05:38 pm

अमेरिका में तूफान से अब तक 20 लोगों की गई जान

सैन फ्रांसिस्को । अमेरिका में पिछले सप्ताह के अंत में आए तूफान से अब तक कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई है। तूफान का सबसे ज्यादा प्रभाव टेक्सास, अर्कांसस, ओक्लाहोमा और केंटुकी राज्य में पड़ा है।
तूफान ने टेक्सास में भारी तबाही मचाई। राज्य के कुक काउंटी में तूफान की चपेट में आकर कुछ मकान धराशाई हो गए। टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि राज्य में अब तक सात लोगों के मारे जाने और 100 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है।
अर्कांसस की गवर्नर सारा हुकाबी सैंडर्स ने रविवार रात बेंटन काउंटी शेरिफ कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य में तूफान से आठ लोगों के मारे जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि तूफान के कारण भारी मात्रा में संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। कई मकान ढह गए और पेड़ गिर पड़े।
केंटुकी में, लुइसविले के मेयर क्रेग ग्रीनबर्ग ने शनिवार रात आए तूफान के बाद एक शख्स के मारे जाने की पुष्टि की। मर्सर काउंटी आपातकालीन प्रबंधन निदेशक ब्रैड कॉक्स के अनुसार, मर्सर काउंटी, केंटकी में एक और व्यक्ति की मौत हुई है। केंटुकी के गवर्नर एंडी बेशियर ने भी एक और व्यक्ति के मारे जाने की बात कही। उन्होंने केंटुकी की पांच काउंटियों में आपातकाल की घोषणा की है।
आपातकालीन प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, पूर्वोत्तर ओक्लाहोमा में, मेयस काउंटी में आए बवंडर के कारण दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इस दौरान कई घर गिर पड़े। इसकी चपेट में आकर लोग घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
2015 के बाद से टेक्सास में इसे सबसे घातक बवंडर बताया जा रहा है। राष्ट्रीय मौसम सेवा ने बताया कि बवंडर की गति 135 मील प्रति घंटे की थी। इसकी चपेट में आकर अनेक वाहन भी उड़ गए। मकानों को भारी नुकसान हुआ। टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने राज्य की चार काउंटियों में आपातकाल की घोषणा कर दी है।
तूफान और बवंडर के कारण मिसौरी, अर्कांसस और केंटुकी राज्य में बिजली की सप्लाई पर बहुत असर पड़ा है। खंबे गिर गए हैं और तार टूट गए हैं। लगभग चार लाख लोगों को बिना बिजली के गुजारा करना पड़ रहा है। इससे वहां पानी की सप्लाई भी बाधित हो गई है। लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक तूफान पूर्व की ओर बढ़ सकता है और न्यूयॉर्क और अलबामा जैसे राज्यों को प्रभावित कर सकता है।

 

गेमिंग जोन हादसे में बड़ा एक्शन  6 अधिकारियों को किया सस्पेंड, 28 लोगों की गई थी जान
Posted Date : 27-May-2024 9:17:45 pm

गेमिंग जोन हादसे में बड़ा एक्शन 6 अधिकारियों को किया सस्पेंड, 28 लोगों की गई थी जान

राजकोट ।  गुजरात के राजकोट में गेमिंग जोन में आग लगने से अब तक 28 लोगों की मौत हो गई हैं, जिसमें 12 बच्चे हैं। इस मामले में प्रशासन ने छह अधिकारियों को सस्पेंड किया है। राजकोट नगर निगम के दो अधिकारी असिस्टेंट इंजीनियर जयदीप चौधरी और टाउन प्लानर गौतम जोशी को सस्पेंड किया गया है। इसके साथ ही सडक़ एवं निर्माण विभाग के दो अधिकारी एडिशनल इंजीनियर पारस कोठिया और डिप्टी इंजीनियर एम आर सुमा को भी सस्पेंड किया गया है। वहीं, पुलिस विभाग के दो अधिकारी पुलिस इंस्पेक्टर एन आर राठौड़ और पुलिस इंस्पेक्टर वी आर पटेल पर भी गाज गिरी है। बता दें इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
ज्ञात रहे कि राजकोट के टीआरपी गेम जोन में शनिवार को भीषण आग लग गई थी। कहा जा रहा है कि जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा था। जिसकी वजह से आग इतनी फैली कि पूरा स्ट्रक्चर जलकर खाक हो गया। गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था। गेम जोन में एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग हादसे के वक्त गेम जोन में मौजूद थे। इस मामले में राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय स्ढ्ढञ्ज गठित की थी।
इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। हाईकोर्ट की स्पेशल ब्रांच की बेंच ने सुनवाई करते हुए इसे मानव निर्मित आपदा बताया था। कोर्ट ने कहा था कि गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अहमदाबाद में सिंधुभवन रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगा था।
कोर्ट ने कहा था कि निगम को ये बताना होगा कि कानून के किस प्रावधान के तहत इस गेमिंग जोन को संचालित करने की अनुमति दी गई थी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि निगम ये जानकारी एक दिन में मुहैया कराए। इसके साथ ही कोर्ट ने अग्नि सुरक्षा नियमों के अनुपालन के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा।