श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया, जिसमें 24 लोग मारे गए। अनंतनाग के एक अस्पताल में घायलों को भर्ती किया गया, जिनमें से कुछ को गोली लगी थी। एक व्यक्ति की गर्दन में चोट थी। न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सीनियर पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर इसे नरसंहार बताया। यह हाल के वर्षों में पर्यटकों पर सबसे भीषण आतंकी हमला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जघन्य कृत्य की निंदा की है। उन्होंने कहा कि हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से पहलगाम 90 किलोमीटर दूर है, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। पिछले साल 2024 में 35 लाख पर्यटक कश्मीर आए, जिनमें ज्यादातर भारतीय थे। हाल के वर्षों में भारत सरकार ने इसे स्कीइंग और गर्मियों की छुट्टियों के लिए बढ़ावा दिया है। 2023 में श्रीनगर में जी20 पर्यटन बैठक हुई, जिसे शांति और सामान्य स्थिति की वापसी का प्रतीक बताया गया। भारत अक्सर पाकिस्तान पर विद्रोहियों को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है, जिसे इस्लामाबाद खारिज करता है। हाल के वर्षों का सबसे घातक हमला 2019 में पुलवामा में हुआ था, जिसमें 40 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया कि उनके पति के सिर में गोली लगी है। उन्होंने यह भी बताया कि इस हमले में कम से कम सात अन्य लोग घायल हुए हैं। महिला ने अपनी पहचान उजागर नहीं की, लेकिन घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि बैसरन मैदानों में गोलियों की आवाज सुनने के बाद सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और तुरंत मोर्चा संभाल लिया।
हालात का जायजा लेने गए गृहमंत्री शाह
इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार को श्रीनगर रवाना हो गए हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाह से बात की और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने को कहा। इसके तुरंत बाद वह जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए। राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और कुछ वरिष्ठ अधिकारी गृह मंत्री के साथ हैं। श्रीनगर में शाह सभी एजेंसियों के साथ तत्काल एक सुरक्षा समीक्षा बैठक करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि यह हमला ऐसे समय हुआ है, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं। हमला अपराह्न करीब तीन बजे हुआ।
जयपुर । अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपनी पत्नी उषा वेंस और तीन बच्चों के साथ मंगलवार सुबह आमेर के किले का दौरा किया। चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आए जेडी वेंस परिवार सहित देर रात जयपुर पहुंचे। वह अपने परिवार के साथ ऐतिहासिक रामबाग पैलेस में ठहरे हैं।
सुरक्षा कारणों से आमेर किले को पहले ही खाली करा लिया गया और पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया। वेंस और उनका परिवार हाठी स्टैंड से खुले जीप में किले पहुंचे। रास्ते में उन्होंने किले की बाहरी वास्तुकला, मावठा सरोवर और केसर क्यारी बाग देखा।
जालेब चौक में दो हथनियों, ‘पुष्पा’ और ‘चंदा’ ने पारंपरिक राजस्थानी गहनों और परिधानों में सजकर वेंस परिवार का स्वागत किया। पुष्पा ने वेंस को आशीर्वाद दिया, जबकि चंदा ने उनके गले में फूलों की माला डाली।
महावत बल्लू खान ने बताया कि दोनों हथनियों को 350 साल पुराने गहनों जैसे हार और पायल से सजाया गया था। राजस्थानी लोक कलाकारों ने वेंस के स्वागत में परफॉर्मेंस दी। इसके बाद एक गाइड ने वेंस और उनके परिवार को किले का भ्रमण कराया।
किले के बाद वेंस पन्ना मीणा कुंड और अनोखी संग्रहालय जाएंगे। आमेर का दौरा पूरा करने के बाद वेंस परिवार रामबाग पैलेस में थोड़ा आराम करेगा। दोपहर 2:45 बजे वेंस राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में अमेरिकी व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार व द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा होगी।
दोपहर के भोजन से पहले वेंस को जयपुर के प्रमुख स्थलों जैसे जल महल, हवा महल और शहर की गुलाबी वास्तुकला के बारे में जानकारी दी जाएगी। उनके लिए पारंपरिक राजस्थानी भोजन परोसा जाएगा।
शाम को वेंस रामबाग पैलेस में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मुलाकात करेंगे। इस दौरान भारत-अमेरिका सहयोग कार्यक्रमों और आर्थिक साझेदारी पर बात होगी।
आमेर किले और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां, स्थानीय पुलिस और खुफिया टीमें वेंस और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए मुस्तैद हैं।
अधिकारियों के अनुसार, 23 अप्रैल को वेंस सुबह 9 बजे जयपुर एयरपोपर्ट से आगरा के लिए रवाना होंगे। वह ताजमहल परिसर में तीन घंटे बिताएंगे और दोपहर 2 बजे के बाद जयपुर लौटेंगे। यहां वह सिटी पैलेस जाएंगे, जहां उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी उनका गर्मजोशी से स्वागत करेंगी। 24 अप्रैल की सुबह वेंस अमेरिका के लिए रवाना होंगे।
नई दिल्ली | संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है। इस परीक्षा में शक्ति दुबे ने अखिल भारतीय स्तर पर पहला स्थान (ऑल इंडिया रैंक 1) प्राप्त कर देश भर में टॉप किया है।
परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी अपना रिजल्ट यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रोल नंबर और नाम के जरिए चेक कर सकते हैं। आयोग द्वारा जारी अंतिम परिणाम मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार (इंटरव्यू) में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया गया है।
यूपीएससी ने इस बार कुल 1009 अभ्यर्थियों की विभिन्न सेवाओं के लिए सिफारिश की है। इनमें सामान्य श्रेणी के 335, (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के 109, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के 318, एससी (अनुसूचित जाति) के 160 और एसटी (अनुसूचित जनजाति) श्रेणी के 87 अभ्यर्थी शामिल हैं।
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का आयोजन सितंबर 2024 में किया गया था। इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। साक्षात्कार प्रक्रिया 7 जनवरी 2025 से शुरू होकर 17 अप्रैल 2025 तक चली थी। साक्षात्कार में कुल 2845 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। चयनित उम्मीदवारों में से 241 की उम्मीदवारी को आयोग ने आगे के सत्यापन तक अनंतिम रखा है।
आयोग ने परिणाम के साथ जारी नोटिफिकेशन में बताया है कि परिणा म घोषित होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर अभ्यर्थियों के अंक आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिए जाएंगे, जिन्हें वे चेक कर सकेंगे। गौरतलब है कि पिछले वर्ष, 2023 में साक्षात्कार 9 अप्रैल को समाप्त हुए थे और नतीजे 16 अप्रैल को जारी किए गए थे।
सिविल सेवा परीक्षा नियम 2024 के नियम 20 (4) और (5) के अनुसार, यूपीएससी ने उम्मीदवारों की एक समेकित आरक्षित सूची भी जारी की है। इस सूची में कुल 230 उम्मीदवार शामिल हैं, जिनमें सामान्य श्रेणी से 115, ईडब्ल्यूएस से 35, ओबीसी से 59, एससी से 14, एसटी से 6, और पीडब्ल्यूबीडी-1 (बेंचमार्क विकलांग व्यक्ति) से 1 उम्मीदवार हैं।
शीर्ष 10 में शामिल अभ्यर्थियों के नाम इस प्रकार हैं:
शक्ति दुबे
हर्षिता गोयल
डोंगरे अर्चित पराग
शाह मार्गी चिराग
आकाश गर्ग
कोम्मल पुनिया
आयुषी बंसल
राज कृष्ण झा
आदित्य विक्रम अग्रवाल
मयंक त्रिपाठी
दमोह । मध्यप्रदेश के दमोह जिले में एक दर्दनाक सडक़ हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई। यह हादसा नोहटा थाना क्षेत्र अंतर्गत बनवार मार्ग पर सिमरी गांव के समीप महादेव घाट के पुल पर हुआ, जहां एक अनियंत्रित बोलेरो गाड़ी सोनार नदी में गिर गई।
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया। गाड़ी में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया गया। जानकारी के मुताबिक, बोलेरो में सवार सभी लोग जबलपुर जिले के अलग-अलग गांवों के निवासी बताए जा रहे हैं। बांदकपुर से दर्शन कर ये लोग अपने गांव पौड़ी कटंगी (जबलपुर) लौट रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।
हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें लौग बाई, हल्की बाई, संपत बाई, गुड्डी बाई, रचना, तमन्ना (उम्र करीब 10 से 15 वर्ष), शिब्बू पिता हरि (उम्र 8 से 10 वर्ष, निवासी डुंगरिया) और बैजन्ती बाई शामिल हैं।
इस हादसे में कुछ लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें रज्जो सिंह (उम्र 55 वर्ष, निवासी पौड़ी), वैभव सिंह पिता देवेंद्र (उम्र 12 वर्ष), आयुष (बहरोघाट, जबलपुर), अंकित पिता रज्जो सिंह और रविंद्र पिता डोमेन (उम्र 22 वर्ष, निवासी बिजोरी) शामिल हैं। प्राथमिक उपचार के बाद सभी गंभीर घायलों को बेहतर इलाज के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जबलपुर रेफर किया गया है।
तरनतारन । पंजाब के तरनतारन में पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ड्रग और हथियार तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ड्रोन के जरिए सीमा पार से तस्करी करने वाले गिरोह के चार प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने 7 किलो अफीम, तीन अवैध अत्याधुनिक हथियार, कई जिंदा कारतूस, एक लाख रुपये की ड्रग मनी और दो मोटरसाइकिल जब्त की। पुलिस को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर तरनतारन में एक चेकपॉइंट बनाया गया था, जहां सीआईए स्टाफ ने दो संदिग्धों को रुकने का इशारा किया, लेकिन उन्होंने पुलिस पर गोलियां चला दीं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें एक आरोपी के पैर में गोली लगी। दोनों संदिग्धों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान दो अन्य आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी दबोच लिया।
एसपी (डिटेक्टिव) अजय राज ने बताया कि यह गिरोह ड्रोन के जरिए भारत-पाकिस्तान सीमा के रास्ते ड्रग्स और हथियारों की तस्करी करता था। गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी इस अंतरराज्यीय नेटवर्क के अहम सदस्य हैं। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मौके से भारी मात्रा में नशीले पदार्थ और हथियार बरामद किए।
एसपी ने कहा, तरनतारन पुलिस गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही है। हमारा लक्ष्य है कि मुख्य आरोपियों को उसी दिन गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
उनके मुताबिक, जब्त किए गए हथियार अत्याधुनिक थे और इनका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। सात किलो अफीम और ड्रग मनी की बरामदगी से साफ है कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार चला रहा था। पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके ठिकानों का पता लगाया जा सके।
एसपी अजय राज ने कहा कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी ताकि अपराधियों में डर पैदा हो और इलाका सुरक्षित रहे। पुलिस की यह सफलता नशे और हथियार तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई दिल्ली । सडक़ पर ट्रैफिक के कर्कश हॉर्न से परेशान लोगों के लिए जल्द ही राहत भरी खबर आ सकती है। केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी वाहनों के हॉर्न की आवाज को बदलने के लिए एक नया कानून लाने की योजना बना रहे हैं। इस कानून के तहत गाडिय़ों के हॉर्न में भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि का इस्तेमाल किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में इस योजना का खुलासा करते हुए कहा कि उनका मानना है कि गाडिय़ों के हॉर्न की तेज और अप्रिय आवाज ध्वनि प्रदूषण बढ़ाती है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। इसके बजाय, यदि हॉर्न में बांसुरी, तबला, वायलिन या हारमोनियम जैसे भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज का उपयोग किया जाए, तो यह सुनना सुखद होगा और शोर कम होगा।
गडकरी ने परिवहन क्षेत्र से होने वाले वायु प्रदूषण पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण परिवहन के कारण होता है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार मेथनॉल और इथेनॉल जैसे हरित ईंधनों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने भारतीय वाहन उद्योग की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। गडकरी ने बताया कि 2014 में भारतीय वाहन क्षेत्र का कारोबार 14 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढक़र 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है। भारत अब जापान को पीछे छोडक़र दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है। इस सूची में अब केवल अमेरिका और चीन ही भारत से आगे हैं। भारत दोपहिया वाहनों और कारों का निर्यात कर महत्वपूर्ण राजस्व भी अर्जित कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री की यह पहल ध्वनि प्रदूषण को कम करने और सडक़ों पर एक सुखद अनुभव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।