इस्लामाबाद । विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस साल के अंत में भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया।
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कथित तौर पर 9 मई को मास्को में आयोजित होने वाले विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करने से इनकार कर दिया है। पहले उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के विजय दिवस समारोह में शामिल होंगे। हालांकि उनके न जाने के पीछे कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया, लेकिन माना जा रहा है कि पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा स्थिति के कारण ऐसा हुआ।
पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह बैठक वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के एक दिन बाद हुई है और माना जा रहा है कि उन्होंने सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।
रायगढ़। शासकीय हेमसुंदर गुप्त उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय में आज प्राचार्य जे. सुजाता राव के मार्गदर्शन में व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें व्यावसायिक शिक्षा के तहत आसपास के विभिन्न संस्थाओं में इंटर्नशिप पूर्ण करने पर विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट का वितरण किया गया और उन्हें करियर से संबंधित जानकारी प्रदान की गई।
महापल्ली विद्यालय में विद्यार्थियों को परंपरागत विषयों के साथ लगातार अन्य शैक्षणिक गतिविधियों से भी अवगत कराया जा रहा है। इसी कड़ी में स्कूली बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक एंड हार्डवेयर तथा ऑटोमोबाइल ट्रेड को मुख्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है जिसमें प्रेक्टिकल एक्स्पोजर की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्कूल में संचालित दोनों पाठ्यक्रम में 10 दिनों का इंटर्नशिप कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। जहां बच्चों ने दोनों ट्रेड से संबंधित जानकारी को बारीकी से सीखा और समझा। भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय व छत्तीसगढ़ राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए हर साल इंटर्नशिप कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसमें सभी व्यावसायिक शिक्षा में भाग ले रहे विद्यार्थियों को व्यावसायिक ट्रेड से संबंधित किसी भी संस्थान में 10 दिवस अपना इंटर्नशिप कार्य पूर्ण करना अनिवार्य होता है। जिससे विद्यार्थी अपने ट्रेड से संबंधित प्रायोगिक ज्ञान को एवं मार्केट में उपस्थित सभी जॉब प्रोफाइल को भली-भांति समझ सके। विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा 11वीं एवं 12वीं इलेक्ट्रॉनिक एंड हार्डवेयर में कुल 67 विद्यार्थियों ने इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित जानकारी को इंटर्नशिप के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देखा और समझा तथा ऑटोमोबाइल में कुल 19 विद्यार्थियों ने आसपास के शोरूम एवं गैराज में कार्यों को बारीकी से देखा समझा और विभिन्न जॉब रोल के कार्यों को सीखकर अपना इंटर्नशिप पूर्ण किया।
हेमसुंदर गुप्त शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के इंटर्नशिप करने वाले बच्चों को महापल्ली की जनपद सदस्य कुमुदिनी गुप्ता एवं एसएमडीसी अध्यक्ष टीकाराम प्रधान के द्वारा सर्टिफिकेट का वितरण किया गया। जिन्होंने इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमोबाइल ट्रेड से संबंधित संस्थानों में 10 दिवसीय इंटर्नशिप में भाग लिया था।
इन स्थानों पर विद्यार्थियों ने 10 दिन तक किया इंटर्नशिप
इलेक्ट्रॉनिक एंड हार्डवेयर ट्रेड में अवनी इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, सुनील इलेक्ट्रॉनिक्स, विशवाल इलेक्ट्रॉनिक्स, पटेल इलेक्ट्रॉनिक्स, गणपति मोबाइल परी मोबाइल प्रीति मोबाइल एंड रिपेयरिंग सेंटर, दीपक इलेक्ट्रॉनिक, दिनेश इलेक्ट्रॉनिक्स तथा ऑटोमोबाइल ट्रेड से साहू ऑटोमोबाइल्स महापल्ली एवं गीतांजलि ऑटोमोबाइल्स महापल्ली और तुला ऑटो सेंटर साल्हेओना।
इन आयोजनों से बच्चों में आता है आत्मविश्वास
विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि स्कूली बच्चों को पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों से अवगत कराए जाने के लिए किए जा रहे कार्यों की सभी जगह प्रशंसा होती है। इंटर्नशिप करने वाले बच्चे भी इंटर्नशिप के माध्यम से जानकारी प्राप्त करके खुद में आत्मविश्वास महसूस कर रहे हैं। बच्चे अब 12 वीं के बाद इलेक्ट्रॉनिक एंड हार्डवेयर और ऑटोमोबाइल से संबंधित क्षेत्रों में काम करने के लिए अनुभवी हो जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को करियर से जुड़े टिप्स भी दिए गए।
अमृतसर । पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत देश छोडऩे के निर्देश जारी किए जाने के बाद, बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के रास्ते अपने वतन वापस लौट गए हैं। पिछले पांच दिनों में कम से कम 627 पाकिस्तानी भारत छोडक़र जा चुके हैं, जिनमें 9 राजनयिक और अधिकारी भी शामिल हैं। भारत सरकार ने शॉर्ट टर्म वीजा की 12 श्रेणियों के धारकों को तत्काल पाकिस्तान लौटने का आदेश दिया था, जिसकी समय सीमा रविवार को समाप्त हो गई।
भारत छोड़ते समय कई पाकिस्तानियों को भावुक होते देखा गया। बालासोर जिले में चार साल की उम्र से रह रही 72 वर्षीय रजिया सुल्ताना ने दर्द भरी गुहार लगाते हुए कहा, अगर हमने कुछ गलत किया है तो गोली मार दो लेकिन देश से निकालकर ना फेंको। किडनी की समस्या से जूझ रहीं रजिया सुल्ताना को भी देश छोडऩे का नोटिस मिला है और 10 मई को भुवनेश्वर में उनका मेडिकल अपॉइंटमेंट है। उनके परिवार ने सरकार से उन्हें राहत देने की अपील की है।
गुजरावालां के सोनी मसीह से शादी करने वाली मारिया को भी भारत छोडऩे का आदेश मिला है। पिछले साल ही उनकी शादी हुई है और मारिया गर्भवती हैं। उन्हें अब तक लॉन्ग टर्म वीजा नहीं मिला था। मारिया ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर अपने पति को छोडऩा नहीं चाहतीं।
पाकिस्तान से भी 756 लोग अटारी-वाघा सीमा के रास्ते भारत वापस आए हैं, जिनमें 14 राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं। पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए ‘भारत छोड़ो’ नोटिस जारी किया था, जिसके बाद अटारी-वाघा सीमा से पाकिस्तान लौटने वालों की संख्या काफी बढ़ गई। रविवार को भी कम से कम 237 लोगों ने सीमा पार की, जिनमें 115 पाकिस्तान से भारत वापस आने वाले थे।
गुरुवार को 115 भारतीयों ने पाकिस्तान छोड़ा था, जबकि 28 पाकिस्तानी अपने देश लौटे थे। 25 अप्रैल को 287 पाकिस्तानी और 191 भारतीय अपने घरों को वापस गए। शनिवार को 75 पाकिस्तानियों ने सीमा पार की। सार्क वीजा पर भारत में रह रहे लोगों को वापस जाने के लिए 26 अप्रैल तक का समय दिया गया था, जबकि मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक का समय मिला।
रविवार को वीजा ऑन अराइवल, बिजनेस, फिल्म, जर्नलिस्ट, ट्रांजिट, कॉन्फ्रेंस, माउंटेनियरिंग, स्टूडेंट, विजिटर, ग्रुप टूरिस्ट और तीर्थयात्री श्रेणी के वीजा धारकों के लिए भी देश छोडऩे की समय सीमा खत्म हो गई। पाकिस्तानी उच्चायोग में सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को देश छोडऩे के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के जरिये 15 स्थानीय कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स की पहचान हुई है, जिनपर पाकिस्तानी आतंकियों की मदद करने का शक है। इन पर संसाधन जुटाने, हथियार मंगवाने और जंगलों में आतंकियों का मार्गदर्शन करने का आरोप है।
सूत्रों के मुताबिक, पांच मुख्य संदिग्धों पर फोकस किया गया है, जिनमें से तीन को पकड़ लिया गया है और उनकी गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है। हमले के वक्त सभी पांच संदिग्ध इलाके में मौजूद थे और उनके फोन की लोकेशन भी सामने आई है। हिरासत में लिए गए तीनों आरोपियों के बीच की एक चैट भी बरामद हुई है, जिसमें हमले में उनकी भूमिका का जिक्र है।
एनआईए, जम्मू-कश्मीर पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ की संयुक्त टीम 10 अन्य ह्रत्रङ्ख से पूछताछ कर रही है। 200 से ज्यादा ओवरग्राउंड वर्कर्स को हिरासत में लेकर पूछताछ हो चुकी है। इनमें 20-25 ऐसे ह्रत्रङ्ख हैं जो पाकिस्तान के आतंकियों के संपर्क में रहने और उन्हें शरण देने के लिए पहले से कुख्यात हैं।
15 संदिग्ध ह्रत्रङ्ख दक्षिण कश्मीर के रहने वाले हैं और पहले भी कई आतंकी घटनाओं में पाकिस्तानी आतंकियों की मदद कर चुके हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि 4-5 आतंकियों की टीम ने हमला किया था, जिसमें दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय कश्मीरी शामिल थे। फिलहाल सुरक्षाबलों ने बैसरन घाटी के जंगलों में आतंकियों की तलाश तेज कर दी है। माना जा रहा है कि हमलावर अभी भी घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं। पूरे इलाके में तलाशी अभियान लगातार जारी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हिरासत में लिए गए 15 ह्रत्रङ्ख से मिली जानकारियों के आधार पर हमले की साजिश के सभी पहलुओं को जोडऩे की कोशिश की जा रही है, ताकि जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई हो सके।
डोडा/श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरे प्रदेश में एक्शन मोड में हैं। इसी कड़ी में सोमवार सुबह जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डोडा जिले के 13 विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करने और आतंकी नेटवर्क से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ बड़ी छापेमारी अभियान चलाया।
डोडा में यह कार्रवाई पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत और कई के घायल होने के बाद बढ़ी सुरक्षा चिंताओं के बीच की गई। पुलिस का मकसद आतंकवाद से जुड़े किसी भी साजिशकर्ता, ओवर ग्राउंड वर्कर या आतंकी सहयोगी तक पहुंचना है।
इसी बीच श्रीनगर पुलिस ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए पूरे शहर में 63 व्यक्तियों के आवासों पर एक साथ तलाशी ली। पुलिस ने यह तलाशी उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत, कार्यकारी मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में की। तलाशी के दौरान हथियार, संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए। पुलिस का कहना है कि इस व्यापक तलाशी अभियान का उद्देश्य राष्ट्र विरोधी साजिशों और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाना और खुफिया जानकारी एकत्र करना है।
वहीं पहलगाम आतंकी हमले का सीधा असर जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर भी दिखाई दे रहा है। कटड़ा होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर ने बताया कि हमले के बाद कम से कम 35त्न बुकिंग रद्द हो गई हैं। यात्रा में शामिल होने वाले पर्यटकों की संख्या 45,000 से घटकर मात्र 20,000–22,000 रह गई है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के कारण बुकिंग निरंतर रद्द हो रही हैं, जिससे जम्मू-कटरा जैसे लोकप्रिय धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर भी व्यापक असर पड़ा है। 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है और घाटी में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया है। इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 निर्दोष सैलानियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसमें सीधे तौर पर पाकिस्तान का हाथ माना जा रहा है। भारत के इस फैसले से दोनों देशों के बीच होने वाला 3886.53 करोड़ रुपये का सीमा पार व्यापार तत्काल प्रभाव से रुक गया है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के एक अनुमान के मुताबिक, भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीधा व्यापार सीमित हो, लेकिन अप्रत्यक्ष तरीकों से हर साल भारत का लगभग 10 अरब डॉलर का सामान पाकिस्तान पहुंचता है। यह व्यापार मुख्य रूप से दुबई, सिंगापुर और कोलंबो जैसे तीसरे देशों के रास्ते होता है, जहां सामान के लेबल और दस्तावेज बदलकर उन्हें किसी और देश का बताकर पाकिस्तान भेजा जाता है।
पंजाब के अमृतसर स्थित अटारी बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच जमीनी रास्ते से व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। भारत द्वारा इस बॉर्डर को बंद किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत के साथ व्यापार रोक दिया है। गौरतलब है कि साल 2024 में भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 127 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ 1.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जो 2023 में 0.53 बिलियन डॉलर था। हालांकि, यह आंकड़ा 2019 में पुलवामा आतंकी हमले से पहले के 3 बिलियन डॉलर के व्यापार स्तर से काफी कम है।
भारत पाकिस्तान को मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स (दवाएं और उनकी सामग्री), चीनी, चाय, कॉफी, कपास, लोहा, स्टील, टमाटर, नमक, ऑटोमोटिव कॉम्पोनेंट्स और उर्वरक जैसी वस्तुएं निर्यात करता रहा है। दूसरी ओर, पाकिस्तान से भारत में मसाले, खजूर, बादाम, अंजीर, बेसिल और रोजमेरी जैसी जड़ी-बूटियां आयात की जाती हैं।
दोनों देशों के बीच सीधा व्यापार बंद होने से पाकिस्तान को भारतीय सामानों के लिए तीसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ेगा। इससे सामानों की ढुलाई लागत में वृद्धि होगी, जिसका सीधा असर पाकिस्तान में इन वस्तुओं की कीमतों पर पड़ेगा और मूलभूत चीजें महंगी हो जाएंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से पाकिस्तान का फार्मा सेक्टर विशेष रूप से प्रभावित हो सकता है। इसकी तुलना में, भारत पर इस व्यापार निलंबन का प्रभाव काफी कम होने की उम्मीद है।