इस्लामाबाद । भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद पड़ोसी मुल्क में मातम का माहौल है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन हमलों में मारे गए आतंकवादियों के जनाजों में पाकिस्तानी सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी भी शामिल हुए और मातम मनाते नजर आए। इस दौरान भारत के खिलाफ नारेबाजी भी की गई, जिसने एक बार फिर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को उजागर कर दिया है।
भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित 9 आतंकी अड्डों को निशाना बनाते हुए मिसाइलें दागी थीं। इन सटीक हमलों में बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने भारतीय एयरस्पेस में रहते हुए ही पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल अटैक किए।
बताया जा रहा है कि बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इन हमलों में जैश और लश्कर के कई बड़े आतंकवादियों के मारे जाने की खबरें हैं। हमलों के बाद जहां पाकिस्तान सरकार बयानबाजी कर रही थी, वहीं आतंकियों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ था। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिनमें ताबूतों के सामने पाकिस्तानी सेना के अधिकारी सिर झुकाए खड़े दिख रहे हैं।
न्मुरीदके में भारतीय हमले में मारे गए लोगों के जनाजों में पाकिस्तानी सैनिक शामिल हुए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस और आईएसआई के कई आला अधिकारी भी मातम में शरीक हुए। सामने आए कुछ वीडियो में लोग भारत विरोधी नारे लगाते हुए भी सुने जा सकते हैं।
यह जगजाहिर है कि पाकिस्तान में सेना और आतंकवादी संगठनों के बीच गहरा गठजोड़ है। कई बार यह भी कहा जाता है कि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। ऐसे में भारत के इस प्रहार से पाकिस्तानी सेना को भी स्वाभाविक तौर पर दर्द हुआ है, जो आतंकियों के जनाजों में उनकी मौजूदगी से साफ जाहिर होता है।
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसमें 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
ये हमले नौ लक्षित स्थानों- मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलकोट, चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल में किए गए। इन हमलों में 60 से अधिक आतंकवादी घायल हो गए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में सरकार ने बुधवार सुबह मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि ये कार्रवाई नपी-तुली और गैर-उत्तेजित प्रकृति की, आनुपातिक और जिम्मेदाराना थी, जो पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद और भारत पर हमलों के निरंतर समर्थन के खिलाफ थी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया और इसका उद्देश्य आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना और आतंकियों को बेदम करना था।
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सीमा पार आतंकवाद का जवाब देने और उसे रोकने के देश के अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है।
मिस्री के अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस को भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी संबोधित किया।
उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों और उनके भारत पर हमलों से लक्षित ठिकानों के संबंधों पर प्रकाश डाला।
नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमलों के जरिए भारत ने दिखाया कि वह अब सीमा पार आतंकवाद या इसे बढ़ावा देने वाली सरकारी संस्थाओं की मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं करेगा।
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने ऐतिहासिक अभियान में रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर हमले किए।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर चले ऑपरेशन की लगातार निगरानी कर रहे थे।
भारत ने पाकिस्तान और पीओके में उन ठिकानों पर हमला किया, जहां से आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जा रही थी और उन्हें अंजाम दिया जा रहा था।
भारत ने बयान में कहा, हमारी कार्रवाई केंद्रित, संतुलित रही। पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने लक्ष्यों के चयन और कार्रवाई के तरीके में काफी संयम दिखाया।
नई दिल्ली । ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल हुईं। सैन्य अधिकारियों ने आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की क्लिप भी दिखाई।
प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, पहलगाम आतंकवादी हमले के पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और पीओके दोनों में फैला हुआ है।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, मैं आपको बताना चाहूंगी कि पीओजेके में पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था। 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों ने यहीं से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया, रात 1 बजकर पांच मिनट से 1 बजकर 30 मिनट के बीच हमला किया गया। पहलगाम आतंकी हमले के पीडि़तों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान से बचाने के लिए स्थानों का चयन किया गया था।
इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त ब्रीफिंग में बताया, 22 अप्रैल 2025 को लश्कर और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी। आतंकियों ने पर्यटकों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मार दी। इस दौरान परिवार को धमकाया गया और उस बर्बरता का संदेश देने को कहा गया। चूंकि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर से बढ़ रहा था, इसलिए हमले का मुख्य उद्देश्य उसे नुकसान पहुंचाना और दंगा भडक़ाना था।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, पहलगाम में हमला अत्यंत बर्बरतापूर्ण था, जिसमें पीडि़तों को बहुत नजदीक से सिर में गोली मारकर और उनके परिवार के सामने मारा गया। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर इस तरह से मारा गया कि उन्हें संदेश वापस ले लेना चाहिए। यह हमला स्पष्ट रूप से कश्मीर में सामान्य स्थिति को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था।
उन्होंने आगे कहा, रेजिस्टेंस फ्रंट नामक एक समूह ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की पुष्टि हुई है। पहलगाम पर हुआ हमला कायराना था और पहलगाम हमले की जांच से पाकिस्तान के आतंकवादियों से संबंध उजागर हुए हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखने वाली हमारी खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिया है कि भारत पर और हमले हो सकते हैं और उन्हें रोकना और उनसे निपटना आवश्यक समझा गया।
उन्होंने कहा, आज सुबह, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। हमारी कार्रवाई नपी-तुली और गैर-बढ़ी हुई, आनुपातिक और जिम्मेदाराना थी। हमने आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया।
इस प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत में भारत पर हुए कई हमलों से जुड़ी एक क्लिप भी दिखाई गई थी, जिसमें 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई आतंकी हमला, उरी, पुलवामा और पहलगाम हमला शामिल है।
नई दिल्ली । पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक के बाद केंद्र सरकार ने सभी अर्धसैनिक बलों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को बॉर्डर पर हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। पूरे देश में मॉक ड्रिल की तैयारी भी शुरू हो गई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने अर्धसैनिक बलों के डीजी को निर्देश दिए हैं कि बॉर्डर पर पूरी सतर्कता बरती जाए और किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार रहें। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पंजाब और जम्मू सीमाओं के अलावा राजस्थान और गुजरात बॉर्डर पर भी अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना ने रात 1:28 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया, जिसमें लाहौर में हाफिज सईद और बहावलपुर में मसूद अजहर के अड्डों को निशाना बनाया गया। क्कश्य के मुजफ्फराबाद, धामोल, कोटली और बाघ सेक्टर में भी मिसाइल हमले किए गए।
इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के करीब 30 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन की पूरी रात निगरानी की, जबकि एनएसए अजित डोभाल लगातार अपडेट देते रहे। दूसरी ओर पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने देर रात इमरजेंसी बैठक बुलाई और कहा कि पाकिस्तान जवाब देगा।
गुरदासपुर । भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनातनी के बीच मंगलवार रात आपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके मद्देनजर देश भर के कई हवाई अड्डों पर उड़ानें रद्द कर दी गईं और सीमावर्ती जिलों के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया।
इसी सुरक्षा उपाय के तहत श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर भी बंद कर दिया गया। बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे दर्शन हेतु पहुंचे 491 श्रद्धालु तीन घंटे तक प्रतीक्षा के बाद निराश लौट गए। अधिकारियों ने सुरक्षा परिस्थितियों का हवाला देते हुए कॉरिडोर अगले आदेश तक बंद रहने की घोषणा की है।
दर्शनों के लिए सुबह 8:30 बजे से शुरू होने वाली प्रक्रिया रद्द होने से श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे के दर्शन नसीब नहीं हो सके। इससे पहले भी तनाव के दौर में सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
नई दिल्ली । भारतीय सेना ने बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर सटीक हमला किया। इसके बाद देश के कई इलाकों से उड़ानों को रद्द या देर से चलाया गया।
11 सीमावर्ती हवाईअड्डों पर फ्लाइट ऑपरेशन तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए हैं। प्रभावित हवाईअड्डों में जम्मू, श्रीनगर, लेह, चंडीगढ़, बीकानेर, जोधपुर, राजकोट, धर्मशाला, अमृतसर, भुज और जामनगर शामिल हैं।
एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म ङ्ग पर बताया कि जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट के लिए सभी उड़ानें दोपहर तक रद्द कर दी गई हैं। इसके साथ ही दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अमृतसर से दिल्ली डायवर्ट कर दिया गया।
स्पाइसजेट और इंडिगो ने भी पुष्टि की है कि जम्मू, श्रीनगर, लेह, धर्मशाला और अमृतसर हवाईअड्डों पर फिलहाल कोई परिचालन नहीं हो रहा है और इन रद्दीकरणों से व्यापक प्रभाव पड़ा है। एयरलाइन्स यात्रियों को रिडायरेक्शन और रिफंड विकल्प उपलब्ध करा रही हैं।