बिहार सहित पूरे उत्तर भारत में महापर्व छठ की धूम है. चारों तरफ छठ की रौनक दिख रही है. बिहार की राजधानी पटना को हर साल की तरह इस साल भी दुल्हन की तरह सजा दिया गया है. आज शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके बाद बुधवार को तड़के सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व सम्पन्न हो जाएगा. लेकिन बिहार की राजनीति के दो ध्रुव नीतीश कुमार और लालू यादव के यहां अलग अलग नजारा देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यहां छठ की धूम है. साज सज्जा और छठ के गीतों से मुख्यमंत्री निवास गुलजार है. वहीं लालू यादव के घर में सन्नाटा पसरा है. एक तो खुद पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव जेल में हैं. दूसरे उनके बड़े बेटे तेजप्रताप के वैवाहिक जीवन की उथल पुथल से यादव परिवार में कोहराम मचा है. यही कारण है कि हर साल बड़े धूमधाम से छठ मनाने वाली बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी इस बार छठ नहीं कर रही हैं.
हालांकि लालू यादव ने ट्वीट कर अपने प्रशंसकों और सभी बिहारवासियों को छठ की शुभकामनाएं जरूर दी हैं. लालू यादव ने ट्वीट कर लिखा कि छठ पर्व लोकआस्था और संस्कृति का पर्व है इसमें किसी भी तरह का आधुनिक भौंडापन नहीं है. छठ पर लालू यादव के घर आज पसरा सन्नाटा समय चक्र को बताता है. इस साल भले ही लालू यादव और उनके घर में कोई रौनक नहीं लेकिन इसी यादव परिवार के घर पर पिछले साल तक खरना के दिन वीवीआईपी लोगों का मजमा लगा करता था. खरना का प्रसाद खाने के लिए हर छोटा बड़ा व्यक्ति उनके घर जरूर जाता था.
चीन ने नई लेजर रक्षा हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया जो हवा में निशाना लगाकर ड्रोन, निर्देशित बमों और मोर्टार को नष्ट करने में सक्षम है. सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, दक्षिणी गुआंगदोंग प्रांत के ज्युहाई शहर में आयोजित एयर शो में इस नई प्रणाली का प्रदर्शन किया गया.खबर के अनुसार, इस प्रणाली को बड़ी आसानी से भारत की सीमा से सटे तिब्बत के पठार और दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीपों में तैनात किया जा सकता है. वाहन चालित इस प्रणाली का नाम ‘‘एलडब्ल्यू 30’’ लेजर रक्षा हथियार प्रणाली है.इसे देश के सबसे बड़े मिसाइल निर्माताओं में शामिल चीन एरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ने विकसित किया है.इससे पहले बीते जुलाई माह में अमेरिका के एक सैन्य अधिकारी ने खुलासा किया था कि सितंबर 2017 के बाद से अब तक 20 तरह की अलग-अलग घटनाओं में अमेरिकी विमानों को निशाना बनाने के लिए लेजर हथियारों का इस्तेमाल किया गया. सेना प्रवक्ता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर सीएनएन को बताया था कि ये लेजर किरणें अमेरिकी विमानों पर फ्लैश की गई और इसमें चीन का हाथ होने का अंदेशा है.
प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि, इस तरह की घटनाओं में कोई घायल नहीं हुआ. अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि प्रशांत क्षेत्र में इस्तेमाल में लाए गए लेजर हथियार सैन्य थे या व्यावसायिक लेकिन यकीनन इससे पायलट को नुकसान पहुंच सकता था. हालांकि, इस मामले पर शुक्रवार को नियमित प्रेस ब्रीफिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा: “प्रासंगिक अधिकारियों से हमे जो पता चला, उसके मुताबिक, अमेरिकी मीडिया द्वारा दी गई रिपोर्टों में आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और बनाए गए हैं. संदिग्ध लेजर हमलों का नवीनतम दौर पूर्वी चीन सागर के आसपास है, जो विवादित द्वीप श्रृंखलाओं का घर माना जाता है. इसमें सेनकाकू समेत जापान और चीन दोनों ने दावा किया है, जहां उन्हें दीओयू के नाम से जाना जाता है. इस क्षेत्र का पानी भारी यातायात- शिपिंग लेन के पास है और इसका इस्तेमाल चीन और जापान दोनों द्वारा किया जाता है.
पाकिस्तान में शेख शाहिद नाम के शख्स ने जब पाकिस्तान के डैम फंड में 80 मिलियन रुपये (आठ करोड़) की अपनी संपत्ति दान करने का फैसला किया तो उन्हें पता नहीं था कि इससे न केवल उनका परिवार भड़केगा, बल्कि उनकी दिमागी हालत पर भी सवाल उठने लगेंगे. दरअसल शेख शाहिद की पत्नी और उनके तीन बेटों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह संपत्ति उनकी सहमति के बिना दान की गई है. उनकी याचिका पर पाकिस्तान के प्रधान न्यायधीश ने शाहिद के मेडिकल चेकअप का आदेश दिया है.
कोर्ट ने जब दानकर्ता की पत्नी से पूछा कि क्या उसके अपने पति के साथ सहज रिश्ते हैं तो उन्होंने हां में जवाब दिया और कहा कि उनके पति दिमागी रूप से बीमार चल रहे हैं. इसी चलते उन्होंने ये कदम उठाया.
ऐसे में परिवार की आशंकाओं पर विराम लगाने के लिए कोर्ट ने कहा कि उनकी संपत्ति शरिया कानून के तहत दान के रूप में स्वीकार नहीं की जाएगी. इसके साथ ही कोर्ट ने अधिकारियों को शाहिद की मेडिकल जांच कराकर रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है.
दरअसल पाकिस्तान के लिए पानी के संकट को समाप्त करना सबसे बड़ी चुनौती है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान देश में बांध बनाने के लिए विदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों से एक हजार डॉलर दान देने की अपील की है.इमरान खान ने सरकारी टीवी पर दिए एक छोटे से भाषण में विदेशी में बसे पाकिस्तानियों, खासकर अमेरिका और यूरोप में रहने वालों लोगों से सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित बांधों के निर्माण के लिए दान देने का आग्रह किया है.
नई दिल्ली अमेरिका में कैलिफोर्निया के जंगल में भीषण आग लगने की तीन घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि आग की वजह से अमेरिकी राज्य के 300,000 से ज्यादा लोगों को अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 42 में से ज्यादातर की मौत उत्तरी कैलिफोर्निया के कैंप फायर में और दो की मौत दक्षिण कैलिफोर्निया के वूल्सी फायर में हुई है। कैलिफोर्निया फायर के मुताबिक, कैंप फायर ने उत्तरी कैलिफोर्निया के 111,000 एकड़ क्षेत्र को अपने चपेट में ले लिया है और रविवार सुबह तक इसके 25 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण किया जा सका है।
कैंप फायर राज्य के इतिहास में सबसे विनाशकारी आग है। यह तीनों आग की घटनाओं में सबसे बड़ी और भयावह है। कैंप फायर ने पैराडाइज शहर को तबाह कर दिया है और करीब 6,700 इमारतों को नष्ट कर किया है, जिसमें ज्यादातर लोगों के घर शामिल हैं। कैल फायर ने कहा कि अभी भी 110 लोग लापता हैं और यह संख्या और ज्यादा हो सकती है। दक्षिण कैलिफोर्निया में वूल्सी फायर 83,275 एकड़ में फैली है और इसके 10 फीसदी पर ही नियंत्रण पाया गया है। दमकल अधिकारियों ने कहा कि हिल फायर 4,531 एकड़ में फैली है और इसके 75 फीसदी पर नियंत्रण पाया गया है। इससे 179 संरचनाओं को नुकसान पहुंचा है।
वॉशिंगटन : उत्तर कोरिया ने भले ही पिछले दिनों परमाणु हथियारों के अभियान से पीछे हटने की बात कही थी, लेकिन हकीकत इससे पूरी तरह अलग है। नई सैटलाइट तस्वीरों में यह बात सामने आई है कि उत्तर कोरिया 16 गुप्त ठिकानों पर बलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को आगे बढ़ा रहा है। बता दें कि पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मीटिंग के दौरान उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने परमाणु निरस्त्रीकरण की बात कही थी। ऐसे में उसके इस अभियान को वादाखिलाफी माना जा रहा है।सैटलाइट तस्वीरों से यह पता चलता है कि उत्तर कोरिया बड़े परमाणु अभियान में जुटा है। उत्तर कोरिया ने एक बड़े लॉन्चिंग साइट को खत्म करने की बात कही थी, जिसे उसने हाल ही में तैयार किया था। लेकिन अब उसने इसे रोकते हुए करीब एक दर्जन नई साइट्स को भी डिवेलप करना शुरू कर दिया है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को सोमवार को 2413 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे. प्रधानमंत्री वाराणसी के रिंग रोड तिराहे पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में गंगा नदी पर बने पहले मल्टी-मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग-56 के बाबतपुर से वाराणसी तक चार लेन चौड़ीकरण के कार्य, वाराणसी रिंग रोड फेज-1, आईडब्ल्यूटी, सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट समेत अलग-अलग परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे. प्रधानमंत्री जिस मल्टी मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे. वह परिवहन के सस्ते और पर्यावरण के प्रति मित्रवत साधन के रूप में अन्तर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने की महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है. यह गंगा नदी पर बने पहले तीन ऐसे टर्मिनल में से है.
‘जल मार्ग विकास परियोजना’ के तहत बने इस टर्मिनल को हल्दिया-वाराणसी के बीच राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर विकसित किया जा रहा है. विश्व बैंक के वित्तीय और तकनीकी सहयोग से 5369.18 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले इस टर्मिनल के जरिये 1500 से 2000 टन के बड़े जहाजों की भी आवाजाही मुमकिन हो सकेगी. आधिकारिक कार्यक्रम के मुताबिक इस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे. प्रधानमंत्री कोलकाता से गत 30 अक्टूबर को पेप्सीको का माल लेकर वाराणसी आने वाले देश के पहले कंटेनर जहाज की आमद के गवाह भी बनेंगे. एक दूसरे कार्यक्रम में मोदी बाबतपुर-वाराणसी हवाई अड्डा मार्ग और वाराणसी रिंग रोड का लोकार्पण भी करेंगे. इसके अलावा वह शहर में सीवरेज सम्बन्धी कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. साथ ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत एक परियोजना का शिलान्यास भी करेंगे. वाराणसी रिंग रोड के पहले चरण की करीब साढ़े 16 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण 759.36 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है. वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग-56 पर 17.25 लम्बे फोरलेन बाबतपुर-वाराणसी मार्ग के निर्माण पर करीब 813 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं.