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सिक्किम में भारी बारिश-भूस्खलन से 6 की मौत, 1500 पर्यटक फंसे
Posted Date : 14-Jun-2024 10:47:23 am

सिक्किम में भारी बारिश-भूस्खलन से 6 की मौत, 1500 पर्यटक फंसे

0-सैटेलाइट से हो रही झीलों की निगरानी
गंगटोक। सिक्किम में लगातार बारिश के चलते हालात खराब हो चुके हैं। यहां छह लोगों की मौत हो चुकी है और 1500 के करीब पर्यटक फंसे हुए हैं। राज्य के कई इलाकों में अभी भी बारिश जारी है। इस वजह से खतरा बना हुआ है। सिक्किम में कई पहाड़ी झील हैं, जिनमें पानी ज्यादा होने पर भूस्खलन होने लगता है और इसके बाद एक साथ बड़ी मात्रा में पानी नीचे की ओर गिरता है। इससे काफी तबाही होती है। पिछले साल ऐसी ही घटना में एक बांध बह गया था, जिसके जरिए 1200 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाला बिजली संयंत्र बनना था।
इस बार भूस्खलन से होने वाली दुर्घटना से बचने के लिए सरकार पहले से चौकन्नी है और कई झीलों पर सैटेलाइट के जरिए नजर रखी जा रही है। भारी बारिश के कारण उत्तरी सिक्किम में संचार लाइनें खराब हो गई हैं और राज्य का यह हिस्सा बाकी हिस्सों से कट गया है। अक्टूबर 2023 में उत्तरी सिक्किम में 5245 मीटर की ऊंचारी पर स्थिति दक्षिण ल्होनक झील में हिमनद विस्फोट हुआ था। यह मलबे के साथ नीचे आकर तीस्ता बांध से टकराया और बांध फट गया। इससे खासी तबाही हुई थी। कई पुल बह गए थे, 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और कई लापता हो गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि संगकालांग में एक नवनिर्मित पुल ढह गया, जिसके कारण मंगन का द्जोंगू व चुंगथांग से संपर्क टूट गया। भूस्खलन के कारण सडक़ें अवरुद्ध हो गईं और कई मकान जलमग्न व क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि बिजली के खंभे बह गए। गुरुडोंगमार झील और युनथांग घाटी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के लिए जाने जाने वाले मंगन जिले के जोंगू, चुंगथांग, लाचेन और लाचुंग जैसे कस्बे का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है। मंगन के जिला मजिस्ट्रेट हेम कुमार छेत्री ने बताया, पाक्षेप और अम्बीथांग गांवों में तीन-तीन लोगों की मौत हो गई। गेयथांग और नामपाथांग में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। छेत्री ने बताया कि विस्थापित लोगों के लिए पाक्षेप में एक राहत शिविर स्थापित किया गया है।
भूस्खलन के कारण ब्रिंगबोंग पुलिस चौकी को निकटवर्ती स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि संकलान में एक पुल की नींव क्षतिग्रस्त हो गई। अधिकारियों ने बताया कि लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के चलते उत्तरी सिक्किम में मोबाइल नेटवर्क प्रभावित है। वहीं, जिला प्रशासन ने मंगन में राशन के साथ राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की एक टीम भेजने का अनुरोध किया। सडक़ से मलबा हटाने के लिए मंगशिला डिग्री कॉलेज के पास एक ‘अर्थमूवर’ मशीन को लगाया गया है। 
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता पेमा खांडू के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए अरूणाचल प्रदेश गए सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने तबाही पर त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उत्तर जिला प्रशासन, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ संवाद किया। एक बयान में मुख्यमंत्री तमांग ने कहा, पीडि़तों और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के प्रयास जारी हैं। पुनर्वास सहायता, अस्थायी बसावट के बंदोबस्त और बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार इस आपदा के पीडि़तों के साथ दृढ़ता से खड़ी है तथा शोक संतप्त परिवारों और भूस्खलन से प्रभावित एवं विस्थापित सभी लोगों को अधिकतम सहायता देने का वादा करती है।

 

सेना को मिला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन, दुश्मन के घर में घुसकर होगी एयरस्ट्राइक
Posted Date : 14-Jun-2024 10:47:01 am

सेना को मिला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन, दुश्मन के घर में घुसकर होगी एयरस्ट्राइक

नईदिल्ली। भारतीय सेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है. उसे स्वदेशी ड्रोन नागस्त्र-1 की पहली खेप मिल गई है, जिसमें सेना को 120 ड्रोन सौंपे गए हैं. इस खबर से ही पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ गई है. नागस्त्र-1 लोइटरिंग म्यूनिशन ड्रोन है यानी यह एक प्रकार युद्ध में इस्तेमाल किए जाने वाला मानव रहित वाहन है. इसे विस्फोटक ले जाने और टारगेटेड मिसाइल की तरह दुश्मनों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है. यही वजह है कि इसे आत्मघाती ड्रोन्स (सुसाइड ड्रॉन्स) कहा गया है. सेना को नागास्त्र ड्रोन को मिलने से अब उसके लिए दुश्मन के घर में घुसकर एयरस्ट्राइक करना आसान हो जाएगा.
नागास्त्र-1 ड्रोन को सोलर इंडस्ट्रीज इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड ने बनाया है. सेना ने इस कंपनी को कुल 450 नागास्त्र ड्रोन बनाने का ऑर्डर दिया है. हालांकि अभी 120 ड्रोन ही ईईएल ने सेना को सौंपे हैं.
नागास्त्र-1 ड्रोन की कई ऐसी खासियतें हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. सबसे बड़ी खूबी तो यही है कि ये ड्रोन उड़ते समय बहुत ही कम आवाज करते हैं, जिससे चुपके से दुश्मन के घर में हमला करवाया जा सकता है. नागास्त्र-1 कामिकेज मोड में 2 मीटर की सटीकता के साथ हमले के साथ किसी भी खतरे को बेअसर कर सकता है. इसमें जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है. इस ड्रोन का कुल वजन 30 किलोग्राम है, जो 30 मिनट तक उड़ान भर सकता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 15 किलोमीटर जबकि ऑटोनॉमस मोड रेंज 30 किलोमीटर है.
इन खूबियों के अलावा नागास्त्र-1 एक इलेक्ट्रिक यूएवी है. इसमें मैन-पोर्टेबल फिक्स्ड-विंग हैं, जिनका वजन 9 किलोग्राम है. इसका इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम उड़ान के दौरान कम आवाज करता है. यही वजह है कि 200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर दुश्मन इसे नहीं पहचान पाता. मतलब ये हुआ कि भविष्य में एयर स्ट्राइक के लिए फाइटर जेट्स की जरूरत नहीं होगी. इसमें डे-नाइट कैमरे भी लगे हुए हैं. इसे टोही हथियार के रूप में भी काम में लिया जा सकता है. 
यह अपने साथ एक किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकता है. इसके विस्फोट से 20 मीटर का इलाका खत्म हो सकता है. इसमें रीयल टाइम वीडियो बनता है. यह ड्रोन उड़ान भरते हुए सीधे दुश्मन के टैंक, बंकर, बख्तरबंद वाहनों, हथियार डिपो या सैन्य समूहों पर घातक हमला कर सकता है. इस ड्रोन को ट्राईपॉड या हाथों से उड़ाया जा सकता है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर नागास्त्र के परीक्षण से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आप देख सकते हैं कि कैसे ये ड्रोन दुश्मन के इलाके में हमला कर सकेगा.

संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगा, पहले दिन पेश होगा बजट
Posted Date : 14-Jun-2024 10:46:44 am

संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगा, पहले दिन पेश होगा बजट

नईदिल्ली। संसद के मानसून सत्र की संभावित तारीख सामने आ गई है। लोकसभा और राज्यसभा में सत्र 22 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा।खबर है कि मानसून सत्र के पहले दिन ही नवनिर्वाचित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपना पूर्ण बजट पेश करेगी।वित्त मंत्रालय 17 जून तक विभिन्न मंत्रालयों और हितधारकों के साथ अपनी पूर्व-परामर्श बजट बैठकें शुरू कर देगा। इस दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा भी होगी।
मानसून सत्र से पहले 18वीं लोकसभा का संसद सत्र 24 जून को शुरू होगा, जो 3 जुलाई तक चलेगा।इस 8 दिवसीय विशेष सत्र के दौरान लोकसभा चुनाव में जीतकर आए नवनिर्वाचित सांसदों को 24 और 25 जून को प्रोटेम स्पीकर शपथ दिलाएंगे।शपथ ग्रहण के बाद 26 को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। अध्यक्ष पद को लेकर एनडीए में शामिल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भाजपा में अभी सहमति नहीं दिख रही है।
लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले 1 फरवरी को भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया था।इस दौरान पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार की आर्थिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया और भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया गया था।वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार किसानों, युवाओं, महिलाओं और सबसे गरीब परिवारों को प्राथमिकता दे रही है।

जम्मू-कश्मीर से आतंकियों का किया जाएगा खात्मा, सरकार ने तैयार किया ब्लूप्रिंट
Posted Date : 14-Jun-2024 10:46:09 am

जम्मू-कश्मीर से आतंकियों का किया जाएगा खात्मा, सरकार ने तैयार किया ब्लूप्रिंट

0-पीएम मोदी बोले-न छोड़ें कोई कसर
नईदिल्ली। जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में सिलसिलेवार आतंकी हमले हुए हैं. जिसे देखते हुए मोदी सरकार भी एक्शन के मोड में आ गई है. बताया जा रहा है कि आतंकियों के खात्मे के लिए अब मोदी सरकार ने ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है. दरअसल, घाटी में हुए सिलसिलेवार हमलों के बाद पीएम मोदी ने कई बैठकें की. इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अन्य अधिकारियों के साथ भी पीएम ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति की समीक्षा की. पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी इसपर चर्चा की है.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने आतंकवाद विरोधी क्षमताओं का पूरा स्पेक्ट्रम तैनात करने को कहा है, जिसके बाद से आतंकियों के खिलाफ एक्शन प्लान में तेजी आएगी. एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने उनसे आतंकवाद से निपटने की हमारी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने को कहा.”  वहीं, दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन ऑल आउट जारी है. सेना ने दावा किया है कि बड़ी बढ़त के साथ जल्द से जल्द आतंकियों का खात्मा किया जाएगा.
बता दें कि जम्मू कश्मीर में पिछले 4 दिनों में चार आतंकी हमले हुए हैं, जिसके बाद से घाटी में ऑपरेशन ऑल आउट को तेज कर दिया गया है. आतंकियों की तलाश में जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों और जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सेना के अलावा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेस भी इस ऑपरेशन में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फुल एक्शन में हैं.
अधिकारियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों से भी बात कर रहे हैं. खबर है कि पीएम ने गृह मंत्री शाह से भी मामले को लेकर बात की. साथ ही सुरक्षा बलों की तैनाती और आतंकवाद विरोधी अभियानों पर भी चर्चा की है. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी चर्चा की है. एलजी सिन्हा से घाटी के हालातों के बारे में पीएम को जानकारी दी है.
वहीं दूसरी ओर घाटी में बारिश और खराब मौसम के बीच भी सेना के जवान मोर्चे पर डटे हुए हैं. ड्रोन के जरिए आतंकियों की तलाश की जा रही है साथ ही सेना के जवान इस ऑपरेशन में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं घाटी के कई जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों पर आतंकी हमलों की चेतावनी दी है, जिसे देखते हुए भद्रवाह, डोडा समेत कई जगहों पर सेना का कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सेना के साथ-साथ जम्मू कश्मीर पुलिस भी आतंकियों की तलाश में जुटी है.

 

भारत-फ्रांस संबंधों की मजबूती के बीच पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों से की बातचीत
Posted Date : 14-Jun-2024 10:45:29 am

भारत-फ्रांस संबंधों की मजबूती के बीच पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों से की बातचीत

नई दिल्ली। इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन से अलग पीएम नरेंद्र मोदी और इमैनुएल मैक्रों ने द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करते हुए दोनों देशों के संबंध कैसे और सुदृढ़ रहें, इस पर बात की।
दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष, शिक्षा, क्लाइमेट एक्शन, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और कल्चरल इनीशिएटिव जैसे नेशनल म्यूजियम पार्टनरशिप और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने में सहयोग पर चर्चा हुई।
पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच यह मुलाकात स्थिर और समृद्ध वैश्विक व्यवस्था के लिए भारत और फ्रांस के बीच मजबूत और भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारी सुनिश्चित करेगी। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने मेक इन इंडिया पर ज्यादा ध्यान देने के साथ ही रणनीतिक रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति जताई।
इस बैठक में दोनों नेताओं ने आगामी एआई शिखर सम्मेलन और यूनाइटेड नेशन्स ओशियन कॉन्फ्रेंस को लेकर मिलकर काम करने और एआई के साथ ही तेजी से उभरती टेक्नोलॉजी, एनर्जी और स्पोर्ट्स के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई। 2025 में दोनों सम्मेलन फ्रांस में आयोजित किए जाएंगे।
पीएम मोदी और मैक्रों ने प्रमुख रूप से इस बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और फ्रांस के बीच एक मजबूत और भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारी बनाए रखने और इसे और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों के लिए राष्ट्रपति मैक्रों को शुभकामनाएं दी।
लगातार तीसरी बार पीएम पद संभालने पर राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी को हार्दिक शुभकामनाएं दी थी और इसके लिए पीएम मोदी ने उनको धन्यवाद दिया।
मैक्रों ने पिछले हफ्ते पीएम मोदी को डियर फ्रेंड से संबोधित करते हुए तीसरी बार पीएम बनने की बधाई दी थी, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाई थी।
मैक्रों ने एक्स पर पोस्ट किया, भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव संपन्न कर लिया है! मेरे प्रिय मित्र, नरेंद्र मोदी को बधाई। साथ मिलकर, हम भारत और फ्रांस को एकजुट करने वाली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना जारी रखेंगे।
पिछले कुछ वर्षों में, दोनों नेताओं के नेतृत्व में भारत-फ्रांस साझेदारी का विस्तार कई नए क्षेत्रों में हुआ है, जिसमें राफेल लड़ाकू जेट के अधिग्रहण से लेकर हेलीकॉप्टर इंजन को एक साथ विकसित करना शामिल है।
पिछले साल, प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के निमंत्रण पर पेरिस में वार्षिक बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया था, क्योंकि दोनों देशों ने भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25 वीं वर्षगांठ मनाई थी।
फ्रांस ने पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया था।
इस साल की शुरुआत में भारत-फ्रांस संबंधों को एक ताकत और मिली जब मैक्रों जनवरी में अपनी दो दिवसीय राजकीय दौरे के दौरान 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने भारत आए थे। पिछले साल सितंबर में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति भी भारत आए थे।

 

अग्निपथ योजना में बड़े बदलाव की तैयारी, 60-70 प्रतिशत सैनिकों को मिल सकती है स्थायी नियुक्ति
Posted Date : 13-Jun-2024 11:04:00 pm

अग्निपथ योजना में बड़े बदलाव की तैयारी, 60-70 प्रतिशत सैनिकों को मिल सकती है स्थायी नियुक्ति

नईदिल्ली। भारतीय सेना में भर्ती और सेवा के लिए लाई गई अग्निपथ योजना शुरू से ही विवादों में है। लोकसभा चुनाव में भी इसका मुद्दा खासा उठा था और विपक्षी पार्टियों ने इस योजना को बंद करने का वादा किया था।अब खबर है कि भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना को लेकर एक आंतरिक सर्वे किया है। इसमें कई अहम बिंदू सामने आए हैं, जिनकी समीक्षा के बाद योजना में कुछ बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।
फिलहाल अग्निपथ योजना में 4 साल की सेवा के बाद केवल 25 प्रतिशत सैनिकों को ही स्थायी नियुक्ति दी जाती है। अब इस कोटे को बढ़ाने की चर्चाएं हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, सेना 60 से 70 प्रतिशत अग्निवीर को स्थायी नियुक्ति देने पर विचार कर रही है।विशेष और तकनीकी बलों के लिए ये सीमा 75 प्रतिशत तक हो सकती है। दूसरी सेवाओं में भी कम से कम 50 प्रतिशत सैनिकों को स्थायी करने की तैयारी चल रही है।
अग्निपथ योजना में सैनिकों को 4 साल के लिए भर्ती किया जाता है। इसके बाद केवल 25 प्रतिशत सैनिकों को स्थायी नियुक्ति मिलती है।अब सैनिकों की सेवा अवधि को 4 साल से बढ़ाकर 7-8 साल करने पर विचार किया जा रहा है। 4 साल की सेवा अवधि में सैनिकों की ट्रेनिंग मात्र 9 महीनों की होती है।सेवा अवधि बढ़ाने से सैनिकों को ग्रेच्युटी और पूर्व सैनिक जैसे लाभ मिल पाएंगे।
अग्निपथ योजना से पहले सेना में सैनिकों के लिए प्रशिक्षण अवधि 37 से 42 सप्ताह के बीच थी। योजना में इसे घटाकर 24 हफ्ते कर दिया गया था। अब इसे फिर बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।सेना के सर्वे के निष्कर्षों के मुताबिक, प्रशिक्षण अवधि को घटाने से अग्निवीरों के समग्र प्रशिक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।इसके अलावा तकनीकी क्षेत्रों में भी ग्रेजुएट कर्मियों को भर्ती किए जाने पर विचार हो रहा है।
सेना तकनीकी क्षेत्रों में भर्ती की आयु सीमा बढ़ा सकती है। अभी 17 से 21.5 वर्ष की आयु के बीच अग्निवीरों को रखा जाता है। सेना सिग्नल, एयर डिफेंस और इंजीनियर जैसे तकनीकी क्षेत्रों में भर्ती के लिए उम्र सीमा बढ़ाकर 23 साल करने का प्रस्ताव कर रही है।इसके अलावा प्रशिक्षण के दौरान विकलांग हो गए सैनिकों के लिए सहायता और सेवा समाप्त होने के बाद नौकरी ढूंढऩे के तरीकों पर भी चर्चा हो रही है।
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाता है और उन्हें 4 साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलता है।इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाता है।लागू होने के समय युवाओं ने इस योजना का खासा विरोध किया था।