उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली सुदीक्षा भाटी को अमेरिका के प्रतिष्ठित बॉबसन कॉलेज में पढ़ाई के लिए फुल स्कॉलरशिप मिली है। 12वीं में सीबीएसई से 98 फीसदी मार्क्स लाकर अपने जिले में टॉप करनेवाली सुदीक्षा का यह सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली सुदीक्षा के पिता चाय बेचकर परिवार का गुजारा करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति और सामाजिक रूढ़ियों को तोड़कर सुदीक्षा ने न सिर्फ अपनी पढ़ाई जारी रखी बल्कि अब अमेरिका में पढ़ने का अपना सपना भी पूरा करने जा रही है। अमेरिका की बॉबसन कॉलेज ने सुदीक्षा को 4 साल के कोर्स के लिए 3.8 करोड़ की स्कॉलरशिप दी है। अपनी इस उपलब्धि के बारे में सुदीक्षा कहती हैं, ‘पहले मेरे लिए पढ़ाई कर सकने का सपना पूरा करना आसान नहीं था। 2011 में मुझे विद्याज्ञान लीडरशिप अकैडमी स्कूल में दाखिला मिल गया और इसके बाद मेरे लिए पढ़ाई जारी रखना आसान हो गया। इस स्कूल में बड़ी संख्या में वंचित समुदाय से आने वाले बच्चे पढ़ते हैं और मुझे भी वहां यह मौका मिला। शुरुआत में मेरे परिवार और रिश्तेदारों को आपत्ति थी, लेकिन मेरे पैरंट्स ने मुझे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।’ अमेरिका जाने के अपने सपने के बारे में सुदीक्षा कहती हैं, ‘मेरी मां स्कॉलरशिप के बारे में जानकर बहुत खुश थीं क्योंकि उन्हें लगा कि भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली है। मेरे पापा को दूसरे देश जाकर पढ़ाई करने को लेकर थोड़ी शंका जरूर थी। अमेरिका में जाकर पढ़ाई करने से मुझे अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करने का मौका मिलेगा। मुझे खुशी है कि कमजोर आर्थिक स्थिति के बाद भी मैं इस सपने को पूरा कर पा रही हूं।’
अमेरिका के डेमोक्रेट सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के मेक्सिको सीमा पर प्रवासी बच्चों को उनके मां-बाप से अलग करने की नीति के खिलाफ अपने अभियान का विस्तार किया।समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, कई रिपब्लिकन नेताओं की चुप्पी के खिलाफ रविवार को डेमोक्रेट सांसदों ने न्यूयॉर्क शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक सुधार केंद्र का दौरा किया और टेक्सास जाकर सुधार गृहों में रखे गए बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया।
टेक्सास के मैकएलेन में जहां कई डेमोक्रेट सांसदों ने सुधार गृह का दौरा किया, राज्य प्रतिनिधि वीसेंटे गोंजालेज का अनुमान है कि उन्होंने वहां छह साल से कम उम्र के 100 बच्चे देखे।उन्होंने कहा,यह सुव्यवस्थित था, लेकिन यह उस चीज से दूर था, जिसे हम मानवीय कहते हैं।न्यूयॉर्क के प्रतिनिधि एड्रियानो एस्पाइलैट ने कहा,यह अनुचित और असंवैधानिक है।
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था आईपीसीसी यानी इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑफ क्लाइमेट चेंज की ताज़ा रिपोर्ट लीक हो गई है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 2040 तक दुनिया का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ जायेगा. इसके भयानक परिणाम हो सकते हैं. इसे रोकने के लिये सभी देशों को ग्रीन हाउस गैसों और कार्बन इमीशन को कम करना होगा.आईपीसीसी की ये ताजा रिपोर्ट अक्टूबर में आनी थी लेकिन ये पहले ही लीक हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते तापमान का मौसम और खेती बाड़ी से लेकर समुद्र स्तर के बढ़ने और ग्लेशियरों के पिघलने पर असर पड़ेगा. जलवायु परिवर्तन के चलते सूखा, बाढ़ और अतिवृष्टि जैसी आपदा बढ़ रही हैं. कार्बन इमीशन को रोकने के लिये सौर और पवन ऊर्जा जैसे रास्तों को अपनाने और कोयले के इस्तेमाल को कम करने की ज़रूरत होगी भारत ने 2022 तक 175 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य रखा है.
गुरूवार को शाम से देर रात तक चांद के दीदार को लेकर असमंजस की स्थिति रही। सबसे पहले ऐलान हुआ कि चांद की तस्दीक नहीं हुई है, लेकिन बाद में हिलाल कमेटी की मीटिंग देवबंद में दोबारा बैठी। कहा जा रहा था कि ईद के चांद का ऐलान हो सकता है। लेकिन मोहतबर शहादत न होने पर चांद की तस्दीक नहीं हुई। ऐलान किया गया कि ईद 16 जून की होगी। अब आज 15 जून को फिर से अलविदा जुमे की नमाज़ होगी। वहीं सुन्नी बरेलवी मसलहक के मुसलमानों ने देवबंदी व अन्य से एक दिन बाद माहे रमज़ान की शुरूआत की थी। कल सुन्नी बरेलवी उलेमाओं ने भी ऐलान किया कि 15 जून की शाम चांद दिखने पर ईद 16 जून को होगी। जबकि चांद न दिखने पर 17 जून इतवार को ईद मनायी जाएगी। सुन्नी बरेलवी मसलहक के मुसलमानों को चांद की तस्दीक आज न होने पर देश में 2 ईद हो सकती हैं। वहीं विदेशों में आज ईद मनायी जा रही है।