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दुश्मनों की खैर नहीं! डीआरडीओ ने नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल का किया सफल परीक्षण
Posted Date : 13-Jan-2024 5:11:56 am

दुश्मनों की खैर नहीं! डीआरडीओ ने नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल का किया सफल परीक्षण

नई दिल्ली।  भारत के रक्षा अनुसंधान संगठन ने आकाश मिसाइल की नई जेनरशन का आज सफल परीक्षण किया। इस टेस्ट को ओडिशा तट पर मौजूद इंटीग्रेटिड टेस्ट रेंज चांदीपुर से अंजाम दिया गया। नई पीढ़ी की आकाश-एनजी मिसाइल का यह टेस्ट सफल रहा। मिसाइल में लो ऑल्टीट्यूड में बड़ी ही तेज गति से जा रहे अपने टार्गेट पर अचूक निशाना लगाया। इस परीक्षण के दौरान पूरे आकाश मिसाइल सिस्टम की कार्यक्षमता का परीक्षण किया गया, जिसमें मिसाइल सिस्टम के आरएफ सीकर, लॉन्चर, मल्टी फंक्शन रडार और कमांड, कंट्रोल और कम्यूनिकेशन सिस्टम का भी परीक्षण किया गया। इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर में लगे रडार्स, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम से जो डाटा इक_ा हुआ, उससे भी नई पीढ़ी के आकाश मिसाइल सिस्टम की क्षमता का परीक्षण भी सफल रहा। डीआरडीओ के साथ ही भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की मौजूदगी में यह परीक्षण किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, बीडीएल और बीईएल जैसी सरकारी कंपनियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस मिसाइल के सफल परीक्षण से हमारी हवाई सुरक्षा की क्षमताओं में और ज्यादा इजाफा होगा।

 

दिखने लगा है बॉयकॉट का असर, मालदीव को हर दिन हो रहा इतने करोड़ रुपए का नुकसान : 34 गुना से भी ज्यादा बढ़ी लक्षद्वीप की सर्च
Posted Date : 13-Jan-2024 5:11:41 am

दिखने लगा है बॉयकॉट का असर, मालदीव को हर दिन हो रहा इतने करोड़ रुपए का नुकसान : 34 गुना से भी ज्यादा बढ़ी लक्षद्वीप की सर्च

नई दिल्ली। मालदीव के कुछ अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को लेकर की गई आप्पतिजनक टिप्पणी भारी पड़ गई है। सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीव ट्रेंड कर रहा है जिसका असर नजर आने लगा है। आपकों बता दें कि मालदीव को भारत के बॉयकॉट से हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
हालात संभालने के लिए मालदीव ने अपने यहां घूमने का खर्चा भी आधा कर दिया, फिर भी भारतीय उसके यहां जाने को तैयार नहीं हैं। इस पूरे विवाद से पहले तक मालदीव भारतीयों के पसंदीदा पर्यटन स्थलों में शामिल था। हर साल लाखों भारतीय वहां घूमने जाते थे। लेकिन भारतीयों के बॉयकॉट की वजह से मालदीव ने खुद कहा है कि उसके 44,000 परिवारों पर अब संकट आ गया है। भारतीयों की नाराजगी के कारण उसकी टूरिज्म इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई है।
ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल पर भी लोगों ने मालदीव में घूमने के ऑप्शन तलाशने बंद कर दिए हैं। इसके बजाए लक्षद्वीप की सर्च 34 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है। मालदीव को ताजा विवाद के बाद रोजाना बड़ी मात्रा में रेवेन्यू को नुकसान हो रहा है। 2023 में दुनिया घूमने के मामले में भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ी है और 2030 तक भारत 4 पायदान पर पहुंच सकता है। बीते साल सिर्फ मालदीव में भारतीयों ने 38 करोड़ डॉलर (करीब 3,152 करोड़ रुपये) खर्च किए। इसका मतलब है कि अगर भारतीयों ने वहां जाना बंद कर दिया तो मालदीव को रोजना 8.6 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।

 

तरनतारन के पास दर्दनाक हादसा: तीन वाहनों में भीषण टक्कर- श्री हरमंदिर साहिब से माथा टेक कर लौट रहे चार लोगों की मौत
Posted Date : 13-Jan-2024 5:11:22 am

तरनतारन के पास दर्दनाक हादसा: तीन वाहनों में भीषण टक्कर- श्री हरमंदिर साहिब से माथा टेक कर लौट रहे चार लोगों की मौत

तरनतारन। श्री हरमंदिर साहिब से माथा टेक कर वापस लौट रही कार आधी रात को हरिके पत्तन के पास हादसे का शिकार हो गई। इस दौरान चार लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया है। फिरोजपुर जिले के कस्बा गुरु हर सहाय के गांव गुद्दड़ डंडी निवासी कर्मजीत सिंह, गुरदेव सिंह, रोबनजीत सिंह, बलविंदर सिंह, राजबीर सिंह स्विफ्ट कार में सवार होकर श्री हरमंदिर साहिब से माथा टेकने के बाद रात को करीब एक बजे वापस गांव लौट रहे थे।
जम्मू-कश्मीर राजस्थान राष्ट्रीय मार्ग पर गांव लौट रहे थे। गांव बूह के पास ट्रक के पीछे बारह टायर वाला ट्राला टकरा गया। उसके पीछे पीछे जा रही स्विफ्ट कार भी टकरा गई। राहगीरों ने कार से सभी को बाहर निकाला। इस दौरान करमजीत सिंह, गुरदेव सिंह, रोबनजीत सिंह, राजबीर सिंह बेदी की मौके पर मौत हो गई, जबकि बलविंदर सिंह निजी अस्पताल में दाखिल है।
हादसे के तीन घंटे बाद मौके पर थाना हरीके पतन की पुलिस पहुंची। और शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पट्टी अस्पताल भेज दिए गए। प्रथम जांच में पता चला है कि ये हादसा तेज रफ्तार के दौरान सामने से आते एक वाहन को बचाने के दौरान हुआ है। एसएसपी अश्वनी कपूर ने बताया कि मामले की जांच जारी है।

 

पीएम मोदी ने किया देश के सबसे लंबे सी-ब्रिज अटल सेतु का उद्घाटन, मुंबई से नवी मुंबई अब सिर्फ 20 मिनट दूर, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
Posted Date : 13-Jan-2024 5:11:00 am

पीएम मोदी ने किया देश के सबसे लंबे सी-ब्रिज अटल सेतु का उद्घाटन, मुंबई से नवी मुंबई अब सिर्फ 20 मिनट दूर, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुंबई में ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ का उद्घाटन किया. मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (एमटीएचएल) का नाम अब ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ रखा गया है. पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल का शिलान्यास किया था. 
अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से किया गया है. यह पुल लगभग 21.8 किमी लंबा और 6-लेन वाला है. 16.5 किमी लंबा समुद्र के ऊपर और करीब 5.5 किमी जमीन पर बना है. यह देश का सबसे लंबा पुल है. यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय को भी कम करेगा. यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा. अटल सेतु आज से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. 
अटल सेतु के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करता हूं और भारत के लोगों को एमटीएचएल प्रदान करता हूं. यह एक ऐतिहासिक दिन है. यह हमारे निर्णय का उदाहरण है कि विकास के लिए हम समुद्र से भी लड़ सकते हैं. हर परियोजना देश के विकास के लिए है. ये मीडिया में आने के लिए नहीं है.
पहले लोग लटकी हुई परियोजनाओं के आदी थेः पीएम मोदी
मैं उस दिन को नहीं भूल सकता जब मैंने इसका शिलान्यास किया था. मैंने शिवाजी को याद किया था और उस समय मैंने कहा था कि ये विकास कार्य होकर रहेगा. एक समय था जब लोग वर्षों तक हवा में लटकी परियोजनाओं के आदी थे, लेकिन यह मोदी की गारंटी है कि जैसा मैंने कहा था, यह परियोजना पूरी होगी.’


देश के सबसे लंबे समुद्री ब्रिज के बारे में 10 बड़ी बातें

  • - मुंबई और नवी मुंबई की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय हो सकेगी. अभी दो घंटे का वक्त लगता था. अटल सेतु से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी भी मिलेगी. मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा का समय भी कम हो जाएगा. 
  • - अटल सेतु के निर्माण में करीब 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है.
  • - लगभग 18,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. उम्मीद है कि इसके पूरा होने पर प्रतिदिन लगभग 70,000 वाहन चलेंगे और यह 100 वर्ष चलता रहेगा.
  • - वाहन चालकों को अटल सेतु पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा करने की अनुमति होगी. समुद्री ब्रिज पर भारी वाहन, बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं होगी.
  • - मानसून के दौरान उच्च-वेग वाली हवाओं का सामना करने के लिए विशेष रूप से लाइटिंग पोल डिजाइन किए गए हैं. बिजली से होने वाली संभावित क्षति से बचाने के लिए लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाया गया है.
  • - सेवरी से 8.5 किमी लंबा नॉइज बैरियर स्थापित किया गया है, क्योंकि पुल का हिस्सा फ्लेमिंगो प्रोटेक्टेड एरिया और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से होकर गुजरता है.
  • - 2018 से परियोजना को पूरा करने के लिए कुल 5,403 मजदूरों और इंजीनियरों ने रोजाना काम किया. परियोजना पर काम करने के दौरान सात मजदूरों की जान चली गई.
  • - अटल सेतु को मुख्य मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है, जो राज्य के दो सबसे बड़े शहरों के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा.
  • - समुद्र तल से 15 मीटर की ऊंचाई पर बना समुद्री ब्रिज निर्माण का सबसे कठिन हिस्सा था. समुद्री हिस्से में इंजीनियरों और श्रमिकों को समुद्र तल में लगभग 47 मीटर तक खुदाई करनी पड़ी.
  • - हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि टोल 250 रुपये तय किया गया है. यह अन्य वाहनों के लिए आनुपातिक होगा. हमें स्पष्ट रूप से समझना होगा कि अन्य समुद्री लिंक के लिए टोल 85 रुपये से 90 रुपये है. उस अनुपात के हिसाब से 500 ​​रुपये काफी बड़ी रकम बनती है, लेकिन सरकार ने टोल 250 रुपये तय किया है.

 

सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास मामले में बीजेपी सासंद को दी राहत, दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश
Posted Date : 13-Jan-2024 5:10:20 am

सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास मामले में बीजेपी सासंद को दी राहत, दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा सांसद निसिथ प्रमाणिक को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने प्रमाणिक को पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में दर्ज 2018 के हत्या के प्रयास के मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया कि जब तक कलकत्ता हाईकोर्ट की सर्किट पीठ उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेती, तब तक प्रमाणिक को गिरफ्तार न किया जाए। आदेश में कहा गया है कि प्रमाणिक की याचिका को 22 जनवरी को हाईकोर्ट द्वारा सूचीबद्ध किया जाए और उसी दिन सुनवाई और निपटारा किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि उसने मामले की योग्यता पर कोई राय व्यक्त नहीं की है और हाईकोर्ट को अपनी योग्यता के आधार पर मामले का फैसला करना चाहिए।
प्रमाणिक के वकील ने कहा कि मामले में 5 मार्च 2023 को उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है, इसलिए गिरफ्तारी की आशंका है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक नोटिस जारी किया। अधिवक्ता सिद्धेश शिरीष कोटवाल के माध्यम से दायर विशेष अनुमति याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के समक्ष दायर अग्रिम जमानत याचिका को केवल तीन बार स्थगित किया गया था और प्रमाणिक के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया था।
इसके अलावा इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता को कथित अपराध से जोडऩे के लिए कोई सबूत नहीं मिला है। इसके बावजूद उन पर आईपीसी की धारा 341, 326, 307, 120बी और शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 25(1ए), 27, 35 के साथ पढ़े गए मामले के संबंध में गलत तरीके से आरोप पत्र दायर किया गया है।

 

किशोरों के बीच सच्चे प्यार को कानून की कठोरता से नियंत्रित नहीं किया जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट
Posted Date : 13-Jan-2024 5:10:06 am

किशोरों के बीच सच्चे प्यार को कानून की कठोरता से नियंत्रित नहीं किया जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति के खिलाफ अपहरण और बलात्कार के मामले को खारिज कर दिया है, जो नौ साल पहले एक लडक़ी के साथ भाग गया था, जब वह नाबालिग था। अदालत ने कहा कि किशोरों के बीच सच्चा प्यार को कानून की कठोरता या सरकार की कार्रवाई से नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने एक किशोर जोड़े के खिलाफ राज्य या पुलिस की कार्रवाई को उचित ठहराने में अदालतों के सामने आने वाली दुविधा पर गौर किया, जिन्होंने एक-दूसरे से शादी की, शांतिपूर्ण जीवन जी रहे थे और कानून का पालन करते हुए परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे।
अदालत ने उस नाजुक संतुलन पर जोर दिया जो संवैधानिक अदालतों को कानून के सख्त कार्यान्वयन और समाज और व्यक्तियों पर ऐसे निर्णय के नतीजों के बीच बनाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि वर्तमान जैसे मामलों में अदालत के समक्ष व्यक्तियों और समग्र रूप से समाज पर फैसले के प्रभाव पर विचार करना शामिल है।
इस विशेष मामले में अदालत ने उस व्यक्ति के खिलाफ लडक़ी के अपहरण और बलात्कार के लिए दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया, जिसने घटना के समय वयस्क होने का दावा किया था। इसमें कहा गया है कि अगर एफआईआर रद्द नहीं की गई, तो इससे दंपति की दो बेटियों के भविष्य पर असर पड़ेगा, जिससे प्रभावी और वास्तविक न्याय विफल हो जाएगा।
भागे हुए जोड़े ने मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली और लगभग नौ वर्षों से खुशी-खुशी अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं। अदालत ने न केवल कानून, बल्कि समाज की गतिशीलता को समझने में न्यायपालिका की भूमिका को रेखांकित किया। इसमें कहा गया है कि अदालत की भूमिका क़ानूनों को लागू करने और उनकी व्याख्या करने से परे फैली हुई है, जिसमें व्यक्तियों और बड़े पैमाने पर समुदाय पर उसके निर्णयों के निहितार्थ की समझ शामिल है।